शनिवार, 26 दिसंबर 2020

Way michel jackson"s Killer sentnced to just 4 years ,,,vinod meghwani

 A news (vinod meghwani) las angeles america michael jackson a name that has become immortal due to his personality michael was killed, his punishment was given by his killer, How many people were involved in the murder of,,, who hatched a conspiracy,, this is a secret ,,, In 2016, the value of Michael Jackson's property was asked for 735 crores. It has a 3,700-square-foot pool house, a 50-seater movie theater and a dance studio.

Los Angeles: Industrialist Ron Berkeley has purchased the property of late pop star Michael Jackson from California-based Neverland.

A Berkeley spokesman said in an e-mail Thursday that the industrialist bought the 2,700-acre Michael Jackson property located in Los Olivos near Santa Barbara, Bakelle., 10 years after King of Pop's Michael Jackson's death There is a shocking revelation about him. 10 years after the death of Michael Jackson, who is called 'King of Pop', an atopsey report has revealed a new one, which is shocking. Please tell that Michael Jackson died of heart attack on June 25, 2009 at his Los Angeles home. Then he was 50 years old. He was reported to have died from an overdose of a drug called powerful anesthetic prophol. It was also said that Michael Jackson had a habit of taking drugs. Also, his trial was going on in cases of child abuse.

This was revealed by a new documentary

In the 'Killing Michael Jackson' documentary film, those police officers have made a very shocking disclosure about their condition at the time of death. Detective Scott Smith of the Los Angeles Police Department has said that Jackson was completely bald. There was not a single hair on his head and there were burn marks on the side. Always used to go out wearing a wig

Michael Jackson was famous among fans for his long hair. It would be shocking for his fans to know that the pop superstar had no hair on his head. A tattoo was made on his bald head.

A horrific accident occurred in 1984

He is believed to be gradually becoming bald, but has short and curly hair on the back of his head, but he was badly burned in an accident during the shooting of an advertising film for the 1984 Pepsi. No more hair It was treated for a long time. The scar of burn on his bald head remained present till the end.

Performed by wearing a wig for many years

Michael Jackson wore a wig during public appearances and performance. He would not come in front of anyone without wearing a wig. Jackson was also a victim of insomnia or sleeplessness and used to take injections on his own, creating countless holes on his arm. Had hundreds of cosmetic operations done

Jackson underwent hundreds of cosmetic surgeries during the first few years of his career. In addition to this, he had also made several permanent cosmetic tattoos, including a pink liner under his lips. There were some traces of these operations on his hands, throat and wrists.

Jackson's personal doctor was arrested after death

Michael Jackson died of an anesthesia overdose during surgery to render the patient unconscious. This medicine was given to him by his personal doctor Conrad Murray. For this he was arrested and given a 4-year prison sentence.


Wounded during Pepsi shooting, Michael Jackson, Michael's killer, only, sentenced to 4 years ,, Keyno Vinod Meghwani

शुक्रवार, 18 दिसंबर 2020

छतीसगढ़ कांग्रेस में एक बार कांग्रेस सरकार और बन सकती है

 , *छत्तीसगढ़ में एक बार कांग्रेस की सरकार एक बार ओर बन सकती है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, एक खबर  ( vinod meghwani ) जय छत्तीसगढ़  कांग्रेस के  भूपेश बघेल जी की  सरकार के दो साल छत्तीसगढ़ वासियों बहुत बढ़िया ओर अच्छे गुजरे । इन दो सालों में छत्तीसगढ़ सरकार ने सभी वर्गी के हित मे कार्य किया । जिसके लिये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी को धन्यवाद । मुख्यमंत्री जी से  निवेदन ,,,, *" सिन्धी साहित्य अकादमी के अलग स्वतंत्र रुप से पहले के जैसे पृथक करे  और उसका  अध्यक्ष अपने विवेक सिन्धी समाज के किसी व्यक्ति को बनाये । एक ओर निवेदन मुख्यमंत्री जी से छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में नगर निगम की जितनी भी दुकाने ओर व्यवासिक परिसर है जिनको दुकानदार खरीद चुके है  जो जंहा है जैसी स्थिती में उस व्यापीरियो को उनकी प्रॉपटी पे बैंक लोन दे माडगेज लोन ऐसा एक कानून छत्तीसगढ़ में बनाया जाये जो हर वर्ग के लिऐ हो । इससे छत्तीसगढ़ के निवासियों को कोरोना आपदा से हुई छति से उबरने के मौका मिलेगा । आप के इस कार्य छत्तीसगढ़ की जनता पांच साल बाद जनता छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की फिर सरकार बनायेगी ऐसा हमारा सोचना है ,,,धन्यवाद ,,,विनोद मेघवानी  "*


मंगलवार, 15 दिसंबर 2020

भारत सरकार अश्लीलता फैलाने वाले tv चैनलों ऑर्डर शो पर प्रतिबंध लगाये

 एक खबर (vinod meghwani ) सिन्धी प्रदेश सँघर्ष समित्ति प्रवक्ता ने बिग बॉस 14 में अश्लीलता फैलाने ओर लव जिहाद को बढ़ावा देने  का आरोप लगाया है  ।सलमान खान बिग बॉस के जरिये लव जिहाद को बढ़ावा दे रहे है । अगर देखा जाये तो सलमान खान ने इन बीस सालों में जितनी भी फिल्मों में काम किया है । उनमें अश्लीलता की भरमार रही है और सलमान की फिल्मों से लव जिहाद को बढ़ावा मिलता है ।

'लव जिहाद' को बढ़ावा देने का लगा आरोप है बिग बॉस पर 

बीते 18 नवंबर को करणी सेना ने एंडमोल शाइन प्रोडक्शन हाउस को एक नोटिस जारी किया है। जिसमें उन्होंने 'बिग बॉस 14' को बैन करने की मांग की है।

हाल ही में यह नोटिस द खबरी ने सोशल मीडिया पर भी शेयर किया है।

करणी सेना का कहना है कि ऐजाज खान और पवित्रा पुनिया के किस करने और गले लगाने वाले एपिसोड के जरिए शो में 'लव जिहाद' और अश्लीलता को प्रमोट किया जा रहा है।

इंटीमेट सीन्स शो का हिस्सा नहीं- करणी सेना 

यह नोटिस श्री राजपूत करणी सेना के वाइस प्रेसिडेंट दिलीप राजपूत द्वारा भेजा गया है।

इसमें उन्होंने लिखा कि शो के प्रोमो में ऐजाज को पवित्रा पुनिया के गाल पर किस करते देखा जा रहा है। इस वीडियो को कलर्स चैनल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। इसके जरिए अश्लीलता फैलाई जा रही हैं और सामाजिक नैतिकता को ठेस पहुंच रही है। यह हमारी संस्कृति के खिलाफ है। इंटिमेट सीन्स इस शो का हिस्सा नहीं है।

।संजीदगी से न लेने पर 'बिग बॉस' के खिलाफ होगा प्रदर्शन- करणी सेना प्रेसिडेंट

नोटिस में आगे लिखा है, 'यह रियलिटी शो लव जिहाद को बढ़ावा दे रहा है, जो स्वीकार नहीं किया जा सकता। हम इस शो को बैन करने की मांग करते हैं। अगर चैनल इस मामले को संजीदगी से न लेते हुए शो को सेंसर या बैन नहीं करता तो राजपूत करणी सेना 'बिग बॉस' के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन करेगी।'

इसमें आगे लिखा कि जो शोज 'लव जिहाद' को बढ़ावा देते हैं उन्हें बैन होना चाहिए । सन्नी देओल ओर प्रकाश झा हिंदुओं की धर्मिक भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे है । वेब सीरिज ,,,(आश्रम ),,,जिसमे दिखया गया की साधु संत ,महात्मा ,अनैतिक कार्यो में लिप्त है ।  जोधपुर के वकील खुश खंडेलवाल ने सेंशन कोर्ट केस दर्ज कर दोनों को नोटिस भेजा है ।ओटीटी प्लेटफार्म कोई स्टेशन नही है जिस पर ट्रेन रुकती हो । ये एक ऐसा प्लेटफार्म है जिस पर दुनिया भर के फिल्म निर्माता डायरेक्टर या कोई भी अपनी फिल्म जो कितनी अश्लीलता से भरी हो जिसमें कितनी ही हिंसा या दरिन्दगी हो दिखाई जा सकती है । अमेजन  , नेटफ्लिक्स ,प्राइम वीडियो ,,, ये ऐसे नाम है जहाँ पर ऐसी वेब सीरीजों के एपिसोड दिखाये जा रहे है । और इन पर भारत सरकार भी बेन नही लगा सकती क्योंकि हाल फिलहाल भारत मे इनके खिलाफ कोई कानून नही है पर भारत सरकार जल्द कानून लाने वाली है ।"*


शुक्रवार, 4 दिसंबर 2020

मोदी जी और देश के किसानों में,,,,टक्कर,,,

 ,, *" एक खबर (vinod meghwani )"मोदी जी की,,,,बुलन्द,,,,,,किस्मत,,,,,तकदीर,,,,से,,,,,,किसानों,,,,की तकदीर टकरा गई है ओर इस टकराहट में देश के किसान धधक रहे है । अब सवाल ये है की किसान गुस्से में क्यो है ,,,,,,,,,,,ओर मोदी जी से ओर कृषि कानून के खिलाफ क्यो है । मोदी जी के खिलाफ उठने वाली ये पहली आवाज है ,,,, *"किसानों की देश के अन्नदाता ओर देश के राजा दोनों आमने सामने है।किसान चाहत है नये कृषि कानून रद्द हो और मोदीजी इसके  खिलाफ है । ये किसान आंदोलन बिना चेहरे का है कौन है इसके पीछे । बीजेपी के कुछ नेता इसे खलिस्तान समर्थक का हाथ बता रहे कुछ लोग विपक्ष प्रायोजित कह रहे है । हमारे देश का विपक्ष है कान्हा उसमे इतनी ताकत नही ,,,,की वो इतना बड़ा आंदोलन कर सके । ये आंदोलन आम किसान का  आम जनता का है मोदी सरकार को कृषि कानून को हाल फिलहाल स्थगित रखना चाहिये यही उपाय ,,,देश और बीजेपी को सुरक्षित रख सकता "*


शनिवार, 28 नवंबर 2020

भष्टाचार के बेताज ,,,बादशाह,,,उडीसा के अधिकारी अभयकांत पाठक

 एक खबर (vinod meghwani )कौंन कहता भष्टाचार खत्म हो गया  है । उड़ीसा के अभयकांत ने तो रिकार्ड बना दिया है अवैध कमाई का । कोरोनो काल मे लॉक डाउन के दौरान चार्टर्ड फ्लाइट में घूमना  भारी पड़ा IFS अधिकारी को                                                                     ओडिशा के भुवनेश्वर में आईएफएस अधिकारी अभय कांत पाठक के पास से करोड़ों रुपये की संपत्ति मिली है। विजिलेंस विभाग की टीम के अधिकारी पिछले दो दिनों से कई ठिकानों पर छापेमारी कर रहे हैं, जिसके बाद अभय कांत पाठक के अलावा उनका परिवार भी निशाने पर आ गया है। महज कुछ लाख रुपये की सैलरी के बाद भी करोड़ों रुपये की संपत्ति के मालिक बन बैठे आईएफएस अधिकारी पाठक विजिलेंस विभाग के अधिकारियों की रडार में तब आ गए थे, जब वे लॉकडाउन के दौरान लगातार चार्टर्ड प्लेन से यात्राएं कर रहे थे। पाठक ने कोरोना के चलते लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान 20 बार अपने परिवार के साथ चार्टर्ड प्लेन की यात्राएं की थीं। इस दौरान, उन्होंने कम से कम तीन करोड़ रुपये इन यात्राओं पर खर्च किए थे।

IFS अधिकारी के कई ठिकानों पर छापेमारी कर रही केंद्रीय एजेंसी की टीम के अधिकारियों की मानें तो अभयकांत  अपनी आखिरी चार्टर्ड फ्लाइट की यात्रा के दौरान रडार पर आ गए थे। उन्होंने 13 सितंबर को पत्नी, बेटे और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ पुणे तक की यात्रा की थी। इसके पहले भी पाठक मुंबई, पुणे, दिल्ली, पटना आदि चार्टर्ड फ्लाइट से जा चुके थे। अधिकारियों का कहना है कि उनकी इन्हीं यात्राओं को देखने के बाद केंद्रीय टीम को उनकी संपत्ति को लेकर कुछ शक हुआ और वे टीम की नजर में आ गए। इतना टॉप

बंगला देख दंग रहे गए जांच अधिकारी

आईएफएस अधिकारी का भुवनेश्वर स्थित बंगला देखकर विजिलेंस विभाग के अधिकारी दंग रह गए। वे आश्चर्य जता रहे हैं कि आखिर कैसे कोई आईएफएस अधिकारी जिसकी सैलरी 2.70 लाख हो, वह भुवनेश्वर में आठ हजार स्क्वायर फीट का बंगला अफॉर्ड कर सकता है। इस बंगले में इटैलियन मार्बल के साथ-साथ लाखों रुपये का बेड भी है। 

डेंटिस्ट और ड्राइवर के पास से बरामद किए लाखों रुपये


भुवनेश्वर स्थित घर पर छापा मारने आई टीम ने आईएफएस अधिकारी के डेंटिस्ट और ड्राइवर के पास से लाखों रुपये बरामद किए हैं। अधिकारियों को छापे के दौरान उसके डेंटिस्ट के पास से 50 लाख रुपये कैश और उसके ड्राइवर के पास से 20 लाख रुपये कैश मिले। वहीं, अधिकारी के घर से आधा किलो सोना और 10 लाख कैश भी मिला है। विजिलेंस विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पाठक के बेटे के बैंक खातों में लगभग 9.4 करोड़ रुपये की नकदी जमा की गई थी, जिसमें से लगभग 8.4 करोड़ रुपये अकेले भुवनेश्वर के बैंकों में थे।


शुक्रवार, 23 अक्टूबर 2020

appy fizz जूस या बियर 10 रुपये में बंच्चो को नशे की लत लगाई जा रही है ,,,क्या

सावधान ,,,appy fizz,,जूस के नाम पर बियर,,,,स्वाद जैसा जूस बनाकर 10 रुपये में इंडिया के बंच्चो  को नशे की लत की आदत डाली जा रही है । सम्भन्धित अधिकारी ,,,विभाग  तुरन्त करवाई करे ,,,,,,,एक खबर,,,,,,,appy fizz: फ्रूटजूस नहीं, गैसवाला पानी है: सुप्रीम जनवरी 20 15 में कोर्ट ने फटकारा appy fizz
लगाई थी appy fizz: फ्रूटजूस नहीं, गैसवाला पानी है: सुप्रीम कोर्ट ने फटकार जनवरी  21/2015 में लगाई थी 
। लोग अपने स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए जूस का इस्तेमाल करते हैं लेकिन उनको मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां धोखा दे रही हैं। कंपनियां जो फ्रूट जूस बेचती हैं उसमें सिर्फ 13 फीसदी ही फ्रूट जूस की मात्रा होती है, बाकी पानी होता है जिसमें गैस भरी होती है।
इस तथ्य का खुलासा होने पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे एक मैन्युफैक्चरर को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने ठगी करने वाले मैन्युफैक्चर्रस को नसीहत दी कि लोगों को बेवकूफ समझना छोड़ दें और अपने फैसले में एयरेटेड वॉटर ड्रिंक (गैस भरा हुआ पानी) पर लगने वाला हेवी टैक्स ऐसी कंपनियों पर भी लगाने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फ्रूट जूस के लिए टैक्स में जो छूट मिलती है वे कंपनियां उस लायक नहीं हैं।
न्यायालय ने मेसर्स ट्रेड लाइन्स द्वारा दाखिल की गई उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें कंपनी ने अपने प्रॉडक्ट 'ऐपी फिज' पर फ्रूट जूस के लिए वैट में मिलनी वाली छूट देने का आग्रह किया था। ऐपी फिज को पार्ले ने मैन्युफैक्चर किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि टैक्स छूट का लाभ तब ही मिल सकता है जब ड्रिंक फ्रूट जूस हो न कि सिर्फ हवा भरे पानी के लिए जिमें सिर्फ फ्रूट फ्लेवर मिलाया गया हो।

चीफ जस्टिस एच.एल.दत्तू और जस्टिस ए.के.सिकरी व आर.के.अग्रवाल वाली बेंच ने याचिकाकर्ता के वकील एस.के.बागरिया को फटकार लगाते हुए कहा, ''आप लोगों को फ्रूट जूस के नाम पर क्या देते हैं, सिर्फ हवा भरा हुआ पानी। ऊपर से आप दवा करते हैं कि इसे पीकर लोगों की ताकत बढ़ेगी।''

कोर्ट ने कहा, ''पहले अपने ड्रिंक में फ्रूट जूस की मात्रा बढ़ाएं फिर टैक्स छूट का दावा करें। आप लोगों को यह कहकर बेवकूफ बनाने रहे हैं कि इसे पीने से उनको एनर्जी मिलेगी।''

बेंच ने कहा कि केरल हाई कोर्ट समेत कई कोर्टों ने इस फैसले को बरकरार रखा है कि एयरेटेड वॉटर ड्रिंक पर 20 फीसदी टैक्स लगाया जाए न कि 12.5 फीसदी जो फ्रूट जूस पर चार्ज किया जाता है। बेंच ने कहा कि हाई कोर्ट के फैसले में दखल देने की कोई जरूरत नहीं है।

याचिकाकर्ता 'ट्रेड लाइन्स' ने सुप्रीम कोर्ट में केरल हाई कोर्ट के 17 नवंबर के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें इसे ऐपी फिज पर 20 फीसदी वैट टैक्स का भुगतान करने के लिए कहा गया था। ड्रिंक में कॉन्टेंट की जांच करने के बाद उच्च न्यायालय इस नतीजे पर पहुंचा था कि यह प्रॉडक्ट एयरेटेड वॉटर ड्रिंक्स की कैटिगरी में आता है न कि फ्रूट जूस। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था, ''यह प्रॉडक्ट एयरेटेड सॉफ्ट ड्रिंक है जिसमें फ्रूट जूस भी मिला हुआ है और इसमें फ्रूट जूस की मात्रा सिर्फ 12.7 फीसदी है। या इसे यूं कहें कि प्रॉडक्ट एयरेटेड सॉफ्ट ड्रिंक है जिसमें फ्रूट जूस का सिर्फ फ्लेवर मिलाया जाता है जो प्रॉडक्ट के कैरेक्टर को नहीं बदल सकता है।''

बुधवार, 14 अक्टूबर 2020

भारत मोटवाणी बने गुजरात सिन्धी प्रदेश सँघर्ष समिति के अध्यक्ष

एक खबर( vinod meghwani )(गुजरात सिन्धी प्रदेश के अध्यक्ष बने ,,गुजरात के भारत मोटवाणी ,,,,)  सिन्धी संस्कृति ,,,एक महान संस्कृति है जो मोअन जोधड़ो,,,,समकालीन है खोजकर्ताओ का दावा है की ,,,इन्सान को सभ्य बनाने में सिंधी संस्कृति का अहम योगदान राहा है ।  अगर अखण्ड भारत का विभाजन न हुआ होता तो सिंध,,,,का वर्चस्व,,,, पूरे विश्व मे होता क्योंकि सिंधी कौम आगे बढ़ने में ओर मेहनत करने में विश्वाश रखती है । सौ साल से ज्यादा दिन हो गये सिंध के हीरो राजा दाहिर सेन को शहीद हुऐ,,, पर,,आज भी हर सिन्धी के हीरो है और रहेंगे ,,,, अखण्ड भारत का विभाजन ,,,सिन्धी कौम की मरजी के खिलाफ हुआ । हमे केंद्र सरकार pok ओर सिंध वापस दिलाये । ओर सिंध की याद में अंडमान निकोबार का नाम बदल कर ,,सिन्धी प्रदेश रखे ये मांग है । सिन्धी प्रदेश सँघर्ष समित्ति के महासचिव की कलम से ,,,,विनोद मेघवानी

रविवार, 11 अक्टूबर 2020

देश विदेश में सिंधयत पे चर्चा - सी.ऐ. चेतन तारवानी

 सिंधियत ओर अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भारतीय सिंधु सभा आज की वेबिनार zoom मिटिंग का आयोजन किया भारतीय सिन्धु सभा युवा विंग अध्यक्ष सी. ऐ . चेतन तारवानी जी आज मिटिंग पाकिस्तान, दुबई ,इंडिया के शहरों लोग जुड़े थे आज की मीटिंग मुख्यवक्ता थे शदाणी तीर्थ रायपुर माना दरबार के नवमजोत पीठाधीश्वर डॉ सन्त साईं श्री युधिष्ठिर लाल महाराज जी , इंदौर सांसद  माननीय श्री शंकर लालवानी जी, ओर भारतीय सिंधु सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष,,,,माननीय श्री लधा राम नागवानी जी इस खबर के साथ पूरा वीडियो देखे देश विदेश फेमस सौम्या पंजवानी को जो लाइव थी ओर शिरोमणि सन्त साँई युधिष्ठिर लाल महाराज जी और माननीय सांसद शंकर लालवानी जी कोhttp://www.facebook.com/groups/775522413281475?view=permalink&id=821738101993239&scmts=scwspsdd एक खबर


गुरुवार, 8 अक्टूबर 2020

भारत माता की जय सिंध माता की जय वन्देमातरम जय हिंद,,,जय,,,सिन्धी प्रदेश

भाषा और संस्कृति को बचाने के लीये केंद्र सरकार राष्ट्रपति जी सिन्धी प्रदेश का गठन करे । Vinodmeghwaniएकखबर संपादक: भारत मे 1948 में धर समित्ति का गठन सरकार ने किया था जिसने भाषाई आधार पर 14 राज्यो का गठन किया उस समय सिन्धी प्रदेश का गठन हो सकता था पर कुछ नेताओं की वजह से न बन सका1960 भाषा के आधार पर गुजरता ओर महाराष्ट्र बने उसके बाद भी भाषा ओर संस्कृति को बचाने के नाम पर राज्य बने । हम केंद्र सरकार और राष्ट्रपति महोदय से निवेदन करते है सिन्धी प्रदेश का गठन करे और अपने संज्ञान में ले । (सिन्धी प्रदेश सँघर्ष समित्ति ) महासचिव विनोद मेघवानी
  राज्यों का पुनर्गठन
भारत में राज्यों का पुनर्गठन एवं नवीन राज्यों की मांग
सन 1947 में देश को आजादी मिलने के बाद राज्यों का पुनर्गठन हुआ । भाषाई और सांस्कृतिक आधार पर नये राज्यों के निर्माण की मांग हुई । 14 राज्य ,6 भारत में राज्यों का पुनर्गठन एवं नवीन राज्यों की मांग
स्वतंत्रता के बाद राज्यों के पुनर्गठन एवं निर्माण के आधारों की खोज की जाने लगी ताकि विभिन्न प्रांतीय इकाईयों का गठन प्रशासनिक सुविधाओं, राष्ट्रीय विकास एवं क्षेत्रीय विकास के संदर्भ में किया जा सके। इसी कारण प्रारंभ में ब्रिटिश शासन के अंतर्गत प्रांतीय व्यवस्था को बनाए रखा गया ताकि नवीन राज्यों के आधारों की खोज की जा सके तथा राज्यों का पुनर्गठन एवं निर्माण तक भारत संघ का प्रशासन सुचारू रूप से चलता रहे। इस व्यवस्था के अंतर्गत क्षेत्रीय प्रशासन को चार वर्गों में विभाजित किया गया और प्रशासनिक इकाइयों को । A, B, C, D चार वर्गों में रखा गया। । A वर्ग में 9 ब्रिटिश प्रांत, B वर्ग में 8 बड़े रियासत C वर्ग में 10 मध्यम तथा छोटे आकार के रियासत तथा D वर्ग में कुर्ग को रखा गया। लेकिन यह व्यवस्था अस्थायी थी और राज्य पुनर्गठन के आधारों के खोज के साथ ही नवीन राज्यों का निर्माण एवं पुनर्गठन किया जाना था। सरकार ने राज्यों के पुनर्गठन के आधारों की खोज के लिए 1948 में ही ‘धर समिति’ का गठन किया जिन्होंने भाषाई आधार पर राज्यों की मांग का विरोध किया और प्रशासनिक सुविधा के आधार पर राज्य पुनर्गठन का सुझाव दिया। सरकार द्वारा धर समिति के सुझाव के संदर्भ में भी कांग्रेस की एक समिति का गठन किया गया जिसने भी भाषाई राज्यों की मांग का समर्थन नही किया। इस समिति में जवाहर लाल नेहरू, वल्लभ भाई पटेल तथा पट्टाभि सीतारमैया शामिल थे। यह जे.वी.पी. समिति कहलाती है। इस समिति द्वारा भाषाई राज्यों को मान्यता नहीं दिए जाने के साथ ही भाषाई राज्यों की मांग का आंदोलन तीव्र होने लगा। विशेषकर तेलुगूभाषी लोगों का अलग राज्य की मांग का आंदोलन उग्र होने लगा, ऐसे में आंध्र प्रदेश राज्य अधिनियम 1983 द्वारा 11 तेलगु भाषी जिलो को मिलाकर आंध्र राज्य बनाया गया।

आंध्र राज्य को भाषाई आधार पर मान्यता देने के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों से भाषाई राज्यों की मांग बढ़ने लगी। राज्यों के पुनर्गठन से संबंधित ‘‘फजल अली कमिटी’’ ने भाषाई राज्यों के पक्ष में तर्क दिया।

1) भाषाई प्रशासनिक क्षेत्र का निर्धारण ब्रिटिश शासन के अंतर्गत भी किया जाता रहा है।

2)1951 की जनगणना के अनुसार देश में 844 भाषाएं बोली जाती हैं लेकिन 91 प्रतिशत लोग मात्र 14 भाषाएं ही बोलते हैं। इस आधार पर 14 राज्य की अनुशंसा की गई।

3) 14 भाषाओं के भौगोलिक वितरण में एकरूपता है अतः एक विशिष्ट भाषाई क्षेत्र एक विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र भी है।

4) समिति द्वारा प्रश्नावली तैयार कर के राष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों में जनमत सर्वेक्षण करवाया गया जिसमें 90 प्रतिशत लोग भाषाई राज्य के पक्ष में थें।

5) भाषाई राज्यों के निर्माण से राज्यों का प्रशासन अधिक दक्षता एवं कुशलता से किया जा सकता है क्योंकि सांस्कृतिक समरूपता की स्थिति प्रशासन में सहयोगी होती है।

उपरोक्त आधार पर राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 पारित किया गया जिससे भाषाई राज्यों का निर्माण संविधान प्रक्रिया से किया गया। यह माना गया कि भाषाई राज्यों के निर्माण से प्रशासनिक, भौगोलिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक सीमाओं का भी निर्धारण सहजता से किया जा सकता है। इस प्रकार भाषाई आधारपर 14 राज्यों का निर्माण किया गया, इसके अतिरिक्त 6 संघ राज्य क्षेत्र का भी निर्माण किया गया। संघ राज्य ऐसे राज्य क्षेत्र थे जिनकी सांस्कृतिक स्थिति आसपास के क्षेत्रों से भिन्न थी लेकिन संसाधनों के अभाव के कारण स्वतंत्र विकास करने में सक्षम नहीं थे। अतः आर्थिक, सांस्कृतिक आधार पर इनके प्रशासन एवं विकास का दायित्व केन्द्र को सौंपा गया। 14 राज्यों के पुनर्गठन के बाद कई अन्य राज्यों का निर्माण भी भाषाई एवं सांस्कृतिक आधार पर किया गया । गुजरात एवं मुम्बई राज्य को मुम्बई राज्य के अंतर्गत रखा गया। अतः गुजराती और मराठी भाषा में विभिन्नता के आधार पर गुजरातियों द्वारा गुजरात राज्य की मांग तीव्र हो गई। इसी संदर्भ में मुम्बई पुनर्गठन अधिनियम 1960 द्वारा मुम्बई को भाषाई आधार पर गुजरात एवं महाराष्ट्र में विभाजित कर दिया गया। 1962 में नागालैण्ड राज्य अधिनियम द्वारा नागालैण्ड राज्य की रचना की गई। यह पहले असम राज्य का अंग था। पुनः पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 द्वारा

भाषाई, सांस्कृतिक एवं आर्थिक आधार पर पंजाब राज्य को पंजाब, हरियाणा राज्यों में और चंडीगढ़ संघ राज्य क्षेत्र में बांटा गया। 1970 में हिमाचल प्रदेश को संघ राज्य से राज्य में परिवर्तित किया गया। पूर्वोत्तर क्षेत्र पुनर्गठन अधिनियम 1971 द्वारा मणीपुर, त्रिपुरा और मेघालय को राज्य का दर्जा दिया गया और मिजोरम तथा अरूणाचल प्रदेश को संघ राज्य क्षेत्र की सूची में सम्मिलित किया गया। मिजोरम राज्य अधिनियम 1986 द्वारा मिजोरम को, अरूणाचल प्रदेश राज्य अधिनियम 1986 द्वारा अरूणाचल प्रदेश को राज्य का दर्जा दिया गया। गोवा, दमन एवं दीव पुनर्गठन अधिनियम 1987 द्वारा गोवा को राज्य का दर्जा दिया गया। उपरोक्त राज्यों के निर्माण का आधार मुख्यतः सांस्कृतिक, आर्थिक एवं प्रशासनिक था। इन राज्यों के निर्माण के बाद भी नवीन राज्यों की मांग उठती रही जिसका आधार आर्थिक पिछड़ेपन, भौगोलिक स्थिति तथा सांस्कृतिक भिन्नता थी। इनमंे उत्तराखण्ड (उत्तरांचल), छत्तीसगढ़ एवं झारखण्ड राज्य से संबंधित आंदोलन व्यापक एवं प्रभावी रूप से चलाए जा रहे थे। इन क्षेत्रों की स्थिति आर्थिक, सामाजिक रूप से पिछड़ी थी और तत्कालीन राज्यों के अंतर्गत इनकी विकास की प्रक्रिया अत्यंत धीमी थी। इसी संदर्भ में नवीन राज्यों के पुनर्गठन की मांग राजनीतिक एवं जनता के स्तर पर भी तीव्र होने लगी। ऐसे में सन् 2000 ई. में इन तीनों राज्यों का निर्माण किया गया। फलस्वरूप वर्तमान में 28 राज्य और 7 केन्द्रशासित प्रदेश विद्यमान हैं। इन राज्यों के पुनर्गठन व निर्माण के साथ यह उम्मीद की जा रही थी कि पूर्व के कई छोटे राज्यों के समान इन राज्यों की भी विकास की प्रक्रिया अत्यंत तीव्र होगी लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ राज्य में विकास की प्रक्रिया अपेक्षाकृत तीव्र हुई। लेकिन गठन के लगभग 10 वर्षों के बाद भी यह भारत के पिछड़े राज्यों में ही सम्मिलित है। झारखण्ड एक ऐसे राज्य का उदाहरण है जहां पर्याप्त प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध हैं लेकिन विकास की प्रक्रिया अत्यन्त धीमी है जबकि यह उम्मीद की जा रही थी कि बिहार से अलग होने के बाद खनिज, वन, जल संसाधन के उपयोग द्वारा तीव्र आर्थिक विकास कर सकेगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इसकी तुलना में उत्तरांचल एवं छत्तीसगढ़ में विकास की प्रक्रिया तीव्र है। इन तीनों राज्यों की स्थापना एवं विकास की प्रक्रिया देखने पर यह स्पष्ट होता है कि केवल नवीन राज्यों की स्थापना विकास का मुख्य आधार नही हो सकता। आवश्यकता उपलब्ध संसाधनों के उचित नियोजन एवं विकास की प्रक्रिया को सही तरीके से लागू करने की है। झारखण्ड जैसे राज्य की अस्थिर राजनीतिक व्यवस्था, अस्थिर सरकार, विधि व्यवस्था की विफलता, उग्रवादी समस्याओं का समाधान न होना एवं राजनीतिक, प्रशासनिक भ्रष्टाचार विकास में बाधक बना हुआ है। तुलनात्मक रूप से उत्तरांचल में राजनीतिक स्थिरता एवं अनुकूल माहौल के कारण विदेशी निवेश के साथ ही पर्यटन उद्योग में वृद्धि विकास को सही दिशा में ले जा रही है। छत्तीसगढ़ में भी उग्रवाद की समस्या विकास में प्रमुख बाधक है। संसाधनों की प्रचुरता के बावजूद छत्तीसगढ़ एवं झारखण्ड जैसे राज्यों में विदेशी निवेश का स्तर नगण्य है। अब आवश्यकता न केवल  राज्यों की विधि व्यवस्था में सुधार की है, बल्कि स्थिर एवं सुरक्षित राजनीतिक प्रशासनिक माहौल बनाए जाने की है ताकि विदेशी पंूजी प्रवाह, तकनीकी निवेश के स्तर में सुधार हो। वर्तमान में इन राज्यों के अनुभवों से यह स्पष्ट होता है कि केवल नवीन राज्यों का निर्माण ही क्षेत्रीय विकास का आधार नहीं हो सकता है। वर्तमान झारखण्ड सरकार की स्थिरता एवं राजनीतिक दर्शन पर झारखण्ड का विकास बहुत कुछ निर्भर करता है।

अतः राज्यों की मांगों की औचित्यता का परीक्षण सूक्ष्मता से किया जाना चाहिए और नवीन राज्यों के पुनर्गठन व निर्माण के साथ ही विकास प्रक्रिया पर प्रभावकारी नियंत्रण केन्द्र द्वारा किया जाना चाहिए। नए प्रस्तावित राज्यों के विकास के मॉडल पहले ही तय किया जाना आवश्यक है। इसके लिए राज्य के सभी राजनीतिक दलों से गंभीर विचार विमर्श किया जाना चाहिए।

वर्तमान में भी कई राज्यों की मांग आर्थिक पिछड़ेपन एवं भौगोलिक सांस्कृतिक आधारों पर की जा रही है जैसे तेलंगाना, विदर्भ, बुंदेलखण्ड, गोरखालैण्ड जैसे राज्य की मांग के आंदोलन हो रहे हैं। इन राज्यों की मांग को केन्द्र सरकार अत्यंत गंभीरता से ले रही है। और इस संदर्भ में नवीन राज्य पुनर्गठन आयोग की स्थापना की बात हो रही है। लेकिन आवश्यकता है कि इन राज्यों के निर्माण के लिए उठाया गया कोई भी कदम इस बात पर आधारित हो कि राज्यों के पुनर्गठन के बाद सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक स्तरों पर विकास की प्रक्रिया तीव्र हो और जिन समस्याओं के कारण इन राज्यों की मांग की जा रही है  सरकार द्वारा इस संदर्भ ये सभी  राज्यों की मांग एवं सरकार की नीति जटिल समस्या बनी हुई है। ऐसे में स्पष्ट नीति का निर्धारण किया जाना आवश्यक है ताकि राज्यों के निर्माण को लेकर विरोधाभाषी स्थिति उत्पन्न न हो सके। हाल ही में राजस्थान, गुजरात एवं मध्य प्रदेश के भील क्षेत्रों को मिलाकर भिलिस्तान राज्य की मांग जोर पकड़ रही है। इसी तरह कई अन्य राज्यों की मांग भी राजनीति मुद्दा बन सकती हैं।

उत्तर प्रदेश को भी विभाजित कर पूर्वांचल राज्य, बुंदेलखण्ड राज्य तथा हरित प्रदेश राज्य में विभाजित करने की राजनीतिक मांग सामने आयी है। बिहार में मिथिलांचल की मांग भी सांस्कृतिक-भाषायी आधार पर उठायी जाती रही है। इस तरह वर्तमान संघीय ढांचे के अन्तर्गत विभिन्न राज्यों की मांग विभिन्न कारणों से हो रही है इनमें सबसे प्रमुख कारण आर्थिक विकास में विषमता एवं आर्थिक-सामाजिक पिछड़ापन है। तेलंगाना, बुंदेलखण्ड जैसे क्षेत्र राज्य के अन्य क्षेत्रों की तुलना में पिछड़ी अवस्था में हैं। आधारभूत संरचना का अभाव, गरीबी, बेरोजगारी एवं पिछड़ा हुआ सामाजिक सूचकांक इन क्षेत्रों को नवीन राज्य के गठन के लिए आधार उपलब्ध कराते हैं। लेकिन नवीन राज्य का पुनर्गठन ही विकास का मुख्य आधार नहीं हो सकता। ऐसे में केन्द्र की राज्य सरकारों को पिछड़े प्रदेशों तथा राज्य निर्माण के आंदोलनों पर अत्यंत गभीरता से विचार करना चाहिए। नवीन राज्य के निर्माण की होड़ उत्पन्न न हो इसका ध्यान आवश्यक रूप से रखा जाना चाहिए। वर्तमान में भारत संघ की आवश्यकता नवीन राज्यों के निर्माण प्रक्रिया में शामिल होना नहीं है बल्कि राष्ट्र का समग्र एवं संतुलित विकास  है। अतः पिछड़े प्रदेशों में आर्थिक विकास को त्वरित करना और इसके लिए पूंजी निवेश और बेहतर नियोजन प्रक्रिया अपनाया जाना आवश्यक है। सर्वप्रथम यह प्रयास होना चाहिए कि क्या वर्तमान राज्य के अन्तर्गत रह कर ही विकास किया जाना संभव है या नहीं? और यदि संभव है तो किस प्रकार की नियोजन प्रक्रिया अपनायी जाए अर्थात् विकास का मॉडल तय किया जाना चाहिए। विकास का मॉडल क्षेत्र की समग्र विकास प्रक्रिया पर आधारित होना चाहिए और इसके लिए तंत्र उपागम का प्रयोग किया जाए। यदि विकास की संभावना है तो नवीन राज्यों का पुनर्गठन व निर्माण आवश्यक नहीं माना जा सकता लेकिन यदि विकास का अनिवार्य शर्त नवीन राज्य की मान्यता प्रदान करना ही है तो राज्य के गठन की संभावना पर विचार किया जाना अपेक्षित है। यहां यह बात स्पष्ट कर दिया जाना चाहिए कि राज्यों की मांग विकास आधारित है तो विकास की संभावना पर विचार किया जाना आवश्यक है और नवीन राज्य का गठन ही अनिवार्य शर्त प्रतीत होता है तो यह कदम उचित होगा। लेकिन विशुद्ध राजनीतिक कारणों से राजनीतिक दबाव द्वारा राज्य के गठन की मांग की जा रही है तो ऐसी मांगों को खारिज कर दिया जाना चाहिए। पुनः केन्द्र सरकार नवीन राज्यों की संभावना को राज्य पुनर्गठन समिति या आयोग का गठन कर भी परीक्षण कर सकती है।

अतः वर्तमान स्थिति में यह तय करना अत्यन्त आवश्यक है कि किन राज्यों के निर्माण की आवश्यकता है और किन राज्यों की मांग अनावश्यक और राजनीतिक कारणों से उत्पन्न हो रही है। इस संदर्भ में एक स्पष्ट राष्ट्रीय नीति आवश्यक है ताकि राज्यों के निर्माण को लेकर होने वाली राजनीति की दिशा क्षेत्रीय हितो के साथ ही राष्ट्रीय हितों की अनिवार्यता पर आधारित हों। अन्ततः राष्ट्र हित ही सर्वोपरि है और इसके लिए वर्तमान संघीय ढांचे के अन्तर्गत संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप प्रांतों या राज्यों का  पुनर्गठन व निर्माण किया जा सकता है लेकिन नवीन राज्यों की आवश्यकता एवं अनिवार्यता की युक्तियुक्तता का परीक्षण अत्यंत वैचारिक गंभीरता से किया जाना चाहिये एक खबर विनोद मेघवानी

सोमवार, 5 अक्टूबर 2020

# Me Too आंदोलन एक खबर

(रायपुर एक खबर Vinod  मेघवानी )#Me Too आंदोलन एक खबर       यौन शोषण बन्द हो हाथरस जैसी घटना न हो  महिलाओं को के अधिकार बड़े  ये एक खबर का अभियान है                     Me Too  अभियान क्या पूरे विश्व मे महिलाओं के साथ यौन संभंधित अपराध होते है उसके खिलाफ एक आवाज ( एक खबर ) भी इस अभियान में पीड़ित महिलाओं के साथ है । भारत मे बॉलीवुड में ये अभियान चालू है ।हम छत्तीसगढ़ में भी पीड़ित महिलाओं के साथ हे ।एक खबर हर पीड़िता के साथ है किसी के साथ किसी प्रकार की ज्यादती हुई हो किसी प्रकार का यौन शोषण हुआ है और आप को डराया धमकाया जा रहा है तो एक खबर को 8871232802 पर wahtahsapp करे । कभी वे डरकर चुप हो गईं, कभी उन्होंने बदनामी की वजह से मुंह नहीं खोला, कभी उन्हें समझ ही नहीं आया कि क्या करना चाहिए। लेकिन, अब जबकि उनके पास सोशल मीडिया पर आवाज़ उठाने का मौका है, तो वे अपनी कहानियों और चेहरों के साथ सामने आ रही हैं। #MeToo  आंदोलन एक खबर )के साथ उन महिलाओं की कहानियां सबसे ज़्यादा सामने आ रही हैं, जिनका वर्क प्लेस पर यौन उत्पीड़न किया गया। आप डरे नही आप चाहेंगे आपकी पहचान गुप्त रखी जाये तो एक खबर आपके साथ है ,,, #Me Too आंदोलन एक खबर

रविवार, 4 अक्टूबर 2020

लोकतंत्र की आवाज हुँ ( कविता)

कविता,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,शीषर्क,,,,,,,,,,,,,,,,,लोकतंत्र,,,, की आवाज हुँ,,महात्मा गांधी की,,,,छवि हुँ नेहरू का प्रतिबिंब,,,,, हुँ,,,,,आज के मोदी की,आवाज हुँ,,,,,,,,लोकतंत्र की आवाज हुँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,2,,कोंन रोकेगा सत्यमेव जयते,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,को में लोकतंत्र की आवाज,,हुँ,,,,,, हमे *"" सिन्धी प्रदेश ,,,,चाहिये,,,,, हमारी इस मांग को,,,गांधी का सपना समझे,,,मोदी,,,की आवाज समझे में लोकतंत्र की आवाज हुँ,,,,तू सच,,,,है ,,,,विनोद,,, ये,,,,,,अहसास करता है मुझे,,शास्त्री ,,,नारा ,,,जय जवान जय किसान,,, में लोकतंत्र की आवाज हुँ,,,,,,, कलम मेरी,,,,आवाज,,,,,,सिंध,,,,,मेरी,,,,,,पहचान,,,,,,,मेरा सिंध,,,,मुझे ,,,,वापस दिला दो,,,या ,, फिर,,,,,,,हिन्द,,,में सिंध,,,,बना के दो हमे,,,मोदी जी,,,,,,,ये लोकतंत्र की,,,,मांग है,,,,,,,(सिन्धी प्रदेश,,सँघर्ष,,,,समिति,,,,,, महासचिव,,,,, विनोद मेघवानी,,,"*

बुधवार, 30 सितंबर 2020

टैक्स फ़्री 5 साल तक छत्तीसगढ़ राज्य घोषित करे मोदी सरकार और भुपेश सरकार ,,,

 छतीसगड को ।मोदी सरकार और भुपेश सरकार 5 साल तक टेक्स मुक्त कर दे ,,,,,,टेक्स फ्री  राज्य घोषित कर दे ,,,,,,लो कल से दुर्ग भी,,,,,,,अनलॉक,,,,,हो जायेगा ,,,,खुल जाएगी मार्केट,,,,,, पर क्या,,,,, वो रौनक वो खुशहाली फिर लौटेगी,,,,,,,,,,,,,,किसे दोष दे हम आज की परिस्थितियों के लिये । मोदी सरकार को देश परिस्थितियों के ओर छतीसगड की परिस्थितियों के लीये भुपेश सरकार को । पहले मोदी जी से पूछते है माननीय प्रधानमंत्री जी  आज देश मे कोरोना से जितनी मोते हुई है इतनी तो कोरोना से पहले किसी न किसी कारण वश होती थी ,,,,,,फिर देश को लॉक डाउन के कारण  क्या थे आप ने देश को लॉक डाउन अपनी सरकार को बचाने के लिये किया अपनी विफलताओं से बचने के लिये किया ,,,,नोटबन्दी , gst , को जनता भूल जाये  इसलिए लॉक डाउन किया । माननीय प्रधानमंत्री जी आज देश 30 साल पीछे हो गया ऐसा महसूस होता है आज जब बीते 6।महीनों कोरोना काल लाखो लोगो की नोकरियों चली गई छोटे छोटे और मीडियम व्यापारियों के धंधे बन्द होने की स्थिति में पुहुच गये फिर मुकेश अंबानी की दौलत हर 6 घन्टे 90 करोड़ बढ़ती रही ,,,,,उस पर लॉक डाउन का असर क्यो नही पड़ा ये केसी व्यस्था है छोटे छोटे व्यापारी कर्ज में दब रहे और ,,,,,ओर सरकार किसानों के लिए बहुत कुछ कर रही पर व्यापारियों से केंद्र सरकार की क्या दुश्मनी जो व्यापारियों के लीये कुछ नही हो राहा उल्टा टैक्स के दबाव बढ़ाया जा राहा है छत्तीसगढ़ सरकार भी किसानों की हितैषी सरकार है हर संभव प्रयास कर रही है कि किसानों को अधिक से अधिक उपज का सही दाम मिले पर छत्तीसगढ़  सरकार भी व्यापारियों के लिये कुछ नही कर रही है । अगर मोदी सरकार और भुपेश सरकार व्यापारी को राहत देना चाहती है तो छतीसगड को 5 साल के लिए gst से मुक्ति दे दे व्यापारियों से 5 साल तक gst न ले टेक्स मुक्त व्यापर कर दे ,,,,,,,,विनोद मेघवानी


बुधवार, 23 सितंबर 2020

We have the right to demand the sindhi state from the central government . Without taking away the freedom of expression of the sangh sindhi society _ vinod meghwani

 The Sangh did not take away the freedom of expression of Sindhi society. ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, Do not take any offense. But we are neither afraid to write the truth nor to speak it. We want to bring Sindhi society forward in politics. When I was not born, the elder elders of Sindhi society have graced the posts of MP, MLA, Mayor, in some state of India, from Congress to Union to BJP. Honorable Iron Man Lal Kush Advani, who earned the highest name, prepared the Sindhi society to enter politics and if the name of Sindhi society is in politics today, there is no doubt because of LK Advani. But Advani ji is very emotional and simple in nature, so he could not understand the tricks of the political players of the new time and only the name is left and the ministers are ruling today. In the Parliament session, Shankar Lalwani ji demanded the formation of Sindhi State, then the Sangh reprimanded him that the people of all religions of Indore have chosen him to remain within their limits. We question those intellectuals, so far the new states that have been formed have been made on the demand of the people. Shankar Lalwani is also the representative of the Sindhi people. No government or any party can suppress the voice of the people and express themselves in democracy. There is freedom and the MP has more right, so the Union is requested not to stop our freedom of expression, by writing and speaking we can appeal to the Central Government to create a new state, this is the right of the Sindhi society. Vinod Meghwani (a news editor)

रविवार, 20 सितंबर 2020

हेम सिंध चाहिये बिना आंदोलन के शांति से - विनोद मेघवानी


 जय झुलेलाल हमे सिंध चाहिये (अंडमान निकोबार में ) - विनोद मेघवानी ।बीजेपी ने  अपने राजनीतिक फायदे के लिऐ तीन राज्य बनाये तो संघ ने भी ता रीफ की  ओर संसद में इंदौर सांसद ने सिन्धी में भाषण दिया और सिन्धी राज्य की मांग रखी तो नागपुर से सांसद शंकर लालवानी जी को फटकार लगाई की अपने आप को आडवानी से बड़ा मत साबित करो और अपनी सीमा में रहो । हम संघ और बीजेपी से इतना ही कहेंगे हम सिंध राजा दाहिर सेन के वंशज है कभी सिंध हिंदुस्तान की शान हुआ करता था और इतिहास गवाह है की हिंदुस्तान की रक्षा के लिये मुगलों से युद्ध मे राजा दाहिर सेन ने अपना बलिदान दिया राष्ट की रक्षा के लीये दिया । जब विभाजन हुआ जातीगत आधरित राज्यों की स्थापना की गई तो सिंध राज्य की स्थापना क्यो नही की इसका विरोध संघ सरचालक ने उस समय की सरकार से क्यो नही किया जितना दोष कांग्रेस का है उतना ही दोष संघ और बीजेपी का है हमे सिंध चाहिए हिदुस्तान में आज जब सांसद ने आवाज उठाई है तो तो संघ क्यो बुरा मान राहा है ।जब एक सरकार विभाजन के समय सिंधीयो के सिंध को दूसरे देश को दे सकती है । तो वर्तमान सरकार अपने देश के सिंधीयो को सिंध बना के क्यो नही दे सकती हम आज से  आवाज बुलंद करते है,,,,,हमे सिंध चाहिये ,,,अंडमान निकोबार में  ये आंदोलन सोशल मिडिया पर चलता रहेगा जब तक सिंध नही मिलता विनोद मेघवानी के नेतृत्व में ,,,,,,एक खबर,,,,

शनिवार, 19 सितंबर 2020

अर्नब गोस्वामी अमिताभ बच्चन और जया बच्चन जी से ,,,माफी ,मांग

 क्या ,,,,कसूर है ,,,,सदी महानायक ,,,, अमिताभ बच्चन का ,,,,, अर्नब गोस्वामी ,,, रवि किशन जी आप बताओ,,,,,,कंगना  रणोत जी आप बताओ ,,,,, जया बच्चन जी का ,,,,पूछता है ,,,,,एक खबर ,,,,,,विनोद मेघवानी ,,,,आप से ,,,,अर्नब गोस्वामी तू,,,,,में भी तुझे तू कहकर संबोधित करूंगा,,,,क्यो की तू,,,,, जनप्रतिनिधियों ओर जनता के चुने माननीय ,,,मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जी ,,,,को  इज्ज़त नही दे सकता तो हम तुझ जैसे एक हिस्टोरियम व्यक्ति को इज्जत कैसे दे । तू अपने चेनल पे बैठ कर माननीय मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जी को चेलेंज करता है कि वन बाई वन बहस करो ,,,। में विनोद मेघवानी एक खबर  न्यूज पोर्टल संपादक  तुझे ,,,,चेलेंज करता हू की तू देश के किसी भी टीवी चैनल पर वन बाई वन मुझसे बहस कर मेने तेरे शब्दो की धज्जियां न उड़ा दी तो कहना । तूने महानायक अमिताभ बच्चन को रसुवा किया तुझे अमिताभ बच्चन और जया बच्चन से माफी मांगनी चाहिये,,,,,, वरना ,,,भारत की जनता ,,,,पूछता है भारत के अर्नब गोस्वामी की,,,,छुट्टी कर देगी ,,,,विनोद मेघवानी एक खबर


I P L क्रिकेट या सट्टेबाजी इसका अवैध भुगतान पार्टनर है Ptm

 एक खबर ( Vinod meghwani)पेटीएम  P T M डिजिटल पेमेंट एप्प जिसके जरिये इंडिया में आम जनता अरबो खरबो रुपये का लेन देन कर रही है । उसे कल गूगल ने ,,,प्लेस्टोर से हटा दिया था ,,, सट्टेबाजी ,,,के आरोप में ,,,,,फिर 4 घन्टे बाद ,,,गूगल प्ले स्टोर पर बहाल हुआ । इन चार घण्टो में लोग परेशान हुऐ जिनकी रकम P T M में जमा थी उनकी सांसे रुक गई हमारी रकम का क्या होगा । आम जनता को इस 4 घन्टे से सबक लेना होगा अपनी रकम के प्रति की आज के बाद हम P T M हो या अन्य कोई भी डिजिटल एप्प हो उसमे जादा रकम नही रखेंगे । अपनी रकम अपने पास रखना सुरक्षित है मेने अपनी रकम गवाई है इसलिये आप को सुझाव है । आपकी रकम की रखवाली आप ही कर सकते है दूसरे नही ब्याज के चक्कर मे अपनी पूंजी डूब जाती है । P T M ओर गूगल के बीच जो झंझट था वो रुपयों को लेकर था । आज से आई पी एल क्रिकेट का ऑनलाइन सट्टा बाजार भी शुरू हो गया जिसका एक पार्टनर P T M भी है जो अवैध पेमेंट का जरिया है सरकार ओर कानून को छोटे छोटे अपराध दिख जाते है ये आईपीएल का अवैध कारोबार नही दिखता बड़े अचंभे की बात है एक खबर।


मंगलवार, 15 सितंबर 2020

मोदी जी ये क्या हो रहा है,,,,,,देश मे

 इंडिया TV ,आजतक ,R bhart Tv ,अन्य चेनलो को देश मे कंगना ओर सुशान्त के आलवा ओर कुछ क्यो नही दिख रहा पूछता है,,,(,,एक खबर Vinod Meghwani )अंधेर नगरी,,,, चौपट राजा ,,,टके सेर भाजी ,,,,टके सेर खाजा,,,,,,,, कोरोना काल मे सिस्टम ,,,बदल गये रास्ते बंद हो गये जनता की तकलीफों को प्रशासन में बैठे अधिकारियों को ये बात समझनी होगी । इस कोरोना काल मे हर विभाग के अधिकारी को दयावान बनना पड़ेगा । जैसी दया छत्तीसगढ़ के दुर्ग के कलेक्टर नरेंद्र भूरे जी और सांसद विजय बघेल जी ने परीक्षा केंद्र में 5 मिनट लेट पुहुचे छात्र की हेल्प की छात्र ने परीक्षा दी ऐसी हेल्प अगर बिहार के दरभंगा जिले के छात्र की हेल्प की होती तो छात्र सन्तोष यादव ,,,डॉक्टर बन जाते ,,,पर । कोलकाता में सन्तोष यादव का परीक्षा केंद्र था ।सन्तोष यादव 700 कि .मी. 25 घन्टे की यात्रा में तीन बस बदली ओर परीक्षा केंद्र पुहुचे 10 मिनट लेट अधिकारियों ने उसे परीक्षा में बैठने नही दिया अधिकारियों से बहुत मिन्नतें की पर किसी भी अधिकारी ने दया नही दिखाई और सन्तोष यादव को एक साल बर्बाद हो गया । इसका जिम्मेदार कौन है ,,,कोरोना ,,,,या सिस्टम,,,,, एक खबर विनोद मेघवानी  प्लीज इस पोस्ट को इतना शेयर करो देश के शिक्षा मंत्री तक ये पुहंचे ओर सन्तोष यादव को हक़ मिले प्लीज,,,,


शनिवार, 12 सितंबर 2020

अर्नब गोस्वामी को नही ,,एक खबर को देंगे इंटरव्यू प्रधानमंत्री जी ,,,क्या,,,

 एक खबर (संपादकीय लेख vinod meghwani)  मेने ओर देश ने TV पे रजत शर्मा को कभी भी चीखते  चिल्लाते नही , रविशकुमार को चिल्लाते नही देखा फिर भी लोग उनको सुनते है क्यो की वो सही भाषा सम्मानित शब्दो का अपने मुख से  प्रयोग करते है । मेने ओर पूरे देश T V पे अर्नब गोस्वामी को भी T V पर देखा कैसे चिल्लाते है कैसे शब्दो का प्रयोग करते है । मेरी नजरो अर्नब गोस्वमी जिस तरह T V पर डिबेट करते है हिस्टोरियम,,,,, एक प्रकार की सनक है  जो व्यक्ति को जुनूनी बना देता है । किसी भी सरकार के पास सत्ता की ताकत होती ही है और ताकत से दंभ आना स्वभविक्ता है । और लोकतंत्र में मीडिया भी सत्ता ही है और उसमें भी ताकत है और अर्नब गोस्वामी जी को भी ताकत का दंभ ( घमंड ) आ गया है । मीडिया और महाराष्ट्र सरकार में कोई  (वाकयुद्ध ) नही हो राहा ये युद्ध तो पार्टी बनाम पार्टी में हो राहा है । पर्दे के पीछे बिगबॉस है कौन है ( बिगबॉस) अभी सस्पेंस है पर राजनीति का  चाणक्य की उसे उपाधि मिली हुई है । बिहार चुनाव सामने है इस बार किसकी सरकार बनेगी इसी को लेकर ये सभी अस्त्र ,,,,,दिशा पाटनी ,सुशान्त राजपूत , बिहार पुलिस ,मुंबई पुलिस ,सीबीआई ,ड्रग्स विभाग , रिया चक्रवती जैसे हथियारों का इस्तेमाल किया गया क्योंकि अब बिहार चुनाव नजदीक है ऐसे में ,,,,ब्राह्ममास्त्र की जरूरत है वो ,,,,कंगना राणावत ,,,के नाम,, चलाया गया जिसके निशान पे महाराष्ट सरकार भी आ गई और बिहार को नया मुख्यमंत्री भी मिल गया,,,,,,, पूछता है भारत मे अगर ये सवाल पूछा जाये,,,,,,की प्रधानमंत्री जी से इंटरव्यू की अपील की जाए  की आप इन चार नामो , रजत शर्मा , रविशकुमार, विनोद मेघवानी , अर्नब गोस्वामी  में किसे इंटरव्यू देंगे तो,,,,हमारे ख्याल से प्रधानमंत्री जी एक खबर  vinod मेघवानी को ही इंटरव्यू देना पसन्द करेंगे ।


शुक्रवार, 11 सितंबर 2020

कोरोनो के कारण ,,,आक्स्जिन सिलेंडर फैक्ट्री 137 के बजाये 250 में दे रहे है

 सूत्रों से मिली ,एक खबर (vinod meghwani)अतुल आक्स्जिन  जामुल में स्थित है कोरोना संक्रमण के मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण आक्स्जिन की खपत बड़ गई फेक्ट्री मालिको को जो उनके मुंहमांगे दाम पर आक्स्जिन ले रही उनको तुरन्त सप्लाई की जाती है । छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यो में भी आक्स्जिन यंहां से जाती है । फेक्ट्री  अनिमितताओं का केंद्र बनी हुई थी इसकी खबर जब खाद्य एवं औषधि विभाग को मिली विभाग के अधिकारी जांच करने पुहुचे उनसे दुर्व्यवहार हुआ।ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी, जांच को पहुंची  कुछ लोग कोरोना महामारी को भी कमाई का अवसर मान रहे हैं। अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति करने वाली एक कंपनी निर्धारित कीमत से ज्यादा दर पर सिलेंडर की बिक्री कर रही थी। इसकी शिकायत मिलने पर औषधि प्रशासन विभाग की टीम कंपनी की जांच के लिए पहुंची। जांच के दौरान कुल 17 बिंदुओं पर अनियमितता पाई गई। बड़े पैमाने पर अनियमितता मिलने के बाद कंपनी संचालक ने टीम के अधिकारियों को धमकाना शुरू कर दिया। धमकाने पर भी जब अधिकारी कार्रवाई की बात पर डटे रहे तो उनसे मारपीट कर उनका मोबाइल छीन लिया गया। पीड़ित अधिकारियों ने जामुल थाने में इसकी शिकायत की है। जिसके आधार पर पुलिस अपराध दर्ज कर रही है।

जानकारी के मुताबिक ड्रग इंस्पेक्टर ब्रजराज सिंह और ईश्वरी नारायण सिंह व विभाग के अन्य अधिकारियों के साथ बुधवार को औद्योगिक क्षेत्र जामुल स्थित अतुल ऑक्सीजन कंपनी में गए थे। अधिकारियों को जानकारी मिली थी कि उक्त कंपनी में निर्धारित से ज्यादा कीमत पर सिलेंडर की बिक्री की जा रही है। ऑक्सीजन के एक सिलेंडर की कीमत 137 रुपये निर्धारित है, लेकिन कंपनी संचालक उसे 220 रुपये से लेकर 250 रुपये तक में बेच रहा था। मुख्यालय स्तर पर इसकी शिकायत होने के बाद बुधवार को दोपहर में विभाग की टीम वहां पहुंची थी। जांच शुरू की गई तो वहां लगी मशीनरी के सामान और एक्सपायरी डेट के सिलेंडर मिले। कुल 15 बिंदुओं पर अनियमितता मिली। शाम करीब चार बजे तक जांच चली। जांच पूरी होने के ठीक पहले कंपनी का संचालक अतुल अग्रवाल वहां पहुंचा और उसने अधिकारियों को अपनी केबिन में बुलाया। वहां पर जांच रिपोर्ट में हस्ताक्षर करने के बजाए अधिकारियों से विवाद शुरू कर दिया। इसके बाद कंपनी संचालक अतुल अग्रवाल, कंपनी के इंचार्ज जुगल सिकदार व अन्य कर्मचारियों के साथ मिलकर ड्रग इंस्पेक्टर ब्रजराज सिंह और ईश्वरी नारायण सिंह व टीम में शामिल अन्य लोगों के साथ मारपीट शुरू कर दी। इसके बाद आरोपित अतुल अग्रवाल ने दोनों अधिकारियों का मोबाइल भी छीन लिया।।

मामला थाना पहुंचते ही भिजवाया मोबाइल

शिकायतकर्ता ड्रग इंस्पेक्टर ईश्वरी नारायण सिंह ने बताया कि जब कंपनी संचालक अतुल अग्रवाल ने उनके साथ विवाद शुरू किया तो उन्होंने उसकी रिकॉर्डिंग शुरू कर दी। वीडियो रिकॉर्डिंग होता देख अतुल अग्रवाल ने उनका व ब्रजराज सिंह का मोबाइल छीन लिया। शाम को वे शिकायत के लिए जामुल थाना पहुंचे तो कंपनी के लोग भी पीछे-पीछे आए। शिकायतकर्ता जैसे ही थाने से निकले, कंपनी से आए लोगों ने उनके मोबाइल को थाने में जमा कर दिया। हैरानी की बात तो ये है कि बिना किसी लिखा-पढ़ी के पुलिस ने मोबाइल को रख भी लिया। अब पुलिस इस केस में नरमी बरतने के बाद खुद फंसती दिख रही तो दोनों मोबाइल को थाने में न लेने की बात कह रही है।

शिकायत के बाद ही कार्रवाई शुरू कर दी गई है। शिकायतकर्ताओं को बुलाया जा रहा है। उनके आते ही आरोपितों के खिलाफ अपराध दर्ज किया जाएगा।

- डीएस मंडावी, प्रभारी जामुल थाना ने बताया ।


बुधवार, 9 सितंबर 2020

कलेक्टर ने खोया सयंम,,,,पत्रकार पर निकला ,,,,,गुस्सा,,

 सूत्रों से मिली ,एक खबर (कांकेर vinod meghwani )जिले का कलेक्टर जिले का राजा होता है और शहर वासी प्रजा इसलिये राजा को हर परस्थितियों में सयंम रखना पड़ता है । लेकिन कांकेर जिले के कलेक्टर ने अपना सयंम खो दिया और ओर निंदा के पात्र बन गए । के. एल .चौहान कलेक्टर ने पत्रकार पर आपा खोते हुए वाट्सएप ग्रुप में लिखा – “लॉकडाउन कर देंगे तो क्या ये न्यूज़ डालने वाले का बाप गरीबो को खाना देगा  ?? । कांकेर जिले में जिले के कलेक्टर के.एल चौहान द्वारा पत्रकार निपेन्द्र ठाकुर के लेख पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई !

कांकेर जिले के युवा निर्भीक पत्रकार निपेन्द्र ठाकुर ने जिला प्रशासन को अपने लेख द्वारा सुझाव दिया था कि कोरोना महामारी पूरे देश व राज्य में विकराल रुपले चुका है और कांकेर जिला भी इससे अछूता नहीं रहा है ! कांकेर कलेक्टर के कई कर्मचारि कोरोना के चपेट में आने के कारण कलेक्टर परिसर को सील करना पड़ा ! इस कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हए पत्रकार निपेन्द्र ठाकुर ने अपने लेख में कलेक्टर के.एल. चौहान को एक वाहट्सएप्प ग्रुप में सुझाव दिया कि, कांकेर जिला मुख्यालय में लॉकडाउन का निर्णय लिया जाए !

इस प्रतिक्रिया से बौखलाए कांकेर कलेक्टर के.एल.चौहान ने अपना आपा खोते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए लिखा कि-“दोबारा लॉकडाउन कर देंगे तो क्या ये न्यूज़ डालने वाले का बाप गरीबो को खाना देगा”।

कलेक्टर की इस अमर्यादित और बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद कांकेर जिले के पत्रकारों ने विरोध उनको हटाने को लेकर मौन प्रदर्शन करते हुए घड़ी चौक से होकर कलेक्टर चौक तक रैली निकली और उनका पुतला फूंका।

कांकेर कलेक्टर के एल चौहान इससे पहले भी विवादों से नाता रहा है ! इनमें सबसे चर्चित मामला कांकेर के इमलीपारा क्वारंटाइन सेंटर के ताजा मामला 580 रुपये टमाटर के खटीदने का हो । इसके पहले 2018 में भिलाई नगर निगम आयुक्त रहते उन्होंने एक सिख विसिल ब्लोअर मेहरबान सिंह को अपनी घड़ी दिखाते हुए कहा था- सरदार जी 12 बज गए तब भी उनके कारण प्रशासन की खासी किरकिरी हो चुकी है !

गरीब हो अमीर कोरोनो मरीज ईलाज निजी हॉस्पिटलों में मुफ्त हो ,,,जोगी जी


 एक खबर (vinod meghwani )रायपुर— जनता कांग्रेस प्रमुख अमित जोगी ने सरकार से मांग की है कि राज्य का स्वास्थ्य विभाग बीमार, कोरोना मरीजों का निजी अस्पतालों में हो मुफ्त में इलाज कराए। छत्तीसगढ़ में निजी अस्पतालों की भागीदारी के बिना यूनिवर्सल हेल्थ केर और कोरोना की जंग जीतना असम्भव है। जनता कांग्रेस कार्यालय से जारी प्रेस नोट के अनुसार अमित जोगी ने कहा कि  सरकार निजी अस्पतालों के लिए जारी खर्च सम्बन्धी आदेश को वापस ले। ,जनता काँग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि सरकार सभी राशन कार्डधारी COVID-19 मरीज़ों का  प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराए। इसके पहले सम्पूर्ण खर्चा स्वयं वहन करने का एलान भी करे। अमित जोगी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 80 प्रतिशत आसीयू बिस्तर, वेंटिलेटर और क्रिटिकल केयर डॉक्टर निजी अस्पतालों में हैं। सरकारी अस्पतालों के भरोसे मात्र 20 प्रतिशत लोगों का ही इलाज संभव है। सरकार ने अपनी बेहद सीमित क्षमता को बड़ाने के लिए पीछले 3 महीनों में कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। अमित जोगी ने बताया कि सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों को उपचार के वास्तविक खर्चे से आधे से भी कम दरों में लोगों का इलाज करने का फ़रमान जारी किया है। जिसका नतीजा है कि गरीब और बिना बीमा वाले मरीज़ों के उपचार के लिए दरवाज़े बंद कर दिए गए हैं।  कई मरीज़ों को तो बीमारी की अवस्था में ही डिस्चार्ज करने के लिए मजबूर किया गया है।  अमित जोगी ने सरकार से सवाल भी किया है कि बताए ये लोग अब कहाँ जाएँगे ?                        प्रेस नोट में अमित जोगी जोगी के हवाल बताया गया है कि महामारी की विस्फोटक स्थिति को क़ाबू करने के लिए सरकार अपना आदेश वापस ले। सभी राशन कार्डधारी COVID-19 मरीज़ों का  प्राइवेट अस्पतालों में इलाज का पहले से सम्पूर्ण खर्चा स्वयं वहन करने का ऐलान करे। क्योंकि सच्चाई तो यह है कि छत्तीसगढ़ में निजी अस्पतालों की भागीदारी के बिना यूनिवर्सल हेल्थ केयर और कोरोना की जंग जीतना असम्भव है।

सोमवार, 7 सितंबर 2020

हौसला रखो ये दिन भी कट जायेंगे


 कोरोनो के इस दौर में हर कोई अपने स्तर पर परेशान हर कोई आर्थिक चुनौतियों के दौर में हैं। व्यापार या काम धन्धा ठप्प हो गया। पेमेंट नहीं आ रही, बिक्री न के बराबर है। पैसे मांगने वालों के बार-बार तकादे आ रहे हैं।

याद रखना है कि ये हालात हमारी  वजह से नहीं आए हैं।लगभग सभी के यही आर्थिक हालात हैं।

आप ख़ुद को दोष न दें।

 न हार,अपमानित महसूस करें।

 रास्ता नज़र नहीं आएगा लेकिन,,,

 *हिम्मत न हारें। कम से कम खर्च करें।*

*दिखावे से बचे*

 *किस्तों मेँ कटौती करे ।*

*अपनी मानसिक परेशानियों को लेकर अकेले न रहें।* 

*दोस्तों से बात करें,*

 *रिश्तेदारों से बात करें।*

*किसी तरह का बुरा ख़्याल मस्तिष्क में आए तो न आने दें।*

इस स्थिति से कोई नहीं बचा हैं ना ही बच सकता।

समस्या कम ज्यादा हो सकती हैं

धीरे धीरे खुद को पहाड़ काट कर नया रास्ता बनाने के लिए तैयार करें। 

अपनी भाषा या सोच ख़राब न करें। 

कुछ भी हो जाए, जीना है, कल के लिए।परिवार के लिये,समाज के लिए, देश के लिए

धीरज रखें। कम में जीना है। यह वक्त हमारा इम्तहान लेने आया है।

भरोसा रखिए जब हम  एक बार शून्य से शुरू कर यहाँ तक आये थे तो  एक और बार शून्य से शुरू कर हम कहीं से कहीं पहुँच जाएँगे। बस यूँ समझिए कि हम  लूडो (सांप सीढ़ी) खेल रहे थे। 99 पर साँप ने काट लिया है, लेकिन हम  गेम से बाहर नहीं हुए हैं। क्या पता कब सीढ़ी मिल जाए। थोड़े दिन झटके लगेंगे, उदासी रहेगी लेकिन हँसते-मुस्कराते रहिये। हम दोबारा बैलगाड़ी से शुरुआत करके मर्सिडीज तक पहुंचने का हौसला रखते हैं।

प्रतिदिन सुबह शाम टहलने अवश्य जाए शारीरिक व्यायाय करे,व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली चीजे खाये।

 *अपनी सेहत का ध्यान रखें ।अपने आपको परिवार को बीमारी से बचाकर रखें यही हमारी 2020 वें साल की कमाई है*

अपन बहुत भाग्यशाली हैं कि अपना जन्म हिंदुस्तान जैसे पवित्र देश में हुआ है,औऱ उससे भी ज्यादा भाग्यशाली और धन्य तो इसलिए महसूस करते हैं कि उत्तम कुल व विश्व के सर्वोच्च व श्रेष्ठ धर्म के साथ दोस्तो व रिस्तेदारों का सहयोग दुःख सुख में  हमेशा रहा है. ओर हमेशा भगवान ,ईश्वर ,जिसे आप मानते है उस पर विश्वास रखे ।

रविवार, 6 सितंबर 2020

ट्रक ने बेलोरो को ठोका बेलोरो ने महिला को रौंदा वीडियो देखें


 एक खबर (vinod meghwani) भिलाई 3 सिरसा गेट के पास एक दर्दनाक दुर्घटना घटी है ।लगभग 11 बजे सिरसा गेट बंद था  एक बाइक सवार के साथ महिला खडी थी । सामने से बेलोरो आ रही थी उसके पीछे ट्रक था ।ट्रक डॉयवर ने ब्रेक की जगह  एक्सीलेटर पर हड़बड़ी में पैर रख दिया सीधा बेलोरो को घसीट लिया बेलोरो से महिला उछली ट्रक के नीचे वीडियो देखें

शनिवार, 5 सितंबर 2020

सिंध प्रान्त बनाये केंद्र सरकार

 अंडमान निकोबार को ,,,,, सिंध प्रांत बनाया जाए  ,,,,,                         विशेष खबर।               एक खबर (vinod meghwani )सिन्धी साहित्य और सिन्धी संस्कृति को जीवित रखने के लिए अंडमान निकोबार को ,,,सिंधु प्रान्त  का नाम दिया जाना चाहिये ।अंडमान और निकोबार भारत का एक संघशासित/केंद्रशासित प्रदेश है, जिसकी राजधानी साउथ अंडमान में स्थित ‘पोर्ट ब्लेयर’ है, जोकि भारत के प्रमुख पत्तनों में से एक हैं|इस द्वीपसमूह में भूमध्यरेखीय या विषुवतीय प्रकार की जलवायु व वनस्पति पायी जाती है और संवहनीय वर्षा होती है| सघन सदाबहार वन, प्रकृतिक सुंदरता और जनजातीय जनसंख्या व संस्कृति यहाँ की पहचान है|सिन्धी समाज के साथ विभाजन के समय से राजनीतिक दलों ने अन्याय किया उनसे पूछे बिना ही सिंध प्रांत को पाकिस्तान को दे दिया गया । और विभाजन के समय सिन्धी समाज के लीये प्रान्त न बनाकर उनके साथ अन्याय हुआ ।

सिंध प्रांत न बनाने की ऐतिहासिक भूल को1956 में भी ठीक किया जा सकता था जब राज्यों का पुर्नगठन हो रहा था । तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू चाहते थे की प्रान्तों का गठन एक प्रशासनिक इकाई की तरह हो , न की भाषाई आधार पर। लेकिन उनकी इच्छा के विपरीत राज्यो की सरहदे भाषाओ की बिना पर ही खिंची ।इसने सिंधी भाषा के लिए हमेशा के लिए एक मुश्किल खड़ी कर दी ।जहाँ दूसरी भाषाओ को राज्य का सहारा मिला वही संस्कृत और उर्दू के अलावा सिंधी तीसरी ऐसी भाषा बनी जो संविधान के आठवें शेड्यूल में तो तो थी पर उसका कोई राज्य नहीं था । उस वक्त देश भर में बिखरे सिंधियों के लिए अपने राज्य के लिये आंदोलन करने से ज्यादा जरूरी था जिन्दा बचे रहना ।इसलिये छिटपुट मांगे उठती रही, पर कोई बड़ा आंदोलन नहीं हुआ। अपने लिए अलग राज्य की मांग अब सिंधी नेता अक्सर उठाते हैं पर किसी राज्य से जमीन लेकर नया सिंध बनाना एक ऐसा बवाल है जिसमें कई शान्तिप्रिय सूफीवादी सिंधी नहीं पड़ना चाहते ।इसलिए कुछ सिंधी नेता ‘लैंडलेस स्टेट’ की माँग करते हैं। उनका तर्क है कि जब भारत सरकार ‘तिब्बत गवर्नमेंट इन एक्साइल’ की अनुमति दे सकती है तो सिंधी तो भारत माता के सपूत हैं । फार्मूला कोई भी हो ।अलग सिंध प्रान्त न सिर्फ सिंधियों के लिये बल्कि सभी देशवासियों के लिए गर्व का विषय होगा , क्योंकि सिंध के बगैर हमारा राष्ट्र गान अधूरा है। जैसा कि बिहार के हेमंत सिंह अपनी किताब ‘आओ हिंद में सिंध बनायें’ में लिखते हैं, ‘‘हमें कच्छ के निकट समुद्र से कुछ जमीन रिक्लेम कर सिंध बनाना चाहिए जो न सिर्फ सिंधी संस्कृति का केन्द्र हो, बल्कि एक बंदरगाह और बड़ा व्यापार केन्द्र भी हो। यह हमारे राष्ट्र गान में आ रहे सिंध शब्द का सम्मान होगा और राष्ट्र गान पूरा होगा।’’सिंधियों के राजनीतिक पुर्नस्थापन के लिये एक और फार्मूला जो सिंधी काउसिंल आफ इण्डिया ने अपनी माँगों में रखा, वह है संविधान संशोधन के जरिये लोकसभा में 14, राज्य सभा मे 7 और अलग-अलग विधानसभाओं में 5 से लगा कर 15 सीटों तक सिंधियों के लिए आरक्षित करना ताकि राज्य न होने की भरपाई की जा सके।


राज्य न होने का सबसे बड़ा नुकसान सिंधी भाषा संस्कृति ने भुगता है । फारसी और अंग्रेजी ने यह साबित किया है कि भाषा के विकास मे राज्य की भुमिका महत्वपूर्ण है । हालांकि भारत सरकार ने 1968 में सिंधी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कर इस नुकसान की कुछ भरपाई की है। पर यह काफी नहीं है। सिंधी इतिहासकार मोहन गेहानी कहते हैं कि सरकार कम से कम इतना तो करती कि भारत भवन की तर्ज पर एक बड़ा सांस्कृतिक केन्द्र बनवा देती, जहाँ सिंधियों की 5000 साल पुरानी संस्कृति और कलाओं के संवर्धन का काम हो सकता। या फिर सिंधीयो को भाषाई अल्पसंख्यक मानते हुए सरकार उनके हितो की रक्षा कर सकती थी परन्तु राजनीतिक इच्छाशक्ति के आभाव में ऐसा हो न सको जबकि हमारा संविधान भाषाई और धार्मिक अल्पसंख्यकों मे कोई भेद भाव नही करता ।सिंध प्रांत बनने से अल्पसंख्यक सिन्धी समाज के साथ 70 साल बाद न्याय होगा । एक खबर विनोद मेघवानी । निवेदन इस पोस्ट को इतना शेयर करे जब तक सिंध प्रांत की घोषणा न हो जाये ।


मंगलवार, 25 अगस्त 2020

F. I. R

 पूज्य छत्तीसगढ़ सिन्धी पँचायत ने इतिहास रच दिया कोरोनो काल के इस दौर में सक्रिय हो कर समाज हित के कार्य कर रही है छत्तीसगढ़ में  किसी भी समाज ने लगातार 20  zoom की हो ऐसा रिकार्ड नही है । सिन्धी समाज की पूज्य छत्तीसगढ़ सिन्धी पँचायत  ने 20 वी zoom मिटिंग का आयोजन कर ये रिकार्ड बनाया है । रायपुर के पूर्व विधायक प.छः सी. प. के वर्तमान अध्यक्ष श्री श्रीचंद सुंदरानी जी ने कल की मिटिंग में ये जानकारी दी । आयोजित zoom मिटिंग के होस्ट थे सी.ऐ. चेतन तारवानी जी मीटिंग की शुरुआत भारतीय सिन्धी समाज की गौरव नागपुर की सिन्धी गायक श्रीमति  मंजुश्री आसुदानी ने झूलेलाल साँई के भजन से की । आज की मीटिंग के मुख्यवक्ता थे रायपुर की जानी मानी हस्ती एडवोकेट श्री रूपचंद नागदेव जी जो एक मशहूर वकील है ।आज की मीटिंग का विषय था,,,,,,F.I.R,,,,,,,जी से पे नागदेव जी बारीकी से ओर स्पष्टता से जानकारी दी ।एफ आई आर क्या है?

एफ आई आर का मतलब होता है फर्स्ट इनफार्मेशन रिपोर्ट जिसे हिंदी में ‘प्राथमिकी’ भी कहते हैं। किसी अपराधिक घटना की पहली सूचना जो दर्ज किया गया हो या कानून का अवहेलना करने पर थाना में दर्ज की गई प्रथम सूचना को ‘एफआईआर’ कहा जाता है। किसी अपराध के लिखित या मौखिक सूचना के बाद तैयार किया गया प्रपत्र ‘प्राथमिकी’ कहा जाता है। पुलिस द्वारा अपराध की जांच-पड़ताल का पहला कदम प्राथमिकी दर्ज करना है।

एफ आई आर क्या है और क्या करें जब पुलिस F.I.R. ही न ले?

टेलीफोन के माध्यम से भी एफ आई आर किया जा सकता है

कानून के मुताबिक किसी घटना की सूचना पुलिस को टेलीफोन के माध्यम से भी दिया जाए, तो टेलिफोनिक सूचना को भी पुलिस एफआईआर के रूप में ट्रीट करें। लेकिन प्रायोगिक तौर पर न तो टेलिफोनिक सूचना को यह एफआईआर के रूप में देखा जाता है और न ही अपराध से जुड़ी घटनाओं का रपट दर्ज कर जांच किया जाता है।

सामान्यतः लिखित सूचना दिए जाने के बाद ही रिपोर्ट दर्ज किया जाता है। साथ ही साथ, मौखिक और लिखित सूचना प्राप्त होने के बाद मौके पर अपराध से जुड़ी गतिविधियों का सत्यापन और घटनास्थल किस क्षेत्र में आता है, की पुष्टि के बाद ही आमतौर पर प्राथमिकी दर्ज किया जाता है। अब आप जान चुके है की क्या है एफ आई आर.।

क्या हैं कानूनी दांवपेच

नियमों के मुताबिक किसी भी गैर कानूनी संज्ञेय अपराध (cognizable offence) की रपट किसी भी थाने में दर्ज कराने का प्रावधान है। परंतु ज्यादातर मामले में थाना द्वारा टाल-मटोल की नीति अपनाई जाती है। आवेदक या सूचक को संबंधित थाने में सूचना देने के लिए कहा जाता है। हद तो तब होती है जब सीमा विवाद के मामले में कई बार रिपोर्ट तक दर्ज नहीं किया जाता है। यहां तक कि किसी घटना में घायल को पुलिस सीमा विवाद के कारण हाथ नहीं लगाती। जिसके कारण घायल व्यक्ति की मौत हो जाती है। थाना के ठीक सामने घटना को कारित किए जाने के बावजूद मामला दर्ज नहीं किया जाता है। तर्क के रूप में यह बताया जाता है कि घटनास्थल हमारे क्षेत्राधिकार से बाहर है, संबंधित थाना को सूचित कर कार्रवाई के लिए कहा जाए।

एफ आई आर क्या है और क्या करें जब पुलिस F.I.R. ही न ले?

लेकिन कानून के मुताबिक यह कहा गया है कि आवेदन जमा करने के 24 घंटे के अंदर एफआईआर दर्ज किया जाए। लेकिन इन सभी कानूनों से इतर भी काम किया जाता है। एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद आवेदक को रजिस्टर्ड प्रति भी दिए जाने का प्रावधान है। घटना के 24 घंटे के अंदर एफआइआर दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू किया जाता है। इन्हीं 24 घंटे के अंदर दर्ज की गई प्राथमिकी की कॉपी संबंधित न्यायालय को भी सौंपना होता है।

संज्ञेय अपराध के मामले में एफआईआर के तुरंत बाद अभियुक्तों की गिरफ्तारी का प्रावधान

कानून के अनुसार संज्ञेय अपराध के मामले में एफआईआर दर्ज होने के तुरंत बाद अभियुक्तों की गिरफ्तारी का प्रावधान भी उल्लिखित है। साथ ही, कई अन्य मामलों में भी जांच के बाद गिरफ्तारी का विकल्प की चर्चा नियमों में किया गया है।

अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम, महिलाओं से बलात्कार के लिए प्रयुक्त धारा 376 और 376 (G) और छेड़छाड़ से संबंधित धारा 354 सहित भारतीय दंड विधि की अन्य धाराओं में भी अभियुक्त की तुरंत गिरफ्तारी संभव है। गिरफ्तारी के संबंध में कानून यह बतलाता है कि गिरफ्तार किए जाने के 24 घंटे के अंदर अभियुक्त को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाना चाहिए।

लेकिन पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के समय की इंट्री भी मनमाने तरीके से किया जाता है। इसके पश्चात आरोपियों के न्यायालय से जमानत मांगने पर कोर्ट संबंधित थाना से डायरी की मांग कर सकता है। डायरी के माध्यम से केस से संबंधित पूरी रिपोर्ट कोर्ट को बताया जाता है। फिर कोर्ट आरोपियों की जमानत के मुद्दे पर अपना फैसला सुनाता है।

इन प्रक्रियाओं का एक अहम् हिस्सा सुपरविजन अर्थात थानाध्यक्ष द्वारा लगाए गए धाराएं और उसके मुदालयों (आरोपियों) का सत्यापन किया जाता है। यदि सत्यापन में धारा और आरोपी दोनों का परस्पर संबंध घटना से हो तो केश को सही कर आरोपियों को दोषी बताते हुए न्यायालय को चार्ज शीट के रूप में अंतिम रिपोर्ट पुलिस द्वारा सौंपा जाता है। जिसमें पुलिस द्वारा आरोपियों को दोषी मानते हुए कोर्ट से पीड़ितों के लिए न्याय की मांग भी उल्लिखित होता है। जिसके बाद कोर्ट प्राथमिकी हेतु आवेदन, केश से संबंधित डायरी और सुपर विजन रिपोर्ट पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुनाता है।

क्या करें जब पुलिस F.I.R. ही न ले?

ये आपने जान लिया की एफ आई आर क्या है और अब ये बताते हैं की क्या करें जब पुलिस F.I.R. ही न ले? किसी घटना के प्राथमिकी दर्ज करने से यदि थानाध्यक्ष इनकार करता है, तो ऐसे मामलों में पीड़ितों द्वारा वरीय अधिकारियों और न्यायालयों के शरण लिया जाता है। केस के स्वरूप को देख कर वरीय अधिकारी या कोर्ट थानाध्यक्ष को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देते हैं। जिसके बाद थानाध्यक्ष द्वारा प्राथमिकी दर्ज किया जाता है।

नियमों के मुताबिक किसी भी अपराध का मामला दर्ज करने का अधिकार केवल थानाध्यक्ष को है। यदि थानाध्यक्ष को ऐसा प्रतीत होता है कि मामला संज्ञेय नहीं है तो ऐसी स्थिति में वरीय अधिकारी और न्यायालय को अपना जांच रिपोर्ट भेजकर प्राथमिकी दर्ज नहीं करने के लिए आश्वस्त कर सकता है। जबकि ऐसा कानून में उल्लिखित नहीं है।

यदि अपराध संज्ञेय नहीं प्रतीत होता है, तो ऐसे मामलों में कार्रवाई कोर्ट के निर्देश पर किए जाने का उल्लेख नियमों में किया गया है। पीड़ित द्वारा पुलिस को दी गई सूचना अगर पर्याप्त नहीं है, तो पुलिस कार्रवाई करने के लिए बाध्य नहीं है। इसके लिए पुलिस को अपने स्टेशन डायरी में मामले के साथ कार्रवाई नहीं करने के कारण को स्पष्ट करना  होगा तथा इसकी सूचना आवेदन किया सूचक को भी देना होगा। मींटिंग के सयोजक थे चेयरमैन श्री रूपेश बबन भोजवानी ,कार्यकारी अध्यक्ष ,CA चेतन तारवानी  जी , जीतू बड़वानी जी ,महासचिव इंद्र कुमार डोडवानी प्रवक्ता दिनेश अठवानी जी । एक खबर

शुक्रवार, 21 अगस्त 2020

Rus me bde netaa ka madar

 (هڪ خبر ونود ميگھواني) ذريعن کان مليل toاڻ مطابق ، روس جو اپوزيشن ليڊر (ماسڪو) ايڪسسي نيولني زهر ڏيڻ سبب جهاز جي سفر دوران بيمار ٿي ويو ۽ کيس سائبيريا جي اسپتال جي ICU ۾ وينٽيليٽر تي رکيو ويو آهي. اها معلومات هن جي ترجمان طرفان خميس ڏينهن ڏني هئي. . اپوزيشن ليڊر Alexei Navalny روس ۾ زهر ڏئي ويو هو ، ICU ۾ وينٽيليٽر تي

ترجمان ڪيرا يرمش چيو آهي ته صدر ولاديمير پوتن جو سخت مخالف نيولين بيمار بيمار ٿي ويو آهي جڏهن سائبريا شهر ٽامسڪ مان جهاز سان ماسڪو واپس وڃي رهيو هو. هن ٽوئيٽ ڪيو ، ”جهاز جي هنگامي لينڊ اومسک ۾ ڪئي وئي ، نيوي کي زهر ڏئي ڇڏيو ويو آهي.“ هن ايڪو ماسڪوي ريڊيو اسٽيشن کي ٻڌايو ته نيويلي پسين ڪندي هئي ۽ مون کي ڳالهائڻ لاءِ چيو ته جيئن اهو آواز مرکوز ٿي سگھي ٿو. انهي کان پوء هو ٽوائلٽ ڏانهن ويو جتي هو بيٺو.

يرمش چيو ته نيولني کي صبح جي چانهه سان گڏ ئي ڪو زهر ڏنو ويو هوندو. هن ٽوئيٽ ڪيو ، ”ڊاڪٽرن جو چوڻ آهي ته زهر ڪجهه گرم مادين سان ڪيو ويو.“ ترجمان چيو ته نيولني جي ٽيم پوليس کي اسپتال طلب ڪيو آهي.

روس جي سرڪاري ابلاغي اداري اسپتال جي چيف ڊاڪٽر جي حوالي سان ٻڌايو آهي ته مخالف سياستدان جي حالت نازڪ آهي.

مون کي توهان کي ٻڌايان ٿو ته گذريل سال انتظاميا جي گرفتاري کانپوءِ کيس جيل مان اسپتال آندو ويو ۽ ان جي ٽيم کي زهر ڏيڻ جو شڪ هو. ڊاڪٽرن کيس ٻئي ڏينهن اسپتال مان ڊسچارج ڪيو هو ۽ سخت الرجي جو سبب ٻڌايو ته کيس واپس جيل موڪليو ويو آهي.

शनिवार, 8 अगस्त 2020

डॉक्टर कहता है सायकल चलाओ सेहत बनेगी नेता कहता है कार चलाओ देश की अर्थव्यवस्था सुधरेगी

 दो ऐसे जोक्स जिनको पड़ने के बाद अहसास होगा दूर देखी चीज ओर सामने देखी चीज  में क्या अंतर है 🔆

मॉर्निंग वॉक के बाद *डॉक्टरों* का एक ग्रूप नाके पे चाय पी रहा था।


दूर से एक आदमी लंगडाता हुआ आ रहा था...


एक डॉक्टर ने पुछा - "क्या हुआ होगा उसे.?"


*पहला बोला -* "Left knee arthritis"।


*दूसरा बोला -* "ना ना, मेरे हिसाब से Plantar Facitis'।


*तीसरा बोला -* "कुछ भी क्या ? Ankle sprain लग रहा है"।


*चौथा बोला -* "अबे सालों ज़रा ठीक से देखो, वह आदमी एक पैर ठीक से उठा नहीं पा रहा। Foot drop जैसा है। उसके Lower motor neurons की लग गयी है !"


*पांचवा बोला -* "मुझे तो यह Hemiplegia का scissors gate लग रहा है"।


छटा कुछ बोलता तब तक आदमी पास पहुँच चुका था। उसने सबसे बडी विनम्रता से पूछा - *"यहाँ कहीं आसपास मोची की दुकान है क्या? वो क्या है कि, मेरी चप्पल का अंगुठा टूट गया है.!"*


*देश के हालात कुछ ऐसे ही हैं..!*

किसी को विषय का ज्ञान हो ना हो, मगर ज्ञान बांटना जरूरी है...!!

 *अर्थव्यवस्था का दुश्मन साइकिल चालक* 😆😆😆😆😆😆

*आश्चर्यजनक लेकिन सत्य ।          संजय ठकराल, यूरो एक्जिम बैंक के सीईओ, अर्थ चक्र कैसे चलता है,  इसका विश्लेषण करते हुए अर्थशास्त्रियों के बीच कहते हैं-*

*एक साईकिल चलाने वाला देश की अर्थव्यवस्था के लिये किस प्रकार घातक है ।*

 -न तो वह कार खरीदता है, न ही कार के लिए लोन ही लेता है। 

- न ही वह इनस्योरैन्स लेता है। -न ही वह पैट्रोल खरीदता है। -न ही वह कार की सर्विस कराता है ,न ही मरम्मत। -न ही वह पार्किंग का उपयोग करता है। -

*न ही उसे मोटापा सताता है। -जी हाँ---स्वस्थ् आदमी के कारण अर्थव्यवस्था नहीं चलती*।

न तो वह दवा खरीदेगा ,न ही हास्पिटल और डॉक्टर का मुँह देखेगा । -ऐसे लोग देश की GDP में कोई योगदान नहीं करते।


जबकि एक मैकडोनाल्ड का रैस्त्रराँ कम से कम 30लोगों के लिये रोजगार सृजन करता है। 10 हृदय रोग विशेषज्ञ,10 दाँतों के डॉक्टर,10 वजन घटाने वाले विशेषज्ञ और इसके अलावा उस रैस्त्रराँ में काम करने वाले कर्मचारी। *आप क्या चुनेंगे  एक साईकिल वाला या एक मैकडॉनल्ड्स ।*😂एक खबर

मद्रास हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस बनी विजया के टहलरामाणी

 मद्रास हाईकोर्ट में आजदी के बाद पहली बार सिन्धी महिला चीफ जस्टिस के पद पर नियुक्ति हुई पूरे भारत वासियों के लीये ये गर्व की बात है और भारत विश्व के सिन्धी समाज के लिए गर्व की बात हैं सिन्धी समाज  की बेटी ,,,विजया के टहलरामाणी चीफ जज बनी है सिन्धी समाज की बेटियाँ को आगे बढ़ने के लीये विजया जी प्रेणादायक है इनसे सिख लेते सिन्धी समाज की ओर बेटियां भी समाज का नाम रोशन करेंगी जय झूले लाल

गुरुवार, 6 अगस्त 2020

चांदी का फावड़ा चांदी की करणी भेंट दी शदाणी दरबार के सन्त युधिष्ठिर लाल महाराज ने

एक खबर ( हरिद्वार )भरतीय सिन्धी समाज के लिये ओर हर भारतीय नागरिक के लीये के लिये खुशी की बात है की आयोध्या में राम मंदिर भूमिपूजन हुआ इससे ओर खुशी की बात है कि ,,,भूमिपूजन में जो चांदी का फावड़ा ओर चांदी की करनी से कार्य सेवा हुई वो छत्तीसगढ़ के माना रायपुर शदाणी तीर्थ से राम जन्मभूमि न्यास को भेंट किया गया था ।हरिद्वार। हरिद्वार स्थित शदाणी दरबार मंदिर की की ओर से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन के लिए भेंट किए गए चांदी के फावड़े और करनी से भूमि पूजन किया गया। भूमि पूजन में शदाणी दरबार की ओर से भेंट की गयी वस्तुओं का प्रयोग करने पर आश्रम के सेवादारों ने हर्ष जताया है। शदाणी दरबार के सेवादार अमरलाल ने बताया कि श्रीराम जन्म भूमि पूजन में जिस फावड़े और करनी से प्रधानमंत्री ने पूजन किया। चांदी का वह फावड़ा तथा करनी शदाणी दरबार की ओर भेंट किया गया था। भूमि पूजन में शामिल होने अयोध्या गए शदाणी दरबार के पीठाधीश्वर संत डा.युद्धिष्ठर लाल अपने साथ चांदी का फावड़ा व करनी भी लेकर गए थे। इससे शदाणी दरबार और सप्तऋषि क्षेत्र में रहने वाले लोगों में हर्ष का माहौल है। ऐतिहासिक श्रीराम भूमि पूजन में दरबार की ओर से भेंट की गई वस्तुओं का उपयोग होना हमारे साथ हिंद व सिंध में रहने वाले करोड़ों भक्तो के लिए भी गर्व के बात है। संत डा.युधिष्टरलाल महाराज भूमि पूजन के बाद अयोध्या से हरिद्वार पहुंचें।

मंगलवार, 4 अगस्त 2020

सिन्धु युवा विंग,,,एक दिया कौशल्या के राम के नाम सिंधु भवन दुर्ग के पास

*जय श्री राम*
🚩🚩🚩🚩
*सिंधु युवा विंग*
द्वारा
कल भगवान श्रीराम जी के मंदिर शिलान्यास कार्यक्रम की खुशी में;
सिंधु भवन के सामने दीप प्रज्वलन, 
राम धुन, आतिशबाजी और मिठाई वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया है।

आप सभी सादर आमंत्रित हैं 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

सिंधु सभा की इकाईयां देश भर भूमिपूजन के उत्सव में दीये जलाएंगे

सेवा         संगठन           संस्कार   
      *भारतीय   सिन्धू   सभा*
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अयोध्या में होने वाले भगवान श्रीराम मन्दिर के शिलान्यास समारोह के लिये प्रधानमंत्री का आभार व देशवासियों व समाज को बधाई ।
*देशभर में भारतीय सिंधु सभा ईकाइयों द्वारा किया जायेगा दीपोत्सव*
भारतीय सिंधु सभा युवा विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष रायपुर के सीए चेतन तारवानी ने राष्ट्र की प्रेस विज्ञप्ति को प्रस्तुत कर बताया 

3 अगस्त: भारतीय सिन्धू सभा की राष्ट्रीय कोर कमेटी की वर्चुअल बैठक में आगामी 5 अगस्त को अयोध्या में भगवान श्रीराम मन्दिर भूमि पूजन/शिलान्यास समारोह के लिये प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी, उप्र के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी व पूर्व उप प्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी जी का आभार प्रकट किया गया । इस बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री लधाराम नागवाणी जी (मुम्बई) ने की ।
    सभा के राष्ट्रीय महामंत्री भगवानदास सबनानी (भोपाल) ने कहा कि 500 वर्षाें के संघर्ष तथा लाखों बलिदानों के बाद आये ऐसे शुभ अवसर पर सभी संतो, महात्माओं व वरिष्ठजनों का सम्मिलित होना गर्व के साथ आंनद की अनुभूति देता है। सम्पूर्ण भारत में गठित सिन्धू सभा की समस्त ईकाईयों द्वारा देश के प्रमुख मन्दिरों, दरबारों में दीपोत्सव के साथ प्रसाद वितरण किया जायेगा । साथ ही अपने-अपने घरों व प्रतिष्ठानों पर भी दीपक जलाकर रोशनी की जायेगी ।
भा. सि. सभा की ओर से माननीय प्रधानमंत्री जी, उप्र के मुख्यमंत्रीजी व पूर्व उप-प्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणीजी को बधाई पत्र भी प्रेषित किया गया है।
सभा के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री भगतराम छाबडा  (कोल्हापुर) ने बताया कि समारोह में समाज की ओर से महामण्डलेश्वर हंसराम उदासीन, हरीशेवा सनातन आश्रम भीलवाडा व शादाणी दरबार रायपुर के संत युधिष्ठरलालजी भी सम्मिलित होंगे. कोर कमेटी मीटिंग में  राष्ट्रीय मंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी (अजमेर), राष्ट्रीय  कोषाध्यक्ष तुलसीभाई टेकवानी (अहमदाबाद), महिला विभाग  राष्ट्रीय अध्यक्ष  डॉ. मायाबेन कोडनानी (अहमदाबाद), केंद्रीय  कार्यालय मंत्री रेवाचंद नारवाणी (मुम्बई), ओम जेसवाणी (पुणे) उपस्थित थे।
                                                               (भगवानदास सबनानी)
राष्ट्रीय महामंत्री,
                                                                  मो. 9425014600

राष्ट्र की प्रेस विज्ञप्ति जारी कर्ता
सीए चेतन तारवानी 
9826122115 
राष्ट्रीय अध्यक्ष युवा विंग

जाम गांव M की शराब दुकान हटाई जाय और बन्द हो शराब -- सांसद विजय बघेल

एक खबर जाम गांव (m) शराब दुकान हटाने और बन्द करने के लिए सांसद विजय बघेल जी और उनके समर्थक खेमलाल साहू  ,लोकमनी चंद्राकर,लालेश्वर साहू ,(मोनू साहू जिला पंचायत सदस्य)हर्षा चंद्राकर, राजा पाठक  बसन्त चंद्राकर पुरषोतम तिवारी ,आशीष शर्मा ,कुणाल वर्मा,रवि सेंगर,पोषण वर्मा ,रवि ठाकुर व अन्य सेंकडो  भाजपाई कार्यकत्ता ,के साथ धरने पर बैठे।  पूरे जिले लॉक डाउन चल राहा है जिसके कारण सभी आवश्यक  वस्तुओं की दुकानें बंद है आस पास के इलाकों में शराब दुकाने बन्द होने के कारण जाम गांव m में शराब पीने वाले में भारी संख्या में आ रहे थे जिसके कारण इस छेत्र में कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा हो गया है।
 भाजपाई धरने से पहले सांसद विजय बघेल के नेतृत्व में रैली के साथ शराब दुकान बंद करो का नारा लगाते हुए पहुंचे। पुलिस द्वारा आंदोलनकारियों को शनिदेव मंदिर के पास रोकने का प्रयास किया । लेकिन पुलिस द्वारा लगाए रस्सी को फाँदकर अंग्रेजी शराब दुकान के पास पहुंचे। इस दौरान कई लोगो ने मौके का फायदा उठाकर शराब लूटने का प्रयास भी किया। जिस पर पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ी। कुछ देर बाद दोनों शराब दुकानों को बंद कर दिया गया। उसके बाद भी भाजपाई धरने पर बैठे 
सांसद विजय बघेल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि राज्य सरकार हरियाली के लिये पेड़ लगा रही है लेकिन जामगांव कि इस मैदान में हरियाली की जगह प्लास्टिक की घास उगी है ऐसा लग रहा है। लॉक डाउन में रायपुर, दुर्ग, भिलाई की शराब दुकानें है जिसके कारण यहाँ की भीड़ बढ़ गई है। लॉक डाऊन में सभी आवश्यक सेवा की दुकानों का एक निष्चित समय निर्धारित की गई लेकिन शराब दुकान के लिये सुबह 9 से रात 9 बजे तक का समय ये राज्य सरकार की कैसी लॉक डाउन है। मुख्यमंत्री के क्षेत्र होने के बाद भी जिला के कोई जिम्मेदार अधिकारी 5 घंटे बाद भी नही पहुंचे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सब संचालन हो रहा है। एक खबर

शदाणी तीर्थ से नवम पीठाधीश्वर सन्त श्री युधिष्ठिर लाल महाराज जी भुमि पूजन के लीये आयोध्या रवाना

(एक खबर )रायपुर अयोध्या मे राम मंदिर के भूमिपूजन 5 अगस्त को होने जा रहा है इस अवसर पर छत्तीसगढ़ से विश्व प्रसिद्ध शदाणी दरबार रायपुर के नवम पीठाधीश्वर पूज्य डाँ.संत श्री युधिष्ठिरलाल जी आज सुबह विमान से अयोध्या रवाना हुए उनके साथ उनके शिष्य भी गये। पूज्य छत्तीसगढ़ सिन्धी पँचायत ओर पूरे भारत के सभी भक्तगणों  ने संत जी से आशीर्वाद लेकर संत जी को भूमिपूजन में शामिल होने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी ।

आनंद राठी कोआत्महत्या के लिये प्रेरित करने वालो दोस्तो के खिलाफ करवाई हो --अशोक राठी

आनंद राठी को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वालो के खिलाफ मामला दर्ज हो -अशोक राठी ।दुर्ग ( एक खबर ) आनंद राठी ने आत्महत्या क्यो की क्या किसी के दबाव में  । में या फिर कोई उन्हें ब्लैकमेल कर राहा था । या फिर उनके पर्सनल लेनदेन में आत्महत्या के लिये उकसा राहा था ,,,आत्महत्या के लीये प्रेरित करना भी अपराध है ,,,मान लो आप का किसी की तरफ पैसा है । लीगल मतलब दुकानदारी का अनलीगल मतलब जुआ, सटटा, या मनी लांड्रिंग जो व्यापारी लोग खलते है और करते है ये अनलीगल है इसमें खेलने वाले ओर खिलाने वाले  दोनों दोषी होते है । क्या आनंद राठी किसी ऐसे gurp से जुड़े थे क्यो की लेने देने में अक्सर ऐसा होता है सामने वाला हावी हो जाता है ।आत्महत्या के लिए लोग विवश होते है । आनंद राठी के परिजनों ने आनंद के दोस्तो  व राजनंदगांव में रहने वाली युवती के खिलाफ करवाई की मांग की । दुर्ग भिलाई में लॉक डाउन के चलते लोंगो की आर्थिक स्थिति खराब हो गईं कोई भी किसी को धमका राहा पुलिस को कैसे पता लगे इसलिये लोंगो को पुलिस की सहायता लेनी चाहिये कानून कोई अपने हाथ मे नही ले सकता भले आपका किसी की तरफ पैसा हो आप उसके खिलाफ कंपलेंट करे उससे कानूनी रूप से अपना पैसा वसूले उसे सजा दिलाये पर कानून अपने हाथ मे न ले किसी ने आपके खिलाफ ये रिपोर्ट लिखवादी की में अमुक व्यक्ति का कर्जदार हूँ वो मुझे आत्महत्या के लीये प्रेरित कर राहा है मानिसक रूप से टार्चर कर राहा है तो आपके खिलाफ कानूनी धराये लग सकती है आप अंदर हो सकते है ,,,एक खबर विनोद मेघवानी

राम भगवान कांग्रेस के भी है --- कांग्रेस विधायक विकास उपाध्यक्ष

राम लला की जय जयकार ,,पूरा हुआ राजीव गांधी का सपना साकार  । रायपुर में  कांग्रेस सरकार के विधायक विकास उपाध्यक्ष ने राम मंदिर बनने की खुशी में पोस्टर लगवाये ।जिसे विधायक ब्रजमोहन अग्रवाल ने राजनीति बताया काहा की मन्दिर निर्माण में कांग्रेस पहले कान्हा थी विकास उपाध्यक्ष ने काहा की 1986 से राम मंदिर के लीये कांग्रेस कार्य कर रही है आईये (एक खबर आप को पूरी जानकारी बताता है )जब राजीव ने खुलवाया था राममंदिर का ताला, शुरू कराई थी पूजा
 आज देश की सियासत और धर्म एक दूसरे से गहरे जुड़े हैं। हाल ही के दशकों में देश की सियासी ज़मीन पर जिस मुद्दे ने धर्म की फसल  तेज़ी से उगाई है वो मसला है आयोध्या में राम मंदिर का। यह एक ऐसा मुद्दा है जिसने आधुनिक समय में देश की सियासत की दशा और दिशा दोनों बदल कर रख दीं। बीजेपी पिछले 28 साल से इस मुद्दे के साथ  चल रही है। लेकिन दिलचस्प ढंग से यह राजीव गांधी थे जिन्होंने विवादित स्थल पर न सिर्फ पूजा शुरू करवाई थी बल्कि राममंदिर का शिलान्यास तक करवा दिया था। तो आज चर्चा इसी  विवाद की जिसकी सियासत तो शीर्ष पर है लेकिन हल दूर दूर तक नज़र नहीं आ रहा।
बाबर से शुरू हुआ विवाद
आयोध्या  विवाद की शुरुआत 1528 की उस घटना से जोड़ी जाती है जिसमें बाबर ने रामजन्म स्थल पर मस्जिद का निर्माण कराया था। इसे लेकर हिन्दुओं में  असंतोष पैदा हुआ। यह गुस्सा 1853 में  विस्फोट बनकर पहली बार बाहर आया और आयोध्या में साम्प्रदायिक दंगे हुए। भारत उस समय अंग्रेजों का गुलाम था। विवाद बढ़ा तो ब्रिटिश शासकों ने विवादित स्थल की बाड़बंदी करा दी। बाद में  दोनों समुदायों को अलग-अलग हिस्सों में पूजा-इबादत की इज़ाज़त दे दी गयी। लेकिन मामला शांत  नहीं हुआ बल्कि सुलगता रहा।
पहली बार मंदिर की मांग
आयोध्या में विवादित स्थल पर पहली बार राम मंदिर निर्माण की बात 1885 में उठी थी। महंत रघुवर दास ने विवादित स्थल पर मंदिर निर्माण का प्रयास किया। प्रयास में बाधा आई तो उन्होने अदालत  का सहारा लेने की सोची। महंत रघुवर दस ने फैज़ाबाद की अदालत में मंदिर निर्माण के लिए अपील दायर कर दी। अपील बरसों सुप्तावस्था में रही। इसी बीच वर्ष 1949 में लगभग 50 हिंदुओं ने विवादित स्थल पर भगवान राम की मूर्ति रख दी और पूजा शुरू कर दी, इस घटना के बाद मुसलमानों ने वहां नमाज पढ़ना बंद कर दिया और सरकार ने विवादित स्थल पर ताला लगवा दिया। वर्ष 1950 में गोपाल सिंह विशारद ने फैजाबाद अदालत में भगवान राम की पूजा अर्चना के लिए विशेष इजाजत मांगी थी। उसी साल महंत परमहंस रामचंद्र दास ने हिंदुओं की पूजा जारी रखने के लिए एक अलग मुकदमा दायर किया। बाद में निर्मोही अखाड़े ने भूमि का मालिकाना हक़ उनके  पक्ष में करने को लेकर मुकदद्मा दायर किया। इसकी परिणति यह हुई कि 1961 में सुन्नी वक्फ बोर्ड भी मालिकाना हक़ की इस लड़ाई में कूद गया। 
जब शुरू हुई सियासत
अदालती दावों प्रतिदावों का प्रतिफल आने से पहले ही यह मामला चुनावी सियसत का शिकार हो गया। विश्व हिन्दू परिषद् ने 1984 में इसे लेकर आंदोलन छेड़ दिया। ऐसे में इंदिरा गांधी की हत्या की सुहानुभूति की लहर पर अकूत बहुमत लेकर सत्तासीन हुए राजीव गांधी को लगा कि कहीं यह मामला उनके खिलाफ न हो जाये इसलिए उन्होंने भी इसमें हाथ डाल दिया। वर्ष 1985 में राजीव गांधी ने विवादित स्थल का ताला खुलवा दिया। तब उन्हें सत्ता संभाले एक साल भी नहीं बीता था।   एक फरवरी 1986 को फैजाबाद के जिला न्यायाधीश ने विवादित स्थल पर हिंदओं को पूजा की इजाजत दे दी। इस घटना के बाद नाराज मुसलमानों ने बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी का गठन किया। चुनाव आते-आते राजीव गांधी ने विवादित स्थल के पास राम मंदिर का शिलान्यास भी करवा दिया, लेकिन अचानक यह मुद्दा उनके हाथ से बीजेपी ने लपक लिया। बीजेपी ने विश्व हिन्दू  परिषद् के आंदोलन को समर्थन देते हुए इसे विशुद्ध रूप से सियासी मुद्दा बना दिया। 
बीजेपी का आंदोलन, विध्वंस और शेष 
वर्ष 1989 में हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में हुए बीजेपी के अधिवेशन में  बाकायदा राम मंदिर निर्माण का संकल्प लिया गया। 25 सितंबर 1990 को लाल कृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ मंदिर से आयोध्या तक रथ यात्रा शुरू कर दी। इस रथयात्रा के कारण  कई जगहों पर विवाद/दंगे हुए।  बिहार में लालू प्रसाद ने आडवाणी की रथयात्रा रोक दी और आडवाणी को गिरफ्तार कर लिया गया। इसकी गाज वीपी सिंह की सरकार पर गिरी। बीजेपी ने समर्थन वापस ले लिया और वीपी सिंह पूर्व प्रधानमंत्री हो गए। इसी बीच उत्तर प्रदेश में बीजेपी की कल्याण सिंह सरकार बनी जिसने विवादी भूमि को अपने कब्जे में ले लिया। इस बीच विवाद इतना बढ़ा की 6 दिसंबर 1992 को बाबरी विध्वंस प्रकरण। केंद्र ने लिब्राहन आयोग का गठन किया। वर्ष 2002 में विवाद सुलझाने के लिए तात्कालीन प्रधानमंत्री ने एक अयोध्या विभाग भी शुरू किया। 2002 में ही अयोध्या के विवादित स्थल पर हक को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में तीन जजों की पीठ ने सुनवाई शुरू की। इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर भारतीय पुरातत्व विभाग ने अयोध्या में खुदाई की, जिसमें मस्जिद के नीचे मंदिर होने के प्रमाण मिले, लेकिन मुसलमानों ने इसे स्वीकार नहीं किया। 2009 में  लिब्रहान आयोग ने अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सौंपी। 30 सितंबर 2010 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवादित स्थल को तीन हिस्सों में बांटने का आदेश दिया। एक हिस्सा रामलला विराजमान, दूसरा सुन्नी वक्फ बोर्ड को और तीसरा निर्मोही अखाड़े को देने का आदेश दिया गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर नौ मई 2011 को सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी और तबसे यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है और अदालत के बाहर इस पर सियासत जारी है। छत्तीसगढ़ और देश मे राम मंदिर पर राजनीति शुरू हो गई है क्यो की छतीसगढ़ माता कौशल्या का मंदिर है जिसका पुननिर्माण छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल करा रहे है राम भगवान  सबके है कांग्रेस के नेताओ का कहना है एक खबर ,,,विनोद मेघवानी

बंद कमरे में बनाए जाने वाले वीडियो से अंधी कमाई

Vinod raja meghwani (sampadak),,,, बन्द कमरे में बनाए जाने वाले वीडियो से  अंधी कमाई कितनी हे,,,?????