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मार्च 24, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

यूनिस्को को पाकिस्तान में 1000साल पुरानी संस्कृति सिंधी इष्टदेव वरुण देव के मंदिर को बचाएं

Vinod meghwaniएक खबर ( vinod meghwani ) पाकिस्तान में 1000 साल पुराने वरुण देव के पुराने मंदिर ओर विश्व धरोधर संस्कृति  को बचाने ओर संवारने का प्रयास ,,युनिस्को ,,,को करना चाहिए --- सिंधी प्रदेश संघर्ष समिति  'पाकिस्तान' के 'सिंध क्षेत्र' में 'करांची' समुद्र के किनारे 'मनोरा द्वीप' पर एक हज़ार साल पहले हमने 'वरुण देवता' का एक मंदिर बनाया था। 'सिन्धी' लोग जिन 'झूलेलाल' की उपासना करते हैं उन्हें 'वरुण देवता' का ही अवतार माना जाता है; इसलिए हिन्दुओं में से इस मंदिर को लेकर सिंधियों के अंदर बड़ा भावनात्मक लगाव था। 'भारत विभाजन' के बाद अनेक तीर्थों की तरह यह भी हमसे दूर चला गया। इस मंदिर के प्रवेश द्वार पर लगे एक शिलालेख पर आज भी देवनागरी लिपि में ॐ, वरुण देव मंदिर अंकित है पर यह अब मंदिर नहीं रह गया है; क्यूंकि अल्पसंख्यकों से घृणा के आधार पर बने मुल्क 'पाकिस्तान' ने इस ऐतिहासिक और पवित्र मंदिर के कुछ हिस्सों और कमरों को तोड दिया है। ये स्थिति आज हो गई है ऐसा भी नहीं है, 1950 के आसपास वहां के हिंदू समुदाय ने आखिर