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जुलाई 17, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

निगम मंडलो की भर्ती में सिन्धी कांग्रेसी नेताओं की घोर उपेक्षा हुई --श्रीचन्द सुंदरानी

Vinod meghwani,,,,एक खबर  ( विनोद मेघवानी ) *मुख्यमंत्री से मांग: सिंधी साहिती अकाडमी का पूर्ववत गठन हो* *कांग्रेस में उपेक्षित छग सिंधी समाज नाराज* रायपुर।। 1880- *1885* में *महामना पं. मदनमोहन मालवीय- बाल गंगाधर तिलक व देश भर के सर्वसमाज के अथक प्रयासों से देश की आजादी हेतु कांग्रेस पार्टी का गठन हुआ*।। *अखंड भारत में तत्कालीन समयकाल में सिंध प्रदेश से आचार्य कृपलानी -नारायणदास दौलतराम आलिमचंदानी- साधु वासवानी- चोइथराम गिदवानी-निहचलदास आदि सैकड़ों सिंधी नेताओं ने अपनी मातृ संस्था कांग्रेस के उत्थान व देश की आजादी में अपना सर्वस्व न्यौछावर किया।।जिसके बारे में  मोहनदास करमचंद गांधी(सह आचार्य कृपलानी) ने अपने सिंध के उल्लेखित 7 दौरों (1916-1934) में लगभग हर मौके पर सिंधी समाज के समर्पण की भावना व योगदान का उल्लेख अपने संस्मरण में भी लिखा है व सिंध प्रदेश को भारत में न मिला पाने के दंश का भी उल्लेख है।।संघर्ष काल के दौर में आचार्य कृपलानी को उनके प्राथमिक व विशेष सहयोगी के रूप में जाना जाता था*।। *छग प्रदेश में आज के दौर में सिंधी समाज के खून पसीने से सींची कांग्रेस पार्टी में चुनावी जा