बुधवार, 17 जून 2020

कहि का ईट कहि का रोड़ा भानुमति ने कुनबा जोड़ा

कहि की ईंट कहि का रोड़ा ,,,,
भानुमति ने कुनबा जोड़ा ,,,,

भानुमती कौन थी?

दुर्योधन की पत्नी का नाम भानुमति था। भानुमती के कारण ही यह मुहावरा बना है- कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा, भानुमती ने कुनबा जोड़ा। भानुमती काम्बोज के राजा चन्द्रवर्मा की पुत्री थी। भानुमति बहुत ही सुंदर, आकर्षक, बुद्धिमान और ताकतवर थी। उसकी सुंदरता और शक्ति के किस्से प्रसिद्ध थे। यही कारण था कि भानुमती के स्वयंवर में शिशुपाल, जरासंध, रुक्मी, वक्र, कर्ण आदि राजाओं के साथ दुर्योधन भी गया हुआ था।

कहते हैं कि जब भानुमती हाथ में माला लेकर अपनी दासियों और अंगरक्षकों के साथ दरबार में आई और एक-एक करके सभी राजाओं के पास से गुजरी, तो वह दुर्योधन के सामने से भी गुजरी। दुर्योधन चाहता था कि भानुमती माला उसे पहना दे लेकिन ऐसा हुआ नहीं। दुर्योधन के सामने से भानुमती आगे आगे बढ़ गई। दुर्योधन ने क्रोधित होकर तुरंत ही भानुमती के हाथ से माला झपटकर खुद ही अपने गले में डाल ली। इस दृष्य को देखकर सभी राजाओं ने तलवारें निकाल लीं।

ऐेसी स्थिति में दुर्योधन ने भानुमती का हाथ पकड़ा और वह उसे महल के बाहर ले जाते हुए सभी योद्धाओं से बोला, कर्ण को परास्त करके मेरे पास आना। अर्थात उसने सब योद्धाओं से कर्ण से युद्ध की चुनौती दी जिसमें कर्ण ने सभी को परास्त कर दिया। लेकिन जरासंध से कर्ण का युद्ध देर तक चला।

जरासंध ने दुर्योधन की बीवी भानुमती के स्वयंवर में भी भाग लिया और जब दुर्योधन जबरन भानुमती को अपनी पत्नी बनाना चाह रहा था तब जरासंध और कर्ण में 21 दिन युद्ध चला जिसमे कर्ण जीता और पुरस्कार में जरासंध ने कर्ण को मालिनी का राज्य दे दिया। ये जरासंध की पहली हार थी।

इस तरह दुर्योधन ने भानुमती के साथ जबरन विवाह किया। भानुमती को हस्तिनापुर ले आने के बाद दुर्योधन ने उसे ये कहकर सही ठहराया कि भीष्म पितामह भी अपने सौतेले भाइयों के लिए अम्बा, अम्बिका और अम्बालिका का हरण करके ले आए थे। इसी तर्क से भानुमती भी मान गई और दोनों ने विवाह कर लिया। दोनों के दो संतान हुई- एक पुत्र लक्ष्मण था जिसे अभिमन्यु ने युद्ध में मारा दिया था और पुत्री लक्ष्मणा जिसका विवाह कृष्ण के जामवंति से जन्मे पुत्र साम्ब से हुआ था।

दूसरी ओर अभिमन्यु की पत्नी वत्सला बलराम की बेटी थी। बलराम चाहते थे कि वत्सला की शादी दुर्योधन के बेटे लक्ष्मण से हो। वत्सला और अभिमन्यु एक-दूसरे से प्यार करते थे। अभिमन्यु ने वत्सला को पाने के लिए घटोत्कच की मदद ली। घटोत्कच ने लक्ष्मण को इतना डराया कि उसने कसम खा ली कि वह पूरी जिंदगी शादी नहीं करेगा।

इसी कारण ये कहावत बनी, भानुमती ने दुर्योधन को पति चुना नहीं दुर्योधन ने जबरदस्ती की शादी। अपने दम पर नहीं कर्ण के दम पर किया भानुमती का हरण, दूसरा भानुमती की बेटी लक्ष्मणा को कृष्ण पुत्र साम्ब भगा ले गया था, तीसरा पुत्र लक्ष्मण की इच्‍छापूरी नहीं हुई और वह अभिमन्यु के हाथों युद्ध में वीरगती को प्राप्त हुआ। इस तरह की विस्मृतियों के कारण ये कहावत चरिर्तार्थ होती है। कहते हैं कि भानुमती का कर्ण के साथ अच्छा संबंध हो चला था। दोनों एक-दूसरे के साथ मित्र की तरह रहते थे। दोनों की मित्रता प्रसिद्ध थी।

भानुमती बेहद ही सुंदर, आकर्षक, तेज बुद्धि और शरीर से काफी ताकतवर थी। गंधारी ने सती पर्व में बताया है की भानुमती दुर्योधन से खेल-खेल में ही कुश्ती करती थी जिसमें दुर्योधन उससे कई बार हार भी जाता था। भानुमती को दुर्योधन और पुत्र लक्ष्मण की मौत का गहरा धक्का लगा था। एक खबर

कोरोनो का ईलाज देश भर में फ़्री हो

कोरोनो का ईलाज केंद्र सरकार आयुष्मान योजना में शामिल करें
फ़्री इलाज हो ।

चीन ने धोखे से वॉर किया । नेपाल भारत विवाद,,,ये विषय हम आम की सोच आदमी से बहुत बड़े हम कोरोनो के बारे में बात करते है जो हमारे इर्द गिर्द घूम राहा है । छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रJ8
मित मरीजो की संख्या दो हजार के लगभग पुहचने वाला है ।और बढ़ते ही जा राहा है । कोरोनो एक राष्ट्रीय आपदा है ।पर केंद सरकार ने इस बीमारी को लेकर ये घोषणा नही की है की इसका इलाज गैर सरकारी अस्पताल में भी मुफ्त होगा । उल्टे ये घोषणा कर दी  की प्राइवेट लेबो में जांच करने की 4500 / रुपये होगी ।  ये आम जनता के साथ नाइंसाफी है । केंद्र सरकार को कोरोना को आयुष्मान योजना में  शामिल करना चाहिये ( करना ही पड़ेगा अन्यथा जनता विद्रोह पर उतर आएगी ) अभी क्योंकि कोरोना एक जान लेवा संकट है इसलिए केंद्र और राज्य सरकारें इस पर जवाब देहि लेकर आगे है क्यो की उन्हें डर है कि अगर हम कोरोना से ध्यान हटाएंगे तो मीडिया सरकारों को जीने नही देगी ।जैसे ही कोरोनो कम होगा ( भगवान करे ऐसा जल्द हो ) तो  कोरोना प्राइवेट हॉस्पिटल के लीये आय का एक बड़ा जरिया बन जायेगा । अभी से इसकी नकारात्मक खबरे आनी शुरू हो गई है । आज के हालत ये है की गैर सरकारी हॉस्पिटल में सेवाएं ठीक ठाक है पर पैसा के मामलो में आरजकता बनी हुई है रोज आने वाले मरीज़ों की संख्या जीरो हो गई है । नर्स डॉक्टर व अन्य खर्च अपनी जेब से भरने पड़ रहे है । वे खर्च कान्हा से निकलेंगे । इनके अभी एक ही विकल्प है कोरोना मरीज । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिन्हें कोरोनो नही है प्राइवेट हॉस्पिटल उन्हें भी कोरोना की संभावना के  मरीज बता कर आईसी यू में एडमिट करके खर्च बड़ा रहे है मरीज का । इन सब से बचने का एक ही तरीका है की ,,,कोरोना का इलाज  फ़्री हो आयुष्मान योजना के तहत । वैसे छत्तीसगढ़ वासियों के लिये राहत की खबर है कि स्वास्थ्य विभाग ने छत्तीसगढ़ सरकार को ( आयुष्मान भारत योजना ) को डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ सहायता योजना में शामिल किया है छत्तीसगढ़ में कोरोना का ईलाज मुफ्त होगा । एक खबर ,,विनोद मेघवानी

बंद कमरे में बनाए जाने वाले वीडियो से अंधी कमाई

Vinod raja meghwani (sampadak),,,, बन्द कमरे में बनाए जाने वाले वीडियो से  अंधी कमाई कितनी हे,,,?????