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फ़रवरी 1, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कोई ,,ऐसे ही नरेंद्र मोदी नही बन जाता उसके लिए संघर्ष करना पड़ता हैं ,

Vinod meghwaniएक खबर (विनोद मेघवानी)  हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के प्रशंसक हे नरेन्द्र मोदी जी देश के ओर हमारे मार्गदर्शक हे हम आप को बताते हे कोई ऐसे ही, ,,,नरेंद्र मोदी ,, नही बन जाता उसके लिए संघर्ष करना पड़ता हे ।कोई व्यक्ति कहीं से आ गया और प्रधानमंत्री बन गया... नहीं, ऐसा नहीं होता है। आप नरेंद्र दामोदर दास मोदी के आलोचक हैं  या प्रशंसक हैं.. ये बात जान लेनी चाहिए कि, इस व्यक्ति ने संघर्ष किया है, कड़ा संघर्ष, भीषण संघर्ष। इतना Effortlessly किया है.. कि उन्हें खुद कभी इसका भान ही नहीं हुआ। बात तब की है, जब वो 21 वर्ष के थे। 2 वर्ष हिमालय में बिता कर आ चुके थे, 1-2 दिन घर में रहे और फिर घर छोड़ दिया। अहमदाबाद आकर चाचा के पास रहने लगे। गीता मंदिर स्टेट ट्रांसपोर्ट्स बस अड्डे पर,उनके चाचा कैंटीन चलाते थे। नरेंद्र मोदी किशोरावस्था में RSS में सक्रिय रहे थे, ऐसे में अहमदाबाद में भी उन्होंने संघ से संपर्क पुनः जोड़ा। इसी दौरान प्रान्त प्रचाकर लक्ष्मणराव ईमानदार (वकील साहब) से उनकी मुलाकात हुई।उसी दौरान एक सत्याग्रह में गिरफ्तार होकर जेल भी गए। नरेंद्र मोदी ने चाचा के घर रहना छोड़