*मान्यवर प्रधानमंत्रीजी एवं सभी राज्यों के मुख्यमंत्रीजी,*
● पहले आपने 21-March से 14-April तक सभी राज्यों के लॉकडाउन की घोषणा की और सभी से ऑफिस, दुकान, कारखाने बन्द रखने का आग्रह किया।
● और फिर से पूरे भारत में 15-April से 3-May तक लॉकडाउन बढ़ा दिया गया।
● और इसके बाद भी अभी कोरोना वायरस की महामारी के चलते जिस प्रकार से कोरोना संक्रमितों के आँकड़े दिन-पे-दिन भारत देश में बढ़ते ही जा रहे हैं, इन हालातों को देखकर ऐसा महसूस हो रहा है कि *यह लॉकडाउन इतनी जल्दी समाप्त "नहीं" होगा।*
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*माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी,*
*आम भारतवासियों के मन में आपने एक जगह बनाई है; एक विश्वास की डोर बांधी है, इसे आप टूटने मत दीजियेगा।*
*मान्यवर प्रधानमंत्री जी,*
*इस लॉकडाउन के चलते आपने सभी राज्यों के गरीबों, बेसहारा और किसानों के लिए राशन, कर्ज़-माफ़ी और उनके बैंक-खातों में रुपये भिजवाने की व्यवस्था की है। ये आपने बहुत ही अच्छा काम किया है। इसके लिए हम भारतवासी आपका तहे-दिल से शुक्रिया अदा करते हैं !!*
*लेकिन मान्यवर,*
● *हम छोटे व्यापारी, बड़े व्यापारी और मिडिल-क्लास वालों की क्या ग़लती है, जिनको इस कोरोना महामारी के चलते किये गए लॉकडाउन में किसी भी तरह का लाभ नहीं मिल पा रहा।*
● *क्या यही गलती है हमारी कि हम पूरा दिन मेहनत करके अपना व्यवसाय चलाते हैं और व्यापार से जो पैसा कमाते हैं उससे :--* (1) घर का खर्च
(2) बच्चों की स्कूल फ़ीस
(3) बच्चों की ट्यूशन फ़ीस
(4) घर और दुकान का बिजली का बिल
(5) दुकान के कर्मचारियों की पेमेन्ट
(6) जी.एस.टी. का खर्च
(7) मुनीम की फीस
(8) बैंक का ब्याज़
(9) मकान/दुकान की EMI किश्त
(10) दुकान/मकान का किराया
(11) दुकान व मकान का प्रॉपर्टी और वॉटर टैक्स
(12) बच्चों की स्कूल वैन का भाड़ा
(13) गाड़ी के लाइसेंस और इंश्योरेंस का खर्च
(14) परिवार के इंश्योरेंस का खर्च
(15) बच्चों के स्कूल की किताब-कॉपी का खर्च
(16) और अन्य फुटकर खर्च
*----- चुकाते हैं*
*जब से ऑनलाइन बिजनेस चालू हुआ है, तब से व्यापारियों की तो जैसे कमर ही टूट गई है।*
*व्यापार मद्दा हो या तेज हो, व्यापारियों के खर्च चालू हैं।*
*इसके बाद भी व्यापारियों व मिडिल-क्लास वालों के लिए सरकार की तरफ से किसी भी लाभ की घोषणा नहीं की गई है।*
*ऐसा क्यों ??*
*क्या हम व्यापारीगण इंसान नहीं है ??*
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*मान्यवर प्रधानमंत्री जी,*
● *इस कोरोना की महामारी के चलते लॉकडाउन में "सबसे ज्यादा प्रभावित" _व्यापारी व मिडिल क्लास वाले_ हैं -- क्योंकि हमारे तो सभी खर्च चालू हैं !!*
● *लॉकडाउन के चलते सभी के व्यापार ठप हो गये हैं।*
● बैंक से जिन्होंने भी कर्ज़/लोन लिया है, लॉकडाउन के चलते उनकी *किश्तों को सिर्फ़ आगे बढ़ाया जा रहा है, _ब्याज माफ़ नहीं किया जा रहा !!_*
● और लॉकडाउन के चलते *जब तक किश्त बढ़ेगी,* तब तक बैंक *ब्याज़ के उपर ब्याज़ (चक्रवृद्धि ब्याज़)* वसूलेगी !!
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*अब सवाल ये उठता है :--*
*कि व्यापारी और मिडिल क्लास वालों का गुज़ारा कैसे होगा --*
_*क्योंकि दुकान खुली हो या बन्द हो ,उनके तो सभी खर्च चालू हैं !!*_
*हम सभी व्यापारी और मिडिल क्लास वाले लोग मान्यवर प्रधानमंत्री जी से यह "अपील" करते हैं कि :--*
● *हमारे उपर जो बैंक का ब्याज़, बच्चों की स्कूल फ़ीस, घर और दुकान का बिजली बिल, प्रॉपर्टी और पानी का टैक्स, GST खर्च आदि का भार है,*
--- *ये सभी खर्च "6 महीने के लिए माफ़" किये जायें*
● *हमें 3 मई _(या उससे भी अधिक समय)_ तक घरों में रहकर लॉकडाउन का पालन करने _(व अपनी व्यवस्था को चलाने)_ में कोई भी परेशानी नहीं होगी, यदि सरकार "स्थाई खर्चों" के इस बोझ में "शिथिलता" बरते।*
● *देश व प्रदेश की सरकारें इन बिन्दुओं पर विवेकपूर्ण रूप से व सहानुभूतिपूर्वक विचार करें, हम आपके तहे-दिल से शुक्रगुज़ार होंगे !!*
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*मान्यवर, जिस प्रकार आप अकाल के समय अन्नदाता किसान भाइयों को "ब्याज से मुक्ति" देते हैं, उसी प्रकार हम व्यापारियों को भी इन खर्चों से बचाने की कृपा करें (क्योंकि व्यापारियों के लिए भी यह समय अकाल के ही समान है)*
*मान्यवर, विचारणीय है कि --- हम व्यापारीगण भी किसानों द्वारा उत्पन्न की गई फ़सल एवं अनाज को आम जनता तक पहुंचाने वाली श्रंखला की एक कड़ी ही हैं।*
*कृपया इसे तब तक शेयर करें, जब तक यह प्रधानमंत्रीजी, सभी मुख्यमंत्रीगण, वित्त मंत्रीजी व वित्त सचिव तक नहीं पहुँच जाता।