गुरुवार, 22 जुलाई 2021

सिन्धु धाम में झूलेलाल भगवान की प्राण प्रतिष्ठा हुई

Vinod meghwani,,,,एक खबर ( विनोद मेघवानी ) बिलासपुर 

सिंधू धाम में हुई भगवान झूलेलाल की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा


बिलासपुर. पूज्य सिंधी पंचायत कश्यप कॉलोनी द्वारा संचालित सिंधु धाम में भगवान श्री झूलेलाल की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई सिंधु अमरधाम आश्रम चकरभाटा के संत साईं लाल दास जी के सानिध्य में एवं अत्यंत ही विधि विधान से ब्राह्मण मंडल के पंडित पूरन लाल जी शर्मा के द्वारा मंत्रोच्चार के साथ भगवान श्री झूलेलाल जी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा में शासन द्वारा जारी गाइडलाइन का पूरा पूरा पालन किया गया था पूज्य सिंधी पंचायत कश्यप कॉलोनी द्वारा आयोजित इस सादगी पूर्वक समारोह में समाज के विभिन्न वार्ड पंचायतों के अध्यक्ष सदस्य जन एवं पंचायत के श्रद्धालु गण उपस्थित थे कार्यक्रम के दौरान संत साईं लाल दास जी ने अपने प्रवचन में भगवान श्री झूलेलाल जी का जन्म एवं अन्य महिमा का वर्णन किया  तथा कहा कि श्रद्धालु गण अपने अपने गुरुजनों को मानते हुए अपने समाज के इष्ट देव की आराधना अवश्य करें
सिंधी समाज की दो ही पहचान है पहला बोली उसकी भाषा दूसरा हमारे  ईष्ट देव भगवान झूलेलाल
अभी तक गुरु के माध्यम से ही  भगवान से हम मिल पाते है  लेकिन सिंधी समाज में पहली बार ऐसा हुआ है कि भगवान ने हमें गुरु  से मिलाया है
भगवान झूलेलाल जन्म नहीं लेते तो क्या हम हिंदू होते
नहीं होते इसलिए अपने गुरु को पूजा करो  सुबह शाम  करो नाम जपो कोई मनाही नहीं है पर अपने इष्ट देव को  मत भूलो
सबसे सरल व जल्दी प्रसन्न होने वाले भगवान झूलेलाल हैं
जल और  ज्योत में हमेशा वह वास करते हैं
उस लिए जल और  ज्योत की पूजा करो

इस अवसर पर साई जी ने दो  भजन गाय गए 

 'मुहिंजी बे॒ड़ी अथई विच  सीर ते'सुंदर भजन गाकर भक्तों का मन मोह लिया. 

घोड़े पे आया  मेरा लाल सभी बोलो जय झूलेलाल
भजन सुनकर भक्तजन झूम उठे

इस दौरान भारतीय सिंधु सभा महिला विंग  की राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमती विनीता भावनानी ने भगवान श्री झूलेलाल के अवतरण पर प्रकाश डाला एवं बताया की मिरख शाह को कैसे सजा दी एवं हमारे समाज की रक्षा की अगर भगवान झूलेलाल अवतरण न लेते तो आज हमारा समाज नही होता. कार्यक्रम में आए हुए समाज के अध्यक्ष गण एवं राष्ट्रीय महामंत्री का संत साईं जी ने शाल पहनाकर आशीर्वाद दे सम्मान किया    जिनमें प्रमुख हैं अध्यक्ष मुरली वाधवानी हरीश भागगवानी श्याम  हरियानी    रामचंद नागवानी
नरेश मूलचंदानी महेश पमनानी
सतीश लाल
राम चंद प्रेमानी
श्रीमती विनीता भावनानी
पत्रकार फोटोग्राफर विजय दुसेजा व गोविंद दुसेजा
         इस दौरान पूज्य पंचायत 
द्वारा साईं जी का पुष्पहार एवं शाल पहनाकर स्वागत एवं सम्मान किया. उक्त कार्यक्रम में बिलासपुर के नगर  विधायक माननीय श्री शैलेश पांडे जी भी विशेष रूप से उपस्थित थे  साईं जी ने उनका भी पुष्पहार एवं शाल पहना कर आशीर्वाद दिया इस कार्यक्रम में पूज्य सिंधी सेंट्रल पंचायत के अध्यक्ष किशोर गेमनानी, पूर्व अध्यक्ष डीडी आहूजा, पूर्व अध्यक्ष प्रकाश ग्वालानी, सीएम मखीजा, किशोर कृपलानी, चंदी राम मंगतानी, सुनील लालवानी,राजा जेसवानी, बबलू पमनानी, जगदीश  जज्ञासी,अजित ठारवानी, मोती ठारवानी, धनराज आहूजा,गोविंद भगतानी,विक्की आहूजा, हरीश मोटवानी, हरदास आसवानी, इंद्रजीत गंगवानी, विजय दुसेजा, गोविन्द दुसेजा, महिला विंग में गुरुद्वारे की संचालिका भारती वाधवानी, तारा कृपलानी ,अंजना जेसवानी, ज्योति ,मंजू नानवानी , दिव्या चेलानी, रेशमा मोटवानी ,वर्षा वाधवानी ,रूपल चंदवानी, अंजलि वर्ल्यानी ,मीना, वंशिका ,बरखा भागवानी, जिया, रिया ,एवं काजल तथा अन्य श्रद्धालु गण उपस्थित थे
इस पूरे कार्यक्रम का सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया ताकि भक्तजन घर बैठे कार्यक्रम को देख सकें
.उक्त जानकारी पंचायत के सचिव सुनील लालवानी  विजय दुसेजा ने दी

पेगासस ,, जासूसी कांड,,, पत्रकारों और नेताओं की निजता भंग,,,,-- एक खबर

Vinod meghwani,,,एक खबर (विनोद मेघवानी ) सूत्रों से मिली ,,,खबर 
पेगासस स्पाईवेयर मामला
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 कांग्रेस ने कहा- अमित शाह बर्खास्त क्यों नहीं, गृह मंत्री बोले- ' क्रोनोलोजी समझि
कांग्रेस ने की जेपीसी या न्यायिक जाँच की माँग
कांग्रेस सांसद गौ रव गोगोई ने पेगासस जासूसी कांड पर जेपीसी जाँच की माँग की.

संसद परिसर में मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, " केंद्र सरकार भारत के पत्रकारों और विपक्ष के नेताओं की जगह विदेशी कंपनी के बयान पर ज़्यादा भरोसा कर रही है. अगर जेपीसी जाँच के लिए सरकार तैयार हो जाती है तो स्वागत योग्य है. लेकिन जेपीसी से ज़्यादा इस मुद्दे पर हमारी माँग है कि किसी भी तरह की न्यायिक जाँच हो. इसके लिए चाहे इंक्वायरी कमेटी का गठन किया जाए या फिर सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज की देखरेख में जाँच हो. देखते हैं सरकार किस बात के लिए तैयार होती है. हम जानना चाहते हैं कि केंद्र सरकार आख़िर जाँच से भाग क्यों रही है?"

ग़ौरतलब है कि पेगासस जासूसी कांड पर केंद्र सरकार की तरफ़ से आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को लोकसभा में बयान दिया था.

लोकसभा में वैष्णव ने सोमवार को कहा था, "एक वेब पोर्टल पर कल रात एक अति संवेदनशील रिपोर्ट प्रकाशित की गई जिसमें बढ़ा-चढ़ाकर कई आरोप लगाए गए. ये रिपोर्ट संसद के मॉनसून सत्र के एक दिन पहले प्रकाशित हुई. ये संयोग नहीं हो सकता."

अश्विनी वैष्णव ने कहा, "इससे पहले भी वॉट्सऐप पर पेगासस के इस्तेमाल को लेकर मिलते-जुलते दावे किए गए हैं. वो बेबुनियाद थे और सभी पार्टियों ने उनका खंडन किया था. 18 जुलाई को प्रकाशित रिपोर्ट भी भारतीय लोकतंत्र और इसकी स्थापित संस्थाओं को बदनाम करने की कोशिश प्रतीत होती है."

लेकिन विपक्ष उनके जवाब से संतुष्ट नहीं है.

मंगलवार को संसद में हंगामे के पहले ही कई विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने सदन में इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव देते हुए चर्चा की माँग भी की. इनमें आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और सीपीआई के राज्य सभा सांसद विनॉय विश्वम शामिल थे.

पेगासस जासूसी मामला: 'नई लिस्ट' में कई चौंकाने वाले नाम


सपा बसपा ने ट्वीट कर जाहिर किया अपना पक्ष
कुछ विपक्षी दल के नेताओं ने ट्विटर पर अपनी बात रखी.

इनमें सपा नेता अखिलेश यादव हो और बसपा नेता मायावती प्रमुख हैं.

अखिलेश यादव ने इस पूरे मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ा, वहीं मायावती ने पूरे मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जाँच की माँग की .
जब सपा और बसपा ने सवाल उठाए, तो जवाब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी दिया.

गृह मंत्री अमित शाह की तरह ही उन्होंने पूरे जासूसी कांड को अंतरराष्ट्रीय साज़िश करार दिया और पूरी रिपोर्ट की टाइमिंग को लेकर सवाल उठाए.

उन्होंने कहा, "विपक्ष पूरी तरह नकारात्मक भूमिका के साथ काम कर रहा है और उन अंतरराष्ट्रीय साज़िशों का शिकार जाने अनजाने में बन रहा है, जो किसी न किसी रूप में भारत को अस्थिर करना चाहते हैं. ये कोई पहली घटना नहीं है. याद कीजिए 2020 के प्रारंभ में अमेरिकी राष्ट्रपति के भारत दौरे के दौरान उनके दिल्ली पहुँचने के साथ ही दिल्ली में दंगे शुरू हो गए थे. क्या ये एक साज़िश का हिस्सा नहीं था?"

लेकिन सबसे चौंकाने वाला ट्वीट बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने किया है.

ट्विटर पर उन्होंने लिखा कि पेगासस स्पाईवेयर एक कमर्शियल कंपनी है, जो पैसा लेकर ही काम करती है. इसलिए एक सवाल लाज़मी है कि भारतीय लोगों पर जासूसी के लिए उन्हें पैसे किसने दिए. अगर भारत सरकार ने नहीं दिए, तो आख़िर किसने दिए. मोदी सरकार को इसका जवाब देश की जनता को देना चाहिए.


पेगासस जासूसी मामले में रिपोर्ट आने के पहले बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इसे लेकर ट्वीट किया था. उन्होंने लिखा था कि इस तरह की अफ़वाह है कि वॉशिंगटन पोस्ट और लंदन गार्डियन एक रिपोर्ट छापने जा रहे हैं. 'जिसमें इसराइल की फर्म पेगासस को मोदी कैबिनेट के मंत्री, आरएसएस के नेता, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश और पत्रकारों के फ़ोन टैप करने के लिए हायर किए जाने का भंडाफोड़ होगा.'

अब तक इस मामले में दो रिपोर्ट सामने आई है. पेगासस जासूसी के संबंध में जारी कथित लिस्ट के मुताबिक़, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी और पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा,चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और प्रह्लाद पटेल और कुछ पत्रकारों के मोबाइल नंबर की जासूसी का अंदेशा है

बंद कमरे में बनाए जाने वाले वीडियो से अंधी कमाई

Vinod raja meghwani (sampadak),,,, बन्द कमरे में बनाए जाने वाले वीडियो से  अंधी कमाई कितनी हे,,,?????