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जून 18, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

जिंदगी आसान बना खुद को

ऐ जिंदगी जरा आसान बना खुद को ।। तेरे बजाये मौत से गले मिल रहे है लोग।। हसरते पूरी हो ना हो ख्वाहिश रखना गुनाह तो नही ।। ताजमहल से पूछो तन्हाई क्या होती ।। ताजमहल देखने तो दुनिया आती है पर रहता कोई नही ।। ऐ जिंदगी जरा आसान बना खुद को ।। तेरे बजाये लोग मौत से गले मिल रहे है ।।

ओशो की बाते

स्वास्थ्य     मन और बीमारी का संबंध अगर आप बीमार पड़े हैं और आपको पता चला कि डाक्टर ने ऐसा कहा है कि बिलकुल ठीक हैं, कोई खास बीमारी नहीं है तो तत्काल आपके भीतर बीमारी क्षीण होने का अनुभव आपको हुआ होगा-तत्काल! आपने कभी ख्याल किया है, बीमार पड़े हों बिस्तर पर-सभी कभी न कभी पड़ते हैं-आपने कभी ख्याल किया है कि बीमार पड़े हों, बड़ी तकलीफ मालूम पड़ती है, बड़ी बेचैनी है, बड़ी भारी बीमारी है। डाक्टर आया। डाक्टर के बूट बजे, उसकी शक्ल दिखाई दी। उसका स्टेथकोप! थोड़ी बीमारी एकदम उसको देखकर कम हो गई! अभी उसने दवा नहीं दी है। डाक्टर ने थोड़ा ठकठकाया, इधर-उधर ठोंका-पीटा। उसने अपना स्पेशलाइजेशन दिखाया कि हां! फिर उसने कहा कोई बात नहीं, बहुत साधारण है, कुछ खास नहीं है। दो दिन की दवा में ठीक हो जाएंगे। फिर उसने जितनी बड़ी फीस ली, उतना ही अर्थ मालूम पड़ा कि यह बात ठीक होगी ही। आपने ख्याल किया है, डाक्टर की दवा और उसका प्रिस्क्रिप्शन आने में थोड़ी देर लगती है, लेकिन मरीज ठीक होना शुरू हो जाता है। मन ने अपने को सुझाव दिया कि जब इतना बड़ा  डाक्टर कहता है, तो ठीक हैं ही। अगर आप बीमार पड़े हैं और आपको पता