पुलिस जब मौके पहुंची, तब वहां काफी भीड़ जुट गई थी। हत्यारों ने युवक की पांचों उंगुलियों के साथ पूरी हथेली किसी धारदार हथियार से काटकर अलग कर दी थी। गर्दन पर भी गहरे जख्म मिले। मामला संगीन होने के कारण पुलिस फिलहाल अधिक कुछ भी बोलने से बच रही है।
युवक पर किसान आंदोलन को बदनाम करने का आरोप
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि निहंगों का आरोप है कि युवक को किसान आंदोलन बदनाम करने के मकसद से सिंघु बॉर्डर पर भेजा गया था। उसे इसके एवज में 30 हजार रुपए दिए गए थे। युवक ने यहां पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब का अनादर किया था। जब निहंगों को इसका पता चला, तो युवक को पकड़ लिया गया। इसके बाद उसे घसीटते हुए पंडाल ट्रैक्टर एजेंसी के पास लाया गया। यहां युवक के साथ बेरहमी से पिटाई की गई।
पुलिस पर भी आक्रामक हुए निहंग
जब पुलिस मौके पर पहुंची और लाश को उतारने लगी, तो निहंगा आक्रोशित हो उठे। वे लाश को उतारने नहीं दे रहे थे। एक पत्रकार ने जब फोटो लेने की कोशिश की, तो उसे धमकी देकर फोन जेब में रखवा दिया।
कई महीनों से सिंघु बॉर्डर पर चल रहा प्रदर्शन
बता दें कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ कुछ किसान संगठन पिछले एक साल से आंदोलित हैं। करीब 40 किसान संगठनों का संयुक्त मोर्चा कई जगह धरना-प्रदर्शन कर रहा है। इस मामले में अभी तक सरकार से कोई समझौता नहीं हो सका है।
राकेश टिकैत बोले-धरना जारी रहेगा
इस बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों का धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा। जब तक सरकार कृषि कानूनों को पूरी तरह से खत्म करने की घोषणा नहीं कर देती है, तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा। अपने ट्विटर पर उन्होंने लिखा कि संघर्ष से समाधान तक जारी रहेगा आंदोलन।