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जुलाई 7, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मोदी जी के गुण,,,, बने,,,,,राहुल जी के अवगुण बने ,,,,????

मोदी जी  के जो गुण,,,, है राहुल जी के अवगुण,,,,बने ??????? विनोद मेघवानी की कलम से,,,,,✍🏻,,,,,,,, मोदी जी मे दो गुण,,, कूट कूट के भरे ,,,,एक तो निडरता,,,,,दूसरी वाकपटुता,,,,, ये दोनों गुण,,,, एक प्रभावशाली,,,,, नेता में होने जरूरी है,,,,,तभी आप दुनिया पे ,,,,ओर लोंगो के दिलों दिमाग मे राज कर सकते हो,,,,,ओर आज मोदी जी दुनिया पर ओर लोंगो के दिलो दिमाग मे इस तरह बस गये जैसे उनके शरीर का हिस्सा है,,,,,,,, ओर ये ,,दोनों गुण राहुल गांधी जी के पास नही है,,,,,इसलिये,,,,,, वो एक प्रभावशाली नेता नही बन सकते,,,,,,ओर  शायद राहुल जी ने अपनी  ,,,इन दोनों कमियों को महसूस किया इस लीये,,,,कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,अब सवाल  ये की कांग्रेस का अध्यक्ष कौन बने,,,, 1969 में मुद्दों के जरिये कांग्रेस को मिली थी चुनावी सफलता कम से कम दो अवसरों पर कांग्रेस नेतृत्व ने मुद्दों के जरिये पार्टी को चुनावी सफलता के शीर्ष पर पहुंचा दिया था। ये मुद्दे बाद में नकली साबित हुए, पंरतु तात्कालिक तौर पर उन्होंने अपना असर जरूर दिखाया। 1969 में कांग्रेस में हुए विभाजन के बाद तत्कालीन प्र

मोदी जी के गुण,,,,,,, बने राहुल,,,,,,,,,जी के अवगुण,,,,,,,????????

मोदी जी  के जो गुण,,,, है राहुल जी के अवगुण,,,,बने ??????? विनोद मेघवानी की कलम से,,,,,✍🏻,,,,,,,, मोदी जी मे दो गुण,,, कूट कूट के भरे ,,,,एक तो निडरता,,,,,दूसरी वाकपटुता,,,,, ये दोनों गुण,,,, एक प्रभावशाली,,,,, नेता में होने जरूरी है,,,,,तभी आप दुनिया पे ,,,,ओर लोंगो के दिलों दिमाग मे राज कर सकते हो,,,,,ओर आज मोदी जी दुनिया पर ओर लोंगो के दिलो दिमाग मे इस तरह बस गये जैसे उनके शरीर का हिस्सा है,,,,,,,, ओर ये ,,दोनों गुण राहुल गांधी जी के पास नही है,,,,,इसलिये,,,,,, वो एक प्रभावशाली नेता नही बन सकते,,,,,,ओर  शायद राहुल जी ने अपनी  ,,,इन दोनों कमियों को महसूस किया इस लीये,,,,कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,अब सवाल  ये की कांग्रेस का अध्यक्ष कौन बने,,,, 1969 में मुद्दों के जरिये कांग्रेस को मिली थी चुनावी सफलता कम से कम दो अवसरों पर कांग्रेस नेतृत्व ने मुद्दों के जरिये पार्टी को चुनावी सफलता के शीर्ष पर पहुंचा दिया था। ये मुद्दे बाद में नकली साबित हुए, पंरतु तात्कालिक तौर पर उन्होंने अपना असर जरूर दिखाया। 1969 में कांग्रेस में हुए विभाजन के बाद तत्कालीन प