सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

अप्रैल, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं
दोस्तों मोदी जी एक बेहतर प्रशाशनिक सोच वाले भारत के ऐसे प्रधानमंत्री हे जो भारत को एक शक्तिशाली राष्ट्र बनाने की राह पर अग्रसर हे  इसलिए वे विदेश निति पर केंद्रित हे । हम छत्तीसगढ़ पार्टी इंडिया उनकी इस निति का समर्थन करते हे और उनके साथ हे मोदी जी चार बार चीन यात्रा की उनकी हर यात्रा और वार्ता सफल रही । दोस्तों आपको में विनोद मेघवानी राज की बात बताता हूँ ,,में चीन के राष्ट्रपति शी जिंग पिंग जी और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का प्रशंशक हूँ में इनके साथ फोटो खिचवाना चाहता हूँ पर संजोग नही बन रहा इसलिये फोटोशाप में अपने प्रेणनासोत्र चीन के राष्ट्पति के साथ अपनी फोटो बना राहा हूँ ।

हिंदुत्व

🚩🚩🚩🚩🚩🚩 दोस्तों अतीत हमे जीवन जीने की नई प्रेरणा देता हे,,,ये एक कड़वा सच हे,,, अंग्रेजो से आजादी मिलने के बाद भी ,,,देश के कणधारो ने अपनी सोच से देश का विकास नही किया,,,अंग्रेजो की सोच और कानुन को देश में लागु कर दिया और इस वजह से देश में अपनी संस्कर्ती और हिंदू धर्म  अपने देश में पनप न सका । किसी भी देश की पहचान उसका धर्म तय करता हे ।आज अमेरका क्रिश्चियन देश क्यों कहलाता हे जबकि वाह्य सब धर्मो के लोग हे लेकिन अमेरिका ने अपना ईसाइयत का झंडा नही छोड़ा इसलिये वो अपने धर्म के नाम पर जाना जाता हे ।अगर भारत ने आर्यो का झंडा न छोड़ा होता तो आज भारत की पहचान ,,,हिन्दू राष्ट,,,के रूप में होती दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश हे भारत जिसमे सब धर्मो के लोग निवास करते हे पर हिन्दूत्व को वो सम्मान नही मिला अब भी समय हे हम अपने राष्ट को हिंदुराष्ट,,,के रूप में प्रसारित करे जिस आर्यो के झंडे को को लहराना भूल रहे हे उसे सबसे ऊपर लहराना होगा देश में किसी भी पार्टी का शाशन हो पर कोशिश एक ही होनी चाहिये ,,,हिंदुत्व का उत्थान ,,,,सबसे पहले आयोध्या में ,,भव्य राम मन्दिर का निर्माण जय ,,,श्री राम जय

सुनहरी यादें

दोस्तों राजनीति के गलियारों में कई किस्सों के चर्चे होते रहते हे ऐसा ही एक चर्चित किस्सा में आप को बताने जा राहा हूँ ।,,,विनोद मेघवानी सुनते हे स्व: इंद्रा गांधी और पूर्व प्रधान मंत्री अटल जी भाई बहन के रिश्ते से एक दूसरे को सम्भोधित करते थे बहुत स्नहे था । उस समय अजमेर के सांसद थे आचार्य कूपलानी जी ।अटल जी और आडवाणी जी सिन्धी भाषा को राष्ट्रीय भाषा की सूची में स्थान दिलाने का प्रयास कर रहे थे और लोकसभा में पास कराने के लिये बिल लाये थे ।इंद्रा जी इस बिल से सहमत थी उन्हों ने अटल जी से काहा आप ये बिल वापस लो इस बिल को सांसद आचर्य कूपलानी पेश करे ।अटल जी मान गये और उन्होंने बिल वापस लिया फिर कूपलानी जी ने बिल पेश किया और इस तरह सिन्धी भाषा को देश में आठवीं भाषा का स्थान मिला । ये बिल पास होने के बाद इंद्रा जी विदेश दौरे पे चली गई ।सिन्धी भाषा को राष्ट्रीय स्थान मिलने के बाद संसद और राज्य सभा में आचर्य कुपलानी जी ने सिन्धी भाषा में भाषण दिया 40 मिनट का आभार व्यक्त किया राज्यसभा के प्रति ,,,उन्होंने सब कुछ सिन्धी भाषा में काहा ये बात ,,,उस समय के सभापति के समझ में नही आई तो उन्होंने आचर