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जुलाई, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सिंधु महासभा का आयोजन रायपुर में 1 सितम्बर को

आदरणीय मुखीगण/सिंधी संस्था अध्यक्ष जय झूलेलाल 🙏 आपको यह जानकारी देते हुए हर्ष हो रहा है कि, छत्तीसगढ़ स्तर पर सिंधी समाज की सभी पूज्य पंचायते एवं संस्थाओ को एक सूत्र में पिरोने एवं समाज उत्थान को मूर्त रूप देने के उद्देश्य से भारतीय सिंधु सभा युवा विंग छतीसगढ़ द्वारा पं. दीनदयाल उपाध्याय आडिटोरियम साइंस कालेज परिसर जी॰ई॰ रोड रायपुर दिनांक 1 सितंबर को समय - सुबह 10 से शाम 6 बजे *सिंधु महासभा* का आयोजन किया जा रहा है जिसमें प्रवेश हेतु एंट्री पास लेनी होगी । इस महासभा में एक पत्रिका का विमोचन करवाया जाएगा जिसमें छत्तीसगढ़ के पूज्य सिंधी पंचायतों के वर्तमान मुखीगण तथा महासचिव एवं विभिन्न सिंधी संस्थाओं के अध्यक्ष एवं सचिव का फ़ोटो नाम पता एवं मोबाइल नंबर की पूर्ण जानकारी के साथ सिंधियत की महत्वपूर्ण जानकारिया प्रकाशित की जायेंगी । इस हेतु आपसे अनुरोध है पास्पोर्ट साईज फ़ोटो पता एवं  मोबाइल नंबर * सिर्फ़ नीचे लिखे मेल या whatApp नंबर* पर ही पोस्ट करे 🙏 sindhumahasabha@gmail.com 98271 96020 (दर्शन निहाल ) 98279 55973 (राम खटवानी ) 9

मोदी जी के गुण,,,, बने,,,,,राहुल जी के अवगुण बने ,,,,????

मोदी जी  के जो गुण,,,, है राहुल जी के अवगुण,,,,बने ??????? विनोद मेघवानी की कलम से,,,,,✍🏻,,,,,,,, मोदी जी मे दो गुण,,, कूट कूट के भरे ,,,,एक तो निडरता,,,,,दूसरी वाकपटुता,,,,, ये दोनों गुण,,,, एक प्रभावशाली,,,,, नेता में होने जरूरी है,,,,,तभी आप दुनिया पे ,,,,ओर लोंगो के दिलों दिमाग मे राज कर सकते हो,,,,,ओर आज मोदी जी दुनिया पर ओर लोंगो के दिलो दिमाग मे इस तरह बस गये जैसे उनके शरीर का हिस्सा है,,,,,,,, ओर ये ,,दोनों गुण राहुल गांधी जी के पास नही है,,,,,इसलिये,,,,,, वो एक प्रभावशाली नेता नही बन सकते,,,,,,ओर  शायद राहुल जी ने अपनी  ,,,इन दोनों कमियों को महसूस किया इस लीये,,,,कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,अब सवाल  ये की कांग्रेस का अध्यक्ष कौन बने,,,, 1969 में मुद्दों के जरिये कांग्रेस को मिली थी चुनावी सफलता कम से कम दो अवसरों पर कांग्रेस नेतृत्व ने मुद्दों के जरिये पार्टी को चुनावी सफलता के शीर्ष पर पहुंचा दिया था। ये मुद्दे बाद में नकली साबित हुए, पंरतु तात्कालिक तौर पर उन्होंने अपना असर जरूर दिखाया। 1969 में कांग्रेस में हुए विभाजन के बाद तत्कालीन प्र

मोदी जी के गुण,,,,,,, बने राहुल,,,,,,,,,जी के अवगुण,,,,,,,????????

मोदी जी  के जो गुण,,,, है राहुल जी के अवगुण,,,,बने ??????? विनोद मेघवानी की कलम से,,,,,✍🏻,,,,,,,, मोदी जी मे दो गुण,,, कूट कूट के भरे ,,,,एक तो निडरता,,,,,दूसरी वाकपटुता,,,,, ये दोनों गुण,,,, एक प्रभावशाली,,,,, नेता में होने जरूरी है,,,,,तभी आप दुनिया पे ,,,,ओर लोंगो के दिलों दिमाग मे राज कर सकते हो,,,,,ओर आज मोदी जी दुनिया पर ओर लोंगो के दिलो दिमाग मे इस तरह बस गये जैसे उनके शरीर का हिस्सा है,,,,,,,, ओर ये ,,दोनों गुण राहुल गांधी जी के पास नही है,,,,,इसलिये,,,,,, वो एक प्रभावशाली नेता नही बन सकते,,,,,,ओर  शायद राहुल जी ने अपनी  ,,,इन दोनों कमियों को महसूस किया इस लीये,,,,कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,अब सवाल  ये की कांग्रेस का अध्यक्ष कौन बने,,,, 1969 में मुद्दों के जरिये कांग्रेस को मिली थी चुनावी सफलता कम से कम दो अवसरों पर कांग्रेस नेतृत्व ने मुद्दों के जरिये पार्टी को चुनावी सफलता के शीर्ष पर पहुंचा दिया था। ये मुद्दे बाद में नकली साबित हुए, पंरतु तात्कालिक तौर पर उन्होंने अपना असर जरूर दिखाया। 1969 में कांग्रेस में हुए विभाजन के बाद तत्कालीन प

दुर्ग महापौर की टिकट किसे मिलेगी

सूत्रों मिली जानकारी के  अनुसार ,,,,नगर निगम  चुनाव ,,,नजदीक आने से  दुर्ग के महापौर,,,,, की  टिकट की दावेदारी शुरू  हो गई ,,,।  दुर्ग से वर्तमान  सभापति,,, नारायणी ओर  पूर्व महापौर,,, R N वर्मा  को कांग्रेस से महापौर की  टिकट मिल सकती है । मुख्यमंत्री माननीय भूपेश  बघेल जी  से दुर्ग शहर  के  विभिन्न  विकास  योजनाओं को लेकर चर्चा  करते हुए जिला अध्यक्ष आर.एन वर्मा  जी,  सभापति राजकुमार नारायणी, निखिल  खिचरिया प्रदेश सचिव युवा कांग्रेस एवं बंटी शर्मा  मुख्यमंत्री निवास मे सौजन्य मुलाकात किए |

जल बचाने के लीये हमे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना जल शक्ति से जुड़ना होगा,,,,विनोद मेघवानी

जल के बचाव के लिये हमें प्रधानमंत्री मोदी जी की योजना ,,,जल शक्ति से जुड़ना होगा आओ मिलकर जल बचायें जल हे तो कल है विनोद मेघवानी संपादक एक खबर स्वतंत्र पत्रकार,,,,,,,,,, वर्षोंजल संचयन और कृषि में जल ,, जल संग्रहण जल ‘जीवन का अमृत’ है। हमें वर्तमान व भावीव पीढ़ियों के लिये जल संरक्षण की आवश्यकता है। इस पाठ के माध्यम से आप जल संरक्षण की आवश्यकता तथा जल संग्रहण की विभिन्न विधियों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। उद्देश्य इस पाठ के अध्ययन के समापन के पश्चात आपः i. जल संरक्षण की आवश्यकता व महत्ता का वर्णन कर पाएँगे; ii. जल संचयन (संग्रहण) की आवश्यकता का वर्णन कर पाएँगे; iii. पारंपरिक जल संचयन (संग्रहण) की विभिन्न विधियों का विवरण दे पाएँगे तथा उनका वर्गीकरण कर सकेंगे; iv. आधुनिक जल संचयन के विभिन्न तरीकों का विवरण व वर्गीकरण कर पाएँगे। 30.1 जल संरक्षण की आवश्यकता जल, जीवन के लिये सबसे अहम प्राकृतिक संसाधन है। आगामी दशकों में यह विश्व के कई क्षेत्रों में एक गंभीर अभाव की स्थिति में चला जायेगा। यद्यपि जल पृथ्वी में सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला पदार्थ है, फि