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अगस्त 26, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

किसी दर्द मिले सके तो,,,दे,,, उधार,,, ---- बड़ते कदम

एक खबर,,,,vinod meghwani *इनकी की मुस्कुराहटों पे हो निसार* *इनका दर्द मिल सके तो ले उधार* *इन्ही के वास्ते हो तेरे दिल में प्यार* *जीना इसी का नाम है*    बढ़ते कदम आनंद आश्रम में 28 को कार्यक्रम                                       .                                                     संस्था बढ़ते कदम निःशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण के प्रभारी पी. एल. विधानी एवम महासचिव सुरेश रोचलानी, उपाध्यक्ष प्रेम प्रकाश मध्यानी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि बुजुर्गों के *एकाकीपन* को दूर करने के लिए संस्था बढ़ते कदम का नया प्रयास *जीना इसी का नाम है (डे बोर्डिंग)* संस्था के अपने *आनंद आश्रम* में शुरू किया गया है। जिसे अपेक्षित लोकप्रियता मिल रही है   हर्ष का विषय है की रायपुर के  *गुजराती रामधुनि मंडली रायपुर*  के द्वारा रविवार दिनाक 28 अगस्त  2022 को शाम 4 बजे से 5:30 बजे तक रामधुनी की भक्तिमय प्रस्तुति दी जा रही है  एवं 5:30 बजे से 6:30 बजे *निशुल्क कम्प्यूटर क्लास के बच्चों को प्रशस्ति पत्र वितरित किया जायेगा*  आनंद आश्रम प्रभारी सुनील नारवानी, नंदलाल मुलवानी एवम मीडिया प्रभारी राजू झामनानी ने

126 सामूहिक गाय दान ,,,,,,,,बड़ते कदम,,,

Vinod meghwani*एक खबर                                    22.08.2022* *बढ़ते कदम संस्था द्वारा श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर 126 सामूहिक गऊदान, गुरूजी पार्क भव्य लोकार्पण*  बढ़ते कदम गौशाला में 09 वर्षों में 886 बीमार व घायल गायों की सेवा व उपचार बढ़ते कदम संस्था के अध्यक्ष राजकुमार मंगतानी, उपाध्यक्ष प्रेम प्रकाश मध्यानी एवम् मीडिया प्रभारी राजू झामनानी ने बताया कि रायपुर शहर में एवं आसपास के क्षेत्रों में जो गायें बीमार हो जाती है एवं दूध देना छोड़ देती है, ऐसे गायों को खुला छोड़ दिया जाता है। ये गाये सड़को पर एवं हाइवे रोड पर आकर बैठ जाती है। बढ़ते शहरीकरण के कारण इन्हे चारा नहीं मिलने से बीमार हो जाती हैं या कई बार सड़क पर चलते हुए वाहन चालक जैसे कि कार एवं ट्रक की ठोकर से गायें घायल हो जाती है। ऐसी बीमार व घायल गायों को संस्था के सदस्यों द्वारा ग्राम मुरेठी, मंदिर हसौद स्थित बढ़ते कदम गौशाला में लाकर इन घायल गायों की सेवा की जाती है। संस्था ने गत *9 वर्षों में ऐसी 886 गायों* कों बीमार अथवा घायल अवस्था में संस्था की गौशाला में लाकर उनकी सेवा व उपचार किया गया है। ऐसी गायों की सेवा