शनिवार, 6 नवंबर 2021

पेट्रोल डीजल में gst लगने रेट 60- 70 प्रति लीटर हो सकते है

Vinod meghwani ,,,,https://youtu.be/isTbtV5iUw0


एक खबर ( vinod meghwani( दिल्ली ) पेट्रोल डीजल पर जमकर राजनीति हो रही है । चुनावो को देखते हुऐ केंद्र सरकार पेट्रोल डीजल के रेट कम कर कर रही है । जिसे विपक्ष ,,,,ऊँट के मुंह मे जीरा ,,,बता राहा है विपक्ष का कहना है केंद्र ने साल भर में जितना रेट बढ़ाया है उतना कम करे इसलिए कांग्रेस शासित प्रदेश में डीजल पेट्रोल के रेट कम नही हो रही है । केंद्र और राज्यों के टकराव में जनता महगांई की चक्की में पीस रही है अगर पेट्रोल डीजल,, gst,,में आ जाये तो पट्रोल डीजल के रेट 60 -70 रुपये के बीच हो सकते है ।
पेट्रोल-डीजल की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर हैं,
देश में पेट्रोल-डीजल कीमतें रिकॉर्ड (Petrol Diesel Price Today) स्तर पर हैं. कई राज्यों में रेट 100 रुपये प्रति लीटर के आंकड़े को पार कर चुके हैं. ऐसे में लोग सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि वो ईंधन की कीमतों पर कुछ बड़ा फैसला लेगी, जिससे की उन्हें बढ़ती महंगाई से राहत मिले. पेट्रोल-डीजल के दाम कब कम होंगे? इस सवाल का जवाब केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ( ने दे दिया है. संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ईंधन की कीमतों में वृद्धि के मुद्दे पर बहुत संवेदनशील है और आने वाले महीनों में लोगों को कुछ राहत मिलेगी.
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतें धीरे-धीरे नीचे आ रही हैं और स्थिर हो रही हैं. निकट भविष्य में किसी राहत की उम्मीद के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ”केंद्र सरकार इस मुद्दे को लेकर बहुत संवेदनशील है. मुझे लगता है कि आने वाले महीनों में राहत मिलेगी.”

एक लीटर पर इतना उत्पाद शुल्क
हालांकि, पुरी ने देश में ईंधन की कीमतों में वृद्धि पर सरकार का बचाव करते हुए कहा कि केंद्र 32 रुपये प्रति लीटर का उत्पाद शुल्क लगाता है और उससे प्राप्त राजस्व विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च किया जाता है. उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार हमारी अन्य जिम्मेदारियों के प्रति भी बहुत संवेदनशील है. सरकार ने 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन, मुफ्त टीके, अन्य सभी सुविधाएं प्रदान की हैं. इसलिए यह उस तस्वीर का एक हिस्सा है.’
।अंतरराष्ट्रीय बाजार में तय होती हैं कीमतें
मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लगाया गया उत्पाद शुल्क आज भी वही है जो अप्रैल 2010 में था. उन्होंने कहा, ‘उदाहरण के लिए, जब अंतरराष्ट्रीय कीमत 18 डॉलर 60 सेंट या 64 सेंट प्रति लीटर थी, तब भी हम 33 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क लगाते थे. अब जब यह 75 डॉलर प्रति लीटर है, तब भी हम 33 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क लगा रहे हैं.’
पुरी ने कहा कि भारत में ईंधन की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार द्वारा निर्धारित की जाती हैं, क्योंकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए ने 2010 में तेल की कीमतों को विनियमित किया था. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा ईंधन पर लगाए गए उत्पाद शुल्क के अलावा राज्य वैट भी लगाते हैं.।बीते चार मई से पेट्रोल की कीमतें खूब बढ़ी. कभी लगातार तो कभी ठहर कर और 80 दिनों में ही पेट्रोल 11.52 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया. हालांकि, पिछले दिनों ईंधन की कीमतें में कुछ पैसे की गिरावट देखने को मिली है.

जल्लाद ,,,,राजनीति,,,,,

Vinod meghwani,,,https://youtu.be/fbd3hvvDS7Q।   

     एक खबर vinod meghwani ,,,,,
जेल में फाँसी देने वाले को 
जल्लाद कहते,,,,,,पर राजनीति,,,, में भी ऐसे जल्लाद होते,,,, मिथुन की मूवी ,,,,जल्लाद का ,,,वीडियो देखें,,, ।
फांसी सुबह के वक्त ही दी जाती है. इसके पीछे वजह ये होती है कि सुबह सब कैदी सो रहे होते हैं. मुजरिम को पूरा दिन इंतजार नहीं करना पड़ता. फांसी के बाद परिवार वालों को अंतिम संस्कार का भी वक्त मिल जाता है. फांसी वाले दिन सुबह-सुबह जेल सुप्रीटेंडेंट की निगरानी में गार्ड कैदी को फांसी कक्ष में लाते है । शबनम मामले में फांसी की चर्चा एक बार फिर पूरे देश में हो रही है. इससे पहले निर्भया के गुनहगारों की सजा के वक्त लोगों के जहन में फांसी की सजा को लकेर कई सवाल जहन में आए थे. दरअसल, 1983 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक केवल 'रेयरेस्ट ऑफ द रेयरट' के मामलों में ही सजा का प्रावधान है. शबनम की फांसी का वक्त भी बेहद करीब है. ऐसे में शबनम को फांसी देने की तैयारियों के बीच ये जानना और समझना बहुत जरूरी है कि भारत में फांसी देने के क्या नियम हैं. सजा मुकर्रर होने से लेकर डेथ वॉरंट जारी होने के बाद उस वक्त होता है जब जल्लाद मुजरिम को फांसी देता है. जल्लाद आखिरी वक्त में दोषी के कान के पास आकर जो कहता है उसके बारे में भी बहुत कम ही लोग जानते हैं.
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डेथ वॉरंट से हेग्ड टिल डेथ तक
फांसी की सजा मुकर्रर होने के बाद डेथ वॉरंट जारी होता है. दया याचिका के माध्यम से फांसी पर रोक लगाने के लिए गुहार लगाई जाती है. दया याचिका खारिज होने के बाद डेथ वॉरंट जारी होता है, जिसमें फांसी की तारीख और समय तय होता है. फांसी दिए जाने की आगे की प्रक्रिया जेल मैनुअल के हिसाब से होती है. बिना नियमों के पालन किए फांसी नहीं दी जा सकती. डेथ वारंट जारी होने के बाद कैदी को फांसी की तारीख के बारे में इतल्ला दी जाती है. इतना ही नहीं जेल सुप्रीटेडेंट प्रशासन को भी जानकारी देते हैं.
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फांसी के पहले लटकाया जाता है पुतला
इससे पहले जल्लाद कैदी के वजन का पुतला लटकाकर ट्रायल करता है. फांसी देने वाली रस्सी का ऑर्डर दिया जाता है. रस्सी, लिवर सब कुछ एक दिन पहले चेक किया जाता है. कैदी के परिजनों को 15 पहने सूचना भेजवा दी जाती है. जिससे वह उससे आखिरी बार मिल सकें.

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Vinod meghwani,,,,एक खबर ,,,उत्तराखंड केदारनाथ में मोदी जी यात्रा ,,,का लाइव एक खबर के साथ देखे,,,,,,

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