सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

अप्रैल 15, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

न्यूज पोर्टल

फर्जी पत्रकार के खिलाफ होगी एफआईआर.. नई दिल्ली.भारत के सूचना प्रसारण मंत्रालय ने जाली पत्रकारों पर सिकंजा कसने को तैयार है । आज दोपहर को हुई प्रेस ब्रीफिंग में पत्रकारों से बात करते हुए, सूचना प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राजवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि देश भर में जितने भी प्रेस आई○डी○ लेकर घुम रहे लोगों की तत्काल जांच शुरू होगी । इस मामले में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति पर त्वरित कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिया जाएगा । आगे श्री राठौर ने कहा कि कुछ दोषी लोगों के कारण अच्छे, सच्चे एवं ईमानदार पत्रकारों के छवि खराब हो रही है, एवं उनके कार्य करने में बाधा उत्पन्न हो रही है । आगे जानकारी देते हुए श्री राठौर ने कहा कि पूरे देश में कुछ पैसा लेकर जाली प्रेस आई○डी○ बांटने एवं जाली पत्रकार नियुक्ति करने तथा प्रेस के नाम पर ब्लैकमेलिंग करने का धंधा चल रहा है। जिसपर अंकुश लगाना अति आवश्यक है । इस संबंध में सभी राज्यों के प्रेस सूचना मंत्रालय को निर्देश जारी कर दिया गया है । आगे उन्होंने बताया कि जो अखबार/पत्रिका भारत सरकार के आर○एन○आई○ द्वारा रजिस्टर्ड हो या जो टीवी/रेडियो सूचना प्रसारण मंत्रालय से

न घर का न घाट का ,,,मध्यमवर्गीय वर्ग

###लॉक डाउन  ### " उधार  का अमीर "   100 नम्बर की एक गाड़ी मेन रोड पर एक दो मंजिले मकान के बाहर आकर रुकी। कांस्टेबल हरीश को फ़ोन पर यही पता लिखाया गया था, पर यहां तो सभी मकान थे। यहां पर  खाना किसने मंगवाया होगा? यही सोचते हुए हरीश ने उसी नम्बर पर कॉल बैक की। अभी दस मिनट पहले इस नम्बर से भोजन के लिए फोन किया गया था। आप जतिन जी बोल रहे हैं क्या?  हम मकान न.112 के सामने खड़े हैं, कहाँ आना है। दूसरी तरफ से जबाब आया ,"आप वहीं रुकिए, मैं आ रहा हूं।" एक मिनट बाद 112 न. मकान का गेट खुला और करीब पैंसठ वर्षीय सज्जन बाहर आए। उन्हें देखते ही हरीश गुस्से में बोले,"आप को शर्म नहीं आई, इस तरह से फोन करके खाना मंगवाते हुए,गरीबों के हक का जब  *आप जैसे अमीर* खाएंगे तो गरीब तक खाना कैसे पहुंचेगा।" मेरा यहां तक आना ही बर्बाद गया।" बुजुर्ग ने कहा साहब ..ये शर्म ही थी जो हमें यहां तक ले आयी। सर्विस लगते ही शर्म के मारे लोन लेकर घर बनवा लिया, आधे से ज्यादा सेलरी क़िस्त में कटती रही और आधी बच्चों की परवरिश में जाती रही। अब रिटायरमेंट के बाद कोई पेंशन नही थी तो मकान का एक हिस्सा

मुख्यमंत्री जी इस संकट में 3 माह का बिजली छत्तीसगढ़ की जनता का माफ करे

🇳🇪🇳🇪🇳🇪🇳🇪🇳🇪🇳🇪🇳🇪🇳🇪 माननीय ,,,, हाईकोर्ट ,जज,महोदय जी,,मुख्यमंत्री भुपेश बघेल जी अपने संज्ञान में ले 👏🏻 नीम चढ़ा,,,,उस पे करेला,,,,इस कहावत को,,,,छत्तीसगढ़,, की बिजली कंपनी ने लॉक डाउन में चीरार्थ,,,, कर दिखाया,,,, लोंगो को खाने को नही,,,कमाई नही ,,,कोई आवक नही ,,,,जान के लाल पड़े है,,,,ऐसे में,,,छत्तीसगढ़ में बिजली कंपनी,,,यमदूत बनकर टूट पड़ी है । कोरोनो वायरस के चलते बिजली कंपनी ने मार्च में रीडिंग नही की है और एवरेज बिल भेजा । जो सीधा डबल है इस संकट काल मे उपभक्ताओं को सहानभूति ओर मदद की जरुरत है । इसके विपरीत बिजली कंपनी लोगो के दिलोदिमाग में दहशत पैदा कर रही है । ऐसे समय मे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भुपेश बघेल जी और हाई कोर्ट को ये मामला अपने संज्ञान में लेना चाहिये ।और छत्तीसगढ़ की जनता को राहत मिले ये 3महीने राज्य की जनता का बिजली बिल माफ किया जाये या हर उपभक्ताओं से 50% बिजली की राशि माफ की जाये ,,,,एक खबर ,,,,,विनोद मेघवानी ➡️➡️➡️➡️➡️➡️➡️➡️