सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

न घर का न घाट का ,,,मध्यमवर्गीय वर्ग

###लॉक डाउन  ###
" उधार  का अमीर "  

100 नम्बर की एक गाड़ी मेन रोड पर एक दो मंजिले मकान के बाहर आकर रुकी।
कांस्टेबल हरीश को फ़ोन पर यही पता लिखाया गया था, पर यहां तो सभी मकान थे। यहां पर
 खाना किसने मंगवाया होगा?

यही सोचते हुए हरीश ने उसी नम्बर पर कॉल बैक की।
अभी दस मिनट पहले इस नम्बर से भोजन के लिए फोन किया गया था। आप जतिन जी बोल रहे हैं क्या? 

हम मकान न.112 के सामने खड़े हैं, कहाँ आना है।
दूसरी तरफ से जबाब आया ,"आप वहीं रुकिए, मैं आ रहा हूं।"
एक मिनट बाद 112 न. मकान का गेट खुला और करीब पैंसठ वर्षीय सज्जन बाहर आए।

उन्हें देखते ही हरीश गुस्से में बोले,"आप को शर्म नहीं आई, इस तरह से फोन करके खाना मंगवाते हुए,गरीबों के हक का जब 
*आप जैसे अमीर* खाएंगे तो गरीब तक खाना कैसे पहुंचेगा।"
मेरा यहां तक आना ही बर्बाद गया।"

बुजुर्ग ने कहा साहब ..ये शर्म ही थी जो हमें यहां तक ले आयी।
सर्विस लगते ही शर्म के मारे लोन लेकर घर बनवा लिया, आधे से ज्यादा सेलरी क़िस्त में कटती रही और आधी बच्चों की परवरिश में जाती रही।
अब रिटायरमेंट के बाद कोई पेंशन नही थी तो मकान का एक हिस्सा किराये पर दे दिया।अब लाक डाउन के कारण किराया भी नहीं मिला।

 बेटे की सर्विस न लगने के कारण जो फंड मिला था उससे बेटे को व्यवसाय करवा दिया और वो जो भी कमाता गया व्यवसाय बड़ा करने के चक्कर में उसी में लगाता गया और कभी बचत करने के लिए उसने सोचा ही नहीं, अब 20 दिन से वो भी ठप्प है। पहले साल भर का गेंहू -चावल भर लेते थे पर बहू को वो सब ओल्ड फैशन लगता था तो शर्म के मारे दोनो टँकी कबाड़ी को दे दीं।अब बाजार से दस किलो पैक्ड आटा और पांच किलो चावल ले आते हैं।

 मकान होने के कारण शर्म के मारे किसी सामाजिक संस्था से भी मदद नही मांग सकते थे। कल से जब कोई रास्ता नहीं दिखा और सुबह जब पोते को भूख से रोते हुए देखा तो सारी शर्म एक किनारे रख कर 112 डायल कर दिया।

 इन दीवारों ने हमको अमीर तो बना दिया, पर अंदर से खोखला कर दिया। मजदूरी कर नहीं सकते थे और आमदनी इतनी कभी हुई नहीं कि बैंक में इतना जोड़ लेते की कुछ दिन बैठकर जीवन व्यतीत कर लेते।
आप ही बताओ मैं क्या करता?कहते हुए जतिन जी फफक पड़े।

हरीश को समझ नहीं आ रहा था कि क्या बोले, वो चुपचाप गाड़ी तक गया और लंच पैकेट निकालने लगा। तभी उसे याद आया कि उसकी पत्नी ने कल राशन व घर का जो भी सामान मंगवाया था वो कल से घर न जा पाने के कारण  डिग्गी में ही पड़ा हुआ है। उसने डिग्गी खोली, सामान निकाला और लंच पैकेट के साथ साथ सारा सामान जतिन के गेट पर रखा और बिना कुछ बोले गाड़ी में आकर बैठ गया। गाड़ी फिर किसी ऐसे ही भाग्यहीन अमीर का घर ढूंढने जा रही थी। 

यह आज के मध्यम वर्ग की कमोबेश यही वास्तविक स्थिति है।।  गरीब को तो केन्द्र व राज्य सरकार , एन जी ओ , सामाजिक संगठन , ट्रस्ट , स्थानीय निकाय  , राजनैतिक दल ,व्यावसायिक संगठन , सभी खिला रहे है ।अमीर  को जरूरत नही वो खुद बाट रहे है ।।
जय हिंद  जय भारत    जय छत्तीसगढ़

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जम्मू कश्मीर का मुख्यमंत्री तो उमर अब्दुल्ला होगा ,,पर ,,उसका रिमोट उप राजपाल मनोज सिन्हा के पास होगा

Vinod raja meghwani (sampadak ) जम्मू कश्मीर में बीजेपी चुनाव हराने के बाद भी ,,सरकार ,,मोदी की होगी

बंद कमरे में बनाए जाने वाले वीडियो से अंधी कमाई

Vinod raja meghwani (sampadak),,,, बन्द कमरे में बनाए जाने वाले वीडियो से  अंधी कमाई कितनी हे,,,?????

20 करोड़ की ठगी छत्तीसगढ़ में शातिर ठग ने अंजाम दिया

Vinod raja meghwani (sampadak) एक खबर (VINOD raja meghwani  ) सूत्रों से मिली खबर अनुसार उत्तरप्रदेश के ,,,रावत एसोसिएट प्रबंधक मैनेजर अजय ने शिकायत लिखवाई । K k   shirwartav ne  उनके बॉस अर्जुन रावत 1000 करोड़ का ठेका दिलाने का आश्वाशन दिया ओर फर्जी दस्तावेजों के जरिए  लगभग 20 करोड़ रुपए एडवांस में ठग लिए । छत्तीसगढ़ के  नेताओं का खुद को करीबी बताने वाले बिलासपुर के kk shriwastav   पर लगभग 20 करोड़ की ठगी का आरोप लगा है। यूपी के रावत एसोसिएट के एडमिन मैनेजर अजय कुमार ने शिकायत दर्ज कराई है। अजय के मुताबिक केके श्रीवास्तव ने उनके मालिक अर्जुन रावत को 1000 करोड़ का काम दिलाने का आश्वासन दिया और फिर फर्जी दस्तावेज भेजकर ठगी की। Kk  shriwastav के साथ उसके बेटे कंचन ओर kk shriwastav खिलाफ भी शिकायत दर्ज की गई है। एफआईआर में यह दर्ज किया गया है कि प्रदेश के सबसे बड़े नेता भगोड़े ठग kk  shriwastav से तांत्रिक पूजा करवाते थे। ये सुबह श्रीवास्तव से तांत्रिक पूजा करवाते थे। ये नेता कौन सी पार्टी के, ये नहीं लिखा गया है। लेकिन ठग पर आरोप है कि वो ...