मंगलवार, 2 अगस्त 2022

करनी हो समाज की र क्षा तो बेटी को सुरक्षा करो

Vinod meghwaniएक खबर ( vinod meghwani )
*सुहिणी सोच का मेरी लाडो हाउसफ़ुल 600 से ज़्यादा बेटियाँ माता पिता हुए लाभान्वित*

*मेरे सिर्फ़ दो बेटे है अब बहू आने के बाद मेरी बेटी की कमी पूरी हो गई है वही मेरी असली लाडो है*- मनीषा तारवानी 

*"करनी हो समाज की रक्षा तो बेटी की करो सुरक्षा"-ज्योति शर्मा
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*"अपनी संस्कृति और धर्म की रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है।"- सरोज सोनी जी* 

*"बात करोगे तो बात बनेगी"  -सीए चेतन तारवानी*

*बेटियो को आत्मरक्षा, धर्मरक्षा हेतु प्रशिक्षित करना  हर अभिभावक की जिम्मेदारी।"-रंजीता दास जी*

 बेटियों  की सुरक्षा के लिए अति आवश्यक है,अपने घर में आने जाने वाले काम करने वाले हर व्यक्ति की पूरी जानकारी रखना।बच्चे किससे मिलते है,और कब कहाँ जाते है ,इसकी जानकारी  हर माता पिता को होनी ही चाहिए ये बातें ज्योति शर्मा जी  ने सुहिणी सोच संस्था द्वारा आयोजित बेटियो एवं उनके माता पिता के लिए   मैक ऑडिटोरियम, समता कॉलोनी  में  *मेरी लाडो* प्रशिक्षण कार्यक्रम में बताया
साथ ही उन्होंने कहा कि  मोबाइल का उपयोग  करते समय भी अनजान लोगो को  अपनी पूरी  जानकारी  देना भी सुरक्षा की दृष्टि से सही नहीं होता।


ट्रेनर रंजीता दास जी  ने  कहा की  बेटियो की आत्मरक्षा हेतु जरूरी है की उन्हें आत्मरक्षा हेतु कराते का प्रशिक्षण करवाना ,साथ ही  हर बेटी  हर महिला को अपने पर्स में अपनी आत्मरक्षा  हेतु कुछ सुरक्षा के साधन जैसे लालमिर्च पाउडर स्प्रे, चाकू या कटर अवश्य ही रखना चाहिए, ताकि जरूरत के समय  उसका उपयोग कर सके।बेटियों को  शालीन कपड़े पहनने की हिदायत दी, ताकि लोगो की गंदी नजर का वो शिकार न बने। इसके अलावा उन्होंने  कहा हर  बच्चे  को बेटियों को चाइल्ड लाइन  का नंबर 1098 याद होना चाहिए।
साथ ही मोटिवेशनल  ट्रेनर  सीए चेतन तारवानी जी ने व्यक्तित्व विकास की बात की उन्होंने कहा की अपने हर कार्य में अपना 100 प्रतिशत देना चाहिए,  जिससे  आपकी सफलता निश्चित है।उन्होंने बच्चो को समझाया की अपने माता पिता की भावनाओ का सम्मान करना भी बच्चो की जिम्मेदारी  बनती है।


  किसी भी रिश्ते में कोई प्रॉब्लम हो,तो बात  जरूर करें क्योंकि आप बात करोगे तभी बात बनेगी,और अगर आप बात करना बंद कर देंगे तो सुलह के सारे  रास्ते बंद हो जाएंगे। अंत में उन्होंने "सुनने की कला"  के बारे में भी विस्तार से बताया।


इंदौर से  उपस्थित श्रीमती सरोज सोनी जी ने बताया कि हमे  अपने बच्चो को संस्कार व धर्म के बारे में ज्ञान देना , उनको अपनी सभ्यता से अवगत कराना माता पिता का कर्तव्य बनता है,उनको अच्छे संस्कार देंगे तभी वो आगे चलकर अपने धर्म अपने पारिवारिक संबंधों को भी समझ पाएंगे। अपनी सभ्यता व संस्कृति को कायम रख पाएंगे।
इस कार्यक्रम में 600 से भी ज़्यादा लोगों से हॉल खचाखच भरा हुआ था 
जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पूज्य शदाणी दरबार तीर्थ से परम पूज्य संत श्री युधिष्ठिर लाल जी, जय शक्तिधाम समिती स्वामी हरिगिरि महाराज के पीठाधीश सांई रामचंद जी एवम् पूज्य मीना भाभी मां,छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत के प्रदेश अध्यक्ष श्री चंद सुंदरानी जी, भारतीय सिंधु सभा युवा शाखा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सीए  चेतन तारवानी जी , ट्रेनर के रूप में इंदौर से सरोज सोनी जी ,बिलासपुर से रंजीता दास जी एवम् भिलाई से ज्योति शर्मा जी  जी उपस्थित हुई। इस कार्यक्रम की शुरुवात दीप प्रज्ज्वलन, गायत्री मंत्र, राष्ट्रगान,  सांस्कृतिक कार्यक्रम एवम् अतिथियों के  स्वागत- सम्मान एवम् अध्यक्ष विद्या गंगवानी के स्वागत भाषण से हुई उन्होंने स्वागत भाषण में अतिथियों के स्वागत के साथ बताया की सुहिणी सोच पंजीकृत संस्था है ज़ो सोसायटी ऐक्ट छतीसगढ़ में तथा इंकम टैक्स की धारा 12एबी एवं 80जी में  एवं केंद्रीय सरकार के नीति आयोग में रजिस्टर है 

 
    



इसके बाद सुहिणी सोच  की फाउंडर मनीषा तारवानी जी ने कहा मेरे सिर्फ़ दो बेटे है अब बहू आने के बाद मेरी बेटी की कमी पूरी हो गई है वही मेरी लाडो है और उन्होंने बताया बेटियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम कर गौरान्वित महसूस कर रही है    क्योंकि बेटी सिर्फ़ बेटी नहीं वो वंस की जन्मदाता होने वाली है  साथ ही सभी सदस्यों के कार्यों  एवम् सहयोग की सराहना की।
इसके पश्चात कार्यक्रम में पधारे परम पूज्य संत श्री युधिष्ठिर लाल जी ने  अपने उदबोधन में सुहिणी सोच द्वारा आयोजित *मेरी लाडो* प्रशिक्षण कार्यक्रम को बेटियों के लिए ,समाज के लिए ,हर धर्म की रक्षा के लिए अति महत्वपूर्ण बताया।साथ ही  ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन हेतु सबको आशीर्वचन व अपना आशीर्वाद दिया। 
कार्यक्रम के अंत में सभी प्रायोजकों का सम्मान स्मृति चिन्ह देकर किया गया और सभी उपस्थित अतिथिगणों व परम पूज्य  सांई युधिष्ठिर लाल जी  व  उल्हास नगर से पधारे साई  रामचन्द जी व भाभी मां का स्वागत कर आशीर्वाद लिया ।
इस पूरे कार्यक्रम का संचालन  कार्यक्रम निर्देशक दीक्षा बुधवानी एवम् पूनम बजाज  ने किया।  
कार्यक्रम में सभी अभिभावक अपने अपने बच्चो के साथ उपस्थित थे,साथ ही प्रायोजक भी उपस्थित थे।
   इस कार्यक्रम में  सुहिणी सोच की फाउंडर मनीषा तारवानी,अध्यक्ष विद्या गंगवानी,सचिव करिश्मा कमलानी, पूर्व अध्यक्ष काजल लालवानी, उपाध्यक्ष दीक्षा बुधवानी, पल्लवी चिमनानी,जूही दरयानी,ज्योति बुधवानी,कोषाध्यक्ष सुमन पाहुजा, सहसचिव आरती कोडवानी, ग्रीटर सोनम माधवानी, मीडिया प्रभारी माही बुलानी,संगीता पुरी  सोनिया इसरानी एवम् पूरी कार्यकारिणी व अन्य सदस्य अपने  परिवार  के साथ उपस्थित थे। कार्यक्रम की समाप्ति सचिव करिश्मा कमलानी के आभार प्रदर्शन से की गई।

 यह प्रेस विज्ञप्ति मीडिया प्रभारी माही बुलानी द्वारा जारी की गई।

माही बुलानी
मीडिया प्रभारी
9993150008

Amir Khan is the silent killer of Hindugenium, the murderer of Hindu culture????,,,

Vinod meghwaniAmir Khan is the silent killer of Hindugenium, the murderer of Hindu culture????,,,


एक खबर ( विनोद meghwani )बालीवुड नहीं (मुस्मालिक वर्ड कहे भारतीय सिनेमा को तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी ।अमीर खान हिंदुजीनियम का साइलेंट किलर है । ( हिन्दू संस्कृति का कातिल )....जाकिर नाइक से ज्यादा खतरनाक क्यों हैं आमिर?
आमिर एक बहुत ही बुद्धिमान ऑपरेटर है। सलमान खान या शाहरुख खान के विपरीत,उन्होंने अपने रोल को शुरू से ही बहुत अच्छी तरह से निभाया। उन्होंने सरफरोश, लगान और मंगल पांडे जैसी सुपर-देशभक्ति फिल्में बनाईं और देशभक्त भारतीयों की स्वीकृति और विश्वास हासिल किया। फिर उन्होंने चुपके से और सूक्ष्मता से अपनी फिल्मों में अपना एजेंडा डालना शुरू कर दिया।
रंग दे बसंती का ही उदाहरण लें। हर कोई जिसने इसे देखा वह जॉर्ज फर्नांडीस और भाजपा सरकार से नफरत करता था क्योंकि उसने रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार के साथ पैसा कमाया। सोनिया गांधी ने तहलका घोटाले में तरुण तेजपाल जैसे लोगों का इस्तेमाल करके यही साबित करने की कोशिश की थी।और कौन जानता है कि कारगिल युद्ध में उन्हें हराने वाले लोगों को अपने ही देश में सैनिकों के ताबूतों में पैसा बनाने वाले भ्रष्ट लोगों के रूप में बदनाम होते देखना ISI को कितना अच्छा लगता।
इसके बाद आमिर ने अपनी सॉफ्ट स्टोरी "सत्यमेव जयते" में अपने हिंदू विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया। उस श्रृंखला के माध्यम से उन्होंने एनजीओ के लिए बहोत सारा पैसा इकट्ठा किया, जो मुसलमानों के लिए काम करने वाले उनके पालतू एनजीओ या भारत विरोधी एजेंडे में चला गया।
हम हिंदू उनकी सिसकने की कहानियों पर विश्वास करके अपने ही दुश्मनों को धन मुहैया कराते हैं।
हम सत्यमेव जयते में उनके हिंदू विरोधी एजेंडे का सिर्फ एक उदाहरण देंगे। उन्होंने हिंदुओं को बालिकाओं के हत्यारे के रूप में दिखाया। और फिर उसी कड़ी में दिखाया कि कैसे मुसलमान बिना दहेज के शादी कर रहे हैं और इसलिए वे बच्चियों की हत्या नहीं करते हैं। क्या इससे किसी हिंदू महिला का खून खौल नहीं जाएगा कि हमारे माता-पिता हमें दहेज के लिए मार देते हैं जबकि मुसलमान दहेज नहीं लेते हैं और इसलिए उनकी लड़कियां सुरक्षित हैं? क्या यह गुस्सा लव जिहाद में मुसलमानों की मदद नहीं करेगा?
ऐसा एक भी एपिसोड नहीं था जब आमिर ने इस्लामिक समाज में सामाजिक बुराइयों को दिखाया हो। उन्होंने बुर्का या ट्रिपल तलाक या बहुविवाह या हलाला पर या कम से कम हैदराबाद में मुथा विवाह (अस्थायी विवाह) में किशोर लड़कियों को पुराने अरबों को कैसे बेचा जाता है, इस पर कोई एपिसोड नहीं बनाया। अपने ही धर्म में सामाजिक कुरीतियों पर एक भी प्रकरण नहीं।
सत्यमेव जयते भारत और इसकी संस्कृति पर सबसे बड़ा हिट एजेंडा था। उन्होंने भारत में सभीको हिट किया - डॉक्टरों से लेकर वैज्ञानिकों तक, पानी से लेकर हवा तक सभी को। और हमने इस पर गुस्सा होने के बजाय इसके लिए ताली बजाई।
मुझे यकीन है कि इसने ब्रांड इंडिया को भारी नुकसान पहुंचाया है। उनकी सावधानी से गढ़ी गई छवि इतनी ऊंची थी कि हमें उनके इरादों पर कभी संदेह नहीं हुआ।
फिर आई पीके, जो अब तक की सबसे खराब हिंदूफोबिक फिल्म थी। हम हिंदू अपने ही देवताओं पर किए गए चुटकुलों पर हंस पड़े। हम उस पाकिस्तानी लड़के के लिए आंसू बहाते हैं जो एक हिंदू लड़की से प्यार करता है।
पीके भारतीय सिनेमा की सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर बन गई, जबकि हिंदू अपने भगवान पर हंसे।
फिर उन्होंने यह दावा करते हुए अपने राजनीतिक बयान की शुरुआत की, कि नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद उनकी पत्नी भारत में रहने से डरती हैं। आमिर की आलोचना की गई और वास्तव में स्नैपडील को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ क्योंकि भारतीयों ने इसे अनइंस्टॉल कर दिया। लेकिन उनकी फिल्मों ने फिर भी पैसा कमाया।
बहुसंख्यक हिंदू आबादी के लिए धन्यवाद जो हिंदू धर्म के खिलाफ आमिर के एजेंडे को न देखने के लिए असंवेदनशील और यहां तक कि मूर्ख बने रहे।
इसके बाद दंगल आई और यह बहुत बड़ी हिट भी हुई। इसने एक देशभक्त हिंदू परिवार को दिखाया जिसने कुश्ती में भारत के लिए पदक जीतने के लिए सभी सामाजिक वर्जनाओं को तोड़ दिया और वहां हरियाणा में एक संपूर्ण खेल उद्योग बनाया।
लेकिन आमिर ने अपनी हदें पार कर दीं। उन्होंने चीन से दंगल के नकली संग्रह का दावा किया और फिर दावा किया कि उन्होंने भारत की सबसे बड़ी हिट फिल्म बनाई - बाहुबली से भी बड़ी। वह अपनी अगली फिल्म में असफल हो गए जहां उन्होंने एक काल्पनिक शांतिपूर्ण राजाओं का एक बड़ा नायक बनाने की कोशिश की, जिन्हें स्वतंत्रता सेनानियों के रूप में दिखाया गया था। बिल्कुल टीपू सुल्तान की तरह। इस बकवास पर किसी ने विश्वास नहीं किया और यह दशक की सबसे भीषण आपदा बन गई।
अब आमिर ने अपने नए अवतार में तुर्की के तानाशाह से बड़ी धूमधाम से मुलाकात की। वह इसे गुपचुप तरीके से कर सकता था। वह इसमें से ऐसा तमाशा क्यों कर रहा है? क्या वह अपने अनुयायियों को संदेश भेज रहा है कि तुर्की नया मालिक है और हमें इसका पालन करने की आवश्यकता है? या खलीफा तक पहुंचने में अपने सह-सुपरस्टार सलमान और शाहरुख को हराने की कोशिश कर रहे हैं?
हमें नहीं पता कि उसका एजेंडा क्या है। लेकिन एक बात निश्चित है जाकिर नाइक जो काम नहीं कर पा रहा वो काम ये अपनी छवि को चमकाकर कर रहा है और हम इनके शिकार होते जा रहें हैं।

बंद कमरे में बनाए जाने वाले वीडियो से अंधी कमाई

Vinod raja meghwani (sampadak),,,, बन्द कमरे में बनाए जाने वाले वीडियो से  अंधी कमाई कितनी हे,,,?????