सोमवार, 3 अगस्त 2020

6 अगस्त को छत्तीसगढ़ में लॉक डाउन सम्माप्त नही होगा तो व्यापारी अपनी दुकानें खोलेंगे --प्रह्ललाद रूँगटा

दुर्ग जिला CAIT व्यापारी संगठन  के व्यापारियों से  अपील करता है कि 6 तारीख को लॉकडाउन समाप्त नहीं होता है और व्यापार यथावत बंद रहता है तो बाजार के सभी दुकानों को स्वमेव खोला जाए सभी व्यापारी अपने दुकानों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें । 

दुकान सुबह 9:00 बजे खुले और 2:00 बजे बंद हो जाए आवश्यक सेवाएं देने वाले व्यापारी अपनी दुकानों को सुबह 6:00 बजे खोलें और 2:00 बजे बंद करें हम सब व्यापारी अपने स्वयं के व्यापार हित , अपने कर्मचारियों के जीवन की रक्षा और शहर के उभोक्ताओं को सही मूल्य पर सही सामग्री प्रदान कर राष्ट्र हित में अपना योगदान दें । 

शासन के बेतुके निर्णय का खुला विरोध करें ऐसे किसी भी आदेश का पालन न करें कि रात्रि में जारी हो और सुबह पालन करने के निर्देश हो , दुर्ग भिलाई के व्यापारियों से सामूहिक निर्णय लेने में मदद की अपील करता है और किसी एक व्यापारी को शासन और प्रशासन प्रताडि़त करने की कार्रवाई करता है तो पूरा व्यापारी समाज उस व्यापारी के साथ खड़े होने की क्षमता रखें और तानाशाही प्रवृत्ति अपनाकर शासन में बैठे हुए जिम्मेदार लोग यदि शहर के उपभोक्ताओं को तकलीफ देने व्यापार को अपनी मर्जी से चलाने के दिशा निर्देश जारी करते हैं तो उसका भी खुला विरोध हर स्तर पर होना चाहिए । 
संक्रमण राज्य सरकार की गलत नीतियों के कारण फैल रहा है व्यापार जगत का इसमें कहीं कोई रोल नहीं है अचानक बंद करना अचानक खोलना भीड़ को आमंत्रण देने का कार्य राज्य शासन स्वयं कर रहा है जिसका हम सब का विरोध करते हैं और राज्य शासन को पुनः अनुरोध करते हैं कि उन्हें लगता है की दुकानों के कारण ही संक्रमण फैलता है तो एक समय निश्चित कर दें कि लगातार 5 माह से बंद दुकानों को  और कितने दिनों तक बंद रखे जाने की योजना  राज्य सरकार की है कोरोना के संक्रमण से  राज्य की सरकार  कब तक मुक्त कर सकती है हम सभी दुकानदार संक्रमण की मुक्ति के लिए अपनी दुकानों को स्वयमेव बंद कर देंगे अन्यथा सरकार शराब की दुकानों को ठेले खोमचे में चलने वाले छोटे छोटे व्यापार को प्रतिबंधित करें उनके रोजगार की व्यवस्था करें व्यवस्था नहीं कर सकती है तो ठेले खोमचे चलाने वाले परिवार को मुआवजा देकर उनके जीवन की रक्षा के लिए आवश्यक प्रयास करें ।

 राज्य सरकार तुगलकी निर्णय न ले व्यापार को शांति पूर्वक चलाने में मदद करें सकरे मार्गो में वन वे मार्ग घोषित करें ट्रैफिक एवं पुलिस की व्यवस्था व्यस्त मार्गों पर करें व्यस्त बाजार क्षेत्र में करें ताकि आम जनता भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए आवश्यकतानुसार सामग्री बाजार से प्राप्त कर सके शासन के सभी जिम्मेदार जन प्रतिनिधियों से अनुरोध है की व्यापार हित एवं जनहित को ध्यान में रखते हुए हमें अपना संबल प्रदान करें और राज्य शासन को भी अपना सुझाव दें कि व्यापार यथावत चलता रहे संक्रमण से मुक्ति के लिए आम उपभोक्ताओं को हम सब जागृत करें मास्क पहनकर बाजार में आने का निवेदन करें ज्ञानचंद जैन में राज्य शासन से अनुरोध किया है की अनावश्यक अशांति का वातावरण ना बने इस दिशा में 7 अगस्त से बाजार को समय का ध्यान रखते हुए खोलें और आम उपभोक्ताओं को राहत दे क्या केंद्र व राज्य सरकार हमारे घाटे की भरपाई करेगा बैंक ऋण ई एम आई के ऋणों पर लगने वाले ब्याज से हमें राहत दिलाएगा क्या किराए पर दुकान लेकर चलाने वाले दुकानदारों के किराए की राशि राज्य शासन मकान मालिकों को देने में मदद करेगा यह सब ऐसे सवाल हैं जो हम पर भारी हैं यदि इन सब ऋण से मुक्ति हमें नहीं मिलती है या हम बैंक की देय राशि का भुगतान नहीं करते हैं तो न केवल व्यापारी वर्ग अपितु उस पर आश्रित कर्मचारियों के परिवार का भरण पोषण मुश्किल हो जाएगा और दुकाने नहीं खुलने से शहर के उपभोक्ताओं को समय पर जब राशन नहीं मिलेगा उनके आवश्यकता की सामग्री नहीं मिलेगी तो जब बाजार खुलेगा तो लूटपाट की स्थिति और अशांति का वातावरण बनने की संभावना भी बनी रहेगी ऐसी स्थिति में जिले के सम्माननीय कलेक्टर जिले के मंत्री विधायक सांसद और प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री इस पर गंभीरता से प्रयास करें आशा करता हूं के व्यापार जगत को अनावश्यक परेशान करने की कार्य योजना राज्य शासन के प्रशासनिक अधिकारी अब बंद करेंगे व्यापार एकता बनी रहे व्यापारी वर्ग एकजुट हो और शासन की गलत नीतियों का विरोध करने अपने बाजार को 7 अगस्त को अवश्य खोलें
 निवेदन 
प्रह्लाद रूगंटा 
अध्यक्ष कैट 
जिला दुर्ग

सूचना का अधिकार ----एक खबर

सूचना का अधिकार-एक परिचय

सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 अपनी यात्रा में काफी उपलब्धियां हासिल कर चुका है। नागरिकों न केवल महत्वपूर्ण सूचनाएं ही प्राप्त हो रही हैं बल्कि ये सूचनाएं कई बार सिर्फ सूचनाओं तक ही नहीं सीमित होकर अपनी उपयोगिता कई परिप्रेक्ष्य में सिद्ध करती है। केंद्र राज्य स्तर पर सभी विभागों में सूचना का अधिकार लागू कर दिया गया है और इसके लिए अलग विभाग से लेकर कार्यालयों में सूचना की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए कार्यरत कर्मचारियों को मनोनीत लोक सूचना अधिकारी के रुप में नियुक्त किया गया गया है। सूचना की अनुपलब्धता की स्थिति में प्रथम अपीलीय प्राधिकारी, द्वितीय अपील के साथ कुछ विशेष स्थितियों में सीधे तौर आयोग में भी अपील की जा सकती है। कई राज्यों ने सूचना के अधिकार में लोगों की सहायता के लिए सूचना और प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए पूरी तरह से समर्पित आरटीआई की वेबसाईट का निर्माण किया है और आवेदन करने और उसे जमा करने के लिए ऑनलाईन का विकल्प भी उपलब्ध कराया है। कुछ राज्यों ने टोल फ्री नंबर की सेवा भी प्रारंभ की है।

सूचना का अधिकार-सांविधानिक प्रावधान

सूचना के अधिकार का दर्ज़ा उपयोगिता और इस बात से सिद्ध होता है कि संविधान में इसे मूलभूत अधिकार का दर्ज़ा दिया गया है। आरटीआई का अर्थ है सूचना का अधिकार और इसे संविधान की धारा 19 (1) के तहत एक मूलभूत अधिकार का दर्जा दिया गया है। धारा 19 (1), जिसके तहत प्रत्‍येक नागरिक को बोलने और अभिव्‍यक्ति की स्‍वतंत्रता दी गई है और उसे यह जानने का अधिकार है कि सरकार कैसे कार्य करती है, इसकी क्‍या भूमिका है, इसके क्‍या कार्य हैं आदि।सूचना का अधिकार अधिनियम प्रत्‍येक नागरिक को सरकार से प्रश्‍न पूछने का अधिकार देता है और इसमें टिप्‍पणियां, सारांश अथवा दस्‍तावेजों या अभिलेखों की प्रमाणित प्रतियों या सामग्री के प्रमाणित नमूनों की मांग की जा सकती है।

आरटीआई अधिनियम पूरे भारत में लागू है (जम्‍मू और कश्‍मीर राज्‍य के अलावा) जिसमें सरकार की अधिसूचना के तहत आने वाले सभी निकाय शामिल हैं जिसमें ऐसे गैर सरकारी संगठन भी शामिल है जिनका स्‍वामित्‍व, नियंत्रण अथवा आंशिक निधिकरण सरकार द्वारा किया गया है।

शिकायत कब करें

इस अधिनियम के प्रावधान 18 (1) के तहत यह केन्‍द्रीय सूचना आयोग या राज्‍य सूचना आयोग का कर्तव्‍य है, जैसा भी मामला हो, कि वे एक व्‍यक्ति से शिकायत प्राप्‍त करें और पूछताछ करें।

  1. जो केन्‍द्रीय सूचना लोक अधिकारी या राज्‍य सूचना लोक अधिकारी के पास अपना अनुरोध जमा करने में सफल नहीं होते, जैसा भी मामला हो, इसका कारण कुछ भी हो सकता है कि उक्‍त अधिकारी या केन्‍द्रीय सहायक लोक सूचना अधि‍कारी या राज्‍य सहायक लोक सूचना अधिकारी, इस अधिनियम के तहत नियुक्‍त न किया गया हो जैसा भी मामला हो, ने इस अधिनियम के तहत अग्रेषित करने के लिए कोई सूचना या अपील के लिए उसके आवेदन को स्‍वीकार करने से मना कर दिया हो जिसे वह केन्‍द्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्‍य लोक सूचना अधिकारी या धारा 19 की उपधारा (1) में निर्दिष्‍ट राज्‍य लोक सूचना अधिकारी के पास न भेजे या केन्‍द्रीय सूचना आयोग अथवा राज्‍य सूचना आयोग में अग्रेषित न करें,जैसा भी मामला हो।
  2. जिसे इस अधिनियम के तहत कोई जानकारी तक पहुंच देने से मना कर दिया गया हो। ऐसा व्‍यक्ति जिसे इस अधिनियम के तहत निर्दिष्‍ट समय सीमा के अंदर सूचना के लिए अनुरोध या सूचना तक पहुंच के अनुरोध का उत्तर नहीं दिया गया हो।
  3. जिसे शुल्‍क भुगतान करने की आवश्‍यकता हो, जिसे वह अनुपयुक्‍त मानता / मानती है।
  4. जिसे विश्‍वास है कि उसे इस अधिनियम के तहत अपूर्ण, भ्रामक या झूठी जानकारी दी गई है।
  5. इस अधिनियम के तहत अभिलेख तक पहुंच प्राप्‍त करने या अनुरोध करने से संबंधित किसी मामले के विषय में।

सूचना प्राप्ति की प्रक्रिया

  1. आप सूचना के अधिकार अधिनियम- 2005 के अंतर्गत किसी लोक प्राधिकरण (सरकारी संगठन या सरकारी सहायता प्राप्त गैर सरकारी संगठनों) से सूचना प्राप्त कर सकते हैं।
  2. आवेदन हस्तलिखित या टाइप किया होना चाहिए। आवेदन प्रपत्र भारत विकास प्रवेशद्वार पोर्टल से भी डाउनलोड किया जा सकता है। आवेदन प्रपत्र डाउनलोड संदर्भित राज्य की वेबसाईट से प्राप्त करें
  3. आवेदन अँग्रेजी, हिन्दी या अन्य प्रादेशिक भाषाओं में तैयार होना चाहिए।
  4. अपने आवेदन में निम्न सूचनाएँ दें:
    • सहायक लोक सूचना अधिकारी/लोक सूचना अधिकारी का नाम व उसका कार्यालय पता,
    • विषय: सूचना का अधिकार अधिनियम- 2005 की धारा 6(1) के अंतर्गत आवेदन
    • सूचना का ब्यौरा, जिसे आप लोक प्राधिकरण से प्राप्त करना चाहते हैं,
    • आवेदनकर्त्ता का नाम,
    • पिता/पति का नाम,
    • वर्ग- अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ी जाति
    • आवेदन शुल्क
    • क्या आप गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवार से आते हैं- हाँ/नहीं,
    • मोबाइल नंबर व ई-मेल पता (मोबाइल तथा ई-मेल पता देना अनिवार्य नहीं)
    • पत्राचार हेतु डाक पता
    • स्थान तथा तिथि
    • आवेदनकर्त्ता के हस्ताक्षर
    • संलग्नकों की सूची
  5. आवेदन जमा करने से पहले लोक सूचना अधिकारी का नाम, शुल्क, उसके भुगतान की प्रक्रिया आदि के बारे में जानकारी प्राप्त कर लें।
  6. सूचना के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत सूचना प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र के साथ शुल्क भुगतान का भी प्रावधान है। परन्तु अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति या गरीबी रेखा से नीचे के परिवार के सदस्यों को शुल्क नहीं जमा करने की छूट प्राप्त है।
  7. जो व्यक्ति शुल्क में छूट पाना चाहते हों उन्हें अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/बीपीएल प्रमाणपत्र की छायाप्रति जमा करनी होगी।
  8. आवेदन हाथो-हाथ, डाक द्वारा या ई-मेल के माध्यम से भेजा जा सकता है।
  9. यदि आप आवेदन डाक द्वारा भेज रहे हैं तो उसके लिए केवल पंजीकृत (रजिस्टर्ड) डाक सेवा का ही इस्तेमाल करें। कूरियर सेवा का प्रयोग कभी न करें।
  10. आवेदन ई-मेल से भेजने की स्थिति में जरूरी दस्तावेज का स्कैन कॉपी अटैच कर भेज सकते हैं। लेकिन शुल्क जमा करने के लिए आपको संबंधित लोक प्राधिकारी के कार्यालय जाना पड़ेगा। ऐसी स्थिति में शुल्क भुगतान करने की तिथि से ही सूचना आपूर्ति के समय की गणना की जाती है।
  11. आगे उपयोग के लिए आवेदन पत्र (अर्थात् मुख्य आवेदन प्रपत्र, आवेदन शुल्क का प्रमाण, स्वयं या डाक द्वारा जमा किये गये आवेदन की पावती) की 2 फोटोप्रति बनाएं और उसे सुरक्षित रखें।
  12. यदि अपना आवेदन स्वयं लोक प्राधिकारी के कार्यालय जाकर जमा कर रहे हों, तो कार्यालय से पावती पत्र अवश्य प्राप्त करें जिसपर प्राप्ति की तिथि तथा मुहर स्पष्ट रूप से अंकित हों। यदि आवेदन रजिस्टर्ड डाक द्वारा भेज रहे हों तो पोस्ट ऑफिस से प्राप्त रसीद अवश्य प्राप्त करें और उसे संभाल कर रखें।
  13. सूचना आपूर्ति के समय की गणना लोक सूचना अधिकारी द्वारा प्राप्त आवेदन की तिथि से आरंभ होता है।

याद रखने योग्य बातें


क्रम संख्या

स्थिति

सूचना आपूर्ति की समय-सीमा

1

सामान्य स्थिति में सूचना की आपूर्ति

30 दिन

2

जब सूचना व्यक्ति के जीवन या स्वतंत्रता से संबंधित हों, तब सूचना की आपूर्ति

48 घंटे

3

जब आवेदन सहायक लोक सूचना अधिकारी के जरिये प्राप्त होता है, वैसी स्थिति में सूचना की आपूर्त्ति

उपर्युक्त दोनों स्थितियों में 05 दिन का समय और जोड़ दिये जाएंगे।

    स्रोत: rti.gov.in



    एक प्रार्थना पत्र 16/06/2020को माननीय मुख्यमंत्री मंत्री महोदय व पुलिस अधीक्षक व पुलिस महानिदेशक व जिलाधिकारी को भेजा है जिसमे अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। आगे क्या कर सकते हैं?



    बैंक सर्विस संबंधी जानकारी ली जा सकती है आरटीआई के माध्यम से।



    आरटीआई से ग्राम पंचायत से गांव की सड़क की लंबाई एवं चाैड़ाई की जानकारी ले सकते हैं।



    आर टी ई के तहत किसी भी विभाग कि जानकारी लेने के लिये जेसे ग्राम पंचायत के निर्माण की जानकारी लेने के लिए किस प्रकार आवेदन देना है



    Rti के आवेदन के बाद प्रतिलिपि के लिये भुगतान की मांग कितने दिनों मे की जाती है भुगतान जमा करने के कितने दिन बाद सुचना उपलब्ध कराई जाती है



    अपनी टिप्पणी पोस्ट करें

    ( यदि आपके पास उपरोक्त सामग्री पर कोई टिप्पणी / सुझाव हैं, तो कृपया उन्हें यहां पोस्ट करें)

    बंद कमरे में बनाए जाने वाले वीडियो से अंधी कमाई

    Vinod raja meghwani (sampadak),,,, बन्द कमरे में बनाए जाने वाले वीडियो से  अंधी कमाई कितनी हे,,,?????