सूत्रों से मिली ,एक खबर (कांकेर vinod meghwani )जिले का कलेक्टर जिले का राजा होता है और शहर वासी प्रजा इसलिये राजा को हर परस्थितियों में सयंम रखना पड़ता है । लेकिन कांकेर जिले के कलेक्टर ने अपना सयंम खो दिया और ओर निंदा के पात्र बन गए । के. एल .चौहान कलेक्टर ने पत्रकार पर आपा खोते हुए वाट्सएप ग्रुप में लिखा – “लॉकडाउन कर देंगे तो क्या ये न्यूज़ डालने वाले का बाप गरीबो को खाना देगा ?? । कांकेर जिले में जिले के कलेक्टर के.एल चौहान द्वारा पत्रकार निपेन्द्र ठाकुर के लेख पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई !
कांकेर जिले के युवा निर्भीक पत्रकार निपेन्द्र ठाकुर ने जिला प्रशासन को अपने लेख द्वारा सुझाव दिया था कि कोरोना महामारी पूरे देश व राज्य में विकराल रुपले चुका है और कांकेर जिला भी इससे अछूता नहीं रहा है ! कांकेर कलेक्टर के कई कर्मचारि कोरोना के चपेट में आने के कारण कलेक्टर परिसर को सील करना पड़ा ! इस कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हए पत्रकार निपेन्द्र ठाकुर ने अपने लेख में कलेक्टर के.एल. चौहान को एक वाहट्सएप्प ग्रुप में सुझाव दिया कि, कांकेर जिला मुख्यालय में लॉकडाउन का निर्णय लिया जाए !
इस प्रतिक्रिया से बौखलाए कांकेर कलेक्टर के.एल.चौहान ने अपना आपा खोते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए लिखा कि-“दोबारा लॉकडाउन कर देंगे तो क्या ये न्यूज़ डालने वाले का बाप गरीबो को खाना देगा”।
कलेक्टर की इस अमर्यादित और बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद कांकेर जिले के पत्रकारों ने विरोध उनको हटाने को लेकर मौन प्रदर्शन करते हुए घड़ी चौक से होकर कलेक्टर चौक तक रैली निकली और उनका पुतला फूंका।
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