सोशल प्रिंट मीडिया अखबार( न्यूज पॉर्टल) एक खबर का सर्वेसर्वा अधिकार विनोद meghwani का है एक खबर के मुख्य संपादक विनोद meghwani है एक खबर ब्लॉग पर देश विदेश के न्यूज चैनल का युटुयब के वीडियो ओर राज्य ,छत्तीसगढ़ ,बॉलीवुड , हॉलीवुड, व्यंग ,हास्य अन्य लेख हिंदी, सिन्धी, उर्दू, अंग्रेजी अन्य विश्व की भाषाओ में ( सूचना आम जनता के लिये एक खबर में छपे लेख पे किसी प्रकार की आपत्ति या वाद विवाद का निपटारा दुर्ग न्यायालय के अंतर्गत होगा संपादक ,,,विनोद मेघवानी ,,
शनिवार, 24 दिसंबर 2022
मोहंदी पाट से पुल चोरी_पूर्व विधायक राजेंद्र राय
Vinod meghwaniएक खबर gundardih ( Vinod meghwani ) पूर्व विधायक राजेंद्र राय ने 4पुल चोरी होने की शिकायत की पुल निर्माण के लिए राज्य शासन ने दो करोड़ अनिस लाख रुपए मंजूर हुआ था चार पुल बनने थे पर पुल नहीं बना ।पुल के रूपये कहां गए ये जांच का विषय है।गुंडरदेही । प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत् मोहंदीपाट से देवरी मार्ग में पूर्व विधायक राजेंद्र राय ने अर्जुदा थाना में 4 नग पुल चोरी की रिपोर्ट लिखवाएं थे और निष्पक्ष जांच करने की मांग की गई थी । शिकायत के आधार पर अधिकारी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना मार्ग का निरीक्षण करने पहुंचे जहां ग्रामीणों ने बताया कि 4 नग पुल की स्वीकृति हुई थी जिसको एसडीओ प्रभाकर गजभिए एवं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यपालन अभियंता बसंत पटेल के द्वारा पुल निर्माण नहीं कराया बल्कि केंद्र सरकार को राशि वापस भेज दिया था । जांच अधिकारी के समक्ष ग्रामीणों एवं शिकायतकर्ता ने बताया 6 मीटर का पुल 20 साल पहले बना है जिसके बाजू मुख्य मार्ग पर 6 मीटर पुल की अधिकारी आवश्यकता है । में की लापरवाही के चलते पुल निर्माण नहीं किया गया जबकि बरसात में लगभग 4 फीट पानी सड़क के ऊपर बहता है जहां पर जांच टीम ने भी पुल की आवश्यकता महसूस की ।
रविवार, 4 दिसंबर 2022
जुमेटो की ड्रेस में लूट,,,
Vinod meghwaniसावधान,,,,सावधान,,,,जुमेटो,,की आड़,,,,में ,,,,लूट,,,,,,
एक खबर ,,,विनोद मेघवानी
नया तरीका लूटने का,,,आप के पास जुमेटों,,,का शर्ट,, पहने युवक आएगा ,,, कहेगा,,,,, सर आप का ऑडर लाया हु।,,,आप चौंक जाएंगे आप कहेंगे नही हमने कोई ऑडर नही किया,,,तो आपको,,,आप का ही फोन,,नंबर बताएगा,,,,आप बोलेंगे,,, नही हमने कोई,,, ऑडर नही,,,किया ,तो आप को बोलेगा,,,,ऑडर कैंसल कर राहा हु ,,,आपके मोबाइल पर ,,ओपीडी,,,आया हे बता दे,,, उस ऑडर कैंसल के,,,नाम पर आपके खाते से पैसा ,, उड़ जायेगा,,,सावधान रहे
शुक्रवार, 4 नवंबर 2022
पाकिस्तान में अल्पसख्यकों पर ज़ुल्म ओर ,,,सयुक्त संघ ,,खामोश,है
Vinod meghwani पाकिस्तान मे अल्पख्यों पे बहुत जुल्म होते है । क्या सयुक्त। संघ मानव अधिकार को ये दिखाई नहीं देता क्यो चुप है आयोग ,,, क्यों चूप इंडिया की स्कुयलर टीम भारत के उच्चायोग को सयुक्त संघ के सामने अपने विचार रखने होंगे
मंगलवार, 1 नवंबर 2022
ईस्ट इंडिया कंपनी को अंग्रेजों ने नही ,, फ्रांसियों,, ने बनाया था _ एक खबर
Vinod meghwaniएक खबर (vinod Meghwani) ईस्ट इंडिया कंपनी को,,,,अग्रेजों ने नही,,,,, फ्रांसीसियों,,,ने बनाया था,,,भारत का इतिहास सामान्य अध्ययन
फ्रांसीसियों ने पूर्व में व्यापार करने के लिए 1664 ई. में एक फ्रेंच ईस्ट इण्डिया कम्पनी का निर्माण किया। इसका नाम कम्पनी इन्डेसेओरियंतलेस था। इस कम्पनी के निर्माण में लुई-चौदहवें के मन्त्री कोलबर्ट ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी। सम्राट् लुई ने कम्पनी को एक चार्टर प्रदान किया। जिसके अनुसार 50 वर्ष तक कम्पनी को मेडागास्कर से पूर्व भारत तक व्यापार का एकाधिकार प्राप्त हो गया। कम्पनी को मेडागास्कर और समीपवर्ती टापू भी प्रदान किये गये। कम्पनी की स्थापना फ्राँस के मंत्री कोलबर्ट के प्रयास से हुई। प्रबन्धकारिणी के रूप में 21 संचालकों की एक समिति बनायी गई। कम्पनी की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए लुई ने कम्पनी को 30,00,000 लिवर ब्याज रहित प्रदान किये, जिसमें से कम्पनी को 10 वर्ष में जो भी हानि हो, काटी जा सकती थी। राज-परिवार के सदस्यों, मन्त्रियों और व्यापारियों को प्रोत्साहित किया गया था कि वे कम्पनी में धन लगाये।
लुई ने कम्पनी को विस्तृत अधिकार प्रदान किये। कम्पनी पूर्व के देशों में अपने राजदूत भेज सकती थी, युद्ध की घोषणा कर सकती थी और सन्धि कर सकती थी। लुई ने आश्वासन दिया कि कम्पनी के जहाजों की सुरक्षा के लिए अपने जगी जहाज भेजेगा और कम्पनी को अपने जहाजों पर फ्रांस का राजकीय झंडा फहराने की आज्ञा प्रदान की। कम्पनी के अपने भू-प्रदेशों का प्रशासन देखने के लिए एक गवर्नर-जनरल नियुक्त करने की आज्ञा प्रदान की गई और उसे राजा के लेफ्टिनेंट जनरल की उपाधि से विभूषित किया गया। उसकी सहायता के लिए 7 सदस्यों की एक काउन्सिल बनायी गयी। यह काउन्सिल सर्वप्रथम मेडागास्कर में स्थापित की गई। 1671 में इसे सूरत और 1701 में पाण्डिचेरी ले जाया गया। इस प्रकार पाण्डिचेरी में पूर्व फ्रांसीसियों का प्रमुख केन्द्र बन गया।
सूरत में फ्रेंच फैक्टरी की स्थापना
सूरत मुगल-साम्राज्य का प्रसिद्ध बन्दरगाह और संसार का प्रमुख व्यापारिक केन्द्र था। 1612 ई. और 1618 ई. में यहाँ इंगलिश और डच फैक्टरियों की स्थापना हो चुकी थी। इसके अतिरिक्त मिशनरी, यात्री और व्यापारियों के द्वारा फ्रांसीसियों को मुग़ल-साम्राज्य और उसके बन्दरगाह सूरत के विषय में विस्तृत जानकारी मिल चुकी थी। थेबोनीट, बर्नियर और टेवर्नियर फ्रांस के थे जिन्होंने अपने देशवासियों को भारत के बारे में जानकारी दी है। अत: कम्पनी ने सूरत में अपनी फैक्टरी स्थापित करने का निश्चय किया इस हेतु अपने दो प्रतिनिधि भेजे जो मार्च 1666 ई. में सूरत पहुँचे। सूरत गवर्नर ने इन प्रतिनिधियों का स्वागत किया, परन्तु पहले स्थापित इंगलिश और डच फैक्टरी के कर्मचारियों को एक नये प्रतियोगी का आना अच्छा नहीं लगा। ये प्रतिनिधि सूरत से आगरा पहुँचे, उन्होंने लुई-चौदहवें के व्यक्तिगत पत्र को औरंगजेब को दिया और इन्हें सूरत में फैक्टरी स्थापित करने की आज्ञा मिल गयी। कम्पनी ने केरोन को सूरत भेजा और इस प्रकार 1661 ई. में भारत में सूरत के स्थान पर प्रथम फ्रेंच फैक्टरी की स्थापना हुई।
सूरत की फ्रेंच फैक्टरी के कर्मचारियों की विभिन्न श्रेणियाँ थीं। ये श्रेणियाँ डायरेक्टर, मर्चेण्ट सेक्रेटरी, खजान्ची और कलर्क की थीं। केरोन नव-स्थापित फैक्टरी का डायरेक्टर था। उसके नेतृत्व में फ्रेंच व्यापार का तेजी से विकास हुआ। कम्पनी का मुख्यालय भी फोर्ट डोफिन (मेडागास्कर) से बदल कर सूरत कर दिया गया परन्तु इसी समय कम्पनी ने ऐसी त्रुटि की जिससे उसके व्यापार को बड़ा धक्का लगा। कम्पनी ने सूरत फैक्टरी में एक डायरेक्टर के स्थान पर 4 डायरेक्टर नियुक्त किये और उनको समान अधिकार प्रदान किये क्योंकि चारों डायरेक्टरों को समान अधिकार प्राप्त थे, अत: इनमें साधारण-सी बातों पर झगड़े होने लगे। इससे फ्रांसीसियों के व्यापार और उनकी प्रतिष्ठा को आघात पहुँचा।
आपसी झगड़ों के अतिरिक्त कम्पनी के कर्मचारियों में व्यापारिक कुशलता का भी अभाव था। इंगलिश और डच व्यापारिक कुशलता में फ्रांसीसियों से आगे थे। फ्रांसीसियों के व्यापार से उन्हें क्या मिल रहा है और इस पर उनका कितना खर्च हो रहा है, इस पर अधिक ध्यान नहीं दिया। वह अंग्रेजों और डचों की अपेक्षा भारतीय माल को अधिक मूल्य पर खरीदते थे और अपना माल कम मूल्य पर बेचते थे। फ्रेंच शान-शौकत पर अधिक खर्च करते थे। वे मितव्ययी नहीं थे। अपनी समृद्धि का प्रदर्शन करने के लिए वे स्थानीय अधिकारियों को बहुमूल्य उपहार देते थे। इन उपहारों से खर्च की अपेक्षा लाभ कम होता था। इन कारणों से फ्रांसीसियों की आर्थिक स्थिति बिगड़ गयी और उन्होंने सूरत फैक्टरी का त्याग कर दिया।
व्यापारिक शत्रुता
यूरोपीय कम्पनियों में घोर व्यापारिक शत्रुता थी। ये कम्पनियाँ जियो और जीने दो के सिद्धान्त में विश्वास नहीं करती थी। जिस प्रकार ये कम्पनियाँ अपने देश में व्यापारिक एकाधिकार प्राप्त करना चाहती थीं और चार्टर द्वारा उन्हें पूर्व से व्यापार करने का एकाधिकार मिला हुआ था, उसी प्रकार से कम्पनियाँ भारत और सुदूर पूर्व के दूसरे प्रदेशों पर व्यापारिक एकाधिकार प्राप्त करना चाहती थीं। इस कारण इन कम्पनियों में व्यापारिक युद्ध हुए। सत्रहवीं शताब्दी में यह संघर्ष तिकोना था। अंग्रेज़-पुर्तगीज-संघर्ष, डच-पुर्तगीज संघर्ष और अंग्रेज़-डच संघर्ष। अठाहरवीं शताब्दी में यह संघर्ष अंग्रेज़ और फ्रांसीसियों के बीच हुआ।
अंग्रेज़-पुर्तगीज और डच-पुर्तगीज संघर्ष
जैसा कि पहले कहा जा चुका है वास्कोडिगामा ने 1498 ई. में भारत के लिए एक नया समुद्री मार्ग खोजा। इस खोज के आधार पर तथा पोप के पोपल बुल के कारण लगभग एक शताब्दी तक पूर्व के व्यापार पर पुर्तगालियों का एकाधिकार बना रहा। सत्रहवीं शताब्दी के प्रारम्भ में अंग्रेज़ों और डचों ने पुर्तगालियों के इस एकाधिकार को चुनौती दी। अंग्रेजों की अपेक्षा डच पुर्तगालियों के प्रबल शत्रु सिद्ध हुए और डचों ने पुर्तगालियों को मसालों की प्राप्ति के प्रमुख प्रदेश पूर्वी द्वीप समूह, लंका और मालाबार तट से खदेड़ दिया। इसी प्रकार जब ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने सूरत में अपनी फैक्टरी स्थापित करने का प्रयत्न किया, पुर्तगालियों के प्रभाव और कुचक्रों के कारण हाकिन्स को अपने उद्देश्य में सफलता नहीं मिली। 1612 ई. में थॉमस वैस्ट के जहाजों पर पुर्तगाली जहाजी बेड़े ने आक्रमण कर दिया। इस समुद्री युद्ध में जो सुआली (सूरत) के मुहाने पर लड़ा गया, पुर्तगालियों की पराजय हुई। इस विजय से अंग्रेजों की प्रतिष्ठा बढ़ गई।
ऐंग्लो-डच युद्ध
अंग्रेज-पुर्तगीज संघर्ष कुछ समय तक चलता रहा। परन्तु एक साझे शत्रु डचों ने दोनों को एक-दूसरे के समीप ला दिया। पुर्तगीज डचों से बहुत तंग थे और उन्होंने अंग्रेजों से मित्रता करने में अपना हित समझा। इसी प्रकार अंग्रेज़ भी पुर्तगालियों की मित्रता के लिए उत्सुक थे क्योंकि इस मित्रता से उन्हें मालाबार-तट पर मसालों के व्यापार की सुविधा प्राप्त होती थी। इस कारण गोवा के पुर्तगीज गवर्नर और सूरत के अंग्रेज प्रैजीडेन्ट में 1635 ई. में एक सन्धि हो गयी। यह मित्रता पुर्तगीज राजकुमारी केथराइन का इंग्लैण्ड के सम्राट चार्ल्स-द्वितीय से विवाह से और पक्की हो गई। इस विवाह के फलस्वरूप चार्ल्स द्वितीय को बम्बई का द्वीप दहेज में प्राप्त हुआ जिसे उसने 10 पौंड वार्षिक किराये पर कम्पनी को दे दिया।
अंग्रेज़-डच संघर्ष
डच पुर्तगालियों की अपेक्षा अंग्रेजों के अधिक प्रतिद्वन्द्वी सिद्ध हुए। अंग्रेजों और डचों दोनों ही की फैक्टरियाँ सूरत में स्थापित थीं। मसालों के व्यापार के एकाधिकार पर अंग्रेजों और डचों का संघर्ष हो गया। डच मसालों के व्यापार पर अपना एकाधिकार स्थापित करना चाहते थे जिसे अंग्रेजों ने चुनौती दी। मालाबार-तट के लिए डचों ने राजाओं से समझौते किये जिसके अनुसार काली मिर्च केवल डचों को ही बेची जा सकती थी। इस समझौते के फलस्वरूप डच कम मूल्य पर काली मिर्च प्राप्त करते थे यद्यपि स्वतन्त्र रूप से बेचने पर अधिक मूल्य प्राप्त किया जा सकता था। अंग्रेजी कम्पनी के मालाबार-तट से काली मिर्च खरीदने के मार्ग में डच हर प्रकार से रोडा अटकाते थे। जो जहाज इंगलिश कम्पनी के लिए काली मिर्च ले जाते थे, इन्हें पकड़ लिया जाता था। इन सब रुकावटों के होते हुए भी इंगलिश कम्पनी मालाबार तट से बड़ी मात्रा में काली मिर्च खरीदने और उसे इंग्लैण्ड भेजने में सफल हो जाती थी।
यद्यपि इंग्लैंड और हालैंड दोनों ही प्रोस्टेंट देश थे, परन्तु व्यापारिक शत्रुता के कारण उनमे शत्रुता के कारण उनमें तीन घमासान युद्ध 1652-54 ई., 1665-66 ई. और 1672-74 ई. में हुए। ब्रिटिश पार्लियामेंट ने अपने देश के व्यापारिक हित के लिए 1651 ई. में जहाजरानी कानून (नेवीगेशन्स ला) पास किया। जहाजरानी कानून डचों के व्यापारिक हित में नहीं थे और उन्होंने उन्हें मानने से इंकार कर दिया। जब प्रथम एंग्लो-डच युद्ध की सूचना मार्च, 1635 में सूरत पहुँची तो अंग्रेज़ बड़े चिंतित हुए और उन्होंने सूरत के मुगल सूबेदारों से डचों के आक्रमणों से रक्षा की प्रार्थना की। इससे प्रतीत होता है कि पूर्व में उस समय डच अंग्रेजों से अधिक शक्तिशाली थे। युद्ध की सूचना मिलते ही एक शक्तिशाली जहाजी सुआली (सूरत) पहुँच गया। मुगल अधिकारियों की सतर्कता के कारण डचों ने सूरत की इंगलिश फैक्टरी पर आक्रमण नहीं किया। यद्यपि स्थल पर संघर्ष नहीं हुआ, परन्तु समुद्र पर अंग्रेज और डचों में कई युद्ध हुए। अंग्रेज़ी जहाज डचों द्वारा पकड़े गये और व्यापार को हानि पहुँची। अन्य दो युद्धों (1665-67 ई. और 1672-74 ई.) में भी व्यापार को आघात पहुँचा। पहले की तरह इन युद्धों के समय भी अंग्रेजों ने मुगल-सरकार से सुरक्षा कीy प्रार्थना की। स्थल पर कोई युद्ध नहीं हुआ, परन्तु समुद्र पर डचों ने अंग्रेज़ी जहाजों को पकड़ लिया। सन् 1688 ई. की गौरवपूर्ण क्रान्ति से जिसमें विलियम इंग्लैण्ड का राजा बन गया, अंग्रेज़-डच सम्बन्ध सुधर गये।
डेनिस कम्पनी
डेनिस कपनी का आगमन 1616 ई. में हुआ। 1620 ई. में तमिलनाडु के टूकोबर नामक क्षेत्र में इसने व्यापारिक केन्द्र खोला। बाद में यह वाप एक्सस चली गई।
आगे चलकर पुर्तगाली भी गोवा तक सीमित हो गए और ब्रिटिश और फ्रेंच कंपनियाँ ही रह गई। कर्नाटक के युद्धों में फ्रांसीसियों का भाग्य भी तय हो गया।
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बुधवार, 19 अक्टूबर 2022
मलिकार्जुन खड़गे के योग बन रहे है ,,प्रधानमंत्री ,,बनने के
Vinod meghwani किस्मत के धनी है मलिकार्जुन खड़गे इनके योग बन रहे है । प्रधानमंत्री बनने केएक खबर ( विनोद मेघवानी ) कांग्रेस के नए अध्यक्ष बन गए हैं मलिकार्जुन बुधवार को आए नतीजों में उन्होंने 6825 वोट से शशि थरूर को हराया। खड़गे को 7897 वोट मिले, वहीं थरूर को 1072 वोट ही मिल सके। 416 वोट रिजेक्ट कर दिए गए। नतीजों के साथ ही कांग्रेस पार्टी को 24 साल बाद गैर-गांधी अध्यक्ष मिल गया है। नए अध्यक्ष खड़गे 26 अक्टूबर को अध्यक्ष पद की शपथ लेंगे।
आंकड़ों के हिसाब से देखें, तो 24 साल पहले चुनी गईं सोनिया गांधी के बाद खड़गे सबसे बड़े अंतर से पार्टी अध्यक्ष का चुनाव जीते हैं। कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए आखिरी बार 1998 में वोटिंग हुई थी। तब सोनिया गांधी के सामने जितेंद्र प्रसाद थे। सोनिया गांधी को करीब 7,448 वोट मिले, जबकि जितेंद्र प्रसाद 94 वोटों पर ही सिमट गए थे।
कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचने वाले खड़गे दूसरे दलित नेता हैं। इसके अलावा वे कर्नाटक से इस पद को संभालने वाले दूसरे नेता भी हैं। बिहार से आने वाले बाबू जगजीवन राम खड़गे से पहले कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद पर पहुंचने वाले पहले दलित नेता थे। वे 1970-71 के दौरान पार्टी की कमान संभाल चुके हैं।
वहीं 1968 में एस निजलिंगप्पा पार्टी अध्यक्ष बने थे, जो खड़गे के गृह राज्य कर्नाटक के ही थे। खड़गे फिलहाल राज्यसभा में पार्टी के नेता हैं। कांग्रेस के 'वन मैन वन पोस्ट' नियम के तहत आने वाले दिनों में उन्हें इस्तीफा देना होगा। राहुल गांधी ने भी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पार्टी के इस नियम को सख्ती से लागू करने की बात कही थी।
इधर, खड़गे की जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें बधाई दी है। PM मोदी ने ट्वीट कर लिखा- मल्लिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में उनकी नई जिम्मेदारी के लिए मेरी शुभकामनाएं। उनका आगे का कार्यकाल फलदायी हो।
अगले एक साल में दर्जनभर से ज्यादा राज्यों में विधानसभा चुनाव, पार्टी को एकजुट रखने की चुनौती
इस चुनाव में जीत के साथ ही खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले 65वें नेता हो गए हैं। वे बाबू जगजीवनराम के बाद कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले दूसरे दलित नेता हैं। खड़गे की जीत जितनी बड़ी है, उतनी ही बड़ी चुनौतियां भी उनके सामने हैं। वे जिस समय पार्टी आलाकमान की जिम्मेदारी लेने आगे आए हैं, तब केवल दो राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ही कांग्रेस की सरकार बची है। वहीं, झारखंड और तमिलनाडु में पार्टी गठबंधन सरकार में शामिल है, लेकिन मुख्यमंत्री दूसरे दलों के हैं।
सोनिया लोकसभा चुनाव से एक साल पहले पार्टी अध्यक्ष बनी थीं, लेकिन 1999 के चुनाव में पार्टी जीत हासिल नहीं कर पाई थी। खड़गे जब अध्यक्ष बने हैं. तो इसी साल हिमाचल प्रदेश और गुजरात में विधानसभा चुनाव हैं। वहीं, अगले साल यानी 2023 में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और महाराष्ट्र समेत 10 राज्यों में चुनाव होने हैं। ऐसे में खड़गे के सामने पार्टी को एकजुट करने और चुनाव मैदान में बेहतर प्रदर्शन करने की चुनौती होगी।
जीतकर खड़गे बोले- गरीब परिवार में जन्मा कार्यकर्ता अध्यक्ष बना, गांधी परिवार की तारीफ की
मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार शाम को मीडिया से करीब 9 मिनट बातचीत की। उन्होंने गांधी परिवार की तारीफ करते हुए कहा कि आजादी के 75 सालों में कांग्रेस ने इस देश के लोकतंत्र को मजबूत किया और संविधान की रक्षा की है। आज लोकतंत्र खतरे में है और संविधान पर हमले हो रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस ने आंतरिक चुनाव लोकतंत्र को मजबूत किया है। देश में नफरत फैलाई जा रही है। इसके खिलाफ राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं। देश उनके संघर्ष के साथ है।
खड़गे ने कहा कि गरीब परिवार में जन्मे एक कार्यकर्ता को पार्टी ने अध्यक्ष बनाया है, इसके लिए मैं शुक्रगुजार हूं। कांग्रेस में सब बराबर हैं। हम सभी को पार्टी के कार्यकर्ताओं की तरह काम करना है, पार्टी में कोई भी बड़ा या छोटा नहीं होता है। हमें साम्प्रदायिकता की आड़ में लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमला करने वाली फांसीवादी ताकतों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा।
137 साल की कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए केवल 6 बार ही चुनाव हुए
1885 में कांग्रेस के गठन के बाद पिछले 137 साल में पार्टी अध्यक्ष पद के लिए कुल 6 बार चुनाव हुए हैं। बाकी समय पार्टी अध्यक्ष सर्वसम्मति से ही पद पर काबिज हुए। जिन 6 बार चुनाव हुए, उनमें 5 बार जीतने वाले नेता गांधी परिवार से बाहर के रहे हैं। नीचे दिए ग्राफिक के जरिए आप कांग्रेस में चुनाव से बने सभी अध्यक्षों के बारे में जान सकते हैं...
आजादी के बाद 17 नेता कांग्रेस अध्यक्ष बने, इनमें 5 गांधी परिवार से
1947 में आजादी के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे को मिलाकर कांग्रेस के 17 नेता पार्टी अध्यक्ष बन चुके हैं। इनमें 5 गांधी परिवार से थे, जबकि 12 गैर गांधी राजनेता थे। हालांकि इन 75 साल में से 42 साल तक पार्टी की कमान गांधी परिवार के पास रही। कुल 33 साल ही पार्टी अध्यक्ष की बागडोर गांधी परिवार से अलग नेताओं के पास रही। नीचे दिए ग्राफिक में इन 17 नेताओं की डीटेल दी गई है...
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अपने जिले के पहले दलित वकील थे खड़गे:स्कूल में हेड बॉय रहे, अब कांग्रेस अध्यक्ष बने
1947 का अगस्त महीना। मैसूर राज्य (अब कर्नाटक) का वरवट्टी गांव। तब यहां निजाम की हुकूमत थी। भारत को बांटकर पाकिस्तान बनाया गया, तो इस इलाके में भी हिंदू-मुस्लिम दंगे भड़क गए। वरवट्टी गांव पर निजाम की सेना ने हमला कर दिया। साथ में लुटारी (अमीरों को लूटने वाले) भी थे। उन्होंने पूरे गांव में आग लगा दी। यहीं एक घर में 5 साल के बच्चे ने अपनी मां को जिंदा जलते देखा। पूरी खबर पढ़ें
खड़गे का भास्कर इंटरव्यू:कहा- गांधी परिवार को छोड़कर पार्टी चला सकते हैं, तो यह असंभव
कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि ये संगठन का चुनाव है, हमारे घर का मामला है। हर कोई किसी को भी वोट देने के लिए स्वतंत्र है। लोगों ने मेरा समर्थन किया और मैं उम्मीदवार हूं। कांग्रेस जैसा विशाल संगठन चलाने के लिए गांधी परिवार का मार्गदर्शन चाहिए। अगर कोई कहता है कि उन्हें छोड़कर पार्टी को चलाया जा सकता है तो यह असंभव है।
शुक्रवार, 14 अक्टूबर 2022
डिजिटल फ्राड से बचने हेतु विशेष जागरूकता अभियान चलाया ,, सुहिंडी सोच ने
Vinod meghwaniसूत्रों से मिली खबर
*सुहिणी सोच का डिजिटल डिजिटल मार्केटिंग एवं डिजिटल फ्रॉड से बचने हेतु विशेष जागरुकता कार्यक्रम संपन्न।*
*" महिला डिजिटल मार्केटिंग से अपने कारोबार को आगे बढ़ाएं और देश की जीडीपी विकास में सहयोग करें*- मनीषा तारवानी
*" डिजिटल मार्केटिंग से 24 घंटा व्यापार कर अपने कारोबार को दें एक नई पहचान* -सिमरन धामेजा
*"साइबर फ्रॉड से बचने हेतु जागरूकता ही बचाव है,और यदि किसी तरह के फ्रॉड में फंस गए तो हेल्पलाइन नंबर 1930 पर करें कॉल*- रोहित मालेकर
*" जब भी आपको महसूस हो की कोई ऐसा कॉल आपके पास आ रहा है,जो आपको बिना मतलब के लाभ या लालच दे रहा वो साइबर फ्रॉड है,सतर्क हो जाएं*" -सीए दिनेश तारवानी
आज के डिजीटल युग में हर कोई सोशल मीडिया से जुड़ा है,और इसी सोशल मीडिया व्हाट्सएप,फेसबुक, इंस्ट्राग्राम के द्वारा अपने प्रोडक्टस को ऑनलाइन बेचना ही डिजिटल मार्केटिंग है। अपने स्मॉल बिजनेस को बड़े स्किल पर करने हेतु कैसे आप सोशल मीडिया के द्वारा अपने बिजनेस को प्रमोट कर सकते है,और लाखो लोगो तक अपने बिजनेस की जानकारी पहुंचा सकते हैं।
नागपुर से आई डिजिटल बिजनेस एक्सपर्ट *सिमरन धामेजा जी* ने सुहिणी सोच संस्था द्वारा वृंदावन हॉल, सिविल लाइंस में आयोजित *डिजिटल मार्केटिंग एवम् डिजिटल फ्रॉड* कार्यक्रम में बिजनेस व मार्केटिंग से संबंधित यह पूरी जानकारी दी।
साथ ही उन्होंने डिजिटल मार्केटिंग के विभिन्न तरीके बताए और कहा कि अपने प्रोडक्टस की ऑनलाइन मार्केटिंग करने के लिए सोशल मीडिया एजेंसी व एक्स-टेक इंडिया का सहारा लेकर आप डिजिटल वर्ल्ड में अपनी पहचान बना सकते है।
इसके पश्चात ट्रेनर सीए दिनेश तारवानी जी ने 37 प्रकार के ऑनलाइन फ्रॉड की विस्तृत जानकारी दी,लोग कैसे कैसे फ्रॉड में फंस जाते है ,इससे अवगत करवाया, ताकि इन फ्रॉडस की जानकारी होने से सभी लोग सतर्क होकर सुरक्षित ऑनलाइन ट्रांजैक्शन कर सकें।उन्होंने कहा कि डर की वजह से ऑनलाइन ट्रांजक्शन नहीं करना आज के डिजीटल युग में संभव नही,इसीलिए डिजिटल फ्रॉड्स की जानकारी रखे और सतर्क होकर कार्य करें।
इसके बाद साइबर सेल एवम् क्राइम ब्रांच के निरीक्षक श्री रोहित मालेकर जी ने साइबर फ्रॉड की महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने वर्तमान में हो रहे साइबर फ्रॉड जैसे केबीसी ऑफर फ्रॉड, आरसीए फ्रॉड,इंस्टेंट लोन एप्लीकेशन फ्रॉड,नाइट कॉल्स, व ऑनलाइन गेम में बच्चों के साथ होने वाले क्राइम...आदि की जानकारी दी एवम् साइबर फ्रॉड से बचने सुरक्षा हेतु उपाय भी बताए।
पुलिस अधिकारी श्री रोहित मालेकर जी ने विंडो ब्रोकन थ्योरी द्वारा यह भी समझाया , कि हम सब की स्वयं की जिम्मेदारी है,की हम जागरूक व सतर्क रहें की हमारे आसपास कोई गलत घटना हो रही हो तो उसे भी नजरअंदाज न करें।
साथ ही उन्होंने कहा कहा कि डिजिटल फ्रॉड से बचने हेतु *रायपुर पुलिस का अभियान बी अलर्ट बी सेफ* चलाया जा रहा है ,जिससे साइबर फ्रॉड में बहुत कमी आई है।अगर आपके साथ साइबर फ्रॉड हुआ है ,तो तुरंत अपनी रिपोर्ट दर्ज करवाएं। साथ ही उन्होंने इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगो की समस्याएं सुनकर उसका उपाय भी बताया।
उन्होंने सुहिणी सोच के इस कार्यक्रम को सभी के लिए अति महत्वपूर्ण बताया और कहा की इस प्रकार साइबर फ्रॉड से बचने हेतु ऐसे कार्यक्रम की बहुत जरूरत है,क्योंकि जागरूकता ही बचाव है।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पार्षद एवम् एम.आई.सी.मेंबर श्री अजीत कुकरेजा जी, भारतीय सिंधु सभा युवा शाखा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सीए चेतन तारवानी जी , ट्रेनर के रूप में नागपुर से डिजिटल बिजनेस एक्सपर्ट सिमरन धामेजा जी, क्राइम ब्रांच एवम् साइबर सेल के निरीक्षक श्री रोहित मालेकर जी, एवम् सीए दिनेश तारवानी जी विशेष रूप से उपस्थित हुए। इस कार्यक्रम की शुरुवात दीप प्रज्ज्वलन, गायत्री मंत्र,मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम एवम् अतिथियों के स्वागत- सम्मान एवम् अध्यक्ष विद्या गंगवानी जी के स्वागत भाषण से हुई उन्होंने स्वागत भाषण में अतिथियों के स्वागत के साथ बताया की सुहिणी सोच पंजीकृत संस्था है, ज़ो सोसायटी ऐक्ट छतीसगढ़ में तथा इंकम टैक्स की धारा 12एबी एवं 80जी में एवं केंद्रीय सरकार के नीति आयोग में रजिस्टर है ।प्रदेश की यह एक ऐसी संस्था जिसे यह उपलब्धि हासिल है।साथ ही यह संस्था समाज के उन मुद्दों में पहल करती है,जिसकी समाज को आवश्यकता है। सुहिणी सोच निरंतर बच्चों,महिलाओं एवम् देश के लिए कार्य कर रही है।
सुहिणी सोच की फाउंडर मनीषा तारवानी जी ने कहा कि सुहिणी सोच समय समय पर अपने उद्देश्यों को लेकर निरंतर प्रगतिशील है, व आगे भी महिलाओं व देश के लिए कार्य करती रहेगी ।
इसके पश्चात कार्यक्रम में अतिथि के रूप में पधारे अजीत कुकरेजा जी ने अपने उदबोधन में सुहिणी सोच द्वारा आयोजित *डिजिटल मार्केटिंग और डिजिटल फ्रॉड* प्रशिक्षण कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए आज डिजिटल मार्केटिंग बहुत ही जरूरी है।
इस पूरे कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम निर्देशक ज्योति बुधवानी एवम् आरती कोडवानी ने किया।
इस कार्यक्रम में सुहिणी सोच की फाउंडर मनीषा तारवानी,अध्यक्ष विद्या गंगवानी,सचिव करिश्मा,कोषाध्यक्ष दीक्षा बुधवानी,पल्लवी चिमनानी, ,जूही दरयानी,ज्योति बुधवानी,कोषाध्यक्ष सुमन पाहुजा, सहसचिव आरती कोडवानी,मीडिया प्रभारी माही बुलानी,संगीता पुरी एवम् पूरी कार्यकारिणी व अन्य सदस्य उपस्थित थे। कार्यक्रम की समाप्ति सचिव करिश्मा कमलानी के आभार प्रदर्शन से की गई।
यह प्रेस विज्ञप्ति मीडिया प्रभारी माही बुलानी द्वारा जारी की गई।
माही बुलानी
मीडिया प्रभारी
9993150008
गुरुवार, 13 अक्टूबर 2022
चंद्रा स्वामी ने मुझे,,चुनाव जीतने की ,विद्या,,दान दी थी ___विनोद मेघवानी
Vinod meghwaniएक खबर vinod meghewani,,,,, राजनीति और ज्योतिष का चोली दामन का साथ हे,,,नेता ही ज्योतिष पे सब ज्यादा विश्वास करते हे। चुनाव जीतने के लिए अनुष्ठान और मंत्री पद के लिए पूजा कराने मेरे स्व: वरिष्ट मित्र ,,तंत्रिक चंद्रा स्वामी को आज पूरी दुनिया जानती है। पर हम ,,, चंद्रा स्वामी ऊर्फ नेमी चंद जैन जी को तब से जानते हैं।जब उन्हें कोई नही जानता था । वो दुनिया के लिए अनजान थे वो चर्चित नही थे इतने। वो मेरे पिताजी के गुरु थे वो अक्सर मेरे पिताजी के साथ आते थे। मेरे पिताजी से स्नेह था उन्हें उनसे कुछ भी नही लेते थे । तब में किशोरावस्था में था। वो मुझे पसंद करते थे मुझे वीनू, कह के बुलाते थे मुझे मेरे पिताश्री भी वीनू कहते थे।,,गुरुजी चंद्रास्वामी की आंखों में ,,गजब की सम्मोहन शक्ति थी। वो अक्सर मुझे भी ज्योतिष विद्या का ज्ञान दिया करते थे । बहुत कुछ मेने उनसे सीखा,,जो आज भी याद है। मुझे आज भी याद है उनसे,,,अर्जुन सिंह, विद्याचरण , दिग्विजय ,और बाबूलाल गौर , जैसे नेताओं उनसे मिलने आते मेने देखा था मेने उनसे प्रश्न किया था की इतने बड़े नेता जी आपके पास क्यों आते है तो पहले उन्होंने टाल मटोल किया और मुझे,,फुसला दिया था ।जब मेने ज़िद की तब गुरुजी ने बताया कि ये नेता लोग मेरे पास ,,,चुनाव जीतने,,का आशीर्वाद लेने आते है। मेने पूछा कैसे,, तब उन्होंने मुझे वो ,,विद्या दान दी की कैसे कोई व्यक्ति तंत्र साधना से चुनाव जीत सकता हे । मेने ,,,इस विद्या का उपयोग किया,,,जिससे कई नेता जी चुनाव जीत चुके है,,, हम उन नेताओं का नाम नही लिख सकते।जैसे जैसे,,,, गुरुजी चंद्रा स्वामी,,,चर्चित होते गए वो,,मेरे पिता जी से अजनबी बनते गए,,,,फिर सालों तक गुरुजी,,,चंद्रा स्वामी और,,,पिताजी नहीं,,मिले,बाकी की यादें,,,,फिर कभी,,,,,ओशो ,,विनोद,,
मंगलवार, 11 अक्टूबर 2022
मोदी जी करेंगे उज्जैन में महाकाल कारीडोर का शुभारंभ _एक खबर
Vinod meghwaniएक खबर उज्जैन ( विनोद meghwani )11 अक्टूबर को होने वाले उज्जैन महाकाल लोक कारीडोर लोकार्पण के लिए पूरी तरह से सजकर तैयार है। प्रथम चरण के कार्यों ने इस नगरी को एक नई आभा से सराबोर कर दिया है।
बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन कल यानि मंगलवार 11 अक्टूबर को होने वाले महाकाल लोक के लोकार्पण के लिए पूरी तरह से सजकर तैयार है। प्रथम चरण के कार्यों ने इस नगरी को एक नई आभा से सराबोर कर दिया है। काल की गणना जिस स्थान से होती है, उसका स्वरुप अब बदल गया है। नक्काशीदार मूर्तियां, रंग-बिरंगी रोशनियों की चकाचौंध महाकाल लोक के गौरवशाली वैभव को बढ़ा रही हैं।
350 करोड़ की लागत से तैयार हुए महाकाल लोक का लोकार्पण मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। महाकाल मंदिर में नरेंद्र मोदी 40 मिनट रुकेंगे। बाबा महाकाल की पूजा करने के बाद वह नंदी मंडप में ध्यान लगाएंगे। इसके बाद वह नवर्निमित परिसर में जाएंगे। जहां रक्षासूत्र से बने 15 फीट ऊंचे शिवलिंग का पूजन कर महाकाल लोक का लोकार्पण करेंगे। इसके बाद वह देशभर से पधारे साधु संतों से मुलाकात करेंगे।
उज्जैन में की जा रही भव्य तैयारियां।।
रात में कुछ ऐसा दिखेगा महाकाल लोक - फोटो : सोशल मीडिया
पेड़ पौधे और रोशनी से सजी सड़कें
महाकाल लोक के लोकार्पण के लिए उज्जैन की सड़कों को सजाया गया है। तीन हजार से ज्यादा पौधे इंदौर से उज्जैन भेजे गए हैं। जिन्हें महाकाल लोक से जुड़ी सड़कों पर रखा गया है। इसके अलावा सड़क पर भगवा पताकाएं और एलईडी लाइट लगाई गई हैं। इंदौर से लेकर उज्जैन मार्ग के बीच भी सड़क का पेचवर्क, रंग-रोगन और रोशनी की गई है। लोकार्पण के बाद प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से उज्जैन से इंदौर आ सकते हैं।
उज्जैन में की जा रही भव्य तैयारियां।
डमरू, नगाड़ों से होगा पीएम मोदी का स्वागत
महाकाल लोक के लोकार्पण समारोह में शामिल होने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत संगीतमय अंदाज में होगा। अलग-अलग कलाकार लोकार्पण के दौरान शंख, डमरू, नगाड़े बजाएंगे। इसके अलावा श्लोक भी गूंजेंगे। प्रधानमंत्री बनने के बाद यह पीएम मोदी की पहली उज्जैन यात्रा है।
शुक्रवार, 30 सितंबर 2022
रविवार, 25 सितंबर 2022
हरी ॐ उच्चारण करने से शांति का अनुभव होगा ___Vinod Meghwani
Vinod meghwani,,एक खबर विनोद mehhwani ) आप ये दोहराएंगे तो आपको शांति का अनुभव होगा।
हरि ॐ हरि ॐ मेरा बोले रोम रोम
हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ हरि ॐ
विष्णु नाम जाप मंत्र
स्त्रोत और मंत्र में क्या अंतर होता है : स्त्रोत और मंत्र देवताओं को प्रशन्न करते के शक्तिशाली माध्यम हैं। आज हम जानेंगे की मन्त्र और स्त्रोत में क्या अंतर होता है। किसी भी देवता की पूजा करने से पहले उससे सबंधित मन्त्रों को गुरु की सहायता से सिद्ध किया जाना चाहिए।
स्त्रोत : किसी भी देवी या देवता का गुणगान और महिमा का वर्णन किया जाता है। स्त्रोत का जाप करने से अलौकिक ऊर्जा का संचार होता है और दिव्य शब्दों के चयन से हम उस देवता को प्राप्त कर लेते हैं और इसे किसी भी राग में गाया जा सकता है। स्त्रोत के शब्दों का चयन ही महत्वपूर्ण होता है और ये गीतात्मक होता है।
मन्त्र : मन्त्र को केवल शब्दों का समूह समझना उनके प्रभाव को कम करके आंकना है। मन्त्र तो शक्तिशाली लयबद्ध शब्दों की तरंगे हैं जो बहुत ही चमत्कारिक रूप से कार्य करती हैं। ये तरंगे भटकते हुए मन को केंद्र बिंदु में रखती हैं। शब्दों का संयोजन भी साधारण नहीं होता है, इन्हे ऋषि मुनियों के द्वारा वर्षों की साधना के बाद लिखा गया है। मन्त्रों के जाप से आस पास का वातावरण शांत और भक्तिमय हो जाता है जो सकारात्मक ऊर्जा को एकत्रिक करके मन को शांत करता है। मन के शांत होते ही आधी से ज्यादा समस्याएं स्वतः ही शांत हो जाती हैं। मंत्र किसी देवी और देवता का ख़ास मन्त्र होता है जिसे एक छंद में रखा जाता है। वैदिक ऋचाओं को भी मन्त्र कहा जाता है। इसे नित्य जाप करने से वो चैतन्य हो जाता है। मंत्र का लगातार जाप किया जानाचाहिए। सुसुप्त शक्तियों को जगाने वाली शक्ति को मंत्र कहते हैं। मंत्र एक विशेष लय में होती है जिसे गुरु के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। जो हमारे मन में समाहित हो जाए वो मंत्र है। ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति के साथ ही ओमकार की उत्पत्ति हुयी है। इनकी महिमा का वर्णन श्री शिव ने किया है और इनमे ही सारे नाद छुपे हुए हैं। मन्त्र अपने इष्ट को याद करना और उनके प्रति समर्पण दिखाना है। मंत्र और स्त्रोत में अंतर है की स्त्रोत को गाया जाता है जबकि मन्त्र को एक पूर्व निश्चित लय में जपा जाता है।
बीज मंत्र क्या होता है : देवी देवताओं के मूल मंत्र को बीज मन्त्र कहते हैं। सभी देवी देवताओं के बीज मन्त्र हैं। समस्त वैदिक मन्त्रों का सार बीज मन्त्रों को माना गया है। हिन्दू धर्म के अनुसार सबसे प्रधान बीज मन्त्र ॐ को माना गया है। ॐ को अन्य मन्त्रों के साथ प्रयोग किया जाता है क्यों की यह अन्य मन्त्रों को उत्प्रेरित कर देता है। बीज मंत्रो से देव जल्दी प्रशन्न होते हैं और अपने भक्तों पर शीघ्र दया करते हैं। जीवन में कैसी भी परेशानी हो यथा आर्थिक, सामजिक या सेहत से जुडी हुयी कोई समस्या ही क्यों ना हो बीज मन्त्रों के जाप से सभी संकट दूर होते हैं।
स्त्रोत और मंत्र जाप के लाभ : चाहे मन्त्र हो या फिर स्त्रोत इनके जाप से देवताओं की विशेष कृपा प्राप्त होती है। शास्त्रों में मन्त्रों की महिमा का विस्तार से वर्णन है। श्रष्टि में ऐसा कुछ भी नहीं है जो मन्त्रों से प्राप्त ना किया जा सके, आवश्यक है साधक के द्वारा सही जाप विधि और कल्याण की भावना। बीज मंत्रों के जाप से विशेष फायदे होते हैं। यदि किसी मंत्र के बीज मंत्र का जाप किया जाय तो इसका प्रभाव और अत्यधिक बढ़ जाता है। वैज्ञानिक स्तर पर भी इसे परखा गया है। मंत्र जाप से छुपी हुयी शक्तियों का संचार होता है। मस्तिष्क के विशेष भाग सक्रीय होते है। मन्त्र जाप इतना प्रभावशाली है कि इससे भाग्य की रेखाओं को भी बदला जा सकता है। यदि बीज मन्त्रों को समझ कर इनका जाप निष्ठां से किया जाय तो असाध्य रोगो से छुटकारा मिलता है। मन्त्रों के सम्बन्ध में ज्ञानी लोगों की मान्यता है की यदि सही विधि से इनका जाप किया जाय तो बिना किसी औषधि की असाध्य रोग भी दूर हो सकते हैं। विशेषज्ञ और गुरु की राय से राशि के अनुसार मन्त्रों के जाप का लाभ और अधिक बढ़ जाता है।
विभिन्न कामनाओं की पूर्ति के लिए पृथक से मन्त्र हैं जिनके जाप से निश्चित ही लाभ मिलता है। मंत्र दो अक्षरों से मिलकर बना है मन और त्र। तो इसका शाब्दिक अर्थ हुआ की मन से बुरे विचारों को निकाल कर शुभ विचारों को मन में भरना। जब मन में ईश्वर के सम्बंधित अच्छे विचारों का उदय होता है तो रोग और नकारात्मकता सम्बन्धी विचार दूर होते चले जाते है। वेदों का प्रत्येक श्लोक एक मन्त्र ही है। मन्त्र के जाप से एक तरंग का निर्माण होता है जो की सम्पूर्ण वायुमंडल में व्याप्त हो जाता है और छिपी हुयी शक्तियों को जाग्रत कर लाभ प्रदान करता है।
विभिन्न मन्त्र और उनके लाभ :
ॐ गं गणपतये नमः : इस मंत्र के जाप से व्यापार लाभ, संतान प्राप्ति, विवाह आदि में लाभ प्राप्त होता है।
ॐ हृीं नमः : इस मन्त्र के जाप से धन प्राप्ति होती है।
ॐ नमः शिवाय : यह दिव्य मन्त्र जाप से शारीरिक और मानसिक कष्टों का निवारण होता है।
ॐ शांति प्रशांति सर्व क्रोधोपशमनि स्वाहा : इस मन्त्र के जाप से क्रोध शांत होता है।
ॐ हृीं श्रीं अर्ह नमः : इस मंत्र के जाप से सफलता प्राप्त होती है।
ॐ क्लिीं ॐ : इस मंत्र के जाप से रुके हुए कार्य सिद्ध होते हैं और बिगड़े काम बनते हैं।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय : इस मंत्र के जाप से आकस्मिक दुर्घटना से मुक्ति मिलती है।
ॐ हृीं हनुमते रुद्रात्म कायै हुं फटः : सामाजिक रुतबा बढ़ता है और पदोन्नति प्राप्त होती है।
ॐ हं पवन बंदनाय स्वाहा : भूत प्रेत और ऊपरी हवा से मुक्ति प्राप्त होती है।
ॐ भ्रां भ्रीं भौं सः राहवे नमः : परिवार में क्लेश दूर होता है और शांति बनी रहती है।
ॐ नम: शिवाय : इस मंत्र के जाप से आयु में वृद्धि होती है और शारीरिक रोग दोष दूर होते हैं।
ॐ महादेवाय नम: सामाजिक उन्नति और धन प्राप्ति के लिए यह मन्त्र उपयोगी है।
ॐ नम: शिवाय : इस मंत्र से पुत्र की प्राप्ति होती है।
ॐ नमो भगवते रुद्राय : मान सम्मान की प्राप्ति होती है और समाज में प्रतिष्ठा बढ़ती है।
ॐ नमो भगवते रुद्राय : मोक्ष प्राप्ति हेतु।
ॐ महादेवाय नम: घर और वाहन की प्राप्ति हेतु।
ॐ शंकराय नम: दरिद्रता, रोग, भय, बन्धन, क्लेश नाश के लिए इस मंत्र का जाप करें।
श्री विष्णु जी : विष् धातु से व्युत्पन्न विष्णु पद का शाब्दिक अर्थ ‘व्यापक, गतिशील, क्रियाशील अथवा उद्यम-शील’ होता है। श्री विष्णु पार्थिव लोकों का निर्माण और परम विस्तृत अन्तरिक्ष आदि लोकों का प्रस्थापन करने वाले देव हैं। श्री विष्णु जी को इस श्रष्टि का निर्णायक और सर्वोच्च शक्ति माना जाता है जिसका वर्णन वेदों से प्राप्त होता है। पुराणों के अनुसार श्री विष्णु ही निर्णायक शक्ति हैं। धार्मिक ग्रंथों में त्रिमूर्ति का उल्लेख मिलता है जिनमे एक भगवान् स्वंय श्री विष्णु और दो श्री शिव और श्री ब्रह्मा जी हैं, इन्हे ही त्रिदेव कहा जाता है। वस्तुतः श्री विष्णु, श्री शिव और श्री ब्रह्मा जी एक ही हैं।
जहाँ श्री ब्रह्मा जी को श्रष्टि का रचियता माना जाता है वही श्री शिव ऐसी शक्ति हैं जो संहारक शक्ति भी माने जाते हैं। समस्त श्रष्टि के संहारक और पालन हार हैं श्री विष्णु भगवान्। श्री विष्णु जी न्याय को प्रशय देते हैं और अन्याय को समाप्त करते हैं और सबका पालन करते हैं। पुराणों में वर्णित है की श्री विष्णु जी की पत्नी है श्री लक्ष्मी हैं जो समस्त सम्पन्नता और धन्य धान्य की प्रदाता शक्ति हैं। श्री विष्णु जी के पुत्र हैं श्री कामदेव जिन्हे प्रेम का देवता माना जाता है। श्री शिव ने ही कामदेव को अपने तीसरे नेत्र से भस्म किया था। भगवान् श्री विष्णु और माता लक्ष्मी का निवास क्षीर सागर में माना जाता है। भगवन श्री विष्णु जी एक चार हाथ हैं जिनमे एक हाथ में संख, दूसरे हाथ में पुष्प तीसरे हाथ में गदा और चौथे हाथ में सुदर्शन चक्र है। श्री विष्णु जो आभूषण और जो आयुध ग्रहण करते हैं उनका अपना महत्त्व है। श्री विष्णु जी के द्वारा ग्रहण किये जाने वाले आभूषणों का वर्णन निम्न प्रकार से हैं।
श्री विष्णु जी के द्वारा श्रीवत्स धारण किया जाता है जिसका अर्थ प्रधान या मूल प्रकृति के प्रतीक से लिया जाता है। कौस्तुभ मणि = इस मणि का अर्थ जगत् के निर्लेप, निर्गुण तथा निर्मल क्षेत्रज्ञ स्वरूप का प्रतीक के रूप में लिया जाता है। इनके आलावा गदा से अभिप्राय बुद्धि, संख का पचमहाभूत से, शारंग इन्द्रियों को उत्पन्न करने वाला, सुदर्शन चक्र आसुरी शक्तियों का विनाश करने वाला और खडग ज्ञान का प्रतीक के रूप में लिया जाता है।
जब जब भी इस श्रष्टि पर कोई संकट और आसुरी शक्तियों का बोलबाला बढ़ जाता है तब श्री हरी स्वंय किसी रूप में प्रकट होकर पृथ्वी को संकट उबारते हैं। भगवान् श्री हरी के दशावतार का वर्णन प्राप्त होता है।
श्री विष्णु जी के अवतार : जब जब धरती पर पाप बढ़ता है तब तब श्री विष्णु जी अवतार लेकर प्रकट होते हैं और आसुरी शक्तियों का विनाश करते हैं। श्रीमद भागवत गीता में उल्लेख मिलता है की
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत ।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥जब जब इस धरती पर धर्म की हानि होती है तब मैं (श्री विष्णु) इस धरती पर जन्म लेता हूँ और आसुरी शक्तियों का अंत का करता हूं
शुक्रवार, 23 सितंबर 2022
हिंदुत्व,,,,, राहा है,,,,,,देखे
Vinod meghwaniएक खबर विनोद meghwani,, हिंदी सिनेमा में अब लहराएगा ‘हिंदुत्व’ का परचम,
अजय देवगन की सुपरहिट फिल्में ‘दिलवाले’ और ‘दिलजले’ के अलावा ‘त्रिमूर्ति’, ‘दुश्मनी’ और ‘लक्ष्मण रेखा’ जैसी फिल्में लिखने वाले अभिनेता करण राजदान बतौर निर्देशक छोटे परदे पर ‘रजनी’, ‘तहकीकात’ और ‘मि. भट्टी ऑन छुट्टी’ जैसे तमाम लोकप्रिय धारावाहिक निर्देशित कर चुके हैं। बतौर निर्देशक अब वह एक ऐसी फिल्म लेकर आ रहे हैं, जिसका नाम ही ‘हिंदुत्व’ है। हिंदी सिनेमा में हिंदुत्व और हिंदू धर्म को अक्सर नकारात्मक नजरिये से दिखाने को लेकर लग रहे आरोपों के बीच करण राजदान ने अपनी इस फिल्म का पोस्टर जारी किया है। करण की इस फिल्म का मुकाबला बॉक्स ऑफिस पर अमिताभ बच्चन और रश्मिका मंदाना की फिल्म ‘गुड बाय’ के अलावा राजकुमार राव और जान्हवी कपूर की फिल्म ‘मिस्टर और मिसेज माही’ से होने जा रहा
सोमवार, 19 सितंबर 2022
,,एक खबर vinod meghwani मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुंदरडीह में रोड शो किया संसदीय सचिव ,,,कुंवरसिंह निषाद के साथ
Vinod meghwaniएक खबर vinod meghwani मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुंदरडीह में रोड शो किया संसदीय सचिव ,,,कुंवरसिंह निषाद के साथ
शनिवार, 17 सितंबर 2022
मोदी जी के जन्म दिन पर तमिल नाडु में सोने की अंगूठी गिफ्ट,,मिलेगी
Vinod meghwani,,,,,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के जन्मदिन के अवसर पर तमिलनाडु के हस्पितल मे जन्म लेने वाले बच्चों को सोने की अंगूठी तोहफे के रूप में भेंट दी जायेगी
शुक्रवार, 16 सितंबर 2022
गुरुवार, 15 सितंबर 2022
नकली जूते चपल , जींस,हर शहर में बिक रहे है,, सरकारी अफसर सो रहे है ,,
,,,d meghwani,,,,,एक खबर विनोद (meghwani) नकली समानो की हर शहर में भरमार,,,असली का हबुह नकल बना के दुकानों में बिक रहा है सामान,,,,कोई धर पकड़ नहीं । जनता लूट रही ,,,सरकारी अफसर सो रहे है,,,ये वीडियो हमें सूत्रों से मिला ,,,जो कहानी बयां कर रह राहा है ,,,हम चुप रहेंगे,,,कुछ नहीं कहेंगे
गुरुवार, 8 सितंबर 2022
10 करोड़ खर्च किया है मूवी हिट,करने के लिए,,,
Vinod meghwaniएक खबर (विनोद meghwani )
ब्रह्मास्त्र,,,मूवी ,,,,को,, हिट करनी है । ये रनबीर ओर आलिया की सोच,,,,,,क्योंकि,,,,बहुत दिनों से कोई भी हिट मूवी दोनों की नहीं आई,,। इसलिए दोनों,,,ने,,,प्लानिंग की,,,,,,हम खुद,,,,,मूवी को हिट कराएंगे।,,,,,,इसलिए तमाम तरह,,,के हठकंडे अपना रहे है ,,,,खुद ही सोशल मीडिया पे मूवी ,,टोल करवा रहे,,,ओर,,,मीडिया के जरिए,,,10करोड़ खर्च करके,,,, पीब्लिसिटी कर रहे,
रणबीर कपूर को उज्जैन में हिंदु संगठनों के विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा. लेकिन रणबीर कपूर को इतने विरोध प्रदर्शन का सामना आखिर क्यों
ब्रह्मास्त्र की टीम का हुआ उज्जैन में विरोध.।
बॉलीवुड एक्टर रणबीर कपूर को उज्जैन में हिंदु संगठनों के विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा. विरोध इतना उग्र हो गया कि महाकाल के दर्शन करने पहुंचे रणबीर कपूर और आलिया भट्ट को बिना दर्शन के ही वापस लौटना पड़ा. इतना ही अब सोशल मीडिया पर फिल्म को लेकर बॉयकॉट भी ट्रेंड करने लगा है. लेकिन रणबीर कपूर को इतने विरोध प्रदर्शन का सामना आखिर क्यों करना पड़ रहा है. ।
रणबीर कपूर को भी आमिर खान की ही तरह अपने एक पुराने बयान के चलते इस सब का सामना करना पड़ा रहा है. दरअसल, साल 2011 में रणबीर कपूर ने अपनी फिल्म 'रॉकस्टार' का प्रचार करते हुए कहा था कि उन्हें बीफ खाना पसंद है. उन्होंने कहा, “मेरा परिवार पेशावर से है, इसलिए उनके साथ बहुत सारा पेशावरी खाना आया है. मैं मटन, पाया और बीफ का प्रशंसक हूं. हां, मैं बीफ़ का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं.'' अब इसी इंटरव्यू का एक पुराना वीडियो ब्रह्मास्त्र की रिलीज से पहले फिर से सामने आया है और रणबीर कपूर को 'बॉयकॉट गैंग' द्वारा पेशावर का 'बीफ मैन' कहा जा रहा है।
आलिया भट्ट के इस बयान से नाराज हुए फैन।
ऐसा नहीं है कि सोशल मीडिया पर सिर्फ रणबीर कपूर को ही विरोध का सामना करना पड़ रहा है. बल्कि हाल ही में दिया गया आलिया भट्ट का एक बयान यूजर्स को पसंद नहीं आया और वो इसे लेकर उनका भी बॉयकॉट कर रहे हैं. दरअसल, कुछ दिन पहले आलिया ने एक प्रमोशनल इंटरव्यू में बॉयकॉट ट्रेंड को लेकर बात की थी. इस दौरान आलिया ने कहा था कि यदि कोई उन्हें पसंद नहीं करता तो उनकी फिल्में न देखें. ।
वीडियो शेयर कर कही थी उज्जैन जाने की बात।
उज्जैन के लिए रवाना होने से पहले आलिया ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपने पति और निर्देशक अयान मुखर्जी के साथ अपनी यात्रा की घोषणा करते हुए एक वीडियो भी साझा किया था. इस दौरान तीनों ने एक और प्रीव्यू स्क्रीनिंग के बारे में भी घोषणा की. पहले प्रीव्यू स्क्रीनिंग जल्दी बिक गई इसलिए निर्माताओं ने पहले के समाप्त होने के ठीक बाद दूसरे के लिए जाने का फैसला किया.।
जमकर हुआ विरोध
आलिया भट्ट और रणबीर कपूर संध्या आरती के लिए उज्जैन के प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे तो लेकिन वो दर्शन नहीं कर सके. सुरक्षा कारणों से दोनों ने इसमें शिरकत करने से परहेज किया. स्थानीय पुलिस के हस्तक्षेप से स्थिति को नियंत्रण में लाने के बावजूद, केवल निर्देशक अयान मुखर्जी ही थे जिन्होंने संध्या आरती में शिरकत की. अयान ने आशीर्वाद मांगते हुए खुद की एक तस्वीर साझा की और लिखा, "3 दिन दूर,,,आज महाकालेश्वर मंदिर का दौरा करने के लिए बहुत खुश और उत्साहित महसूस कर रहा हूं ... सबसे खूबसूरत दर्शन मिला ... इस यात्रा को फिल्म निर्माण यात्रा को बंद करने के लिए करना चाहता था ब्रह्मास्त्र, और हमारी रिहाई के लिए सभी सकारात्मक ऊर्जा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए "#ब्रह्मास्त्र".''
सोशल मीडिया पर शुरू हुआ फिल्म का विरोध।
बॉयकॉट ट्रेंड अब धीरे-धीरे ब्रह्मास्त्र को भी अपने चपेट में लेने की कोशिश कर रहा है. हालांकि फिल्म को अभी तक काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है और दर्शकों में इसे लेकर उत्सुकता भी देखी जा सकती है. लेकिन अब फिल्म को लेकर प्रदर्शन शुरू हो गए हैं और सोशल मीडिया पर भी फिल्म के लेकर बॉयकॉट ट्रेंड्स चलने लगे हैं. बीती रात ट्विटर पर बॉयकॉट ब्रह्मास्त्र ट्रेंड किया. फिल्म को लेकर शुरू हो रहे इस विरोध ने मेकर्स की चिंता जरूर बढ़ा दी
मंगलवार, 6 सितंबर 2022
धनबाद मे ळुट की घटना,,,
Vinod meghwaniAk khbar (vinod meghwani)Dhnbad Bihar me thanaसे महज 150 मीटर की दूरी पर मंगलवार की सुबह अपराधियों ने मुथूट फिनकॉर्प में लूट की घटना को अंजाम देने का प्रयास किया। हालांकि इस बार अपराधियों की किस्मत दगा दे गई और पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में एक अपराधी को गोली लग गई। घटना में मौके पर ही उसकी मौत हो गई, जबकि धरपकड़ में एक डकैत जख्मी है। एक अन्य अपराधी को पुलिस ने दबोच लिया है। पकड़े गए दोनों अपराधियों को सरायढेला पुलिस स्टेशन ले जाया गया है। वहां उससे पूछताछ की जा रही है। बताया जाता है कि दो-तीन लोग मौके से फरार हो गए। अपराधी बिहार के लखीसराय जिले के रहने वाले बताए जा रहे हैं।
Dhanbad Muthoot Loot: मुठभेड़ में मारा गया शुभम था भूली का रहनेवाला, अबतक पुलिस के पास नहीं पहुंचे स्वजन
मालूम हो कि इससे पहले बीते 3 सितंबर को धनसार स्थित गुंजन ज्वेलस में अपराधियों ने दिनदहाड़े डाका डाला था। यहां से अपराधियों ने करीब ढाई किलो सोना लूट लिया था। लूटे गए सोने की कीमत लगभग एक करोड़ रुपये बताई गई है। इस वारदात के तीन दिन बाद ही अपराधियों ने एक और बड़ी घटना को अंजाम देने का प्रयास किया था।
Dhanbad: बैंक मोड़ के जांबाज थाना प्रभारी डॉ प्रमोद को मिल चुका राष्ट्रपति से वीरता सम्मान... नक्सलियों में भी था खौफ
मुथूट फाइनेंस का कार्यालय खुलते घुस गए डकैत
बताया जाता है कि बैंक मोड़ गुरुद्वारा के पास स्थित मुथूट फाइनेंस के दफ्तर के खुलते ही मंगलवार की सुबह करीब 10 बजे आधा दर्जन डकैत घुस गए। इसकी सूचना मिलते ही बैंक मोड़ थाना की पुलिस पलक झपकते मौके पर पहुंच गई। पुलिस को देख अपराधी भागने लगे। गोली भी चलाई। उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने ऑटोमेटिक हथियार से फायरिंग की, जिसमें एक की मौत हो गई। अन्य दो लोगों को पुलिस ने बलपूर्वक अपनी हिरासत में ले लिया!
Dhanbad Weather Report: दोपहर तक तपिश के बाद धनबाद में मौसम ने फिर रंग बदला, थोड़ी देर में बारिश
बताया जा रहा है कि मुथूट के ऑफिस के अंदर और भी अपराधी मौजूद थे, लेकिन वह बचकर भाग निकले। एसएसपी संजीव कुमार, ग्रामीण एसपी रिष्मा रमेशन, बैंक मोड़ पुलिस थाना के प्रभारी पीके सिंह समेत अन्य पुलिस बल घटनास्थल पर डटे हैं। मौके पर सैकड़ों लोग भी जमा हो गए हैं। इससे जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। वहीं इलाके की दुकानों को बंद करवा कर सर्च अभियान चलाया जा रहा है। मुठभेड़ के दौरान अपराधियों की ओर से पांच राउंड फायरिंग की बात कही जा रही है।
Dhanbad Muthoot Loot: हमले में घायल मैनेजर बोले- मुझे लगा ग्राहक हैं, अचानक मांगने लगे तिजोरी की चाबी
बैंक मोड़ थाना प्रभारी ने किया एनकाउंटर
बैंक मोड़ थाना के प्रभारी पीके सिंह, उनके बॉडीगार्ड उत्तम व मुंशी गौतम ने डकैतों से लोहा लिया। थाना प्रभारी पीके सिंह की गोली से वारदात को अंजाम देने आए अपराधी की मौत हुई। फायरिंग में मुथूट फिनकॉर्प के मैनेजर विक्रम राज भी जख्मी हुए हैं। उन्होंने कहा कि अपराधी कुछ भी नहीं ले जा सके। पुलिस की सक्रियता से बड़ी वारदात टल गई। घायल बैंक मैनेजर को शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ले जाया जा रहा है।
Dhanbad Muthoot Loot: गिरफ्तार डकैत बोले- जेवर दुकान में लूट में हमारा हाथ नहीं, उसी से इंस्पायर हुए थे! कॉरपोरेट कंपनी के कर्मचारी की तरह आए थे डकैत, एनकाउंटर में पुलिस ने काबू में किया,
फोन पर मिली वारदात की सूचना
बैंक मोड़ थाना प्रभारी पीके सिंह ने बताया कि घटना के बारे में सुबह में जानकारी मिली। उन्होंने कहा कि जब मौके पर पहुंचा तो डकैतों ने हमला शुरू कर दिया। जवाबी फायरिंग में एक डकैत मारा गया है। उन्होंने कहा कि जो भी इस वारदात में शामिल हैं, उन सबकी धरपकड़ जारी है। जो भी आपराधिक घटना को अंजाम देगा, उसका यही हस्र होगा।
मुथूट लूट में अपराधियों का धनसार कनेक्शन, गांधी नगर में गुजारी थी रात
एक सप्ताह के अंदर दूसरा बड़ा दुस्साहस
धनबाद शहर में एक सप्ताह के भीतर अपराधियों का यह दुसरा बड़ा दुस्साहस है। मुथूट फिनकॉर्प का दफ्तर बैंकमोड़ पुलिस स्टेशन से महज 150 मीटर की दूरी पर स्थित है। इससे तीन दिन पहले अपराधियों ने धनसार पुलिस स्टेशन से महज 100 मीटर की दूरी पर स्थित गुंजन ज्वेलस से एक करोड़ रुपये से अधिक का सोना लूट लिया था। वहीं मुथूट फिनकॉर्प कंपनी भी सोना गिरवी रखकर बतौर ऋण रुपये देती है।
बुधवार, 31 अगस्त 2022
*सिंधी पंचायतों का भौगोलिक आधार पर पुनर्गठन पर सम्मेलन में पारित हुआ प्रस्ताव*
Vinod meghwani-----------------
*छ ग सिंधी पंचायत का 22वां वार्षिक सम्मेलन में प्रदेश के हर शहर से प्रतिनिधि शामिल 700 से ज़्यादा लोगों ने दर्ज कराई सहभागिता *
निरंजन धर्मशाला में छः ग सिंधी पंचायत का वार्षिक सम्मेलन कार्यक्रम के मुख्य अथिति शदाणी दरबार के नवम पीठाधीश्वर सन्त डॉ युधिष्ठिर लाल जी एवं चकरभाठा के सतगुरु साईं लालदास जी के सानिध्य में संम्पन हुआ
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित के साथ डॉ. भीमन दास बजाज एवं लालचंद गुलवानी ने पंजडा एवं आरती गीत गाये
छ ग सिंधी पंचायत के प्रदेश अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी जी ने स्वागत एवं अध्यक्षीय उद्धबोधन दिया
इस सम्मेलन में पूरे प्रदेश से पंचायतों के प्रमुख, बुद्धजीवी,एवं बड़ी संख्या में समाजसेवी शामिल हुए समाज के 700 से ज़्यादा लोगों ने दर्ज करवायी सहभागिता ।
सम्मेलन में पूज्य पंचायतों के सशक्तिकरण के लिये सम्मेलन के संयोजक चेतन तारवानी ने सदन में पांच प्रस्ताव रखे जिस पर विचार विमर्श हुए अंत में सर्वसम्मति से पारित किये गए जिसमें प्रमुख थे पंचायतों का भौगोलिक आधार पर पुनर्गठन पर पारित हुआ प्रस्ताव दूसरा हर सिंधी को अपने मुहल्ले की पंचायत में सदस्य बनना अनिवार्य होगा तीसरा हर तीन वर्ष में पंचायत में कराना होगा चुनाव जिसके लिए पंचायत के निवेदन पर छतीसगढ़ सिंधी पंचायत से पर्वेक्षक भेजा जाएगा चौथ हर तीन महा में मुखी सम्मेलन करवाया जाएगा जिसमें प्रशिक्षण सत्र भी होंगे और पाँचवा हर वर्ष आम सभा में पंचायतों के कार्यों की रिपोर्ट पढ़ी जाएगी एवं श्रेस्ठ मुखियों का होगा सम्मान
समाज मे एकता को बरकरार रखने एवं संगठन को मजबूत करने के लिये
खुला मंच रखा गया जिसमें बड़ी संख्या में मुखीगण एव समाज सेवियों ने अपने विचार दिए
सम्मेलन में आगामी त्रिवार्षिक चुनाव पर चर्चा हुई जिस पर जल्दी ही आम सभा बुलाने पर सहमति हुई
इस सफल कार्यक्रम के अंत मे सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ जिसमें उल्लासनगर की प्रसिद्ध गायिका लता भगतानी जी ने सबको आनंदित किया
इस कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु आमंत्रण समिति के प्रमुख महासचिव इंदर डोडवानी, चैयरमेन रमेश मिरघानी,समिति के खाद्य विभाग संचालक मोहनलाल तेजवानी, डॉ गोपाल चावला,राजू तारवानी, प्रिंटिंग प्रभारी सुदेश मन्धान,अमर परचानी,सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रमुख जितेंद्र बड़वानी, भवन सजावट विनोद धमेचा,रहवास कमेटी हरीराम तलरेजा, ट्रांसपोर्ट कमेटी मूलचंद खत्री, स्वागत एवं पंजीयन कमेटी श्रीमती भावना कुकरेजा एवं सम्पूर्ण महिला विंग युवा विंग अध्यक्ष अमित चिमनानी एवं टीम कार्यकारी अध्यक्ष राजेश वासवानी, सहसंयोजक प्रहलाद शादीजा , झामन दास बजाज,चंदर विधानी , किशोर आहूजा, अमरदास खट्टर, वासु जोतवानी , अशोक छेतीजा, भगवाना रेलवानी , सहित पूरी समितियों ने अपनी सहभागिता दी. इस सम्मेलन में मुख्य रूप से पंचायत के संरक्षक सर्वश्री लीलाराम भोजवानी जी, डी. डी. आहुजा, लख्मीचंद गुलवानी, हरगुन मेघवानी, किशोर आहुजा, पवन वाधवा, शमनदास खुबचन्दानी, उपाध्यक्ष सर्वश्री राम गिडलानी, महेश रोहरा, राजेश गुरनानी, दौलत परयानी, चंदर विधानी, जयचंद नावानी, प्रकाश कुकरेजा शामिल थे.
बैठक के समापन संबोधन मे महासचिव इंदर डोडवानी ने आगंतुकों को इस सम्मेलन के सफल बनाने के लिए सभी का आभार प्रकट किया
विनोद
मेघ वानी,,,एक खबर
शुक्रवार, 26 अगस्त 2022
किसी दर्द मिले सके तो,,,दे,,, उधार,,, ---- बड़ते कदम
*इनकी की मुस्कुराहटों पे हो निसार*
*इनका दर्द मिल सके तो ले उधार*
*इन्ही के वास्ते हो तेरे दिल में प्यार*
*जीना इसी का नाम है*
बढ़ते कदम आनंद आश्रम में 28 को कार्यक्रम
. संस्था बढ़ते कदम निःशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण के प्रभारी पी. एल. विधानी एवम महासचिव सुरेश रोचलानी, उपाध्यक्ष प्रेम प्रकाश मध्यानी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि बुजुर्गों के *एकाकीपन* को दूर करने के लिए संस्था बढ़ते कदम का नया प्रयास *जीना इसी का नाम है (डे बोर्डिंग)* संस्था के अपने *आनंद आश्रम* में शुरू किया गया है। जिसे अपेक्षित लोकप्रियता मिल रही है हर्ष का विषय है की रायपुर के *गुजराती रामधुनि मंडली रायपुर* के द्वारा रविवार दिनाक 28 अगस्त 2022 को शाम 4 बजे से 5:30 बजे तक रामधुनी की भक्तिमय प्रस्तुति दी जा रही है एवं 5:30 बजे से 6:30 बजे *निशुल्क कम्प्यूटर क्लास के बच्चों को प्रशस्ति पत्र वितरित किया जायेगा*
आनंद आश्रम प्रभारी सुनील नारवानी, नंदलाल मुलवानी एवम मीडिया प्रभारी राजू झामनानी ने जानकारी दी की इसके अलावा शहर से आने वाले बुज़ुर्गो के लिये भी इनडोर गेम्स भी रखे गए है आप सभी गणमान्य नागरिकों से निवेदन है कि बुज़ुर्गो के अपने खुद के इस कार्यक्रम में उनके *एकाकीपन* को दूर करने एवम आपकी अपनी संस्था बढ़ते कदम के सेवादारियो के उत्साह वर्धन के लिए जरूर पधारे स्थान *बढ़ते कदम आनंद आश्रम* सेंट जेवियर स्कूल के आगे अवंती विहार, सुरज नगर लाभांडी.
भवदीय
राजू झामनानी, 9827133247
मीडिया प्रभारी, बढ़ते कदम
प्रेम प्रकाश मध्यानी, 9329407988
उपाध्यक्ष, बढ़ते कदम
प्रदीप सिंहानी, 9926159334
126 सामूहिक गाय दान ,,,,,,,,बड़ते कदम,,,
Vinod meghwani*एक खबर 22.08.2022*
*बढ़ते कदम संस्था द्वारा श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर 126 सामूहिक गऊदान, गुरूजी पार्क भव्य लोकार्पण*
बढ़ते कदम गौशाला में 09 वर्षों में 886 बीमार व घायल गायों की सेवा व उपचार
बढ़ते कदम संस्था के अध्यक्ष राजकुमार मंगतानी, उपाध्यक्ष प्रेम प्रकाश मध्यानी एवम् मीडिया प्रभारी राजू झामनानी ने बताया कि रायपुर शहर में एवं आसपास के क्षेत्रों में जो गायें बीमार हो जाती है एवं दूध देना छोड़ देती है, ऐसे गायों को खुला छोड़ दिया जाता है। ये गाये सड़को पर एवं हाइवे रोड पर आकर बैठ जाती है। बढ़ते शहरीकरण के कारण इन्हे चारा नहीं मिलने से बीमार हो जाती हैं या कई बार सड़क पर चलते हुए वाहन चालक जैसे कि कार एवं ट्रक की ठोकर से गायें घायल हो जाती है। ऐसी बीमार व घायल गायों को संस्था के सदस्यों द्वारा ग्राम मुरेठी, मंदिर हसौद स्थित बढ़ते कदम गौशाला में लाकर इन घायल गायों की सेवा की जाती है। संस्था ने गत *9 वर्षों में ऐसी 886 गायों* कों बीमार अथवा घायल अवस्था में संस्था की गौशाला में लाकर उनकी सेवा व उपचार किया गया है। ऐसी गायों की सेवा व उपचार करने के लिये *126 गौसेवक परिवारों* के सहयोग से सामूहिक गऊदान एवं नवनिर्मित गुरूजी पार्क का भव्य लोकार्पण कार्यक्रम 21 अगस्त 2022 कोे मंदिर हसौद स्थित ग्राम मुरेठी ‘‘बढ़ते कदम गौशाला’’ में किया गया।
कार्यक्रम के सह-आयोजक पूज्य महाराज सिंधु मण्डल द्वारा पूरे विधि विधान से हवन पूजन, मंत्रोच्चार के बीच इन 126 गौसेवक परिवारों को सामूहिक गउदान कराया गया। धार्मिक, एवं आध्यात्मिक दृष्टि से गाय के दान को बहुत बड़ा पूण्य का कार्य बताया गया है। पूरे विधि-विधान एवं धार्मिक नियमों से किया गया गाय का दान ऋण मुक्ति. स्वास्थ्यता. प्रायष्चित भौतिक पापो को इस नष्ट करता है एवं गाय के दान से पितरो को शांति एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है। पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी संस्था द्वारा सामूहिक गऊदान में इच्छुक लोंगो से सहयोग राशि लेकर गऊदान किया गया तथा गऊदान से प्राप्त सहयोग राशि को बीमार एवं घायल गायों की इलाज एवं रखरखाव में खर्च किया जाएगा।
*गौशाला प्रभारी सुनील नारवानी, अशोक गुरूबक्षाणी, रमेश मनकानी, प्रदीप सिंहानी* ने जानकारी दी कि संस्था बढ़ते कदम का एक महत्वपूर्ण सेवाकार्य है बेजुबान पशु एवं पक्षी की सेवा करना। ‘‘इंसान तो अपना दुख दर्द बता सकता है किंतु पशु एवं पक्षी अपना दर्द किसे बतायें ?’’ इसी सूत्र वाक्य के आधार पर जुलाई 2013 को संस्था द्वारा ग्राम मुरेठी, मंदिर हसौद को श्री बढ़ते कदम गौशाला की स्थापना की गई। संस्था पिछले 6 वर्षो से संस्था इस क्षेत्र में कार्य कर रही है। संस्था द्वारा ग्राम मुरेठीं में लगभग 3 एकड़ जमीन में गौशाला का निर्माण किया गया है जहॉ घायल गायों की सेवा की जाती है।
इस आयोजन में पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी, गौदानदाता एवम् शहर गणमान्य सहित बढ़ते कदम के सदस्यगण उपस्थित थे।
‘‘धन्यवाद’’
भवदीय
*राजू झामनानी, 9827133247*
*मीडिया प्रभारी, बढ़ते कदम*
*प्रेम प्रकाश मध्यानी, 9329407988*
*उपाध्यक्ष, बढ़ते कदम*
*प्रदीप सिंहानी, 9926159334*
*प्रवक्ता, बढ़ते कदम*
गुरुवार, 25 अगस्त 2022
बड़े होटलों में बासी खाना , परोस रहे ,, ग्राहकों को,,,क्या,???
Vinod meghwaniएक खबर (विनोद megwani ) खाद्य विभाग का कार्यालय हर जिले मे ,,क्या ये विभाग अपनी ड्यूटी ,अपनी ईमान दारी से निभा रहा है । या फिर रिश्वत लेकर,,,अपना मुंह बन्द किए है,,,,,,हमारे पास एक रिटायर्ड ,,,आफिसर की शिकायत है,,क्या इसे पड़कर ,,,खाद्य विभाग,,,की,,,नींद टूटेगी,,,,,
Vinod Meghwani👏🏻: *
■■हम झूठा व बासी नही खाते !!!*
*अगली बार ये कहने से पहले सोचियेगा■■*
*कुछ दिन पहले एक परिचित दावत के लिये एक मशहूर रेस्टोरेंट में ले गये।*
*मैं अक़्सर बाहर खाना खाने से कतराती हूँ किन्तु सामाजिक दबाव तले जाना पड़ा।*
*आजकल पनीर खाना रईसी की निशानी है इसलिए उन्होंने कुछ डिश पनीर की ऑर्डर की।*
*प्लेट में रखे पनीर के अनियमित टुकड़े मुझे कुछ अजीब से लगे। ऐसा लगा की उन्हें कांट छांट कर पकाया है।*
*मैंने वेटर से कुक को बुलाने के लिए कहा, कुक के आने पर मैंने उससे पूछा पनीर के टुकड़े अलग अलग आकार के व अलग रंगों के क्यों हैं तो उसने कहा ये स्पेशल डिश है।"*
*मैंने कहा की मैँ एक और प्लेट पैक करवा कर ले जाना चाहती हूं लेकिन वो मुझे ये डिश बनाकर दिखाये।*
*सारा रेस्टोरेंट अकबका गया...*
*बहुत से लोग थे जो खाना रोककर मुझे देखने लगे...*
*स्टाफ तरह तरह के बहाने करने लगा। आखिर वेटर ने पुलिस के डर से बताया की अक्सर लोग प्लेटों में खाना,सब्जी सलाद व रोटी इत्यादी छोड़ देते हैं। रसोई में वो फेंका नही जाता। पनीर व सब्जी के बड़े टुकड़ों को इकट्ठा कर दुबारा से सब्जी की शक्ल में परोस दिया जाता है।*
*प्लेटों में बची सलाद के टुकड़े दुबारा से परोस दिए जाते है । प्लेटों में बचे सूखे चिकन व मांस के टुकड़ों को काटकर करी के रूप में दुबारा पका दिया जाता है। बासी व सड़ी सब्जियाँ भी करी की शक्ल में छुप जाती हैं...*
*ये बड़े बड़े होटलों का सच है। अगली बार जब प्लेट में खाना बचे तो उसे इकट्ठा कर एक प्लास्टिक की थैली में साथ ले जाएं व बाहर जाकर उसे या तो किसी जानवर को दे दें या स्वयं से कचरेदान में फेंके*
*वरना क्या पता आपका झूठा खाना कोई और खाये या आप किसी और कि प्लेट का बचा खाना खाएं।*
*दूसरा क़िस्सा भगवान कृष्ण की भूमि वृंदावन का है. वृंदावन पहुंच कर,मैँ मुग्ध होकर पावन धरा को निहार रही थी । दिल्ली से लंबी यात्रा के बाद हम सभी को कड़ाके की भूख लगी थी सो एक साफ से दिखने वाले रेस्टोरेंट पर रुक गये । समय नष्ट ना करने के लिए थाली मंगाई गई।*
*एक साफ से ट्रे में दाल, सब्जी,चावल, रायता व साथ एक टोकरी में रोटियां आई।*
*पहले कुछ कौर में ध्यान नही गया फिर मुझे कुछ ठीक नही लगा। मुझे रोटी में खट्टेपन का अहसास हुआ, फिर सब्जी की ओर ध्यान दिया तो देखा सब्जी में हर टुकड़े का रंग अलग अलग सा था। चावल चखा तो वहां भी माजरा गड़बड़ था। सारा खाना छोड़ दिया। फिर काउंटर पर बिल पूछा यो 650 का बिल थमाया।*
*मैंने कहा 'भैया! पैसे तो दूँगी लेकिन एक बार आपकी रसोई देखना चाहती हूं" वो अटपटा गया और पूछने लगा "क्यों?"*
*मैंने कहा "जो पैसे देता है उसे देखने का हक़ है कि खाना साफ बनता है या नहीँ?"*
*इससे पहले की वो कुछ समझ पाता मैंने होटल की रसोई की ओर रुख किया।*
*आश्चर्य की सीमा ना रही जब देखा रसोई में कोई खाना नहीं पक रहा था। एक टोकरी में कुछ रोटियां पड़ी थी। फ्रिज खोल तो खुले डिब्बों में अलग अलग प्रकार की पकी हुई सब्जियां पड़ी हुई थी।कुछ खाने में तो फफूंद भी लगी हुई थी।*
*फ्रिज से बदबू का भभका आ रहा था।डांटने पर रसोइये ने बताया की सब्जियां करीब एक हफ्ता पुरानी हैं। परोसने के समय वो उन्हें कुछ तेल डालकर कड़ाई में तेज गर्म कर देता है और धनिया टमाटर से सजा देता है।*
*रोटी का आटा 2 दिन में एक बार ही गूंधता है।*
*कई कई घण्टे जब बिजली चली जाती है तो खाना खराब होने लगता है तो वो उसे तेज़ मसालों के पीछे छुपाकर परोस देते हैं। रोटी का आटा खराब हो तो उसे वो नॉन बनाकर परोस देते हैं।*
*मैंने रेस्टोरेंट मालिक से कहा कि "आप भी कभी यात्रा करते होंगे, इश्वेर करे जब अगली बार आप भूख से बिलबिला रहे हों तो आपको बिल्कुल वैसा ही खाना मिले जैसा आप परोसते हैं" उसका चेहरा स्याह हो गया....*
*आज आपको खतरो, धोखों व ठगी से सिर्फ़ जागरूकता ही बचा सकती है क्योंकी भगवान को भी दुष्टों ने घेर रखा है।*
*भारत से सही व गलत का भेद खत्म होता जा रहा है....*
*हर दुकान व प्रतिष्ठान में एक कोने में भगवान का बड़ा या छोटा मंदिर होता है, व्यपारी सवेरे आते ही उसमे धूप दीप लगाता है, गल्ले को हाथ जोड़ता है और फिर सामान के साथ आत्मा बेचने का कारोबार शुरू हो जाता है!!!*
*भगवान से मांगते वक़्त ये नही सोचते की वो स्वयं दुनिया को क्या दे रहे हैं!!****
*जागरूक बनिये!!*
*और कोई चारा नही है*
*कम से कम पांच ग्रुप मैं जरूर भेजे*
*कुछ लोग नही भेजेंगे*
*लेकिन मुझे यकीन है आप जरूर भेजेंगे*
सुचिता सिंह सिन्हा
सोमवार, 22 अगस्त 2022
जिंदगी मेरे ,,,गुनाह तो ,,, बता जो मेने किए है
Vinod meghwani,हैरान हूं परेशान हूं,,जिंदगी तेरा ये रंग देखकर,,,,,
,अगर राजू,,,श्रीवास्तव,,बोल पाते तो यही,,,बोलते
पूरी दुनिया,,,को हंसाया,, ता उम्र,,,मैने,,,, जिंदगी तू,,,अब,,,मुझ पर ,,,हंस रही है,,,मुझे रुला रही है,,,,,
मेरे,,,गुनाह,,तो बता,,,,जिंदगी,,,,,,जो मेने किये थे,,,,मुझे,,,तो,,,,,याद,,नहीं,,मैंने ,कोई गुनाह किया हो
(चाहत छतीसगडिया
एक खबर )
े राजू श्रीवास्तव! जानें ताजा हेल्थ अपडेट
कॉमेडी की दुनिया के किंग माने जाने वाले गजोधर भैया उर्फ राजू श्रीवास्तव लंबे वक्त से अपनी सेहत को लेकर चर्चा में बने हुए हैं. आए दिन डॉक्टरों की और से उनके परिवार और करीबियों को उनकी सेहत की ताजा अपडेट मिलती रहती है. देश भर में इस समय हर कोई उनकी बेहतर सेहत और सलामती की दुआएं कर रहा है. वहीं, रिपोर्ट्स की मानें तो फिलहाल, सीनियर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव की हालत में सुधार हो रहा है. जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि वो अब ठीक होकर जल्द वापसी करेंगे.।
ताजा अपडेट के मुताबिक, राजू श्रीवास्तव के खास दोस्त सुनील पाल ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान कहा है कि, “जो आदमी पूरी दुनिया को हंसाता है, वो इतना सीरियस नहीं रह सकता. वो फाइटर हैं और वह जरूर वापस लौटेंगे.”
वहीं, बीते दिन शेखर सुमन ने भी उनकी सेहत को लेकर ताजा अपडेट फैंस के साथ साझा किया था. उन्होंने ट्विटर पर जानकारी देते हुए लिखा था कि, राजू अभी बेहोश हैं लेकिन कथित तौर पर उनकी सेहत में लगातार सुधार हो रहा ह
कानपुर के इस्कॉन टेंपल में हुई पूजा
दूसरी ओर इस वक्त पूरा देश राजू श्रीवास्तव की सलामती के लिए मंदिरों में दुआएं कर रहा है. हाल ही में उनकी अच्छी सेहत के लिए कानपुर के इस्कॉन मंदिर में प्रार्थना की गई है. जिसका वीडियो भी सामने आया है.
हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव के मित्रों ने कानपुर के इस्कॉन टेंपल में पूजा प्रार्थना कर जल्द स्वास्थ्य होने की प्राथना की
डॉक्टरों से मिली जानकारी
बीते दिन एम्स अस्पताल में राजू श्रीवास्तव का इलाज कर रही डॉक्टरों की टीम की ओर से भी बड़ी जानकारी सामने आई थी. जानकारी के अनुसार, ब्रेन डेड की खबरों से डॉक्टरों ने इनकार किया था. साथ ही, इलाज के लिए अगले 24 घंटे का वक्त काफी अहम बताया गया था.।
‘राजू श्रीवास्तव की सेहत में लगातार हो रहा सुधार’, शेखर सुमन ने दिया हेल्थ अपडेट
राजू की जल्द वापसी की उम्मीद
राजू श्रीवास्तव को 10 अगस्त के दिन जिम में वर्कआउट के दौरान कार्डियक अरेस्ट आया था. जिसके बाद से वो दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती हैं. अस्पताल में उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है. जहां उनकी हालत में आए दिन फ्लक्चुएशन होते रहते हैं. हालांकि, ताजा खबरों के बाद से लोगों में उनकी सेहत को लेकर राहत है. उम्मीद है कि राजू जल्द ही अपने फैंस को गुदगुदाने के लिए कॉमेडी की दुनिया में वापसी करेंगे.
रविवार, 14 अगस्त 2022
75साल मे धीमी से चलते ,,,लोकल ट्रेन पहली बार ,,, आंतागड,,,पुहची,,,
Vinod meghwaniएक खबर vinod meghwani दुर्ग से रायपुर अंतागढ़ ,,,लोकल ट्रेन 75साल मे पहली बार चली जिस झंडा दिखा कर रवाना किया । राष्ट्र की की आजादी की 75 वीं
वर्षगाठ के दो दिन पहले शनिवार को दल्लीराजहरा- रावघाट - जगदलपुर परियोजना के अंतर्गत लागढ़ - दुर्गे एवं रायपुर - अंतागढ़ तक चलने वाली डेमू पैसेंजर स्पेशल ट्रेन का विस्तार सांसद मोहन मंडावी व क्षेत्र के विधायकों ने हरी झंडी दिखाकर किया । जिसके बाद अंतागढ़ से पहली बार यात्रियों से चली । रविवार नियमित रूप से मरीदा , बालोद भानुप्रतापपुर , केवटी भरी ट्रेन दुर्ग को यह ट्रेन रायपुर , दुर्ग , अंतगढ़ रेलवे स्टेशन से पहली टिकट अंतागढ़ निवासी सिराजुद्दीन ने कटाकर दुर्ग तक सफर किया ट्रेन में चढ़ने व सफर करने के लिए स्थानीय निवासियों में उत्साह रहा । बच्चे से लेकर बुजुर्ग सभी वर्ग ने ट्रेन में सफर किया । पहले दिन 144 टिकट की बिक्री हुई । जिससे रेलवे को 10 हजार 85 रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ । रेलवे स्टेशन में गुब्बारे लगाए गए थे । इसके अलावा ट्रेन भी आकर्षण का केंद्र रहा । हर डिब्बे में सजावट की गई थी ।
मंगलवार, 9 अगस्त 2022
Shahnawaz will become the Chief Minister of Bihar, from BJP??????
Vinod meghwaniएक खबर (विनोद meghwa ni ) बिहार की राजनीति पलटने वाली है ,,,,नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति बनना चाहते थे ।मोदी जी ने मना कर दिया,,,,बिहारी बाबू उखड़ गए। अंदर की बात तो सूत्र बताते है । ये सब चाणक्य की,,,,खिचड़ी है,,,,अब समय आ गया है कि बिहार में खेला किया जाए,,,,।,,,अब देखना ये की,,,नीतीश कुमार अपने विधायकों केसे बांध के किस होटल मे रखते है
Shrikant Tyagi arrested from Meerut, was trying to flee abroad
Vinod meghwani भगोड़ा श्रीकांत त्यागी मेरठ से गिरफ्तार,,,,, विदेश भागने की फिराक में था,,,,???
Modi's conspiracy to make Gujarat's Nadiad, Mini Pakistan
Vinod meghwani,,,,,,,,,,,,,,एक खबर ( विनोद meghwani ) गुजरात के नडियाद मे क्या हो रहा है सुनिए,,,सुदर्शन न्यूज चैनल की खबर,,,,एक खबर वीडियो,,,,,
,,,,,,,,,इस शहर मे ,,,वो शख्स,,,नया,,,सा लगता,,,,,है !! 2
पर मिलने पर,,,, हर किसी को,,,पहचान सा ओर पुराना,,,,सा लगता,,,,।। 2
वो शख्स,,,,इस शहर में नया,,,सा लगता,,,है।।
कुछ,,,दिनों,,,मे,,, हर,,,किसी की ,,,,चाहत,,बन गया,,,है ,,उसमे,,,कुछ है ,,क शी श,,,,
शहर,,,वासियों ने,,,,,बना लिया, उसे,,,,,,अपना,,,,,,,,अब,,,,तो वो,,,,,शख्स,,,,,इस शहर,,,,का,,,,,,बाशिंदा,,,लगता,,,,,है,,,।।2
बुधवार, 3 अगस्त 2022
I don't like falling so I'm dying
Vinod meghwani,,,एक खबर (vinod meghwani ) क्यों आज के बच्चे कमजोर है । क्यो बहुत ही जल्दी आज के बच्चे ,,डिप्रेशन,,का शिकार हो जाते है । क्या आज की शिक्षा नीति गलत है जो कई बच्चों को कठिन लगती है । इस पर नीति आयोग को संज्ञान लेना चाहिए । ओर पडाई को बच्चे सरल सहज से पड़ सके एईसा सिलेबस,,बनना चाहिए,,,,मुझे पड़ना अच्छा नहीं लगता सुसाइड नोट लिख पांचवीं मंजिल से कूद ,,, जान दे दी भिलाई ,,,,,क्षेत्र के ग्रीन सिटी फेस 2 की पांच मंजिला की से 12 वीं के छात्र ने जान दे दी । करीब सवा 5 बजे की है । मृतक छात्र की पहचान 17 वर्षीय वेदांशु ठाकुर के तौर पर हुई है । • पुलिस को छात्र की जेब से एक पेन और नोट बरामद हुआ है । नोट अंग्रेजी में लिखा
गया है । छात्र शाम करीब साढ़े 3 बजे घर से ट्यूशन जाने के लिए घर से बैग लेकर निकला था । पुलिस ने बिल्डिंग की छत से छात्र का बैग भी बरामद कर लिया है । घटना के वक्त छात्र की मां और छोटी बहन घर पर थे । जबकि उसके पिता बालोद से घर लौट रहे थे । रास्ते में पड़ोसियों ने फोन पर बेटे के खुदकुशी करने की जानकारी दी । सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पीएम के लिए दुर्ग मर्क्युरी में रखवा दिया है । मंगलवार को पुलिस पंचनामा करने के बाद शव का पीएम कराएगी । उसके बाद शव को परिजनों के हवाले पेरियोडिक टेस्ट में अच्छा नहीं कर पाने से था परेशान इधर स्कूल के प्रिंसिपल विनि देशमुख के मुताबिक छात्र 12 वीं रहा था । उसकी क्लास टीचर विद्या सतीश से पता चला है कि करीब पांच दिन पहले छात्र को गुमसुम रहने पर वो वाइस प्रिंसिपल के पारस लेकर गई थी । पूछताछ में छात्र ने बताया था कि वो परियोडिक टेस्ट ठीक से नहीं कर पाया है । इस वजह से वो परेशान है । इस पर क्लास टीचर और वाइस प्रिंसिपल ने छात्र की काउंसलिंग की थी । पिता ने कहा- सुबह स्कूल जाने से मना कर दिया था छात्र के पिता लोकेश्वर सिंह ठाकुर के मुताबिक बेटे ने सुबह स्कूल जाने से मना कर दिया था । इस वजह से उसे करीब 10 बजे करने के वह अपनी ड्यूटी पर करीब 12 बजे की छोटी बहन की है । दोनों सेक्टर 10 स्थित श्री शंकरा विद्यालय में पढ़ाई करते हैं । 4 पन्ने के सुसाइड नोट में ये लिखा- मुझे स्कूल और पढ़ाई बिल्कुल पसंद नहीं जीवन में और भी तरीके हैं सीखने के मुझे छात्र के सुसाइड नोट के पहले पत्र में लिखा है कि मुझे कुछ अंदर से ही कुछ खाए जा रहा है , लगता है भूत है । लोगों को ई में खुद से बात करता हूँ । मैं भगवान में विश्वास नहीं करता । दूसरे पत्र में लिखा है कि नहीं पता में क्यों लिख रहा हूँ , पर स्कूल और पढ़ाई पसंद नहीं और भी तरीके है सीखने के । अंग्रेजी के कई शब्दों का में सही उच्चारण नहीं कर पाता हूँ बहुत प्रयास किया । अब भी कर रहा हूँ । ये साल 2022 मेरे लिए शुरू से ही अच्छा नहीं था । तीसरे पने में लिखा है ऑफ बर्सटी माने खून की प्यास में जीनियस या एक्स्ट्रा ऑर्डनरी नहीं हूँ पर फीलिंग एक्सप्रेस नहीं कर पाता । मुझे नहीं पता क्यो लिख रहा हूं , बस इतना पता है कि मैं डबल मास्क नहीं लगा सकता । आखरी पत्रे में लिखा है कि मैं र सोना चाहता हूँ । मेरे मोबाइल का परसवार्ड , लैपटॉप का पासवर्ड ये है ।
मंगलवार, 2 अगस्त 2022
करनी हो समाज की र क्षा तो बेटी को सुरक्षा करो
Vinod meghwaniएक खबर ( vinod meghwani )
*सुहिणी सोच का मेरी लाडो हाउसफ़ुल 600 से ज़्यादा बेटियाँ माता पिता हुए लाभान्वित*
*मेरे सिर्फ़ दो बेटे है अब बहू आने के बाद मेरी बेटी की कमी पूरी हो गई है वही मेरी असली लाडो है*- मनीषा तारवानी
*"करनी हो समाज की रक्षा तो बेटी की करो सुरक्षा"-ज्योति शर्मा
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*"अपनी संस्कृति और धर्म की रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है।"- सरोज सोनी जी*
*"बात करोगे तो बात बनेगी" -सीए चेतन तारवानी*
*बेटियो को आत्मरक्षा, धर्मरक्षा हेतु प्रशिक्षित करना हर अभिभावक की जिम्मेदारी।"-रंजीता दास जी*
बेटियों की सुरक्षा के लिए अति आवश्यक है,अपने घर में आने जाने वाले काम करने वाले हर व्यक्ति की पूरी जानकारी रखना।बच्चे किससे मिलते है,और कब कहाँ जाते है ,इसकी जानकारी हर माता पिता को होनी ही चाहिए ये बातें ज्योति शर्मा जी ने सुहिणी सोच संस्था द्वारा आयोजित बेटियो एवं उनके माता पिता के लिए मैक ऑडिटोरियम, समता कॉलोनी में *मेरी लाडो* प्रशिक्षण कार्यक्रम में बताया
साथ ही उन्होंने कहा कि मोबाइल का उपयोग करते समय भी अनजान लोगो को अपनी पूरी जानकारी देना भी सुरक्षा की दृष्टि से सही नहीं होता।
ट्रेनर रंजीता दास जी ने कहा की बेटियो की आत्मरक्षा हेतु जरूरी है की उन्हें आत्मरक्षा हेतु कराते का प्रशिक्षण करवाना ,साथ ही हर बेटी हर महिला को अपने पर्स में अपनी आत्मरक्षा हेतु कुछ सुरक्षा के साधन जैसे लालमिर्च पाउडर स्प्रे, चाकू या कटर अवश्य ही रखना चाहिए, ताकि जरूरत के समय उसका उपयोग कर सके।बेटियों को शालीन कपड़े पहनने की हिदायत दी, ताकि लोगो की गंदी नजर का वो शिकार न बने। इसके अलावा उन्होंने कहा हर बच्चे को बेटियों को चाइल्ड लाइन का नंबर 1098 याद होना चाहिए।
साथ ही मोटिवेशनल ट्रेनर सीए चेतन तारवानी जी ने व्यक्तित्व विकास की बात की उन्होंने कहा की अपने हर कार्य में अपना 100 प्रतिशत देना चाहिए, जिससे आपकी सफलता निश्चित है।उन्होंने बच्चो को समझाया की अपने माता पिता की भावनाओ का सम्मान करना भी बच्चो की जिम्मेदारी बनती है।
किसी भी रिश्ते में कोई प्रॉब्लम हो,तो बात जरूर करें क्योंकि आप बात करोगे तभी बात बनेगी,और अगर आप बात करना बंद कर देंगे तो सुलह के सारे रास्ते बंद हो जाएंगे। अंत में उन्होंने "सुनने की कला" के बारे में भी विस्तार से बताया।
इंदौर से उपस्थित श्रीमती सरोज सोनी जी ने बताया कि हमे अपने बच्चो को संस्कार व धर्म के बारे में ज्ञान देना , उनको अपनी सभ्यता से अवगत कराना माता पिता का कर्तव्य बनता है,उनको अच्छे संस्कार देंगे तभी वो आगे चलकर अपने धर्म अपने पारिवारिक संबंधों को भी समझ पाएंगे। अपनी सभ्यता व संस्कृति को कायम रख पाएंगे।
इस कार्यक्रम में 600 से भी ज़्यादा लोगों से हॉल खचाखच भरा हुआ था
जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पूज्य शदाणी दरबार तीर्थ से परम पूज्य संत श्री युधिष्ठिर लाल जी, जय शक्तिधाम समिती स्वामी हरिगिरि महाराज के पीठाधीश सांई रामचंद जी एवम् पूज्य मीना भाभी मां,छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत के प्रदेश अध्यक्ष श्री चंद सुंदरानी जी, भारतीय सिंधु सभा युवा शाखा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सीए चेतन तारवानी जी , ट्रेनर के रूप में इंदौर से सरोज सोनी जी ,बिलासपुर से रंजीता दास जी एवम् भिलाई से ज्योति शर्मा जी जी उपस्थित हुई। इस कार्यक्रम की शुरुवात दीप प्रज्ज्वलन, गायत्री मंत्र, राष्ट्रगान, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवम् अतिथियों के स्वागत- सम्मान एवम् अध्यक्ष विद्या गंगवानी के स्वागत भाषण से हुई उन्होंने स्वागत भाषण में अतिथियों के स्वागत के साथ बताया की सुहिणी सोच पंजीकृत संस्था है ज़ो सोसायटी ऐक्ट छतीसगढ़ में तथा इंकम टैक्स की धारा 12एबी एवं 80जी में एवं केंद्रीय सरकार के नीति आयोग में रजिस्टर है
इसके बाद सुहिणी सोच की फाउंडर मनीषा तारवानी जी ने कहा मेरे सिर्फ़ दो बेटे है अब बहू आने के बाद मेरी बेटी की कमी पूरी हो गई है वही मेरी लाडो है और उन्होंने बताया बेटियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम कर गौरान्वित महसूस कर रही है क्योंकि बेटी सिर्फ़ बेटी नहीं वो वंस की जन्मदाता होने वाली है साथ ही सभी सदस्यों के कार्यों एवम् सहयोग की सराहना की।
इसके पश्चात कार्यक्रम में पधारे परम पूज्य संत श्री युधिष्ठिर लाल जी ने अपने उदबोधन में सुहिणी सोच द्वारा आयोजित *मेरी लाडो* प्रशिक्षण कार्यक्रम को बेटियों के लिए ,समाज के लिए ,हर धर्म की रक्षा के लिए अति महत्वपूर्ण बताया।साथ ही ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन हेतु सबको आशीर्वचन व अपना आशीर्वाद दिया।
कार्यक्रम के अंत में सभी प्रायोजकों का सम्मान स्मृति चिन्ह देकर किया गया और सभी उपस्थित अतिथिगणों व परम पूज्य सांई युधिष्ठिर लाल जी व उल्हास नगर से पधारे साई रामचन्द जी व भाभी मां का स्वागत कर आशीर्वाद लिया ।
इस पूरे कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम निर्देशक दीक्षा बुधवानी एवम् पूनम बजाज ने किया।
कार्यक्रम में सभी अभिभावक अपने अपने बच्चो के साथ उपस्थित थे,साथ ही प्रायोजक भी उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम में सुहिणी सोच की फाउंडर मनीषा तारवानी,अध्यक्ष विद्या गंगवानी,सचिव करिश्मा कमलानी, पूर्व अध्यक्ष काजल लालवानी, उपाध्यक्ष दीक्षा बुधवानी, पल्लवी चिमनानी,जूही दरयानी,ज्योति बुधवानी,कोषाध्यक्ष सुमन पाहुजा, सहसचिव आरती कोडवानी, ग्रीटर सोनम माधवानी, मीडिया प्रभारी माही बुलानी,संगीता पुरी सोनिया इसरानी एवम् पूरी कार्यकारिणी व अन्य सदस्य अपने परिवार के साथ उपस्थित थे। कार्यक्रम की समाप्ति सचिव करिश्मा कमलानी के आभार प्रदर्शन से की गई।
यह प्रेस विज्ञप्ति मीडिया प्रभारी माही बुलानी द्वारा जारी की गई।
माही बुलानी
मीडिया प्रभारी
9993150008
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