शुक्रवार, 25 जून 2021

3000 / हो सकती 5G रिलायंस के नये मोबाइल की कीमत,,,?????

Vinod meghwani,,,एक खबर ( विनोद मेघवानी ) मुंबई प्रचीन काल के किस्से ,,है एक बुढ़िया जादूगरनी रहती थी ,,,जिसके पास एक रंग बिरँगी गोला होता था जिससे वो अपने महल में बैठे हुऐ,,, पूरी दुनिया को देख लेती थी,,,,विज्ञान ने तरक्की की,,,वैज्ञानिकों ने खोज की जादूगरनी के पास वो गोला क्या था ,,खोज में मालूम पड़ा की ,वो तो ,,,पूर्थ्वी,,, है फिर वैज्ञानिकों ने बुना इंटरनेट का जाल,,,,, उस जाल ,,,से ,,,मोबाइल,,,का अविष्कार हुआ और,,,दुनिया के सबसे ,,,,सस्ते ,,बिजनेस मैन,,,, धीरूभाई अंबानी,,,में इंडिया में सबसे ,,,सस्ता मोबाइल दिया था,,,ये कड़ी आगे बढ़ती गई,,,,,10 सितंबर को,,,गूगल ओर ,,रिलाइंस द्वारा बनाया गया 5G,,सस्ता ,, मोबाइल,,,,,लगभग 3000 / के आसपास इसका रेट हो सकता है ,,,???? ये  10 ता को पता चलेगा 
गूगल के पिक्सल स्मार्टफोन पर इसका कोई असर नही पड़ेगा ,,,,????


रिलायंस ने जियोफोन नेक्स्ट को गूगल के साथ तैयार किया है। यानी फोन के सॉफ्टवेयर की निगरानी गूगल करने वाला है। हालांकि, इसमें जियो ऐप्स के साथ जियो की दूसरी सभी सर्विसेज का भी काम करेंगी। वैसे, भारत में गूगल अपने पिक्सल स्मार्टफोन भी बेचती है। पिक्सल स्मार्टफोन की ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर शुरूआती कीमत 31,999 रुपए है। यानी ये तो साफ है कि पिक्सल स्मार्टफोन और जियोफोन नेक्स्ट के बीच में कोई मुकाबला नहीं होने वाला। वैसे भी पिक्सल प्रीमियम कैटेगरी वाला स्मार्टफोन है। जबकि जियोफोन नेक्स्ट दुनिया का सबसे सस्ता स्मार्टफोन।

भारत में जियोफोन नेक्स्ट का क्या असर होगा?
मुकेश अंबानी ने AGM के दौरान फोन की लॉन्चिंग पर कहा कि '2G मुक्त 5G युक्त'। यानी वे देश में मौजूद 2G ग्राहकों को 5G पर शिफ्ट करना चाहते हैं। अभी देश में 45 करोड़ ऐसे लोग हैं जो स्मार्टफोन का इस्तेमाल नहीं करते। रिलायंस जियो और गूगल का फोकस इन्हीं लोगों पर है। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने रिलायंस की AGM के दौरान कहा कि भारत के लोगों के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए इंटरनेट से जोड़ना जरूरी है। इसके लिए रिलायंस का अफोर्डेबल जियोफोन नेक्स्ट मजबूत कड़ी साबित होगा।

जियो नेटवर्क से 40 करोड़ से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं। एयरटेल और वीआई (वोडाफोन-आइडिया) की तुलना में जियो के सब्सक्राइबर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है। 2025 तक भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या 90 करोड़ के पार जाने की संभावना है। ऐसे में लोगों को इंटरनेट और 5G के तेज नेटवर्क से जोड़ने में जियोफोन अहम रोल प्ले कर सकता है।

चीनी और कोरियन कंपनी को मिलेगी टक्कर
देश में अभी स्मार्टफोन के 75 फीसदी मार्केट पर चीनी स्मार्टफोन कंपनियों का दबदबा है। खासकर, शाओमी, वीवो, ओप्पो, रियलमी, वनप्लस, जिओनी जैसी चीनी कंपनियों के फोन सबसे ज्यादा बिकते हैं। इसके बाद दक्षिण कोरियन कंपनी सैमसंग का नंबर आता है। ऐसे में जियोफोन नेक्स्ट के आने से दूसरी कंपनियों की 4G और 5G मार्केट पर बुरा असर हो सकता है। कंपनी जियोफोन की तरह जियोफोन नेक्स्ट के साथ लुभावने डेटा ऑफर भी कर सकती है। जो ग्राहकों को अपनी तरफ खींच सकता है।


एक खबर ,,,,,,( विनोद मेघवानी ),,,,,,,मुंबई ,,,,, और मैलवेयर प्रोटेक्शन भी मिलेगा।
रिलायंस ने जियोफोन नेक्स्ट को गूगल के साथ तैयार किया है। यानी फोन के सॉफ्टवेयर की निगरानी गूगल करने वाला है। हालांकि, इसमें जियो ऐप्स के साथ जियो की दूसरी सभी सर्विसेज का भी काम करेंगी। वैसे, भारत में गूगल अपने पिक्सल स्मार्टफोन भी बेचती है। पिक्सल स्मार्टफोन की ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर शुरूआती कीमत 31,999 रुपए है। यानी ये तो साफ है कि पिक्सल स्मार्टफोन और जियोफोन नेक्स्ट के बीच में कोई मुकाबला नहीं होने वाला। वैसे भी पिक्सल प्रीमियम कैटेगरी वाला स्मार्टफोन है। जबकि जियोफोन नेक्स्ट दुनिया का सबसे सस्ता स्मार्टफोन।

भारत में जियोफोन नेक्स्ट का क्या असर होगा?
मुकेश अंबानी ने AGM के दौरान फोन की लॉन्चिंग पर कहा कि '2G मुक्त 5G युक्त'। यानी वे देश में मौजूद 2G ग्राहकों को 5G पर शिफ्ट करना चाहते हैं। अभी देश में 45 करोड़ ऐसे लोग हैं जो स्मार्टफोन का इस्तेमाल नहीं करते। रिलायंस जियो और गूगल का फोकस इन्हीं लोगों पर है। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने रिलायंस की AGM के दौरान कहा कि भारत के लोगों के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए इंटरनेट से जोड़ना जरूरी है। इसके लिए रिलायंस का अफोर्डेबल जियोफोन नेक्स्ट मजबूत कड़ी साबित होगा।

जियो नेटवर्क से 40 करोड़ से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं। एयरटेल और वीआई (वोडाफोन-आइडिया) की तुलना में जियो के सब्सक्राइबर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है। 2025 तक भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या 90 करोड़ के पार जाने की संभावना है। ऐसे में लोगों को इंटरनेट और 5G के तेज नेटवर्क से जोड़ने में जियोफोन अहम रोल प्ले कर सकता है।

चीनी और कोरियन कंपनी को मिलेगी टक्कर
देश में अभी स्मार्टफोन के 75 फीसदी मार्केट पर चीनी स्मार्टफोन कंपनियों का दबदबा है। खासकर, शाओमी, वीवो, ओप्पो, रियलमी, वनप्लस, जिओनी जैसी चीनी कंपनियों के फोन सबसे ज्यादा बिकते हैं। इसके बाद दक्षिण कोरियन कंपनी सैमसंग का नंबर आता है। ऐसे में जियोफोन नेक्स्ट के आने से दूसरी कंपनियों की 4G और 5G मार्केट पर बुरा असर हो सकता है। कंपनी जियोफोन की तरह जियोफोन नेक्स्ट के साथ लुभावने डेटा ऑफर भी कर सकती है। जो ग्राहकों को अपनी तरफ खींच सकता है।

बुधवार, 23 जून 2021

आयकर में नयी धारा 1940 के अनुसार 1 जुलाई से माल की खरीदी पर टीडीएस काटना होगा ---सीए चेतन तारवानी

Vinod meghwani,,,,,एक खबर ( विनोद मेघवानी ) रायपुर *आयकर  में नयी धारा 194Q के अनुसार अब 1 जुलाई से माल की खरीदी पर टीडीएस कटना होगा*:- सीए चेतन तारवानी 

यूनियन बजट 2021 के अनुसार आयकर अधिनियम में एक नई धारा 194Q जोड़ दिया गया इस धारा के अनुसार माल की खरीदी पर टीडीएस काटना होगा यह धारा 1 जुलाई 2021 से लागू है अब 1 जुलाई  2021 से माल की खरीदी पर टीडीएस काटना होगा यह टीडीएस 0.1% होगा अर्थात ₹100 खरीदी पर 10 पैसा टीडीएस काटकर भुगतान करना होगा यह धारा किन-किन व्यापारियों पर लागू होगी आइए समझते हैं
( 1 )ऐसे व्यापारी को माल की खरीदी पर टीडीएस काटना होगा यदि उस व्यापारी का टर्नओवर पिछले वित्तीय वर्ष अर्थात वर्ष 2021-22 के लिए वित्तीय वर्ष 2020- 21 में 10 करोड से ज्यादा हो तो 10 करोड़ का टर्नओवर की गणना में जीएसटी सम्मिलित नहीं किया जाएगा यदि 10 करोड़ का टर्नओवर क्रेता का देखा जाएगा विक्रेता का नहीं

(2) ऐसे विक्रेता से माल खरीदी पर टीडीएस काटना  यदि माल की खरीदी 50 लाख से ऊपर हो गई हो और टीडीएस भी 50 लाख से अधिक राशि पर  काटना होगा अर्थात यदि 1 अप्रैल से 30 जून तक 45 लाख की खरीदी हुई 1 जुलाई के बाद 7 लाख  की और खरीदी हुई तो इस वर्ष की अब तक की कुल खरीदी 52 लाख  हुई अब आपको 2 लाख पर टीडीएस काटना होगा क्योंकि उस विक्रेता से आपकी खरीदी 50 लाख से ज्यादा हो चुकी यह 50 लाख की गणना में जीएसटी जोड़कर गणना किया जाएगा

(3) टीडीएस की दायित्व कब होगा जब भुगतान करते  हैं या खाता बही मैं प्रविष्टि करते हैं जो पहले हो अर्थात उधार खरीदी पर भी टीडीएस काटना होगा जींस महीने में खरीदी किए उसके अगले माह की 7 तारीख का भुगतान भी करना होगा

(4) विक्रेता के पास  पैन नहीं हो तो टीडीएस 0.1% के स्थान पर 5% काटना होगा

(5) टीडीएस तब नहीं काटना होगा जब किसी अन्य धारा में टीडीएस कटता होगा या विक्रेता ने आपसे टीसीएस की वसूली कर दी है

(6) एक बात और यदि विक्रेता पर 206 C(14)के अंतर्गत टीसीएस की धारा लागू होती है और खरीदी करने वालों पर 194 Q टीडीएस लागू होती है दोनों धाराएं एक साथ लागू नहीं होगी ऐसी स्थिति में टीडीएस की धारा लागू करनी पड़े

गी |

शनिवार, 19 जून 2021

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के ,जन्मदिन ,,पर यूथ कांग्रेस ने ,,सूखा अनाज ,,वितरण किया

Vinod meghwani,,,,,एक खबर (विनोद मेघवानी ) दुर्ग छत्तीसगढ़ 19 जून 2021को *युथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री निवास जी* के मार्गदर्शन व *भिलाई विधानसभा विधायक श्री देवेन्द्र यादव जी* के निर्देशानुसार *युथ कांग्रेस के रौनक सचदेव* व *एन. एस. यु.आई के युवा नेता अमन सागर* के नेतृत्व में *स्टेशन रोड शहीद चौक* पर  कांग्रेस पार्टी के,,,, राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राहुल गांधी जी के जन्मदिन,,,,,,,,, के उपलक्ष्य पर *कोरोना महामारी* को देखते हुए *सूखा राशन वितरण* का कार्यक्रम किया गया  । इस शुभ अवसर में सिमरनजीत सिंग , मारूफ आलम , हर्षजीत सिंग सैनी , इसरार खान , निशांत सचदेव , दीपक सचदेव , रोहित गायकवाड़ , राहुल सचदेव , प्रशांत राव , सिद्धार्थ राजपूत , विवेक तांडी , दीप साव , यश बेलचंदन व अन्य युवा कार्यकर्ता उपस्थित थे ।


शुक्रवार, 18 जून 2021

संग़ठन में ही शक्ति है --- शदाणी तीर्थ पीठाधीश्वर सन्त डॉ युधिष्ठिर महाराज जी

Vinod meghwani,,,,,एक खबर  ( विनोद मेघवानी )

*संगठन में ही शक्ति है -----संत डॉ युधिष्ठिर लाल महाराज जी*    

*विश्व की सर्वश्रेष्ठ व उत्तम संस्कृति के वारिस है सिंधी समाज* :- महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम 



 रायपुर छत्तीसगढ़।भारतीय सिंधु सभा युवा विंग के तत्वावधान में  संत समागम एवं सिंधी समाज के जन जागरण हेतु जूम एप पर वेबिनार के माध्यम से वीडियो कांफ्रेंसिंग का राष्ट्रीय स्तर पर बहुद्देशीय आयोजन किया गया।कार्यक्रम का प्रारंभ भारतीय सिंधु सभा युवा विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष  सीए चेतन तारवानी के स्वागत  भाषण  से हुआ उन्होंने कहा *युवओ  से अपील है कि समाज हेतु एकजुट होने का एक भी अवसर न खोएं*।। सेवा लाभरत दिनेश अठवानी ने आगे बताया कि सिंधी संतों की शीतल छाया में सैकड़ों साध- संगत ने पुण्य लाभ कमाया।।निश्चित ही समाजहित में रायपुर छग से संत युधिष्ठिर लाल ने अपने उद्बोधन में कहा:
*संगठन में ही शक्ति है।।युवा लीडरशिप में समाज साहस- धैर्य- विनम्रता -सच्चाई द्वारा संगठन बनाकर लक्ष्य निर्धारित कर सफलता पा सकता है।।विशेषकर नारी शक्ति (मातृ शक्ति) के सम्पूर्ण सम्मान से ही हम समाज की कुरीतियों पर विजय पा सकते हैं।। रामायण व महाभारत का उदाहरण देकर बताया,भगवान राम के बनाए संगठन द्वारा वानर सेना ने अभेद्य लंका पर विजय पाई एवं 5पांडवों को एकजुट व आस्थावान बनाकर भगवान कृष्ण ने 100कौरवों ,महाबली कर्ण,गुरू द्रोणाचार्य जैसे विश्व विजेताओं के होते हुए पांडवों को विजय दिलाई*।।
स्वामी अशोकानंद महाराज जबलपुर ने बताया *गुरूविहीन शिष्य,जड़विहीन वृक्ष की भांति होता है।।ज्ञानवान होने से ही सरस्वती व लक्ष्मी की प्राप्ति हो सकती है*।।
*हरिद्वार से डा स्वामी गंगादास उदासीन जी ने सीधे-सीधे विषय पर बोलते हुए समाज हेतु कहा: आप अपनी भाषा व संस्कृति के बगैर सिंधी सभ्यता को नहीं बचा पाएंगे,तत्संबंध में कहा : मुहिंजो बाबो सिंधी- मां भी सिंधी- छल मुहिंजा बार भी रहन सदाईं सिंधी*।।
*संतोष कुमार महाराज :आज के समय में सिंधी समाज के बच्चों की सगाई और शादी के बाद रिश्ते टूटने की घटनाएं देखने को मिल रही हैं।।उस हेतु माता-पिता द्वारा संस्कार देने में कमी व अत्यधिक मोह होने से बच्चों का आधार कमजोर होना बताया।।युवाओं में  अमर्यादित आचरण व आदतन गलत होने का आदी होना बताया*।।
*स्वामी हंसराज भिलवाड़ा ने बताया,विश्व की सर्वश्रेष्ठ व उत्तम संस्कृति के वारिस सिंधी समाज हैं ।।अखंड भारत के मूल निवासी लाचार होकर अपनी धरती माँ को छोड़ विस्थापित कहलाए*।।
*धर्म परिवर्तन पर बोलते हुए स्वामी हंसराज जी ने कहा, इतनी पुरानी सभ्यता के वारिसों ने न ही स्कूल खोले,न ही धर्म प्रचार पर जोर दिया।।नये-नये आए इसाई व ईस्लाम धर्म को ग्रहण करने में अपने अन्य हिंदू भाइयों की देखा- सीखी सिंधी समाज भी हिंदू धर्म को हानि पहुँचाने में आगे रहा।।*
आज के वेबिनार में आज शामिल रहे प्रमुख गणमान्य संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुंबई से लद्धाराम नागवानी कार्यवाहक अध्यक्ष कोलापुर से भगत राम छाबड़ा महिला विंग राष्ट्रीय अध्यक्ष अहमदाबाद से माया कोडनानी राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अहमदाबाद से तुलसी टेकवानी राष्ट्रीय मंत्री अजमेर से महेंद्र तीर्थणी राष्ट्रीय महासचिव भोपाल से भगवान दास सबनानी राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य कोरबा से मुरलीधर माखीजा बिलासपुर से विनीता भावनानी भिलाई से सुषमा जेठानी रायपुर 
पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी कार्यक्रम संयोजक रामचंद खटवानी तथा नागपुर से राजेश झंबिया मुखी श्याम रूपरेला, संतराम बजाज,मुखी झामनदास बजाज,अमित जीवन,राधा राजपाल,डा तुलसी माखीजा,डा सपना जी, डा निर्मला सुनिल वाधवानी,राजू तारवानी,जे डी गोलवानी,लखमीचंद गुलवानी, अमरदास खट्टर,किशन अडवाणी सिमगा,पत्रकार विनोद मेघवानी दुर्ग आदि सैकड़ों श्रद्धालुओं ने संतों की मधुर व प्रेरणाप्रद वाणी का श्रवण कर पुण्य लाभ कमाया।।

प्रति,सम्पादक महोदय,

सिंधी समाज सेवादारी:        दिनेश अठवानी 
7879311110,9340282830

युवक ने,,आत्महत्या ,, दोस्तों के लिखें ,,पत्र में ,दोस्त ,,गिरप्तार,,


Vinod meghwani,,,,,एक खबर(विनोद मेघवानी)
14 जून 21 को एक खबर ने लेख पोस्ट किया था शीषर्क था ,,,आम आदमी और किसान  ,,दबाव ,, में आने पर ही , आत्महत्या , करता है ,,, आज 18 जून 2021 को दैनिक भास्कर रायपुर के , फ्रंट पेज ,के पीछे ,,, एक खबर , छपी है शीर्षक है , दोस्तो को देने लिया कर्ज , वापस नही मिला तो आत्महत्या कर ली ।  गुढ़ियारी प्रेम नगर रायपुर के युवक ने जिन दोस्तो को उधार दीया था उन लोगों ने वापस नही किया ।बेक का दबाव कर्ज वापसी के लीये बड़ा तो  युवक ने ,,आत्महत्या ,, कर ली दबाव में आकर ओर उन दोस्तो को नाम लिखकर ,,  चिठ्ठी ,,, छोड़ दी  पुलिस ने तीनों दोस्तो को गिरप्तार , कर लिया इन धारा 305 लगेगी  आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए ये भी भागीदार है। इस खबर से ये  निष्कर्ष निकलता है कि कर्ज  नीति में केन्द्र सरकार को बदलाव करना चाहिए  कर्ज वापसी नीति को सरल बनाना चाहिये जिससे कोई आत्महत्या करने को मजबूर न हो । और सुप्रीम कोर्ट को भी अपने संज्ञान में लेकर केंद्र सरकार को निर्देश दे की ,,कर्ज नीति , में बदलाव करे जिससे कोई भी , दबंग , व्यक्ति या बैंक किसी गरीब किसान और आम आदमी पे  अनावश्यक , कर्ज को लेकर न बनाये

गुरुवार, 17 जून 2021

महात्मा गांधी ने अंग्रेजो बिना लड़े देश को आजाद कराया था ,,सिन्धी प्रदेश सँघर्ष समिति सोशल मीडिया पर लेख आंदोलन से सिंध प्रदेश की मुहिम चला रही है

Vinod meghwani,,,,एक खबर( विनोद मेघवानी) 

रायपुर छतीसगढ़ सिन्धी प्रदेश सँघर्ष समिति ने  आज 16 जून को सिंध के राजा दाहिरसेन को याद किया और संकल्प किया कि उनकी याद में ,,सिंध प्रदेश ,,,का अवश्य गठन किया जायेगा उनके बलिदान को व्यर्थ नही जाने दिया जायेगा जब तक गुजरात सरकार,,,कच्छ,,,में सिंध प्रदेश ,,,बनाने का आदेश नही देती तब तक सोशल मीडिया पर,,,,,सिंध प्रदेश ,,के लिये ,,,,,लेखन आंदोलन,,,,,जारी रहेगा,,,,महात्मा गांधी ,,,,,ने अंग्रेजों से बिना लड़े ,,देश को आजाद कराने की मुहिम ,,,रची थी,,ओर सिन्धी प्रदेश सँघर्ष समिति भी,,,,,सोशल मीडिया से लेख आंदोलन से गुजरात सरकार से,,,सिंध प्रदेश के लिये मुहिम ,,,चला रही है ,,,इस लेख को गुजरात सरकार तक,,,पुहुचाने ,,,का हर सिन्धी भारतीय नागरिक का कर्तव्य है ,,,आईये,,, आप को सिंध के राजा,,, दाहिरसेन की जीवनी से परिचित कराये 

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सिन्धी प्रदेश सँघर्ष समिति 

महासचिव विनोद मेघवानी

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16 जून को सिंध के अंतिम सम्राट के शहीदी दिवस पर विशेष

*अरबों की सेना के साथ बहादुरी से लड़े राजा दाहिरसेन, बहिन व बेटियां*

आज की तरह सिंध प्रांत इतना छोटा नहीं था। उसकी सीमाएं उत्तर में काश्मीर, कनौज, पंजाब तक, दक्षिण में कराची बंदरगाह और कच्छ गांधीधाम तक फैली थी। यहां के निवासी सम्पन्न, धनी, चतुर, वैज्ञानिक और अतिथि सत्कार के लिए दुनिया में प्रसिद्ध थे। यही कारण कि बाहर के राजाओं की दृष्टि अक्सर सिंध पर रहती थी। सिंध पर अरबों के आक्रमण के लगभग डेढ़ सौ साल पहले रायदेवल नाम का हिन्दु राजा शासन करता था। उसके बाद राय सहराय प्रथम, राय सहराय द्वितीय सिंघासन पर बैठे। राय घराने के राजाओं ने करीबन 137 साल तक शासन किया। चच नामक व्यक्ति राय सहराय द्वितीय का मंत्री था। राय सहराय द्वितीय के मरने के बाद चच ने उनकी विद्वा रानी सहंदी से विवाह किया और सन् 622 ई. में उसने सिंघासन संभाला। सम्राट चच ने अपने छोटे भाई चंद को प्रधानमंत्री बनाया और खुद अपने राज्य की निगरानी के साथ ही सीमाओं के विस्तार के लिए सेना लेकर निकल पढ़ा। इसी दौरान सन् 671 में प्राण त्यागे। 

तब उनके पुत्र दाहिरसेन ने 12 वर्ष की अल्प आयु में सत्ता की बागडोर संभाली। तरूणावस्था तक उनके चाचा इन्द्र ने राज्य की व्यवस्था संभाली। परन्तु छह साल बाद ही चाचा इन्द्र का देहांत हो गया। उस समय दाहिरसेन की आयु 18 वर्ष थी। इस तरह सिंध की सत्ता का सम्पूर्ण भार दाहिरसेन पर आन पड़ा। 

       अरबों की सेना ने अनेक बार सिंध पर हमला किया लेकिन हर बार उन्हें मुंह की खानी पड़ी। अंत में अरब के खलीफे ने अपने जवान भतीजे और नाती इमाम अलदीन मोहम्मद बिन कासिम के नेतृत्व में सिंध पर आक्रमण के लिए भारी संख्या में सैनिकों को रवाना किया। यह सेना समुद्री मार्ग और मकरान के रास्ते सिंध की ओर बढ़ी। मोहम्मद बिन कासिम का भारी लश्कर मुर्हरम माह की 10 तारीख सन् 711 में सिंध के देबल बंदरगाह पर कब्जा कर लिया। स्थिति का सामना करने के लिए राजा दाहिरसेन ने सिंध के कोने कोने में सन्यासियों को भेजा, जिन्होंने देशभक्ति की ज्वाला गांव गांव में जगाई। यह समाचार मोहम्मद बिन कासिम के गुप्तचरों को मिले। मोहम्मद बिन कासिम जानता था कि आक्रमण कर राजा दाहिरसेन को हराना मुश्किल है इसलिए उसने छल कपट के जरिये युद्ध जीतने की योजना बनाई। महाराजा दाहिरसेन की सेना में मोहम्मद अलाफी भागकर शरणागत हुआ था, जिसे मोहम्मद बिन कासिम के गुप्तचरों ने लालच देकर अपने पक्ष में कर लिया। इसी तरह महाराजा दाहिरसेन के सेनापति शमनी को भी लालचर देकर अरबों के षडयंत्र में शामिल कर लिया गया। बाद में सेनापति शमनी के सहयोग से ही कुछ सैनिक भी दुश्मन सेना से जा मिले। इसके बाद अरबों की सेना ने नीरनकोट पर हमला बोल दिया। मोहम्मद बिन कासिम रावनगर की ओर बढ़ा जहां लगातार 19 दिन युद्ध चला जिसमें महाराज दाहिरदसेन एवं उनके पुत्र जयसिंह ने बहादुरी के साथ अरबों की सेना से लोहा लिया। इससे अरबों की सेना बुरी तरह से डर गई। 

     मोहम्मद बिन कासिम जान चुका था, कि युद्ध में महाराजा दाहिरसेन को हराना मुश्किल है इसलिए उन्होंने एक और चाल चली। पुरूषों को महिलाओं के वस्त्र पहनाए गए और उन्होंने अरब सेना गिरफ्तार करके ले जा रही है, चिल्लाते हुए मदद की गुहार लगाई जिसे सुनकर महाराजा दाहिरसेन आगे बढे और महिलाओं से कहा कि मेरे होते हुए तुम्हे कोई गिरफ्तार नहीं कर सकता। महाराजा दाहिर सेन अकेले ही इन महिलाओं को बचाने के लिए सेना को पीछे  छोड़ आगे निकल आए। जब मोहम्मद बिन कासिम ने देखा कि महाराजा दाहिरसेन काफी आगे निकल चुके हैं और सेना पीछे रह गई है। इसी बीच कुछ गद्दारों ने महाराजा दाहिरसेन पर अग्नि बाण चलाए जिससे वे बुरी तरह से घायल हो गए। महाराजा दाहिरसेन का हाथी बेकाबू हो गया और वह सेना को कुचलता हुआ नदी और बढ़ा। महावत ने हाथी को संभालने का प्रयास किया लेकिन वह नाकाम रहा। बुरी तरह से घायल महाराजा दाहिरसेन ने अंत में 16 जून 712 को प्राण त्याग दिए।

*बहिन व बेटी ने उठाई तलवार*
     महाराजा दाहिरसेन की मृत्यु के बाद भी युद्ध समाप्त नहीं हुआ। बल्कि उनकी बेटी पदमादेवी एवं लाडीदेवी ने तलवार उठाई तथा किले की उंचाई से अपने सेनिकों के साथ अरब की सेना पर टूट पड़ी। काफी समय तक लड़ाई के पश्चात बहिन व बेटी दुश्मन की सेना से चारों और घिर गई तब नारीत्व की रक्षा के लिए अन्य स्त्रियों के साथ अंतःपुर में चिता में जलकर जौहर कर सतित्व प्रथा को अपनाया। इतना ही नहीं राजकुमार जयसिंह भी बहादुरी से लडे और अंत में वीरगति को प्राप्त हुए। उनकी दो पुत्रियां परमाल एवं सूर्य ने भी अरब की सेना का बहादुरी से सामना किया । जब दोनो बहिने गिरफ्तार कर ली गई तब सूर्य एवं परमाल ने खलीफे के सामने शिकायत का बहाना बनाकर मोहम्मद बिन कासिम को खलीफे के हाथो मरवाकर प्रतिशोध लिया। अरब सेना उनके साथ कुछ बुरा न करे इसके लिए दोनो बहिने एक दूसरे को कटार घोंपकर शहीद हो गई और सतित्व की रक्षा की । तब से लेकर आज तक हर साल 16 जून का दिन शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।

बुधवार, 16 जून 2021

सराफा व्यापारियों की समस्याओं के समाधन के लिये केंद्र सरकार का धन्यवाद --अनिल बरडिया

Vinod meghwaniएक खबर( विनोद मेघवानी)
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सराफा व्यापारियों की समस्याओं के समाधान के लिए केन्द्र सरकार को धन्यवाद -अनिल बरड़िया़
---------------------------------रायपुर ( छतीसगढ़) 16 जून 2021 से केन्द्र सरकार द्वारा पूर्व में लिये गये निर्णय अनुसार पूरे देश में हाॅलमार्किग ज्वेलरी एक्ट लागू हो गया है। केन्द्र सरकार द्वारा  बनाई गई वरिष्ठ अधिकारियों की समिति एवं सराफा व्यापारियों के बीच पिछले कुछ दिनों से चल रही बैठकों में सराफा व्यापारियों ने अपनी समस्याओं का व्यवहारिक स्वरूप समिति के माध्यम से सरकार समक्ष रखा। कल दिनांक 15 जून 2021 को केन्द्र सरकार के उपभोक्ता मामले के मंत्री पीयूष गोयल जी ने देश के राष्ट्रीय स्तर के सराफा एसोसियेशन के प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार स्वच्छ भारत के निर्माण हेतु संकल्पबद्व है उसी क्रम में हमारा यह प्रयास है, कि उपभोक्ता  को शुद्वता के गांरटी के अनुरूप ज्वेलरी प्राप्त हो।  
पिछले 10-15 दिनों की चर्चा को ध्यान में रखते हुए आपकी समस्याओं पर विचार करने पर महसूस हुआ कि आपकी मांगे उचित है।  आप लोग भी प्रमाणिकता के साथ व्यापार करना चाहते है। सरकार ज्वेलरी उद्योग को भी आगे बढ़ाना चाहती है। हम अच्छी तरह जानतें है ताली दो हाथ से बजती है एक हाथ से नहीं। 
अतः हम आपकी मांग के अनुसार 20 कैरेट 23 एवं 24 कैरेट की ज्वेलरी को भी मान्यता देना स्वीकार करते है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी को महसूस करते हुए यह घोषणा करते है कि जिस जिलें में हाॅलमार्किग सेन्टर उपलब्ध है वहां पर  ज्वेलरी विक्रेता के लिए हाॅलमार्किग अनिवार्य होगा। पूरे देश मंे  256 जिलों में हाॅलमार्किग सेन्टर उपलब्ध है। जहां सेन्टर नहीं है, वहां वर्तमान में छूट रहेगी। 
छोटे व्यापारियों का ध्यान रखते हुए जिस फर्म का सालाना टर्नओवर 40 लाख से कम है, उन्हे भी छूट रहेगी।  


घड़ियां, पेन विशेष प्रकार के कलात्मक आभूषण जैसे कुंदन, पोलकी, जड़ाऊ की ज्वेलरी, एन्टीक समान एवं एन्टीक ज्वेलरी को भी हाॅलमार्किग से मुक्त रखा गया है। 
पुराना सोना खरीदी के लिए हाॅलमार्किग होना अनिवार्य नहीं है।
उपरोक्त व्यापारियों की मांगो को स्वीकार करते हुए माननीय मंत्री महोदय ने कहा कि हमारी सरकार  आपकी उचित बातों का निराकरण करने का वादा करती है। 31 अगस्त तक व्यापारियों की सुविधा हेतु देशभर में थोक एवं चिल्हर सराफा विक्रेताओं पर कोई जुर्माना नहीं किया जायेगा। 
योजना के क्रियान्वयन के दौरान संभावित मुद्दो के समाधान हेतु हितधारको, राजस्व अधिकारियों और कानूनी विशेषज्ञो के प्रतिनिधियों की समिति गठित की जायेगी। 
उपरोक्त निर्णय लिये जाने पर छत्तीसगढ़ सराफा एसोसियेशन के अध्यक्ष श्री अनिल बरड़िया, महामंत्री श्री नरेन्द्र दुग्गड़, कोषाध्यक्ष श्री सुरेश भंसाली ने सराफा व्यापारियों की ओर से माननीय प्रभारी मंत्री श्री पीयूष गोयल जी को धन्यवाद देती है। आपने हम सराफा व्यापारियों की उचित एवं व्यवहारिक कठिनाइयों को समझा और समाधान दिया हम आपके आभारी है। 
आपने 20, 23 एवं 24 कैरेट की ज्वेलरी को मान्यता देकर सराफा व्यवसायियों की  सबसे बड़ी समस्या का समाधान कर दिया है। फलस्वरूप अब सराफा व्यापारी को हाॅलमार्किग रजिस्ट्रेशन कराने में कोई आपत्ति नहीं होगीं। ज्वेलरी की शुद्वता प्रमाणिक न होनें की स्थिति में जिम्मेदार सेन्टर एवं प्रथम निर्माणकर्ता होगा, का भी हम स्वागत करतें है।  
उपरोक्त जानकारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से छत्तीसगढ़ सराफा एसोसियेशन के मंत्रीद्वय दीपचंद कोटड़िया एवं नीलेश सेठ ने दी। 
प्रेषक

 नीलेश सेठ
मंत्री छ.ग. सराफा 94077-55771

सोमवार, 14 जून 2021

किसान और आम आदमी ,,दबाव ,,में आने पर ही ,,आत्म हत्या,,करते है

Vinod meghwaniएक खबर ( विनोद मेघवानी ) किसान और आम आदमी ...आत्महत्या .. तब करता जब कोई उस पर दबाव बनाता है या धमकी देता ,,,तब वो शख्स परेशानी की हालत में आत्महत्या करता है क्यो की कोई उसकी सुनता नही उसकी परेशानी नही समझता,,,,ऐसे किसानों के मौत के आंकड़े जिन्होंने आत्महत्या की,,,,,
किसान और आत्महत्या
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What's Inside
एक्सीडेंटल डेथ्स एंड सुसाइड्स इन इंडिया 2019 (सितंबर, 2020 में जारी)
एक्सीडेंटल डेथ्स एंड सुसाइड्स इन इंडिया 2018
एक्सीडेंटल डेथ्स एंड सुसाइड्स इन इंडिया 2017 (जनवरी, 2020 में जारी) 
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो द्वारा रिपोर्ट एक्सीडेंटल डेथ्स एंड सुसाइड्स इन इंडिया 2016 
नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो की नई रिपोर्ट एक्सीडेन्टल डेथ्स् एंड स्यूसाइड इन इंडिया(2015) के कुछ प्रमुख तथ्य
एक्सीडेंटल डेथ्स एंड स्यूसाइड इन इंडिया 2014
एक्सीडेंटल डेथ एंड स्यूसाइड इन इंडिया-2013
नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो द्वारा प्रकाशित एक्सीडेंटल डेथ एंड स्यूसाइड इन इंडिया-2012 नामक दस्तावेज
फार्मस् स्यूसाइड- फैक्ट एंड पॉसिबल प़लिसी इन्टरवेंशनस्(२००६)
फार्मस् स्यूसाइड इन इंडिया - एग्ररेरियन क्राइसिस, पाथ ऑव डेवलपमेंट एंड पॉलिटिक्स इन कर्नाटक
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खास बात
 
• राष्ट्रीय स्तर पर हुई कुल आत्महत्याओं में किसान-आत्महत्याओं का प्रतिशत साल 1996 में 15.6% , साल 2002 में 16.3%  साल 2006 में 14.4% , साल 2009 में 13.7%  तथा साल 2010 में 11.9% तथा साल 2011 में 10.3% रहा है। #

• राष्ट्रीय स्तर पर हुई कुल आत्महत्याओं में किसान-आत्महत्याओं का प्रतिशत साल 2014 में 9.4%,साल 2015 में 9.43%, साल 2016 में 8.7%, साल 2017 में 8.2%, साल 2018 में 7.69% रहा है।

• 2018 में किसानों द्वारा आत्महत्या करने की सबसे अधिक रिपोर्टें महाराष्ट्र (2239 किसानों द्वारा की गई आत्महत्या का लगभग 38.85 प्रतिशत) हैं, उसके बाद कर्नाटक (1,365), तेलंगाना (900), मध्य प्रदेश (303) और आंध्र प्रदेश (365) में दर्ज की गईं।

• 2017 में महाराष्ट्र में सबसे अधिक कृषि आत्महत्याएं (किसानों के साथ-साथ कृषि मजदूरों की कुल आत्महत्याएं) दर्ज की गईं (3,701, जो कुल कृषि आत्महत्याओं का लगभग 34.73 प्रतिशत है.), इसके बाद कर्नाटक (2,160), मध्य प्रदेश (955), तेलंगाना (851) और आंध्र प्रदेश (816) में दर्ज किया गया।

•2016 में सबसे अधिक कृषि आत्महत्याएं (किसानों के साथ-साथ खेतिहर मजदूरों द्वारा की गई आत्महत्या) महाराष्ट्र (3,661), कर्नाटक (2,079), मध्य प्रदेश (1,321), आंध्र प्रदेश (804) और छत्तीसगढ़ (682) में दर्ज की गईं।

• साल 2015 में पुरुष किसानों की आत्महत्या की सबसे बड़ी वजह रही कर्जदारी. कर्जदारी के कारण 2978 पुरुष किसानों ने आत्महत्या की. पुरुष किसानों की आत्महत्या की दूसरी बड़ी वजह रही खेती-बाड़ी से जुड़े मामले. खेती-बाड़ी से जुड़ी परेशानियों के कारण 1494 किसानों ने आत्महत्या की।

• साल 2014 में आत्महत्या करने वाले किसानों में पुरुषों की संख्या 5,178 और स्त्रियों की संख्या 472 है। प्रतिशत पैमाने पर यह साल 2014 में हुई कुल किसान आत्महत्याओं का क्रमश 91.6% तथा 8.4% प्रतिशत है।

• साल 2011 में जितने लोगों ने भारत में आत्महत्या की उसमें, 18.1 फीसद तादाद गृहणियों की थी। किसानों की संख्या आत्महत्या करने वाले कुल लोगों में  10.3 फीसदी थी जबकि सरकारी नौकरी करने वालों की तादाद आत्महत्या करने वाले कुल लोगों में 1.2 फीसदी, प्राईवेट नौकरी करने वालों की 8.2 फीसदी, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में काम करने वालों की 2.0 फीसदी, छात्रों की 5.7 फीसदी, ब्रेरोजगार लोगों की 7.7 फीसदी तथा वणिज-व्यवसाय के क्षेत्र में स्व-रोजगार में लगे लोगों की संख्या आत्महत्या करने वाले कुल लोगों की तादाद में 5.3 फीसदी थी तो स्वरोजगार में लगे पेशेवर लोगों की संख्या 3.1 फीसदी जबकि इससे भिन्न किसी अन्य तरह के काम को स्वरोजगार के तौर पर अपनाने वाले लोगों की तादाद 19.5 फीसदी। #

• साल 2011 में स्वरोजगार में लगे कुल 51901 लोगों ने आत्महत्या की। इसमें किसानों की संख्या 14027 यानी 27.03  फीसदी है।#

•  साल 1997 - 2006  यानी दस सालों की अवधि में भारत में 1,66,304  किसानों ने आत्महत्या की।*  

•  साल 1997 - 2006  के बीच किसानों की आत्महत्या में सालाना 2.5  फीसद चक्रवृद्धि दर से बढ़त हुई।*

• आत्महत्या करने वाले किसानों में ज्यादातर नकदी फसल की खेती करने वाले थे, मिसाल के लिए कपास(महाराष्ट्र), सूरजमुखी,मूंगफली और गन्ना(खासकर कर्नाटक में)।**

• सबसे बड़ी वजह सेहत की खराब दशा, संपत्ति को लेकर पारिवारिक विवाद, घरेलू कलह और बेटी को ब्याहने की गहन सामाजिक जिम्मेदारी सहित शराब की लत ने किसानों को कर्ज ना चुकता कर पाने की स्थिति में आत्महत्या की तरफ ढकेला।**

• जिन स्रोतों से किसानों ने कर्ज लिया उनमें महाजन एक प्रमुख स्रोत रहे। २९ फीसदी कर्जदार किसानों ने महाजनों से कर्ज हासिल किया। ***.

 

# National Crime Records Bureau, http://ncrb.nic.in/

http://ncrb.nic.in/CD-ADSI2011/table-2.11.pdf

http://ncrb.nic.in/ADSI2010/table-2.11.pdf

http://ncrb.nic.in/CD-ADSI2009/table-2.11.pdf

http://ncrb.nic.in/adsi/data/ADSI2006/Table-2.11.pdf

http://ncrb.nic.in/adsi/data/ADSI2002/atable%202.11.pdf

http://ncrb.nic.in/adsi/data/ADSI1996/table-5s.pdf
 


** डाक्टर रिताम्बरा हेब्बार(२००७): ह्यूमन सिक्यूरिटी एंड द केस ऑव फार्मस् स्यूसाइड इन इंडिया-ऐन एक्सपोलोरेशन http://humansecurityconf.polsci.chula.ac.th/Documents/Pres
entations/Ritambhara.pdf


*** सीपी चंद्रशेखर, जयति घोष (2005):द बर्डेन ऑव फार्मर्स डेट, माइक्रोस्केन

 

 

 
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युवा कांग्रेस के अयुब खान और सदस्यों ने रक्त दान कीया

Vinod meghwaniएक खबर 
*14 जून 2021* को *विश्व रक्तदान दिवस* के उपलक्ष्य में *युवा कांग्रेस के अय्यूब खान* व *एन.एस. यु.आई के युवा नेता अमन सागर* के नेतृत्व में रोहित गायकवाड़ , अभिषेक ठाकुर , विवेक तांडी , दीप साव , संकेत चंद्राकर , यश बेलचंदन , सिद्धार्थ राजपूत व अन्य युवाओं ने रक्तदान किया साथ ही युवाओं को यह अभियान है, इसका हिस्सा बनकर रक्तदान के प्रति जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए।




रविवार, 13 जून 2021

क्या मुख्यमंत्री केजरीवाल जी दिल वाले है

Vinod meghwani # दिल्ली दिल वालों # ये स्लोगन,,,,जिसने बनाया,,,,क्या सोच के बनाया वही जाने,,,,पर हमें ऐसा लगता है ,,,,दिल्ली में दिल वाले बस्ते ही नही,,,,,,इतिहास गवाह  मुगल काल से लेकर ,,,,,दिल्ली में जो अनगिनत कत्ल हुऐ , जो अपराध हुऐ ,,,,वो पूरे हिंदुस्तान में कही नही हुऐ,,,,, तो फिर दिल्ली कैसे दिल्ली दिलवालों की हुई,,,,,, क्या आप को माननीय ,मुख्यमंत्री केजरीवाल जी ,,,,,,दिल वाले लगते है,,,,,,,#क्या केजरीवाल जी दिल वाले ,,,,
अगर आप हमारे इस पर टिप्पणी करने चाहते है हमारी इस लिंक पर टच करे और अपने विचार लिखे ,,,

मेने 14 साल की उम्र ,,,फकीरा ,,देखी थी,,,,

Vinod meghwani# fakira #  फकीरा ,,, 1980 के आसपास ,, शशि कपूर की फ़िल्म आई थी फकीरा जो एक सुपर हिट मूवी थी आज आप देखोगे तो पसन्द आयेगी ओर गाने भी सब बेहतरीन थे । जब फकीरा रिलीज हुई थी ,,तब हम 14 साल उम्र के थे हमने जब थियेटर में मूवी देखी तो हीरो ,,शशि कपूर ,,मोटरसाइकिल चलाते दिखता है,,,उन पर यही गाना फिल्माया गया था ,,सुन के तेरी पुकार संग चलने को कोई हो न हो तैयार ,,चल चला चल,,,,अकेला चल चला चल ,,,,ये गीत मेरे दिल को छू गया ,,,,में जब ,  भी,,,,उदास होता था ,,,,किसी समस्या से घिरा होता था तो ये गीत मेरे होंठो पे आ जाता था,,,,ओर मुझे उदासी मुक्ति,,मिल जाती थी,,,ओर मुझे में जीने की हिम्मत मिल जाती थी,,,,,फिर 1991 में मेरी शादी हुई,,,,तब शादी में वीडियो बना तो मुझे,,,आईडिया था ,,की में ,,फकीरा,,,गाना शूट करा सकता हु,,,,पर,,,जिंदगी ,,,व्यस्त,,,भागम भाग ,,,में ,,,ये ,,,,इच्छा अधूरी रह गई थी,,,,पर कुछ दिनों से,,ये आइडिया,,,फिर दिमाग मे,,,अब ,ये गाना ,,,आपके सामने ,,,है उम्मीद है आपको पसंद आयेगा,,,, यूट्यूब में लाइक करे ,,,,यूट्यूब पे हमारा चेनल है,,,,vinod raja meghwani,,,,,sindhi satar,,,,,,,

शनिवार, 12 जून 2021

सिंध प्रदेश ,कच्छ ,में बनाने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री विजय रुपाणी लाये इस सत्र में

Vinod meghwani माननीय गुजरात राज्य मुख्यमंत्री माननीय मुख्यमंत्री विजय रुपाणी जी नमस्कार हम आपका ध्यानाकर्षण करना चाहेंगे ,,,सिन्धी प्रदेश सँघर्ष समिति ,,सिंध प्रदेश , की मांग व निवेदन करती है । जैसा कि आप को जानकारी है 1968 में  प्रधानमंत्री माननीय जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में संसद में मुंबई विभाजन का प्रस्ताव पास हुआ था की महाराष्ट्र राज्य अलग बने सौराष्ट्र ( गुजरात) अलग बने और कच्छ की सिंध प्रदेश बनाया जाये  ओर कच्छ की 2200 एकड़ जमीन सिंध प्रदेश के लिये प्रस्ताव पास हुआ महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू की सहमति पर महात्मा गांधी के निधन के बाद  महाराष्ट्र बन गया गुजरात राज्य बन गया पर सिंध प्रदेश न बन सका प्रशाशनिक रुकावटों के कारण हम आपसे निवेदन करते है आप गुजरात विधान सभा के इस स्तर में कच्छ में सिंध प्रदेश बनाने का प्रस्ताव रखे  धन्यवाद  विनोद मेघवानी  महासचिव सिन्धी प्रदेश सँघर्ष समिती। उस दौर ।

शुक्रवार, 11 जून 2021

मुकाबला शकीरा & माइकल जैक्सन अकक खबर TV पे


Vinod meghwani माइकल जैक्सन एक खबर TV पे 

जय सखी बाबा ,जय सखी बाबा , लखनऊ वाले साँई के वचन,,,,जय सखी बाबा


Vinod meghwani   जय सखी बाबा 

11 अधिक सैलरी वाली जॉब ,,,11Highest paying corporate jobs in india

Vinod meghwani11 अधिक सैलरी वाली जॉब की लिस्ट। 11 Highest Paying Corporate Jobs in India.
जहाँ तक जॉब या फिर नौकरी की बात है, इसकी चिंता हर विद्यार्थी को अपनी पढाई पूरी होने के बाद होने लगती है। लेकिन जहाँ तक स्कूली शिक्षा की बात है, आम तौर पर भारत में दसवीं तक तो बच्चा निश्चिन्त होकर पढाई करता है। इसके बाद उसे अपने आगे के कैरियर की, योजना के मुताबिक ही सेक्शन जैसे आर्ट, साइंस, कॉमर्स या फिर किसी व्यवसायिक कोर्स का, चयन करना होता है। और अक्सर देखा गया है, की आम तौर पर माता पिता अपने बच्चों के लिए, ऐसे कैरियर का चुनाव करना चाहते हैं, जो उनकी जिन्दगी में सुख समृद्धि लेके आये।

और इसमें कोई दो राय नहीं की जब किसी कैरियर के अच्छे होने के बारे में बात होती है, तो उस कैरियर में कार्यरत होने के बाद, मिलने वाले वेतन के आधार पर ही होती है। अर्थात यह एक वास्तविक सत्य है की, इस दुनिया में पैसे से बढ़कर मोटिवेशन देने वाला शायद ही कोई उपकरण हो। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण आज भी हम अपने जीवन में, आये दिन देखते रहते हैं। जब बहुत सारे विद्यार्थी अपने कैरियर का चुनाव इसी आधार पर कर लेते हैं। क्योंकि उस विशेष कैरियर में अन्य की तुलना में अधिक सैलरी मिलती है।

आज का हमारा यह लेख लिखने का भी, वास्तविक मकसद यही है की, जो विद्यार्थी या लोग, सबसे अधिक सैलरी वाली नौकरी सर्च कर रहे होते हैं। उन्हें इस लेख के माध्यम से, इसके बारे में जानकारी प्राप्त हो सके। यद्यपि यह भी सत्य है की, अधिक सैलरी वाली नौकरी की लिस्ट में समय एवं स्थिति के आधार पर परिवर्तन होते रहते हैं।

उदाहरणार्थ: जब दुनिया में इन्टरनेट का, इतना प्रचार प्रसार नहीं हुआ था। तो उस समय इन्टरनेट से जुड़ी एक भी जॉब उस लिस्ट में नहीं होगी। लेकिन समय एवं स्थिति में परिवर्तन के चलते, हो सकता है की आज इन्टरनेट से जुड़ी हुई जॉब भी, अधिक सैलरी वाली लिस्ट में शामिल हो। यह नियम प्रत्येक सेक्टर पर लागू होता है।

Highest Paying jobs in India
ध्यान देने योग्य बात
किसी भी औद्योगिक क्षेत्र में सैलरी या वेतन कर्मचारी की जानकारी, अनुभव, प्रशिक्षण एवं शैक्षणिक योग्यता पर निर्भर करता है। अर्थात जिसकी शैक्षणिक योग्यता अधिक हो, उसे जानकारी अधिक हो, उसे अनुभव अधिक हो, प्रशिक्षण भी उसने प्राप्त किया हो, तो  वह उतना अधिक सैलरी पाने के लिए पात्र माना जाता है। लेकिन कई औद्योगिक क्षेत्र ऐसे हैं, जिनमें एक स्तर के बाद सैलरी का बढ़ना मुश्किल हो जाता है। और इनमें शुरूआती सैलरी भी कम होती है। यदि आप किसी नौकरी पाने के इच्छुक व्यक्ति से बेस्ट जॉब यानिकी अच्छी नौकरी के बारे में पूछें, तो शायद उसका अच्छी जॉब से अभिप्राय अच्छी सैलरी से ही होगा।

लेकिन अच्छी जॉब का मतलब केवल अच्छी सैलरी मिलना ही नहीं होता, बल्कि अन्य भी कई कारक होते हैं। कैरियर में ग्रोथ हो, जॉब सिक्यूरिटी हो, और व्यक्ति की रेपुटेशन इत्यादि को भी, अच्छी नौकरी का आकलन करते समय आँका जाता है। लेकिन इन सबमें अच्छी सैलरी ही सर्वोपरी है। इसमें कोई दो राय नहीं है। यही कारण है की लोग अक्सर, इन्टरनेट पर Highest Paying Jobs In India जैसे कीवर्ड के माध्यम से सर्च कर रहे होते हैं ।

और यह भी सत्य है की, हर औद्योगिक क्षेत्र में अलग अलग सैलरी निर्धारित होती है। इसलिए किसी भी अलग अलग सेक्टर से, जुड़े व्यक्तियों की सैलरी की तुलना करना सही नहीं होगा। यद्यपि यहाँ पर हम कुछ ऐसे प्रोफेशन के बारे में बात कर रहे हैं, जिनमें अच्छी खासी सैलरी ऑफर होती है।

1. डॉक्टर एवं सर्जन (Doctor and Surgeon Highest Paid Job in India):
चिकित्सा प्रोफेशनल, जैसे डॉक्टर एवं सर्जन को हॉस्पिटल, एवं अन्य स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा अच्छी सैलरी ऑफर की जाती है। और यही कारण है की, डॉक्टर एवं सर्जन प्रोफेशनल, आज भी भारत में अच्छी खासी सैलरी प्राप्त करते हैं। चूँकि जनसँख्या की दृष्टी से भारत एक विशालकाय देश है। इसलिए यहाँ पर लोग, तरह तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से जूझते रहते हैं। डॉक्टर एवं सर्जन का पेशा भारत में, इसलिए भी अच्छी सैलरी के पेशे में आता है, क्योंकि यहाँ जनसँख्या के आधार पर डॉक्टरों का अनुपात बिलकुल ही कम है।

इस डोमेन के भीतर जो विशेषज्ञता वाले क्षेत्र हैं, उनकी भी मांग भारत में बेहद अधिक है। इसके अलावा सर्जन इत्यादि बनने के लिए और भी अधिक कुशल होने की आवश्यकता होती है। और यही कारण है की उन्हें और भी अधिक सैलरी दी जाती है। वर्तमान में चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े प्रोफेशनल ग्रामीण क्षेत्र में, काम करने के लिए जाना पसंद नहीं करते हैं। जिसके चलते ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य सुविधाएँ बिलकुल ही नगण्य हैं।

शुरूआती सैलरी : 10-12 लाख प्रति वर्ष
मध्यम सैलरी : 24-30 लाख प्रति वर्ष
2. डाटा साइंटिस्ट (Data Scientist)
वर्तमान में कम्पनियां बड़े डाटा में काफी निवेश कर रही हैं। यही कारण है की आज डाटा साइंटिस्ट नामक, यह पेशा अधिक मांग वाले पेशों की लिस्ट में शामिल है। उपभोक्ताओं की शिकायतों का समाधान करने, और उत्पाद या सेवा की परफॉरमेंस बढाने के लिए, बड़ा डाटा बेहद महत्वपूर्ण है। यही कारण है की, कम्पनियां डेटा आधारित व्यवसायिक निर्णय लेना चाहती हैं। और उन्हें इस काम में, डाटा साइंटिस्ट की मदद लेनी पड़ती है।

इसलिए कम्पनियां बड़े पैमाने पर, डाटा साइंटिस्ट को नियुक्त कर रही है।

इन्ही सब कारणों के चलते, आने वाले वर्षों में भी बड़ी बड़ी कम्पनियों में, डाटा साइंटिस्ट को काम पर रखने की संभावना है। और वह भी एनालिटिक्स उद्योग से जुड़े अन्य पेशेवरों की तुलना में, इन्हें 36-40% अधिक सैलरी मिलने की भी संभावना है। डाटा साइंस में विभिन्न डिग्री एवं अनुभव हासिल करने के बाद, डाटा साइंटिस्ट की सैलरी में और भी उछाल आ सकता है ।

शुरूआती सैलरी – 7-8 लाख रूपये प्रति वर्ष
मध्यम सैलरी  : 12-15 लाख प्रति वर्ष
सीनियर लेवल सैलरी : 21-25 लाख प्रति वर्ष
शैक्षणिक योग्यता

कंप्यूटर साइंस, मैथमेटिक्स , स्टेटिस्टिक्स में बैचलर डिग्री
डाटा साइंस सर्टिफिकेट
प्रोजेक्ट का अनुभव                         
3. इन्वेस्टमेंट बैंकर (Investment Banker):
इन्वेस्टमेंट बैंकर की यदि हम बात करें, तो ये इक्विटी वित्तपोषण या लोन प्रबंधन इत्यादि के माध्यम से, पूंजी जुटाने के लिए फाइनेंसियल आर्गेनाईजेशन के साथ, काम करते हैं। निवेश बैंकर को बेहद तेज तर्रार, पर्यावरण में काम करना पड़ता है। और इनके द्वारा लिए गए निर्णय, किसी वित्तीय संगठन को बना भी सकते हैं, और उसे बिगाड़ भी सकते हैं। इन पर इतनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होने कारण ही, इनकी मांग भी अच्छी खासी है। और इन्हें अच्छी सैलरी वाली जॉब में ही गिना जाता है। इनका काम स्टेक की जाँच करके, उसी के अनुकूल डील करने का होता है। यह पेशा भी अच्छी सैलरी वाली जॉब में शामिल है।

शुरूआती सैलरी : 9-10 लाख प्रति वर्ष 
मिड लेवल : 15-16 लाख प्रति वर्ष 
सीनियर लेवल : 25-26 लाख प्रति वर्ष     
शिक्षा एवं कौशल

फाइनेंस, अर्थ शास्त्र, गणित इत्यादि में बैचलर डिग्री
सम्बंधित क्षेत्र में मास्टर
एनालिटिकल स्किल
मार्किट की गहरी जानकारी
बढ़िया कम्युनिकेशन स्किल
लीडरशिप स्किल
4. Software Engineer (सॉफ्टवेर इंजिनियर)
हालांकि इसमें कोई दो राय नहीं की, सॉफ्टवेयर इंजिनियर के मामले में, अपना देश भारतवर्ष काफी चर्चित रहा है। और यहाँ पर प्रति वर्ष, लाखों सॉफ्टवेयर इंजिनियर पैदा होते हैं। जो सिर्फ भारत में ही नहीं, अपितु विदेशों में भी अपनी सेवाएँ दे रहे होते हैं। लेकिन इसके बावजूद, यह बाजार इतना बड़ा है की, यहाँ सभी सॉफ्टवेयर इंजिनियर रोजगारित हो जाते हैं। वर्तमान में भारत में, बड़ी बड़ी टेक कम्पनियां निवेश कर रही है।  और यहाँ से जितने सॉफ्टवेयर इंजिनियर को, आउटसोर्स करके विदेशों को भेजा जा रहा है, ऐसा भी पहले कभी नहीं हुआ था।

भारत के प्रसिद्ध टेक शहर, अकेला बैंगलोर, सॉफ्टवेयर इंजिनियर को रोजगार देने वाला प्रमुख, शहर बन गया है। देश एवं विदेशों में अंतराष्ट्रीय परियोजनाओं, एवं स्थिर घरेलू बाजार यह सुनिश्चित करता है, की इस क्षेत्र में पैसा हमेशा बना रहेगा। और एक 4-5 साल अनुभवी  सॉफ्टवेयर इंजिनियर, 10-12 लाख प्रति वर्ष सैलरी आसानी से कमा सकता है।

शुरूआती सैलरी – 5-6 लाख प्रति वर्ष
मध्यम स्तर सैलरी  – 12-15 लाख प्रति वर्ष
सीनियर लेवल सैलरी – 22-28 लाख प्रति वर्ष  
5. कमर्शियल पायलट
पायलट से हमारा आशय, हवाई जहाज उड़ाने वाले पायलट से है। पायलट हमेशा से ही एक बेहतरीन प्रोफेशन में गिना जाता है। यह एक ऐसा पेशा है, जो भारत में ही नहीं अपितु पूरे विश्व में अच्छी सैलरी वाला, प्रोफेशन माना जाता है। बड़ी बड़ी एयरलाइन्स कम्पनियां, अपने पायलट को बहुत अच्छी सैलरी, प्रदान करती हैं। सिर्फ सैलरी ही नहीं, अपितु अनेकों अन्य फैसिलिटी भी मुहैया, करायी जाती हैं। हालांकि लम्बे समय तक, विमान उड़ाना और यात्रा करना, कोई आसान काम नहीं है। इसलिए पायलट को हमेशा शारीरिक रूप से, फिट रहने की आवश्यकता होती है। कमर्शियल पायलट 16-24 लाख प्रति वर्ष, सैलरी पा सकते हैं।

6. चार्टेड अकाउंटेंट (Charted Accountant):
चार्टेड अकाउंटेंट को इनके शोर्ट नाम, सीए से अधिक जाना जाता है। इनका काम कंपनी, संगठन छोटी बड़ी औद्योगिक इकाइयों, की वित्त सम्बन्धी समस्याओं को देखना, एवं उन्हें टैक्स नियमों का अनुपालन, करने योग्य बनाना होता है। हालांकि बहुत सारी कम्पनियां, चार्टेड अकाउंटेंट को अपने वित्त विभाग में, नियुक्त करती है। और ऑडिटिंग कम्पनियां तो, इन्हें बड़े पैमाने पर नियुक्त करती हैं। इसके अलावा. अनुभवी सीए, किसी एक कम्पनी में नौकरी न करके, कंसलटेंट के तौर पर, विभिन्न कम्पनियों की वित्त सम्बन्धी, समस्याओं का समाधान कर रहे होते हैं।

लेकिन सीए को सभी तरह के डोमेन में, विशेषज्ञ बनने एवं उनमें महारत हासिल करने में, कई वर्षों का समय लगता है। यही कारण है की, स्वाभाविक रूप से, एक अनुभवी सीए को, उसके काम के बदले काफी मोटी सैलरी, प्रदान की जाती है। शुरूआती दौर में यह सैलरी 6-7 लाख रूपये प्रति वर्ष, हो सकती है। और अनुभव एवं विशेज्ञता बढ़ने पर, यह 15-20 लाख प्रति वर्ष तक भी हो सकती है।

7. आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस प्रोफेशनल (Artificial Intelligence Highest Paid Job)
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस प्रोफेशनल की, यदि हम बात करें तो, इनका काम मशीन में आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, यानिकी कृत्रिम बुद्धि को इनेबल करना होता है। यानिकी इनका पेशा, कृत्रिम बुद्धि रखने वाली मशीनों को, हर तरह से सक्षम बनाने का होता है। इनके प्रमुख कार्यों में, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के अल्गोरिदम को समझना, बनाना, एवं प्रोग्रामिंग करना शामिल है। और जहाँ तक भारत की बात है, इस तरह के पेशेवरों की, यहाँ भारी मात्रा में कमी देखी गई है। और इसमें कोई दो राय नहीं  की, जिस चीज की मांग अधिक हो, और सप्लाई कम हो, तो उसकी मांग तो बढ़नी ही बढ़नी है। यही कारण है की, भारत में इस तरह के पेशेवरों को, मोटी सैलरी ऑफर की जा रही है।

शुरूआती दौर में – 10-12 लाख प्रति वर्ष
मध्यम स्तर सैलरी  – 15-17 लाख प्रति वर्ष
सीनियर लेवल      – 22-26 लाख प्रति वर्ष      
शिक्षा एवं स्किल

कंप्यूटर साइंस, मैथमेटिक्स इत्यादि में ग्रेजुएशन
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस में मान्यता प्राप्त संस्थान से कोर्स
प्रोग्रामिंग स्किल
एनालिटिक्स स्किल
रोबोटिक्स
स्टेटिस्टिक्स       
 8. मार्केटिंग पेशेवर
किसी भी बिजनेस के लिए मार्केटिंग कितनी महत्वपूर्ण हैं, इसके बारे में हम एक अलग सा लेख, जल्द ही प्रकाशित करेंगे। अभी केवल इतना जान लेते हैं की, हर तरह के व्यवसाय के लिए मार्केटिंग, बेहद महत्वपूर्ण है। कहने का आशय यह है की, मार्केटिंग किसी भी व्यवसायिक रणनीति के लिए एक प्रमुख उपकरण है। और चूँकि वर्तमान में मार्केटिंग प्लेटफोर्म का तेजी से डिजिटलीकरण हो रहा है, जो इस क्षेत्र में और नए रस्ते खोल रहा है। इसलिए कम्पनियां, ऐसे मार्केटिंग पेशेवरों की तलाश में हैं, जिन्हें नई मार्केटिंग नीतियों की, अच्छी खासी जानकारी हो। इसलिए ऐसे लोग, जिनके पास रचनात्मक सोच है, और उनकी यह रचनात्मक सोच, ब्रांड निर्माण कम्पनी को बेहतर लगती है, तो यह उन लोगों के लिए अच्छी सैलरी पाने का, एक रास्ता हो सकता है।

वर्तमान में, डिजिटल मार्केटिंग पेशेवरों की अच्छी मांग है। यही कारण है की, यह मार्केटिंग के स्टूडेंट के बीच भी काफी प्रचलित है। और वर्तमान में मार्केटिंग में एमबीए, एवं डिजिटल मार्केटिंग कोर्स नौकरी की चाह रखने वाले लोगों को, अच्छी नौकरी प्राप्त करने में सहायता प्रदान करते है।

शुरूआती सैलरी – 5-6 लाख प्रति वर्ष ।
माध्यम स्तर सैलरी  – 8-10 लाख प्रति वर्ष ।
सीनियर लेवल   – 15-25 लाख प्रति वर्ष।
शिक्षा एवं स्किल

बिजनेस, मार्केटिंग, एडवरटाइजिंग, कम्युनिकेशन इत्यादि में बैचलर डिग्री।
डिजिटल मार्केटिंग में सर्टिफिकेट कोर्स।
इंटरपर्सनल कम्युनिकेशन स्किल।
क्रिएटिविटी और इमेजिनेशन।
इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी स्किल।
नेगोशिएशन और इन्फ्लुएंस स्किल।
मार्किट एनालिसिस
9. साइबर सिक्यूरिटी प्रोफेशनल
आज, यानिकी वर्तमान की यदि हम बात करें, तो लगभग सभी तरह के बिजनेस की ऑनलाइन प्रजेंस उपलब्ध है। कहने का आशय यह है की, वर्तमान में लगभग सभी प्रकार के व्यवसाय ऑनलाइन उपलब्ध हैं। और इसलिए उन्हें, उनकी ऑनलाइन सम्पति को, नुकसान होने का डर भी बना रहता है। अपनी मूल्यवान डिजिटल सम्पति की, रक्षा करने के लिए लगभग सभी बिजनेस द्वारा, साइबर सिक्यूरिटी प्रोफेशनल की मदद ली जाती है। जिनकी जिम्मेदारी, कंपनी के डिजिटल सम्पति को, किसी भी प्रकार के होने वाले, नुकसान से बचाना होता है। वर्तमान रिपोर्ट के मुताबिक, अनुभवी एवं सीनियर लेवल पर, साइबर सिक्यूरिटी प्रोफेशनल, लगभग 30-40 लाख रूपये प्रति वर्ष तक कमाते हैं।

शुरुआती स्तर पर सैलरी – 5-6 लाख।
मध्यम स्तर सैलरी   – 10-12 लाख प्रति वर्ष।
सीनियर लेवल पर सैलरी – 30-40 लाख प्रति वर्ष । 
शिक्षा एवं स्किल

 मैथमेटिक्स, कंप्यूटर साइंस इत्यादि में ग्रेजुएट।
साइबर सिक्यूरिटी कोर्स का प्रमाण पत्र।
प्रॉब्लम सोल्विंग स्किल।
टेक्निकल जानकारी।
कंप्यूटर फॉरेंसिक स्किल।
सिक्यूरिटी की जानकारी।
10. मशीन लर्निंग प्रोफेशनल  (Machine Learning Highest Paid Job In India):
मशीन लर्निंग की, यदि हम बात करें तो, इसने उपभोक्ताओं के लिए, अधिक समाधान डिजाईन करके, इस आधुनिक युग में, एक तूफ़ान सा ला खड़ा कर दिया है। मशीन लर्निंग से जुड़े पेशेवर, ब्रांड एवं कम्पनियों को, डाटा के मुताबिक निर्णय लेने में, बहुत सहायता प्रदान कर रहे हैं। और डाटा मुताबिक निर्णय ग्राहकों के, अनुरूप होते हैं। जिससे व्यवसायिक जोखिमों को, काफी हद तक कम, किया जा सकता है। यही कारण है की, मशीन लर्निंग विशेषज्ञ, कम्पनियों के लिए, काफी मूल्यवान संसाधन के तौर पर, साबित हुए हैं। और कम्पनियों में, इनकी मांग, साल दर साल बढती जा रही है। मशीन लर्निंग में कोई सर्टिफिकेट, या डिग्री आपके कैरियर की ग्रोथ में, महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है।

शुरूआती सैलरी – 5-7 लाख प्रति वर्ष
माध्यम स्तर पर सैलरी – 15 -17 लाख प्रति वर्ष
सीनियर स्तर पर सैलरी – 20-25 लाख प्रति वर्ष 
शिक्षा एवं स्किल

आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस या कंप्यूटर साइंस में बैचलर डिग्री
मशीन लर्निंग में सर्टिफिकेट कोर्स
कंप्यूटर साइंस की जानकारी एवं प्रोग्रामिंग
प्रायिकता एवं सांख्यिकी
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग एवं सिस्टम डिजाईन
प्रॉब्लम सोल्विंग एव डाटा एनालिसिस     
11. क्लाउड कंप्यूटिंग प्रोफेशनल   
एक आंकड़े के मुताबिक, भारत की क्लाउड कंप्यूटिंग इंडस्ट्री, 2020 में 4 बिलियन डॉलर के, आंकड़े को पार कर गई है। और वर्तमान में भारत में, क्लाउड कंप्यूटिंग इंजिनियर, क्लाउड आर्किटेक्ट, क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर इंजिनियर, क्लाउड सॉफ्टवेयर इंजिनियर इत्यादि की, कम्पनियों में भारी मांग है। और यह मांग, लगातार बढ़ने की भी संभावना लगाई जा रही है। और, आलम यह हो गया है की, इस क्षेत्र में जितने क्वालीफाईड, उम्मीदवारों की मांग है, उनकी पूर्ति ही नहीं हो पा रही है। और जिस चीज की, सप्लाई से मांग अधिक हो, उसकी कीमत तो बढती ही बढती है। इसलिए क्लाउड कंप्यूटिंग में, डिग्री किसी की भी सैलरी को, 60% से अधिक भी बढ़ा सकती है।

शुरुआती सैलरी – 6-8 लाख प्रति वर्ष
मध्यम स्तर सैलरी – 12-14 लाख प्रति वर्ष
सीनियर स्तर सैलरी- 28-32 लाख प्रति वर्ष
शिक्षा एवं स्किल

कंप्यूटर एप्लीकेशन, कंप्यूटर साइंस में बैचलर डिग्री
क्लाउड कंप्यूटिंग में सर्टिफिकेट कोर्स
प्रोग्रामिंग स्किल
डेटाबेस मैनेजमेंट स्किल
लिनक्स स्किल
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस या मशीन लर्निंग की जानकारी
सर्वरलेस आर्किटेक्चर नॉलेज  
उपर्युक्त में, हमने कुछ ऐसे जॉब की लिस्ट पेश की है, जिसमें उम्मीदवारों को बढ़िया सैलरी, ऑफर की जा रही है। हालांकि यह ट्रेंड तकनीक, समय इत्यादि में बदलाव होने के चलते, बदलता रहता है। इसलिए यह जरुरी नहीं है की, जिस जॉब को करके आज कर्मचारी, सबसे अधिक सैलरी कमा रहे हैं, भविष्य में भी वही जॉब, सबसे अधिक सैलरी देने वाली जॉब की लिस्ट में होगी।

क्या कांग्रेस पार्टी ,,छत्तीसगढ़ में सिन्धी समाज से नाराज है ,,???

क्या कांग्रेस पार्टी छत्तीसगढ़ में ए सिन्धी समाज से नाराज है --सिन्धी प्रदेश सँघर्ष समिति ( महासचिव 
Vinod meghwani)

( एक खबर) रायपुर छत्तीसगढ़ में सिन्धी समाज मे कांग्रेस पार्टी के खिलाफ रोष है ।(  सिन्धी प्रदेश सँघर्ष समिति ) के महासचिव  विनोद मेघवानी का कहना है की कांग्रेस सरकार राज्य में सभी समाजो के राजनीतिक विभागों  में नियुक्तियों कर रही है  पर   2 साल से सिन्धी साहित्य एकाडमी में अध्यक्ष की नियुक्ति नही हुई है  । कांग्रेस पार्टी को छत्तीसगढ़ में सिन्धी समाज से क्या नाराजगी है  । अगर कांग्रेस पार्टी सिन्धी समाज की हितेषी है तो सिन्धी  साहित्य एकाडमी अध्यक्ष की नियुक्ति तुरन्त करे अन्यथा आने वाले चुनाव में सिन्धी समाज के जो नेता  कांग्रेस के प्रति वफादार है ,,,उनका मनोबल टूट जायेगा  ।  9 निगमो में एल्डरमेन बदले । राजनांदगांव 
नगर निगम सहित 9 
निगमो  में 16  पुराने एल्डरमेन  बदले गए, 
44 नए एल्डरमेन की सूची जारी की ।
रायपुरओर आसपास के नगर निगमों और दूसरे नगरीय निकायों में चुनाव की सुगबुगाहट शुरू होने से पहले सरकार ने कांग्रेस नेताओं को संतुष्ट करने की कसरत शुरू की है। प्रदेश भर के नगरीय निकायों में 44 नए एल्डरमेन नियुक्त किए गए हैं। वहीं 9 शहरों में 16 पुराने एल्डरमेन को हटाकर उनकी जगह पर नए नेताओं को नियुक्त कर दिया गया है।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने आज एल्डरमेन की नियुक्ति से जुड़े आदेश जारी किए।  राजनांदगांव नगर निगम के एल्डरमेन के एल बरइया की जगह प्रतिमा बंजारे को और नारायण यादव की जगह राजेंद्र व्यास को नियुक्त किया गया है। इस आदेश से मुंगेली नगर पालिका में शीतल दुबे की जगह विनय चोपड़ा, सूरजपुर में कुसुमलता राजवाड़े की जगह देवदत्त साहू, बिल्हा में विमलेश केडिया की जगह गोल्डी पंजवानी, बैसाखू मार्को की जगह राजकुमार राज को नियुक्त किया गया है। छुरा नगर पंचायत में छन्नू
सिन्हा की जगह लोकेश्वर वर्मा, पीताम्बर सतनामी की जगह सलीम मेमन, शुभद्रा ध्रुव की जगह लोकेश्वर वर्मा, छननू लाल सिन्हा की जगह संदीप को नियुक्त किया गया है। गरियाबंद नगर पालिका में सविता गिरी की जगह आमकारेश्वर राठौर, हरमेश चावड़ा की जगह सुशील सोनी, लता यादव की जगह मुकेश रामटेके को नियुक्ति दी गई है। उसी तरह राजिम नगर पंचायत में गणेश गुप्ता की जगह ताराचंद मेघवानी को नियुक्त किया गया है। फिंगेश्वर में प्रभा जैन की जगह डोगर सिंह मरकाम और विश्रामपुर में राजेश वर्मा की जगह बीना शर्मा को नियुक्त किया गया है। इससे पहले 2019 और 2020 में एल्डरमेन बनाये गये थे अब बदल जाएंगे ।

गुरुवार, 10 जून 2021

Plastic Recycling बिजनेस केसे शुरु करे

Vinod meghwani

प्लास्टिक रीसाइक्लिंग बिजनेस कैसे शुरू करें। Plastic

Plastic Recycling की यदि हम बात करें तो यह प्लास्टिक के अपशिष्ट पदार्थों को नई सामग्री या वस्तुओं में बदलने की प्रक्रिया है । जैसा की हम जानते हैं की पहले भी और आज भी लोग अधिकतर प्लास्टिक के अपशिष्ट को फेंक देते हैं या फिर उसे अपने घर से बाहर फेंकने को ही उस सामग्री का निपटान समझते हैं। इसलिए यह प्रक्रिया पारम्परिक अपशिष्ट निपटान का एक विकल्प है जो सामग्री को तो बचा ही सकता है साथ में पर्यावरण को दूषित होने से भी बचा सकता है।

सिर्फ प्लास्टिक पदार्थों की ही नहीं बल्कि किसी भी पदार्थ की रीसाइक्लिंग प्रक्रिया संभावित उपयोगी सामग्रियों की बर्बादी को रोकने में मददगार साबित होती है। और ताजा कच्चे माल की खपत कम करने में भी सहायक होती है जिससे उर्जा का इस्तेमाल, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, मृदा प्रदूषण इत्यादि में कमी हो सकती है। Plastic Recycling आधुनिक अपशिष्ट को कम करने का एक प्रमुख घटक है और यह रिड्यूस, रीयूज़, और रीसायकल पदानुक्रम का तीसरा घटक है।

केवल प्लास्टिक की सामग्री ही रीसायकल करने के योग्य नहीं होती हैं बल्कि कई प्रकार के ग्लास, पेपर, कार्डबोर्ड, धातु, प्लास्टिक, टायर, कपड़ा, बैटरी और इलेक्ट्रॉनिक्स सामग्री भी रीसायकल करने के योग्य होती हैं। स्पष्ट शब्दों में यदि हम रीसाइक्लिंग प्रक्रिया को समझने की कोशिश करें तो हम पाएंगे की किसी सामग्री की रीसाइक्लिंग प्रक्रिया के माध्यम से उसी सामग्री के नए रूप को प्राप्त किया जा सकता है।

हालांकि यहाँ यह भी देखा गया है की यह ताजे कच्चे माल से उत्पादों का निर्माण करने की तुलना में थोड़ा महंगा होता है यही कारण है कई उत्पादों या सामग्रियों का रीसाइक्लिंग करने की बजाय अलग अलग उत्पादन में उनका इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए Plastic Recycling Process में भी पुरानी प्लास्टिक सामग्री को रीसायकल करके नई सामग्री का ही निर्माण किया जाता है।

Plastic Recycling Business plan hindi

प्लास्टिक रीसाइक्लिंग के फायदे (Benefits of Plastic Recycling)

Plastic Recycling के कुछ प्रमुख फायदे इस प्रकार से हैं ।

  • प्लास्टिक रीसाइक्लिंग से उर्जा एवं प्राकृतिक संसाधनों को बचाने में मदद मिलती है। प्राकृतिक संसाधनों जैसे पेट्रोलियम, पानी इत्यादि को बचाने से प्रकृति का संतुलन बनाये रखने में भी मदद मिलती है। इसलिए कहा जा सकता है की प्लास्टिक रीसाइक्लिंग उर्जा और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करने में सहायक है।
  • जैसा की हम सब जानते हैं की प्लास्टिक को मृदा एवं आस पास के वातावरण के लिए खतरा माना जाता है। इसका कारण यह है की जब प्लास्टिक के अपशिष्ट को जमीन पर फेंका जाता है तो यह तेजी से विघटित होता है और एक निश्चित समय कजे बाद खतरनाक जहरीले धुएं का उत्सर्जन करता है। और ये जो खतरनाक धुआं होता है वह आस पास के वातावरण के लिए बेहद हानिकारक होता है जिससे विभिन्न प्रकार के फेफड़े सम्बन्धी रोग और त्वचा रोग हो सकते हैं। इसलिए Plastic Recycling का एक फायदा यह भी होता है की यह इस खतरे से प्रकृति एवं मनुष्य दोनों को बचाने में सहायक होता है। 

मार्किट विश्लेषण

सिर्फ Plastic Recycling की ही नहीं यदि हम सम्पूर्ण रीसाइक्लिंग व्यापार की बात करें तो इनोवेटिव बिजनेस मॉडल जैसे डिपॉजिट रिटर्न स्कीम, ईवी बैटरी का सेकेंडरी स्टोरेज और खतरनाक अपशिष्ट प्रबंधन के लिए रिटेल टेक-बैक इत्यादि  विघटनकारी अनुप्रयोगों जैसे कि समग्र प्लास्टिक पृथक्करण इत्यादि के माध्यम से अपशिष्ट रीसाइक्लिंग बाजार को चलाने की संभावना है।

एक अध्यन में हुए खुलासे के मुताबिक यह अपशिष्ट रीसाइक्लिंग और रिकवरी मार्केट का अध्यन जो 2019 में हुआ था वह इस क्षेत्र यानिकी वैश्विक रीसाइक्लिंग बाजार पर एक समग्र अपडेट प्रदान करता है। इसके मुताबिक 2018 में इस बाजार का मूल्य $ 354.7 बिलियन था जो सन 2019 में बढ़कर $ 376.9 बिलियन हो गया था।

अब लोगों को ही नहीं अपितु विभिन्न राष्ट्रों की सरकारों को भी रीसाइक्लिंग के फायदे नज़र आने लगे हैं इसलिए सरकार भी इस तरह के व्यवसायों को स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

प्लास्टिक रीसाइक्लिंग बिजनेस कैसे शुरू करें (How to Start Plastic Recycling Business):

Plastic Recycling Business शुरू करने के लिए भी कुछ ISO मानक जैसे 15270:2008 उपलब्ध हैं इसलिए इस तरह का यह व्यवसाय इन्हीं मानकों के अनुरूप किया जाना चाहिए। इसके अलावा इस तरह का यह व्यवसाय शुरू करने के लिए भी उद्यमी को वह सभी प्रबंध एवं कदम उठाने की आवश्यकता होती है जो की किसी अन्य बिजनेस को । तो आइये जानते हैं की कैसे कोई व्यक्ति खुद का प्लास्टिक रीसाइक्लिंग का बिजनेस शुरू कर सकता है।

1. जमीन का प्रबंध

Plastic Recycling Business शुरू करने के लिए उद्यमी को न सिर्फ वर्कशॉप के लिए जगह की आवश्यकता होती है बल्कि इन्वेंटरी स्टोर करने के लिए, बिजली उपयोगिताओं के लिए और एक छोटे सा ऑफिस स्थापित करने के लिए भी जगह की आवश्यकता होती है।

इस तरह से देखें तो इस तरह का व्यवसाय शुरू करने के लिए उद्यमी को 700-800 Square Feet जगह की आवश्यकता हो सकती है। इस तरह का व्यवसाय शुरू करने के लिए जरुरी नहीं है की उद्यमी किसी स्थानीय बाजार में ही इस तरह की इकाई स्थापित करे बल्कि वह कहीं भी जहाँ उसे सस्ती कीमत या किराये पर गैर कृषि योग्य भूमि मिल रही हो, वह वहीँ इस तरह की यह इकाई स्थापित करने की योजना बना सकता है।

लेकिन उद्यमी को इस बात का ध्यान रखना होगा की उसे इस बिजनेस को चलाने के लिए कच्चे माल के तौर पर प्लास्टिक के अपशिष्ट की आवश्यकता होती है और प्लास्टिक का अपशिष्ट आवासीय कॉलोनीयों या औद्योगिक एरिया से ही निकलेगा इसलिए प्लांट कच्चे माल के स्रोतों से अधिक दूर नहीं होना चाहिए।   

2. वित्त का प्रबंध

यद्यपि इस परियोजना को शुरू करने में उद्यमी को एक बहुत बड़ी रकम यहाँ तक की 30-35 लाख रुपयों से अधिक की आवश्यकता हो सकती है। इसलिए इतनी बड़ी रकम का प्रबंध किसी भी व्यक्ति के लिए व्यक्तिगत स्तर पर कर पाना लगभग मुश्किल है।

इसलिए उद्यमी चाहे तो Plastic Recycling को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा जारी की गई योजनाओं के बारे में जानकारी जुटा सकता है। और यदि इन योजनाओं में कोई सब्सिडी ऋण प्रदान करने से सम्बंधित योजना हो तो उद्यमी उसका लाभ लेने का प्रयत्न कर सकता है।  कहने का आशय यह है की उद्यमी बैंक से ऋण लेकर या वेंचर कैपटीलिस्ट इत्यादि के माध्यम से भी वित्त का प्रबंध कर सकता है।     

3. आवश्यक लाइसेंस एवं पंजीकरण (Required License for Plastic Recycling):

सबसे पहले उद्यमी को अपने व्यवसाय को रजिस्ट्रार ऑफ़ कम्पनीज में रजिस्टर करने की आवश्यकता होगी। और जब उद्यमी का Plastic Recycling का व्यवसाय एक वैधानिक रूप प्राप्त कर लेता है तो उसके बाद उद्यमी को स्थानीय प्राधिकरण से ट्रेड लाइसेंस या फैक्ट्री लाइसेंस लेने की आवश्यकता हो सकती है । टैक्स रजिस्ट्रेशन के तौर जीएसटी रजिस्ट्रेशन, फायर एवं पोल्यूशन डिपार्टमेंट से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट, उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन इत्यादि की भी आवश्यकता हो सकती है।     

4. मशीनरी की खरीदारी

Plastic Recycling Business शुरू करने के लिए विभिन्न प्रकार की मशीनरी इस्तेमाल में लायी जाती है जिनकी कीमतें कई लाख रुपयों में हो सकती है। इसलिए मशीनरी की खरीदारी करते समय किसी भी धोखे से बचने के लिए बेहद सावधानी एवं समझदारी से काम लेना अति आवश्यक है। मशीनरी की खरीदारी से पहले उद्यमी को विभिन्न मशीनरी सप्लायर से कोटेशन मंगा लेनी चाहिए और फिर उनका तुलनात्मक विश्लेषण करने के पश्चात सप्लायर का चुनाव करना चाहिए। इस व्यवसाय में इस्तेमाल में लायी जाने वाली कुछ प्रमुख मशीनरी की लिस्ट इस प्रकार से है।

विभिन्न मोटर क्षमता के ग्राइंडर

  • डस्ट क्लीनर
  • कन्वेयर बेल्ट
  • राउंड वाशिंग मशीन
  • हाइड्रो ड्रायर
  • मिक्सर मशीन
  • अग्ग्लोमेरेटेड मशीन
  • रीसाइक्लिंग     

5. प्लास्टिक के अपशिष्ट को खरीदना

हालांकि ऐसे लोग जो लोगों के घरों एवं अन्य स्थलों से प्लास्टिक अपशिष्ट को एकत्रित करते हैं वे नजदीकी Plastic Recycling Plant में इन्हें बेचने के लिए अपने आप पहुँच जाते हैं। लेकिन यदि ऐसा नहीं होता है तो उद्यमी उस एरिया में स्थित कबाड़ एकत्रित करने वाले लोगों से संपर्क करके प्लास्टिक के अपशिष्ट खरीद सकता है।  

6. प्लास्टिक रीसाइक्लिंग शुरू करना (Start Plastic Recycling Process):

Plastic Recycling Process में प्लास्टिक सामग्री को रीसायकल करने से पहले इसे विभिन्न स्तरों से होकर गुज़ारा जाता है। ताकि इसे रीसायकल करने के बाद विभिन्न उत्पादों को बनाने के इस्तेमाल में लाया जा सके।

छंटाई प्रक्रिया : सबसे पहले प्लास्टिक के अपशिष्ट की इसके मेक एवं प्रकार के आधार पर छंटाई की जाती है ताकि उसे मशीन के अनुसार संसाधित किया जा सके।

प्लास्टिक के छोटे टुकड़े बनाना: प्लास्टिक के छोटे टुकड़े बनाने की इस प्रक्रिया को श्रेडिंग भी कहा जाता है। इसमें प्लास्टिक के अपशिष्ट को अलग अलग कन्वेयर बेल्ट में लोड कर दिया जाता है और फिर विभिन्न श्रेडर की मदद से इन्हें छोटे छोटे टुकड़ों में परिवर्तित कर दिया जाता है।  

ग्राइंडिंग प्रक्रिया : उसके बाद ग्राइंडिंग प्रक्रिया को अंजाम दिया जाता है ग्राइंडर का इस्तेमाल प्लास्टिक के छोटे दानों से अपशिष्ट को हटाने के लिए किया जाता है।

डस्ट क्लीनिंग : ग्राइंडिंग के बाद डस्ट क्लीनिंग प्रक्रिया को पूर्ण किया जाता है यह प्रक्रिया प्लास्टिक अपशिष्ट से धूल इत्यादि हटाने कजे लिए की जाती है। हालांकि कठोर प्लास्टिक अपशिष्ट के लिए इसकी आवश्यकता नहीं होती है।

कन्वेयर वाशिंग : इस तरह की इस प्रक्रिया में प्लास्टिक अपशिष्ट को साफ़ पानी में अच्छी तरह धोया जाता है।

ड्रम वाशिंग : Plastic Recycling Process में कन्वेयर वाशिंग के बाद ड्रम वाशिंग प्रक्रिया को पूर्ण किया जाता है। इसमें इस सामग्री को धोने के लिए एक बड़े से गोल आकार के ड्रम का इस्तेमाल किया जाता है।

ड्रायर प्रक्रिया : इस प्रक्रिया में सामग्री को सुखाने के लिए हाइड्रो ड्रायर का इस्तेमाल किया जाता है सामग्री को ड्रम से सीधे इसी में डाला जाता है।

एग्लोमरेशन प्रक्रिया : इस प्रक्रिया में सामग्री का मिश्रण तैयार किया जाता है हार्ड प्लास्टिक के लिए एग्लो-प्रोसेस मशीन का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे बाल्टी, मग इत्यादि के लिए एग्लो-प्रोसेस मशीन और और नरम प्लास्टिक जैसे पॉली बैग इत्यादि के लिए सामान्य मशीन का इस्तेमाल किया जाता है।

रीसाइक्लिंग प्रक्रिया : इस प्रक्रिया में साफ़ किये गए प्लास्टिक को पिघलाया जाता है ताकि Extruded Machine से प्लास्टिक के दानों के तौर पर इसे बाहर निकाला जा सके। इन प्लास्टिक के छर्रों या दानों का इस्तेमाल प्लास्टिक के विभिन्न उत्पादों को बनाने के लिए किया जाता है।

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श्री मद भागवत माहापुराण

Vinod meghwaniश्रीमद् भागवत महापुराण और भगवद्गीता के बीच क्या अंतर है?
श्रीमद् भागवत या भागवत महापुराण:-
नारद जी की प्रेरणा से वेद व्यास जी ने श्रीमद् भागवत ग्रन्थ लिखा।श्रीमद् भागवत या भागवत महापुराण 18 विभिन्न पुराणों में से 5 वें प्रमुख पुराण हैं।इसमें 12 अलग-अलग स्कन्द ,335 अध्याय  और लगभग 18,000 श्लोक शामिल हैं।अन्य पुराणों के समान, श्रीमद् भागवत ऋषि वेद व्यास द्वारा लिखे गए हैं। ऋषि शुकदेव जी,जो वेद व्यास के बेटे थे उन्होंने श्रीमद् भागवत को राजा परीक्षित को सुनाया था।राजा परीक्षित वो जिनको ऋषि श्रुंगी द्वारा 7 दिनों में तक्षक सांप द्वारा मारे जाने के लिए शाप दिया गया था। 
श्रीमद् भागवत (10 वीं स्कंद) में:-
हमें श्री कृष्ण के बचपन के बारे बहुत कुछ जानने को मिलता है उनकी सम्पूर्ण बाल लीला बहुत ही अद्भुत है। कैसे उनका जन्म हुआ कैसे वो ग्वाल बाल के साथ खेले ,मक्खन चोरी लीला , गोपी के संग रस लीला को 10 वीं स्कंद में वर्णित किया गया है। इतना ही नहीं कृष्णा प्रेम की अद्भुत गाथा है इसमें भक्तो की श्री कृष्णा के प्रति समर्पण ,प्रेम को बहुत ही भक्तिमय तरीके से वेद व्यास जी ने गाया है।
ये ग्रन्थ सबसे आखरी ग्रन्थ है जिसको लिखने के बाद श्री वेद व्यास जी ने कोई और ग्रन्थ नहीं लिखा। ये इस ग्रन्थ की सबसे खास बात है।श्रीमद् भागवत में श्री विष्णु भगवान के 24 अवतारों के बारे में बताया गया है।
जब जब धरती पे अधर्म बढ़ता है।जब जब भक्तो की पुकार उनका प्रेम अपनी चरम सीमा से आगे निकल जाता है। तो भगवान को धरती पे प्रकट होना पड़ता है।धर्म की स्थापना के लिए और भक्तो को दर्शन देने के लिए।
श्रीमद् भागवत भगवान कृष्ण के जीवन से भरे हुए हैं। या यह कह सकते हैं श्रीमद् भागवत श्री कृष्ण का जीवन है। और श्रीमद् भागवत श्री कृष्ण की व्यक्तिगत डायरी भी हैं।इसमें बताया गया है कि वृंदावन प्यार की भूमि कैसे है।
क्यों पढ़ना चाहिए श्रीमद् भागवत :-
आज हमारा जीवन बहुत ही व्यस्त हो गया है। ऐसा नहीं की पहले के  लोगो का जीवन व्यस्त पूर्ण नहीं था। उनके जीवन में व्यस्तता होने के साथ ही धैर्य, संतोष भी था। समय बदलता गया और हमारी जरूरते भी बदलती गयी। समय हमेशा एक जैसा नहीं रहता परिवर्तन ही नियति का नियम है। आज हम जीवन जीने का ढंग भूलते जा रहे है।श्रीमद् भागवत हमें सही जीवन जीने का ढंग सिखाती है।
श्रीमद् भागवत में इसका बहुत ही अच्छा प्रमाण मिलता है और सीख भी कि प्रेम सृष्टि का आधार है और स्वार्थ इंसान को विनाश की तरफ ले जाता है।केवल श्वास लेना ही जीवन नहीं है अपितु कर्तव्यपूर्ण कर्म में ही जीवन है।श्रीमद् भागवत हमें बार बार मरने से बचाती है जब तक हमें जीवन का परम लक्ष्य नहीं समझ आता जो सच्चिदानन्द पूर्ण परमात्मा है। तब तक बार बार हमें जन्म लेना पड़ेगा।
श्रीमद् भागवत में से आपको शिक्षा मिलती है कि जब सभी साथ छोड़ देते हैं,जब आप अपना सब कुछ उस पूर्ण परमात्मा पर छोड़ देते हैं तब श्री कृष्णा आपके कष्टों का पहाड़ उठा लेते है और आपकी रक्षा करते है।श्रीमद् भागवत में आपके सभी प्रश्नों का जवाब है। बस वो नज़र वो समझ होनी चाहिए जो उसे समझ सके।  जो उनकी कृपा से ही संभव है।
भगवद्गीता :-
महाभारत के भीष्म पर्व (6 वें भाग) का हिस्सा है। गीता में 18 छोटे अध्याय होते हैं और लगभग 700 श्लोक होते हैं। यह ऋषि वेद व्यास (जिन्होंने पूरे महाभारत की रचना की थी) द्वारा भी लिखा था। युद्ध के मैदान पर भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का जिक्र किया था।
महाभारत के अनुसार, भगवान कृष्ण ने उस समय को रोक दिया, जब महान युद्ध शुरू हो रहा था और गीता को अर्जुन से मानसिक रूप से स्थिर करने और बहादुरी से लड़ने के लिए पर्याप्त कुशल बनाने के लिए सुनाना था।
क्यों पढ़ना चाहिए भगवद्गीता :-
एक दिन पहले,अर्जुन युद्ध में जाने के लिए सभी पहलुओं में तैयार था लेकिन कुरुक्षेत्र (युद्ध स्थल) में प्रवेश करते समय गंभीर दिमाग में उलझन में उलझ गया,क्योंकि वह जिन लोगों के साथ लड़ने जा रहा था, वे अपने रिश्तेदार और शिक्षक थे। जांचें कि क्या आपके पास इन सभी संदेहों का उत्तर है और यदि नहीं, तो आपके पास गीता पढ़ने का एक कारण है।
एक प्रतिकूल परिस्थिति के दौरान सही क्या है, अपने कर्तव्यों का पालन करना या अपने प्रियजनों की देखभाल करना?अगर कर्त्तव्य पुकारता है धर्म की स्थापना करने के लिए परन्तु रिश्तेदारों ही अधर्म के पथ पे आगे निकल रहें हो तो क्या मुझे अपने रिश्तेदारों को मारना/सजा देनी चाहिए?
जैसा कि मैं अपना कर्तव्य कर रहा हूं, क्या उनकी पत्नियों विधवाओं और बच्चों को अनाथ बनाने पर पाप मुझ पर होंगे?
यदि हां, तो यह मेरे लिए उचित कैसे है?
यदि नहीं, तो उन महिलाओं और बच्चों की गलती क्या थी?
क्या हम अपने जीवन में सिर्फ जीत / पैसा चाहते हैं?
यदि नहीं, तो हमारी अंतिम इच्छा क्या है?
क्या हर आदमी खुश रह सकता है / क्या “अनन्त खुशी” मौजूद है?
यदि नहीं, तो अधिकांश समय में कैसे खुश रहें?
यदि हां, अनन्त खुशी प्राप्त करने के तरीके क्या हैं?

मोदी जी के सामने मोदी जी की नकल


Vinod meghwani  मोदी जी के मोदी जी की नकल,,,,,,

बुधवार, 9 जून 2021

औलाद ( कहानी )

Vinod meghwani*एक पागल भिखारी: पढियेगा जरूर*
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 जब बुढ़ापे में अकेला ही रहना है तो औलाद क्यों पैदा करें उन्हें क्यों काबिल बनाएं जो हमें बुढ़ापे में दर-दर के ठोकरें खाने  के लिए छोड़ दे ।

क्यों दुनिया मरती है औलाद के लिए, जरा सोचिए इस विषय पर।

लेखक ,,अजनबी ,,,,कहानी ---------------------------
औलाद,,,
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 औलाद ,,, पुत्र,,,के प्रति एक नया दृष्टिकोण आपको प्राप्त होगा।समय निकालकर अवश्य पढ़ें।
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हमेशा की तरह मैं आज भी, परिसर के बाहर बैठे भिखारियों की मुफ्त स्वास्थ्य जाँच में व्यस्त था। स्वास्थ्य जाँच और फिर मुफ्त मिलने वाली दवाओं के लिए सभी भीड़ लगाए कतार में खड़े थे।

अनायाश सहज ही मेरा ध्यान गया एक बुजुर्ग की तरफ गया, जो करीब ही एक पत्थर पर बैठे हुए थे। सीधी नाक, घुँघराले बाल, निस्तेज आँखे, जिस्म पर सादे, लेकिन साफ सुथरे कपड़े। 
कुछ देर तक उन्हें देखने के बाद मुझे यकीन हो गया कि, वो भिखारी नहीं हैं। उनका दाँया पैर टखने के पास से कटा हुआ था, और करीब ही उनकी बैसाखी रखी थी।

फिर मैंने देखा कि,आते जाते लोग उन्हें भी कुछ दे रहे थे और वे लेकर रख लेते थे। मैंने सोचा ! कि मेरा ही अंदाज गलत था, वो बुजुर्ग भिखारी ही हैं।

उत्सुकतावश मैं उनकी तरफ बढ़ा तो कुछ लोगों ने मुझे आवाज लगाई : 
"उसके करीब ना जाएँ डॉक्टर साहब, 
वो बूढा तो पागल है । "

लेकिन मैं उन आवाजों को नजरअंदाज करता, मैं उनके पास गया। सोचा कि, जैसे दूसरों के सामने वे अपना हाथ फैला रहे थे, वैसे ही मेरे सामने भी हाथ करेंगे, लेकिन मेरा अंदाज फिर चूक गया। उन्होंने मेरे सामने हाथ नहीं फैलाया।

मैं उनसे बोला : "बाबा, आपको भी कोई शारीरिक परेशानी है क्या ? "

मेरे पूछने पर वे अपनी बैसाखी के सहारे धीरे से उठते हुए बोले : "Good afternoon doctor...... I think I may have some eye problem in my right eye .... "

इतनी बढ़िया अंग्रेजी सुन मैं अवाक रह गया। फिर मैंने उनकी आँखें देखीं। 
पका हुआ मोतियाबिंद था उनकी ऑखों में । 
मैंने कहा : " मोतियाबिंद है बाबा, ऑपरेशन करना होगा। "

बुजुर्ग बोले : "Oh, cataract ? 
I had cataract operation in 2014 for my left eye in Ruby Hospital."

मैंने पूछा : " बाबा, आप यहाँ क्या कर रहे हैं ? "

बुजुर्ग : " मैं तो यहाँ, रोज ही 2 घंटे भीख माँगता हूँ  सर" ।

मैं : " ठीक है, लेकिन क्यों बाबा ? मुझे तो लगता है, आप बहुत पढ़े लिखे हैं। "

बुजुर्ग हँसे और हँसते हुए ही बोले : "पढ़े लिखे ?? "

मैंने कहा : "आप मेरा मजाक उड़ा रहे हैं, बाबा। "

बाबा : " Oh no doc... Why would I ?... Sorry if I hurt you ! "

मैं : " हर्ट की बात नहीं है बाबा, लेकिन मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा है। "

बुजुर्ग : " समझकर भी, क्या करोगे डॉक्टर ? "
अच्छा "ओके, चलो हम, उधर बैठते हैं, वरना लोग तुम्हें भी पागल हो कहेंगे। "(और फिर बुजुर्ग हँसने लगे)

करीब ही एक वीरान टपरी थी। हम दोनों वहीं जाकर बैठ गए।

" Well Doctor, I am Mechanical Engineer...."--- बुजुर्ग ने अंग्रेजी में ही शुरुआत की--- " 
मैं, * कंपनी में सीनियर मशीन ऑपरेटर था।
एक नए ऑपरेटर को सिखाते हुए, मेरा पैर मशीन में फंस गया था, और ये बैसाखी हाथ में आ गई। कंपनी ने इलाज का सारा खर्चा किया, और बाद में  कुछ रकम और सौंपी, और घर पर बैठा दिया। क्योंकि लंगड़े बैल को कौन काम पर रखता है सर ? "
"फिर मैंने उस पैसे से अपना ही एक छोटा सा वर्कशॉप डाला। अच्छा घर लिया। बेटा भी मैकेनिकल इंजीनियर है। वर्कशॉप को आगे बढ़ाकर उसने एक छोटी कम्पनी और डाली। "

मैं चकराया, बोला : " बाबा, तो फिर आप यहाँ, इस हालत में कैसे ? "

बुजुर्ग : " मैं...? 
किस्मत का शिकार हूँ ...."
" बेटे ने अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए, कम्पनी और घर दोनों बेच दिए। बेटे की तरक्की के लिए मैंने भी कुछ नहीं कहा। सब कुछ बेच बाचकर वो अपनी पत्नी और बच्चों के साथ जापान चला गया, और हम जापानी गुड्डे गुड़िया यहाँ रह गए। "
ऐसा कहकर बाबा हँसने लगे। हँसना भी इतना करुण हो सकता है, ये मैंने पहली बार अनुभव किया।

फिर बोला : " लेकिन बाबा, आपके पास तो इतना हुनर है कि जहाँ लात मारें वहाँ पानी निकाल दें। "

अपने कटे हुए पैर की ओर ताकते बुजुर्ग बोले : " लात ? कहाँ और कैसे मारूँ, बताओ मुझे  ? "

बाबा की बात सुन मैं खुद भी शर्मिंदा हो गया। मुझे खुद बहुत बुरा लगा।

प्रत्यक्षतः मैं बोला : "आई मीन बाबा, आज भी आपको कोई भी नौकरी दे देगा, क्योंकि अपने क्षेत्र में आपको इतने सालों का अनुभव जो है। "

बुजुर्ग : " Yes doctor, और इसी वजह से मैं एक वर्कशॉप में काम करता हूँ। 8000 रुपए तनख्वाह मिलती है मुझे। "

मेरी तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा था। मैं बोला : 
"तो फिर आप यहाँ कैसे ? "
बुजुर्ग : "डॉक्टर, बेटे के जाने के बाद मैंने एक चॉल में एक टीन की छत वाला घर किराए पर लिया। वहाँ मैं और मेरी पत्नी रहते हैं। उसे Paralysis है, उठ बैठ भी नहीं सकती। "
" मैं 10 से 5 नौकरी करता हूँ । शाम 5 से 7 इधर भीख माँगता हूँ और फिर घर जाकर तीनों के लिए खाना बनाता हूँ। "

आश्चर्य से मैंने पूछा : " बाबा, अभी तो आपने बताया कि, घर में आप और आपकी पत्नी हैं। फिर ऐसा क्यों कहा कि, तीनों के लिए खाना बनाते हो ? "

बुजुर्ग : " डॉक्टर, मेरे बचपन में ही मेरी माँ का स्वर्गवास हो गया था। मेरा एक जिगरी दोस्त था, उसकी माँ ने अपने बेटे जैसे ही मुझे भी पाला पोसा। दो साल पहले मेरे उस जिगरी दोस्त का निधन हार्ट अटैक से हो गया तो उसकी 92 साल की माँ को मैं अपने साथ अपने घर ले आया तब से वो भी हमारे साथ ही रहती है। "

मैं अवाक रह गया। इन बाबा का तो खुद का भी हाल बुरा है। पत्नी अपंग है। खुद का एक पाँव नहीं, घरबार भी नहीं, 
जो था वो बेटा बेचकर चला गया, और ये आज भी अपने मित्र की माँ की देखभाल करते हैं। 
कैसे जीवट इंसान हैं ये ?

कुछ देर बाद मैंने समान्य स्वर में पूछा : " बाबा, बेटा आपको रास्ते पर ले आया, ठोकरें खाने को छोड़ गया। आपको गुस्सा नहीं आता उस पर ? "

बुजुर्ग : " No no डॉक्टर, अरे वो सब तो उसी के लिए कमाया था, जो उसी का था, उसने ले लिया। इसमें उसकी गलती कहाँ है ? "

" लेकिन बाबा "--- मैं बोला "लेने का ये कौन सा तरीका हुआ भला ? सब कुछ ले लिया। ये तो लूट हुई। "
" अब आपके यहाँ भीख माँगने का कारण भी मेरी समझ में आ गया है बाबा। आपकी तनख्वाह के 8000 रुपयों में आप तीनों का गुजारा नहीं हो पाता अतः इसीलिए आप यहाँ आते हो। "

बुजुर्ग : " No, you are wrong doctor. 8000 रुपए में मैं सब कुछ मैनेज कर लेता हूँ। लेकिन मेरे मित्र की जो माँ है, उन्हें, डाइबिटीज और ब्लडप्रेशर दोनों हैं। दोनों बीमारियों की दवाई चल रही है उनकी। बस 8000 रुपए में उनकी दवाईयां मैनेज नहीं हो पाती । "
" मैं 2 घंटे यहाँ बैठता हूँ लेकिन भीख में पैसों के अलावा कुछ भी स्वीकार नहीं करता। मेडिकल स्टोर वाला उनकी महीने भर की दवाएँ मुझे उधार दे देता है और यहाँ 2 घंटों में जो भी पैसे मुझे मिलते हैं वो मैं रोज मेडिकल स्टोर वाले को दे देता हूँ। "

मैंने अपलक उन्हें देखा और सोचा, इन बाबा का खुद का बेटा इन्हें छोड़कर चला गया है और ये खुद किसी और की माँ की देखभाल कर रहे हैं।
मैंने बहुत कोशिश की लेकिन खुद की आँखें भर आने से नहीं रोक पाया।

भरे गले से मैंने फिर कहा : "बाबा, किसी दूसरे की माँ के लिए, आप, यहाँ रोज भीख माँगने आते हो ? "

बुजुर्ग : " दूसरे की ? अरे, मेरे बचपन में उन्होंने बहुत कुछ किया मेरे लिए। अब मेरी बारी है। मैंने उन दोनों से कह रखा है कि, 5 से 7 मुझे एक काम और मिला है। "

मैं मुस्कुराया और बोला : " और अगर उन्हें पता लग गया कि, 5 से 7 आप यहाँ भीख माँगते हो, तो ? "

बुजुर्ग : " अरे कैसे पता लगेगा ? दोनों तो बिस्तर पर हैं। मेरी हेल्प के बिना वे करवट तक नहीं बदल पातीं। यहाँ कहाँ पता करने आएँगी.... हा....हा... हा...."

बाबा की बात पर मुझे भी हँसी आई। लेकिन मैं उसे छिपा गया और बोला : " बाबा, अगर मैं आपकी माँ जी को अपनी तरफ से नियमित दवाएँ दूँ तो ठीक रहेगा ना। फिर आपको भीख भी नहीं मांगनी पड़ेगी। "

बुजुर्ग : " No doctor, आप भिखारियों के लिए काम करते हैं। माजी के लिए आप दवाएँ देंगे तो माजी भी तो भिखारी कहलाएंगी। मैं अभी समर्थ हूँ डॉक्टर, उनका बेटा हूँ मैं। मुझे कोई भिखारी कहे तो चलेगा, लेकिन उन्हें भिखारी कहलवाना मुझे मंजूर नहीं। "
" OK Doctor, अब मैं चलता हूँ। घर पहुँचकर अभी खाना भी बनाना है मुझे। "

मैंने निवेदन स्वरूप बाबा का हाथ अपने हाथ में लिया और बोला : " बाबा, भिखारियों का डॉक्टर समझकर नहीं बल्कि अपना बेटा समझकर मेरी दादी के लिए दवाएँ स्वीकार कर लीजिए। "

अपना हाथ छुड़ाकर बाबा बोले : " डॉक्टर, अब इस रिश्ते में मुझे मत बांधो, please, एक गया है, हमें छोड़कर...."
" आज मुझे स्वप्न दिखाकर, कल तुम भी मुझे छोड़ गए तो ? अब सहन करने की मेरी ताकत नहीं रही...."

ऐसा कहकर बाबा ने अपनी बैसाखी सम्हाली। और जाने लगे, और जाते हुए अपना एक हाथ मेरे सिर पर रखा और भर भराई, ममता मयी आवाज में बोले : "अपना ध्यान रखना मेरे बच्चे..."

शब्दों से तो उन्होंने मेरे द्वारा पेश किए गए रिश्ते को ठुकरा दिया था लेकिन मेरे सिर पर रखे उनके हाथ के गर्म स्पर्श ने मुझे बताया कि, मन से उन्होंने इस रिश्ते को स्वीकारा था।

उस पागल कहे जाने वाले मनुष्य के पीठ फेरते ही मेरे हाथ अपने आप प्रणाम की मुद्रा में उनके लिए जुड़ गए।

*हमसे भी अधिक दुःखी, अधिक विपरीत परिस्थितियों में* *जीने वाले ऐसे भी लोग हैं।*
*हो सकता है इन्हें देख हमें* *हमारे दु:ख कम प्रतीत हों, और दुनिया को देखने का हमारा नजरिया बदले....*     

हमेशा अच्छा सोचें, हालात का सामना करे...

कहानी से कुछ प्रेरणा मिले तो जीव मात्र पर दया करना ओर परोपकार की भावना बच्चों में जरूर दें।

कहानी के मर्म को समझे 

लेखक ,,अजनबी ,,,,

तुह्नजी ,,भीत असांजी भीत गड़यल आहे ,,मस्त कामेडी


Vinod meghwani एक खबर भीत भीत जा जुड़यल ,,,पडोसी ,😐😄😄

सोमवार, 7 जून 2021

शराब पीने से लीवर ,,,खराब होता है हमे शराब नही पीनी चाहिये --एक खबर

Vinod meghwani एक खबर # shrab ka  सेवन करना शरीर के लिये नुकसान दायक  है# पर उसके बाद भी सरकारे शराब बेचती है # 
शराब न सिर्फ शरीर को खोखला बनाती है बल्कि मानसिक संतुलन को भी बिगाड़ती है। इसके लगातार सेवन से व्यक्ति असमय बूढ़ा दिखने लगता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि ऐसी हेय वस्तु को हाथ लगाना भी महापाप है। आपने कई लोगों को यह कहते भी सुना ही होगा कि शराब पीने से इन्द्रियों में ताजगी आ जाती है, हमारी पाचन शक्ति बढ़ती है, थोड़ी मात्रा में शराब का सेवन किसी टॉनिक की भांति कार्य करता है, यह सब उनकी भ्रांति है। वास्तविकता यह है कि शराब के लगातार सेवन से मनुष्य के शरीर में अनेक रोग उत्पन्न हो जाते हैं। जो न उसे बल्कि उसके परिवार को भी परेशानी में डालते हैं।

निष्कर्ष

शराब का सेवन किसी भी दृष्टिकोण से लाभदायक नहीं होता है, इसका सेवन सिर्फ और सिर्फ अपने और दूसरों के घर को उजाड़ने में सहायक होता है। हर किसी को इसके दुष्प्रभाव के बारे में जानना व समझना चाहिए क्योंकि तभी कोई भी शराबबंदी की तरफ कदम बढ़ा सकता है। सिर्फ अपने मोहल्ले या राज्य को नहीं बल्कि पूरे देश को शराब मुक्त बनाने का संकल्प लेना है और तभी हम सभी बेहतर उन्नति कर पायेंगे और हमारा देश जो वर्षों से विकासशील है वो विकसित हो पायेगा # विनोद राजा मेघवानी # sindhi star #

एक खबर TV ते सिन्धी भाषा मे जाल ,,घोट जो ,,झगडो


Vinod meghwani एक खबर TV ते सिन्धी भाषा मे जाल घोट ( पति पत्नी ) जो ,,झगडो वीडियो डिसो

प्रधानमंत्री मोदी का ऐलान ,,,सभी भारतीय नागरिकों को ,,मुफ्त,,,वेक्सीन लग्गेगी - एक खबर


Vinod meghwani एक खबर प्रधानमंत्री मोदी जी का ऐलान,,,सब को मुफ्त वैक्सीन लगेगी,,,।

सिन्धी भाषा मे 3 इडियट सिन्धी कामेडी शो


Vinod meghwani एक खबर कामेडी  शो देखे पूरा वीडयो 

अमेरिका में वैक्सीन लगवाने पर राष्ट्रपति जो बाइडेन बियर दे रहे है और तमिलनाडु इंडिया में वेक्सीन लगाने पर बर्तन गिप्ट मिल रहे है ,,--विनोद मेघवानी एक खबर


Vinod meghwani एक खबर विनोद मेघवानी अमरीका में वेक्सीन लगाने पर अमेरिका राष्ट्रपति ने ठंडी ,बियर ,देने की घोषणा की है और इंडिया में तमिलनाडु के गाँव मे वेक्सीन लगाने पर बर्तन गिप्ट मिल रहे है,,,,😊

बंद कमरे में बनाए जाने वाले वीडियो से अंधी कमाई

Vinod raja meghwani (sampadak),,,, बन्द कमरे में बनाए जाने वाले वीडियो से  अंधी कमाई कितनी हे,,,?????