बुधवार, 30 सितंबर 2020

टैक्स फ़्री 5 साल तक छत्तीसगढ़ राज्य घोषित करे मोदी सरकार और भुपेश सरकार ,,,

 छतीसगड को ।मोदी सरकार और भुपेश सरकार 5 साल तक टेक्स मुक्त कर दे ,,,,,,टेक्स फ्री  राज्य घोषित कर दे ,,,,,,लो कल से दुर्ग भी,,,,,,,अनलॉक,,,,,हो जायेगा ,,,,खुल जाएगी मार्केट,,,,,, पर क्या,,,,, वो रौनक वो खुशहाली फिर लौटेगी,,,,,,,,,,,,,,किसे दोष दे हम आज की परिस्थितियों के लिये । मोदी सरकार को देश परिस्थितियों के ओर छतीसगड की परिस्थितियों के लीये भुपेश सरकार को । पहले मोदी जी से पूछते है माननीय प्रधानमंत्री जी  आज देश मे कोरोना से जितनी मोते हुई है इतनी तो कोरोना से पहले किसी न किसी कारण वश होती थी ,,,,,,फिर देश को लॉक डाउन के कारण  क्या थे आप ने देश को लॉक डाउन अपनी सरकार को बचाने के लिये किया अपनी विफलताओं से बचने के लिये किया ,,,,नोटबन्दी , gst , को जनता भूल जाये  इसलिए लॉक डाउन किया । माननीय प्रधानमंत्री जी आज देश 30 साल पीछे हो गया ऐसा महसूस होता है आज जब बीते 6।महीनों कोरोना काल लाखो लोगो की नोकरियों चली गई छोटे छोटे और मीडियम व्यापारियों के धंधे बन्द होने की स्थिति में पुहुच गये फिर मुकेश अंबानी की दौलत हर 6 घन्टे 90 करोड़ बढ़ती रही ,,,,,उस पर लॉक डाउन का असर क्यो नही पड़ा ये केसी व्यस्था है छोटे छोटे व्यापारी कर्ज में दब रहे और ,,,,,ओर सरकार किसानों के लिए बहुत कुछ कर रही पर व्यापारियों से केंद्र सरकार की क्या दुश्मनी जो व्यापारियों के लीये कुछ नही हो राहा उल्टा टैक्स के दबाव बढ़ाया जा राहा है छत्तीसगढ़ सरकार भी किसानों की हितैषी सरकार है हर संभव प्रयास कर रही है कि किसानों को अधिक से अधिक उपज का सही दाम मिले पर छत्तीसगढ़  सरकार भी व्यापारियों के लिये कुछ नही कर रही है । अगर मोदी सरकार और भुपेश सरकार व्यापारी को राहत देना चाहती है तो छतीसगड को 5 साल के लिए gst से मुक्ति दे दे व्यापारियों से 5 साल तक gst न ले टेक्स मुक्त व्यापर कर दे ,,,,,,,,विनोद मेघवानी


बुधवार, 23 सितंबर 2020

We have the right to demand the sindhi state from the central government . Without taking away the freedom of expression of the sangh sindhi society _ vinod meghwani

 The Sangh did not take away the freedom of expression of Sindhi society. ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, Do not take any offense. But we are neither afraid to write the truth nor to speak it. We want to bring Sindhi society forward in politics. When I was not born, the elder elders of Sindhi society have graced the posts of MP, MLA, Mayor, in some state of India, from Congress to Union to BJP. Honorable Iron Man Lal Kush Advani, who earned the highest name, prepared the Sindhi society to enter politics and if the name of Sindhi society is in politics today, there is no doubt because of LK Advani. But Advani ji is very emotional and simple in nature, so he could not understand the tricks of the political players of the new time and only the name is left and the ministers are ruling today. In the Parliament session, Shankar Lalwani ji demanded the formation of Sindhi State, then the Sangh reprimanded him that the people of all religions of Indore have chosen him to remain within their limits. We question those intellectuals, so far the new states that have been formed have been made on the demand of the people. Shankar Lalwani is also the representative of the Sindhi people. No government or any party can suppress the voice of the people and express themselves in democracy. There is freedom and the MP has more right, so the Union is requested not to stop our freedom of expression, by writing and speaking we can appeal to the Central Government to create a new state, this is the right of the Sindhi society. Vinod Meghwani (a news editor)

रविवार, 20 सितंबर 2020

हेम सिंध चाहिये बिना आंदोलन के शांति से - विनोद मेघवानी


 जय झुलेलाल हमे सिंध चाहिये (अंडमान निकोबार में ) - विनोद मेघवानी ।बीजेपी ने  अपने राजनीतिक फायदे के लिऐ तीन राज्य बनाये तो संघ ने भी ता रीफ की  ओर संसद में इंदौर सांसद ने सिन्धी में भाषण दिया और सिन्धी राज्य की मांग रखी तो नागपुर से सांसद शंकर लालवानी जी को फटकार लगाई की अपने आप को आडवानी से बड़ा मत साबित करो और अपनी सीमा में रहो । हम संघ और बीजेपी से इतना ही कहेंगे हम सिंध राजा दाहिर सेन के वंशज है कभी सिंध हिंदुस्तान की शान हुआ करता था और इतिहास गवाह है की हिंदुस्तान की रक्षा के लिये मुगलों से युद्ध मे राजा दाहिर सेन ने अपना बलिदान दिया राष्ट की रक्षा के लीये दिया । जब विभाजन हुआ जातीगत आधरित राज्यों की स्थापना की गई तो सिंध राज्य की स्थापना क्यो नही की इसका विरोध संघ सरचालक ने उस समय की सरकार से क्यो नही किया जितना दोष कांग्रेस का है उतना ही दोष संघ और बीजेपी का है हमे सिंध चाहिए हिदुस्तान में आज जब सांसद ने आवाज उठाई है तो तो संघ क्यो बुरा मान राहा है ।जब एक सरकार विभाजन के समय सिंधीयो के सिंध को दूसरे देश को दे सकती है । तो वर्तमान सरकार अपने देश के सिंधीयो को सिंध बना के क्यो नही दे सकती हम आज से  आवाज बुलंद करते है,,,,,हमे सिंध चाहिये ,,,अंडमान निकोबार में  ये आंदोलन सोशल मिडिया पर चलता रहेगा जब तक सिंध नही मिलता विनोद मेघवानी के नेतृत्व में ,,,,,,एक खबर,,,,

शनिवार, 19 सितंबर 2020

अर्नब गोस्वामी अमिताभ बच्चन और जया बच्चन जी से ,,,माफी ,मांग

 क्या ,,,,कसूर है ,,,,सदी महानायक ,,,, अमिताभ बच्चन का ,,,,, अर्नब गोस्वामी ,,, रवि किशन जी आप बताओ,,,,,,कंगना  रणोत जी आप बताओ ,,,,, जया बच्चन जी का ,,,,पूछता है ,,,,,एक खबर ,,,,,,विनोद मेघवानी ,,,,आप से ,,,,अर्नब गोस्वामी तू,,,,,में भी तुझे तू कहकर संबोधित करूंगा,,,,क्यो की तू,,,,, जनप्रतिनिधियों ओर जनता के चुने माननीय ,,,मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जी ,,,,को  इज्ज़त नही दे सकता तो हम तुझ जैसे एक हिस्टोरियम व्यक्ति को इज्जत कैसे दे । तू अपने चेनल पे बैठ कर माननीय मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जी को चेलेंज करता है कि वन बाई वन बहस करो ,,,। में विनोद मेघवानी एक खबर  न्यूज पोर्टल संपादक  तुझे ,,,,चेलेंज करता हू की तू देश के किसी भी टीवी चैनल पर वन बाई वन मुझसे बहस कर मेने तेरे शब्दो की धज्जियां न उड़ा दी तो कहना । तूने महानायक अमिताभ बच्चन को रसुवा किया तुझे अमिताभ बच्चन और जया बच्चन से माफी मांगनी चाहिये,,,,,, वरना ,,,भारत की जनता ,,,,पूछता है भारत के अर्नब गोस्वामी की,,,,छुट्टी कर देगी ,,,,विनोद मेघवानी एक खबर


I P L क्रिकेट या सट्टेबाजी इसका अवैध भुगतान पार्टनर है Ptm

 एक खबर ( Vinod meghwani)पेटीएम  P T M डिजिटल पेमेंट एप्प जिसके जरिये इंडिया में आम जनता अरबो खरबो रुपये का लेन देन कर रही है । उसे कल गूगल ने ,,,प्लेस्टोर से हटा दिया था ,,, सट्टेबाजी ,,,के आरोप में ,,,,,फिर 4 घन्टे बाद ,,,गूगल प्ले स्टोर पर बहाल हुआ । इन चार घण्टो में लोग परेशान हुऐ जिनकी रकम P T M में जमा थी उनकी सांसे रुक गई हमारी रकम का क्या होगा । आम जनता को इस 4 घन्टे से सबक लेना होगा अपनी रकम के प्रति की आज के बाद हम P T M हो या अन्य कोई भी डिजिटल एप्प हो उसमे जादा रकम नही रखेंगे । अपनी रकम अपने पास रखना सुरक्षित है मेने अपनी रकम गवाई है इसलिये आप को सुझाव है । आपकी रकम की रखवाली आप ही कर सकते है दूसरे नही ब्याज के चक्कर मे अपनी पूंजी डूब जाती है । P T M ओर गूगल के बीच जो झंझट था वो रुपयों को लेकर था । आज से आई पी एल क्रिकेट का ऑनलाइन सट्टा बाजार भी शुरू हो गया जिसका एक पार्टनर P T M भी है जो अवैध पेमेंट का जरिया है सरकार ओर कानून को छोटे छोटे अपराध दिख जाते है ये आईपीएल का अवैध कारोबार नही दिखता बड़े अचंभे की बात है एक खबर।


मंगलवार, 15 सितंबर 2020

मोदी जी ये क्या हो रहा है,,,,,,देश मे

 इंडिया TV ,आजतक ,R bhart Tv ,अन्य चेनलो को देश मे कंगना ओर सुशान्त के आलवा ओर कुछ क्यो नही दिख रहा पूछता है,,,(,,एक खबर Vinod Meghwani )अंधेर नगरी,,,, चौपट राजा ,,,टके सेर भाजी ,,,,टके सेर खाजा,,,,,,,, कोरोना काल मे सिस्टम ,,,बदल गये रास्ते बंद हो गये जनता की तकलीफों को प्रशासन में बैठे अधिकारियों को ये बात समझनी होगी । इस कोरोना काल मे हर विभाग के अधिकारी को दयावान बनना पड़ेगा । जैसी दया छत्तीसगढ़ के दुर्ग के कलेक्टर नरेंद्र भूरे जी और सांसद विजय बघेल जी ने परीक्षा केंद्र में 5 मिनट लेट पुहुचे छात्र की हेल्प की छात्र ने परीक्षा दी ऐसी हेल्प अगर बिहार के दरभंगा जिले के छात्र की हेल्प की होती तो छात्र सन्तोष यादव ,,,डॉक्टर बन जाते ,,,पर । कोलकाता में सन्तोष यादव का परीक्षा केंद्र था ।सन्तोष यादव 700 कि .मी. 25 घन्टे की यात्रा में तीन बस बदली ओर परीक्षा केंद्र पुहुचे 10 मिनट लेट अधिकारियों ने उसे परीक्षा में बैठने नही दिया अधिकारियों से बहुत मिन्नतें की पर किसी भी अधिकारी ने दया नही दिखाई और सन्तोष यादव को एक साल बर्बाद हो गया । इसका जिम्मेदार कौन है ,,,कोरोना ,,,,या सिस्टम,,,,, एक खबर विनोद मेघवानी  प्लीज इस पोस्ट को इतना शेयर करो देश के शिक्षा मंत्री तक ये पुहंचे ओर सन्तोष यादव को हक़ मिले प्लीज,,,,


शनिवार, 12 सितंबर 2020

अर्नब गोस्वामी को नही ,,एक खबर को देंगे इंटरव्यू प्रधानमंत्री जी ,,,क्या,,,

 एक खबर (संपादकीय लेख vinod meghwani)  मेने ओर देश ने TV पे रजत शर्मा को कभी भी चीखते  चिल्लाते नही , रविशकुमार को चिल्लाते नही देखा फिर भी लोग उनको सुनते है क्यो की वो सही भाषा सम्मानित शब्दो का अपने मुख से  प्रयोग करते है । मेने ओर पूरे देश T V पे अर्नब गोस्वामी को भी T V पर देखा कैसे चिल्लाते है कैसे शब्दो का प्रयोग करते है । मेरी नजरो अर्नब गोस्वमी जिस तरह T V पर डिबेट करते है हिस्टोरियम,,,,, एक प्रकार की सनक है  जो व्यक्ति को जुनूनी बना देता है । किसी भी सरकार के पास सत्ता की ताकत होती ही है और ताकत से दंभ आना स्वभविक्ता है । और लोकतंत्र में मीडिया भी सत्ता ही है और उसमें भी ताकत है और अर्नब गोस्वामी जी को भी ताकत का दंभ ( घमंड ) आ गया है । मीडिया और महाराष्ट्र सरकार में कोई  (वाकयुद्ध ) नही हो राहा ये युद्ध तो पार्टी बनाम पार्टी में हो राहा है । पर्दे के पीछे बिगबॉस है कौन है ( बिगबॉस) अभी सस्पेंस है पर राजनीति का  चाणक्य की उसे उपाधि मिली हुई है । बिहार चुनाव सामने है इस बार किसकी सरकार बनेगी इसी को लेकर ये सभी अस्त्र ,,,,,दिशा पाटनी ,सुशान्त राजपूत , बिहार पुलिस ,मुंबई पुलिस ,सीबीआई ,ड्रग्स विभाग , रिया चक्रवती जैसे हथियारों का इस्तेमाल किया गया क्योंकि अब बिहार चुनाव नजदीक है ऐसे में ,,,,ब्राह्ममास्त्र की जरूरत है वो ,,,,कंगना राणावत ,,,के नाम,, चलाया गया जिसके निशान पे महाराष्ट सरकार भी आ गई और बिहार को नया मुख्यमंत्री भी मिल गया,,,,,,, पूछता है भारत मे अगर ये सवाल पूछा जाये,,,,,,की प्रधानमंत्री जी से इंटरव्यू की अपील की जाए  की आप इन चार नामो , रजत शर्मा , रविशकुमार, विनोद मेघवानी , अर्नब गोस्वामी  में किसे इंटरव्यू देंगे तो,,,,हमारे ख्याल से प्रधानमंत्री जी एक खबर  vinod मेघवानी को ही इंटरव्यू देना पसन्द करेंगे ।


शुक्रवार, 11 सितंबर 2020

कोरोनो के कारण ,,,आक्स्जिन सिलेंडर फैक्ट्री 137 के बजाये 250 में दे रहे है

 सूत्रों से मिली ,एक खबर (vinod meghwani)अतुल आक्स्जिन  जामुल में स्थित है कोरोना संक्रमण के मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण आक्स्जिन की खपत बड़ गई फेक्ट्री मालिको को जो उनके मुंहमांगे दाम पर आक्स्जिन ले रही उनको तुरन्त सप्लाई की जाती है । छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यो में भी आक्स्जिन यंहां से जाती है । फेक्ट्री  अनिमितताओं का केंद्र बनी हुई थी इसकी खबर जब खाद्य एवं औषधि विभाग को मिली विभाग के अधिकारी जांच करने पुहुचे उनसे दुर्व्यवहार हुआ।ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी, जांच को पहुंची  कुछ लोग कोरोना महामारी को भी कमाई का अवसर मान रहे हैं। अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति करने वाली एक कंपनी निर्धारित कीमत से ज्यादा दर पर सिलेंडर की बिक्री कर रही थी। इसकी शिकायत मिलने पर औषधि प्रशासन विभाग की टीम कंपनी की जांच के लिए पहुंची। जांच के दौरान कुल 17 बिंदुओं पर अनियमितता पाई गई। बड़े पैमाने पर अनियमितता मिलने के बाद कंपनी संचालक ने टीम के अधिकारियों को धमकाना शुरू कर दिया। धमकाने पर भी जब अधिकारी कार्रवाई की बात पर डटे रहे तो उनसे मारपीट कर उनका मोबाइल छीन लिया गया। पीड़ित अधिकारियों ने जामुल थाने में इसकी शिकायत की है। जिसके आधार पर पुलिस अपराध दर्ज कर रही है।

जानकारी के मुताबिक ड्रग इंस्पेक्टर ब्रजराज सिंह और ईश्वरी नारायण सिंह व विभाग के अन्य अधिकारियों के साथ बुधवार को औद्योगिक क्षेत्र जामुल स्थित अतुल ऑक्सीजन कंपनी में गए थे। अधिकारियों को जानकारी मिली थी कि उक्त कंपनी में निर्धारित से ज्यादा कीमत पर सिलेंडर की बिक्री की जा रही है। ऑक्सीजन के एक सिलेंडर की कीमत 137 रुपये निर्धारित है, लेकिन कंपनी संचालक उसे 220 रुपये से लेकर 250 रुपये तक में बेच रहा था। मुख्यालय स्तर पर इसकी शिकायत होने के बाद बुधवार को दोपहर में विभाग की टीम वहां पहुंची थी। जांच शुरू की गई तो वहां लगी मशीनरी के सामान और एक्सपायरी डेट के सिलेंडर मिले। कुल 15 बिंदुओं पर अनियमितता मिली। शाम करीब चार बजे तक जांच चली। जांच पूरी होने के ठीक पहले कंपनी का संचालक अतुल अग्रवाल वहां पहुंचा और उसने अधिकारियों को अपनी केबिन में बुलाया। वहां पर जांच रिपोर्ट में हस्ताक्षर करने के बजाए अधिकारियों से विवाद शुरू कर दिया। इसके बाद कंपनी संचालक अतुल अग्रवाल, कंपनी के इंचार्ज जुगल सिकदार व अन्य कर्मचारियों के साथ मिलकर ड्रग इंस्पेक्टर ब्रजराज सिंह और ईश्वरी नारायण सिंह व टीम में शामिल अन्य लोगों के साथ मारपीट शुरू कर दी। इसके बाद आरोपित अतुल अग्रवाल ने दोनों अधिकारियों का मोबाइल भी छीन लिया।।

मामला थाना पहुंचते ही भिजवाया मोबाइल

शिकायतकर्ता ड्रग इंस्पेक्टर ईश्वरी नारायण सिंह ने बताया कि जब कंपनी संचालक अतुल अग्रवाल ने उनके साथ विवाद शुरू किया तो उन्होंने उसकी रिकॉर्डिंग शुरू कर दी। वीडियो रिकॉर्डिंग होता देख अतुल अग्रवाल ने उनका व ब्रजराज सिंह का मोबाइल छीन लिया। शाम को वे शिकायत के लिए जामुल थाना पहुंचे तो कंपनी के लोग भी पीछे-पीछे आए। शिकायतकर्ता जैसे ही थाने से निकले, कंपनी से आए लोगों ने उनके मोबाइल को थाने में जमा कर दिया। हैरानी की बात तो ये है कि बिना किसी लिखा-पढ़ी के पुलिस ने मोबाइल को रख भी लिया। अब पुलिस इस केस में नरमी बरतने के बाद खुद फंसती दिख रही तो दोनों मोबाइल को थाने में न लेने की बात कह रही है।

शिकायत के बाद ही कार्रवाई शुरू कर दी गई है। शिकायतकर्ताओं को बुलाया जा रहा है। उनके आते ही आरोपितों के खिलाफ अपराध दर्ज किया जाएगा।

- डीएस मंडावी, प्रभारी जामुल थाना ने बताया ।


बुधवार, 9 सितंबर 2020

कलेक्टर ने खोया सयंम,,,,पत्रकार पर निकला ,,,,,गुस्सा,,

 सूत्रों से मिली ,एक खबर (कांकेर vinod meghwani )जिले का कलेक्टर जिले का राजा होता है और शहर वासी प्रजा इसलिये राजा को हर परस्थितियों में सयंम रखना पड़ता है । लेकिन कांकेर जिले के कलेक्टर ने अपना सयंम खो दिया और ओर निंदा के पात्र बन गए । के. एल .चौहान कलेक्टर ने पत्रकार पर आपा खोते हुए वाट्सएप ग्रुप में लिखा – “लॉकडाउन कर देंगे तो क्या ये न्यूज़ डालने वाले का बाप गरीबो को खाना देगा  ?? । कांकेर जिले में जिले के कलेक्टर के.एल चौहान द्वारा पत्रकार निपेन्द्र ठाकुर के लेख पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई !

कांकेर जिले के युवा निर्भीक पत्रकार निपेन्द्र ठाकुर ने जिला प्रशासन को अपने लेख द्वारा सुझाव दिया था कि कोरोना महामारी पूरे देश व राज्य में विकराल रुपले चुका है और कांकेर जिला भी इससे अछूता नहीं रहा है ! कांकेर कलेक्टर के कई कर्मचारि कोरोना के चपेट में आने के कारण कलेक्टर परिसर को सील करना पड़ा ! इस कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हए पत्रकार निपेन्द्र ठाकुर ने अपने लेख में कलेक्टर के.एल. चौहान को एक वाहट्सएप्प ग्रुप में सुझाव दिया कि, कांकेर जिला मुख्यालय में लॉकडाउन का निर्णय लिया जाए !

इस प्रतिक्रिया से बौखलाए कांकेर कलेक्टर के.एल.चौहान ने अपना आपा खोते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए लिखा कि-“दोबारा लॉकडाउन कर देंगे तो क्या ये न्यूज़ डालने वाले का बाप गरीबो को खाना देगा”।

कलेक्टर की इस अमर्यादित और बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद कांकेर जिले के पत्रकारों ने विरोध उनको हटाने को लेकर मौन प्रदर्शन करते हुए घड़ी चौक से होकर कलेक्टर चौक तक रैली निकली और उनका पुतला फूंका।

कांकेर कलेक्टर के एल चौहान इससे पहले भी विवादों से नाता रहा है ! इनमें सबसे चर्चित मामला कांकेर के इमलीपारा क्वारंटाइन सेंटर के ताजा मामला 580 रुपये टमाटर के खटीदने का हो । इसके पहले 2018 में भिलाई नगर निगम आयुक्त रहते उन्होंने एक सिख विसिल ब्लोअर मेहरबान सिंह को अपनी घड़ी दिखाते हुए कहा था- सरदार जी 12 बज गए तब भी उनके कारण प्रशासन की खासी किरकिरी हो चुकी है !

गरीब हो अमीर कोरोनो मरीज ईलाज निजी हॉस्पिटलों में मुफ्त हो ,,,जोगी जी


 एक खबर (vinod meghwani )रायपुर— जनता कांग्रेस प्रमुख अमित जोगी ने सरकार से मांग की है कि राज्य का स्वास्थ्य विभाग बीमार, कोरोना मरीजों का निजी अस्पतालों में हो मुफ्त में इलाज कराए। छत्तीसगढ़ में निजी अस्पतालों की भागीदारी के बिना यूनिवर्सल हेल्थ केर और कोरोना की जंग जीतना असम्भव है। जनता कांग्रेस कार्यालय से जारी प्रेस नोट के अनुसार अमित जोगी ने कहा कि  सरकार निजी अस्पतालों के लिए जारी खर्च सम्बन्धी आदेश को वापस ले। ,जनता काँग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि सरकार सभी राशन कार्डधारी COVID-19 मरीज़ों का  प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराए। इसके पहले सम्पूर्ण खर्चा स्वयं वहन करने का एलान भी करे। अमित जोगी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 80 प्रतिशत आसीयू बिस्तर, वेंटिलेटर और क्रिटिकल केयर डॉक्टर निजी अस्पतालों में हैं। सरकारी अस्पतालों के भरोसे मात्र 20 प्रतिशत लोगों का ही इलाज संभव है। सरकार ने अपनी बेहद सीमित क्षमता को बड़ाने के लिए पीछले 3 महीनों में कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। अमित जोगी ने बताया कि सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों को उपचार के वास्तविक खर्चे से आधे से भी कम दरों में लोगों का इलाज करने का फ़रमान जारी किया है। जिसका नतीजा है कि गरीब और बिना बीमा वाले मरीज़ों के उपचार के लिए दरवाज़े बंद कर दिए गए हैं।  कई मरीज़ों को तो बीमारी की अवस्था में ही डिस्चार्ज करने के लिए मजबूर किया गया है।  अमित जोगी ने सरकार से सवाल भी किया है कि बताए ये लोग अब कहाँ जाएँगे ?                        प्रेस नोट में अमित जोगी जोगी के हवाल बताया गया है कि महामारी की विस्फोटक स्थिति को क़ाबू करने के लिए सरकार अपना आदेश वापस ले। सभी राशन कार्डधारी COVID-19 मरीज़ों का  प्राइवेट अस्पतालों में इलाज का पहले से सम्पूर्ण खर्चा स्वयं वहन करने का ऐलान करे। क्योंकि सच्चाई तो यह है कि छत्तीसगढ़ में निजी अस्पतालों की भागीदारी के बिना यूनिवर्सल हेल्थ केयर और कोरोना की जंग जीतना असम्भव है।

सोमवार, 7 सितंबर 2020

हौसला रखो ये दिन भी कट जायेंगे


 कोरोनो के इस दौर में हर कोई अपने स्तर पर परेशान हर कोई आर्थिक चुनौतियों के दौर में हैं। व्यापार या काम धन्धा ठप्प हो गया। पेमेंट नहीं आ रही, बिक्री न के बराबर है। पैसे मांगने वालों के बार-बार तकादे आ रहे हैं।

याद रखना है कि ये हालात हमारी  वजह से नहीं आए हैं।लगभग सभी के यही आर्थिक हालात हैं।

आप ख़ुद को दोष न दें।

 न हार,अपमानित महसूस करें।

 रास्ता नज़र नहीं आएगा लेकिन,,,

 *हिम्मत न हारें। कम से कम खर्च करें।*

*दिखावे से बचे*

 *किस्तों मेँ कटौती करे ।*

*अपनी मानसिक परेशानियों को लेकर अकेले न रहें।* 

*दोस्तों से बात करें,*

 *रिश्तेदारों से बात करें।*

*किसी तरह का बुरा ख़्याल मस्तिष्क में आए तो न आने दें।*

इस स्थिति से कोई नहीं बचा हैं ना ही बच सकता।

समस्या कम ज्यादा हो सकती हैं

धीरे धीरे खुद को पहाड़ काट कर नया रास्ता बनाने के लिए तैयार करें। 

अपनी भाषा या सोच ख़राब न करें। 

कुछ भी हो जाए, जीना है, कल के लिए।परिवार के लिये,समाज के लिए, देश के लिए

धीरज रखें। कम में जीना है। यह वक्त हमारा इम्तहान लेने आया है।

भरोसा रखिए जब हम  एक बार शून्य से शुरू कर यहाँ तक आये थे तो  एक और बार शून्य से शुरू कर हम कहीं से कहीं पहुँच जाएँगे। बस यूँ समझिए कि हम  लूडो (सांप सीढ़ी) खेल रहे थे। 99 पर साँप ने काट लिया है, लेकिन हम  गेम से बाहर नहीं हुए हैं। क्या पता कब सीढ़ी मिल जाए। थोड़े दिन झटके लगेंगे, उदासी रहेगी लेकिन हँसते-मुस्कराते रहिये। हम दोबारा बैलगाड़ी से शुरुआत करके मर्सिडीज तक पहुंचने का हौसला रखते हैं।

प्रतिदिन सुबह शाम टहलने अवश्य जाए शारीरिक व्यायाय करे,व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली चीजे खाये।

 *अपनी सेहत का ध्यान रखें ।अपने आपको परिवार को बीमारी से बचाकर रखें यही हमारी 2020 वें साल की कमाई है*

अपन बहुत भाग्यशाली हैं कि अपना जन्म हिंदुस्तान जैसे पवित्र देश में हुआ है,औऱ उससे भी ज्यादा भाग्यशाली और धन्य तो इसलिए महसूस करते हैं कि उत्तम कुल व विश्व के सर्वोच्च व श्रेष्ठ धर्म के साथ दोस्तो व रिस्तेदारों का सहयोग दुःख सुख में  हमेशा रहा है. ओर हमेशा भगवान ,ईश्वर ,जिसे आप मानते है उस पर विश्वास रखे ।

रविवार, 6 सितंबर 2020

ट्रक ने बेलोरो को ठोका बेलोरो ने महिला को रौंदा वीडियो देखें


 एक खबर (vinod meghwani) भिलाई 3 सिरसा गेट के पास एक दर्दनाक दुर्घटना घटी है ।लगभग 11 बजे सिरसा गेट बंद था  एक बाइक सवार के साथ महिला खडी थी । सामने से बेलोरो आ रही थी उसके पीछे ट्रक था ।ट्रक डॉयवर ने ब्रेक की जगह  एक्सीलेटर पर हड़बड़ी में पैर रख दिया सीधा बेलोरो को घसीट लिया बेलोरो से महिला उछली ट्रक के नीचे वीडियो देखें

शनिवार, 5 सितंबर 2020

सिंध प्रान्त बनाये केंद्र सरकार

 अंडमान निकोबार को ,,,,, सिंध प्रांत बनाया जाए  ,,,,,                         विशेष खबर।               एक खबर (vinod meghwani )सिन्धी साहित्य और सिन्धी संस्कृति को जीवित रखने के लिए अंडमान निकोबार को ,,,सिंधु प्रान्त  का नाम दिया जाना चाहिये ।अंडमान और निकोबार भारत का एक संघशासित/केंद्रशासित प्रदेश है, जिसकी राजधानी साउथ अंडमान में स्थित ‘पोर्ट ब्लेयर’ है, जोकि भारत के प्रमुख पत्तनों में से एक हैं|इस द्वीपसमूह में भूमध्यरेखीय या विषुवतीय प्रकार की जलवायु व वनस्पति पायी जाती है और संवहनीय वर्षा होती है| सघन सदाबहार वन, प्रकृतिक सुंदरता और जनजातीय जनसंख्या व संस्कृति यहाँ की पहचान है|सिन्धी समाज के साथ विभाजन के समय से राजनीतिक दलों ने अन्याय किया उनसे पूछे बिना ही सिंध प्रांत को पाकिस्तान को दे दिया गया । और विभाजन के समय सिन्धी समाज के लीये प्रान्त न बनाकर उनके साथ अन्याय हुआ ।

सिंध प्रांत न बनाने की ऐतिहासिक भूल को1956 में भी ठीक किया जा सकता था जब राज्यों का पुर्नगठन हो रहा था । तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू चाहते थे की प्रान्तों का गठन एक प्रशासनिक इकाई की तरह हो , न की भाषाई आधार पर। लेकिन उनकी इच्छा के विपरीत राज्यो की सरहदे भाषाओ की बिना पर ही खिंची ।इसने सिंधी भाषा के लिए हमेशा के लिए एक मुश्किल खड़ी कर दी ।जहाँ दूसरी भाषाओ को राज्य का सहारा मिला वही संस्कृत और उर्दू के अलावा सिंधी तीसरी ऐसी भाषा बनी जो संविधान के आठवें शेड्यूल में तो तो थी पर उसका कोई राज्य नहीं था । उस वक्त देश भर में बिखरे सिंधियों के लिए अपने राज्य के लिये आंदोलन करने से ज्यादा जरूरी था जिन्दा बचे रहना ।इसलिये छिटपुट मांगे उठती रही, पर कोई बड़ा आंदोलन नहीं हुआ। अपने लिए अलग राज्य की मांग अब सिंधी नेता अक्सर उठाते हैं पर किसी राज्य से जमीन लेकर नया सिंध बनाना एक ऐसा बवाल है जिसमें कई शान्तिप्रिय सूफीवादी सिंधी नहीं पड़ना चाहते ।इसलिए कुछ सिंधी नेता ‘लैंडलेस स्टेट’ की माँग करते हैं। उनका तर्क है कि जब भारत सरकार ‘तिब्बत गवर्नमेंट इन एक्साइल’ की अनुमति दे सकती है तो सिंधी तो भारत माता के सपूत हैं । फार्मूला कोई भी हो ।अलग सिंध प्रान्त न सिर्फ सिंधियों के लिये बल्कि सभी देशवासियों के लिए गर्व का विषय होगा , क्योंकि सिंध के बगैर हमारा राष्ट्र गान अधूरा है। जैसा कि बिहार के हेमंत सिंह अपनी किताब ‘आओ हिंद में सिंध बनायें’ में लिखते हैं, ‘‘हमें कच्छ के निकट समुद्र से कुछ जमीन रिक्लेम कर सिंध बनाना चाहिए जो न सिर्फ सिंधी संस्कृति का केन्द्र हो, बल्कि एक बंदरगाह और बड़ा व्यापार केन्द्र भी हो। यह हमारे राष्ट्र गान में आ रहे सिंध शब्द का सम्मान होगा और राष्ट्र गान पूरा होगा।’’सिंधियों के राजनीतिक पुर्नस्थापन के लिये एक और फार्मूला जो सिंधी काउसिंल आफ इण्डिया ने अपनी माँगों में रखा, वह है संविधान संशोधन के जरिये लोकसभा में 14, राज्य सभा मे 7 और अलग-अलग विधानसभाओं में 5 से लगा कर 15 सीटों तक सिंधियों के लिए आरक्षित करना ताकि राज्य न होने की भरपाई की जा सके।


राज्य न होने का सबसे बड़ा नुकसान सिंधी भाषा संस्कृति ने भुगता है । फारसी और अंग्रेजी ने यह साबित किया है कि भाषा के विकास मे राज्य की भुमिका महत्वपूर्ण है । हालांकि भारत सरकार ने 1968 में सिंधी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कर इस नुकसान की कुछ भरपाई की है। पर यह काफी नहीं है। सिंधी इतिहासकार मोहन गेहानी कहते हैं कि सरकार कम से कम इतना तो करती कि भारत भवन की तर्ज पर एक बड़ा सांस्कृतिक केन्द्र बनवा देती, जहाँ सिंधियों की 5000 साल पुरानी संस्कृति और कलाओं के संवर्धन का काम हो सकता। या फिर सिंधीयो को भाषाई अल्पसंख्यक मानते हुए सरकार उनके हितो की रक्षा कर सकती थी परन्तु राजनीतिक इच्छाशक्ति के आभाव में ऐसा हो न सको जबकि हमारा संविधान भाषाई और धार्मिक अल्पसंख्यकों मे कोई भेद भाव नही करता ।सिंध प्रांत बनने से अल्पसंख्यक सिन्धी समाज के साथ 70 साल बाद न्याय होगा । एक खबर विनोद मेघवानी । निवेदन इस पोस्ट को इतना शेयर करे जब तक सिंध प्रांत की घोषणा न हो जाये ।


बंद कमरे में बनाए जाने वाले वीडियो से अंधी कमाई

Vinod raja meghwani (sampadak),,,, बन्द कमरे में बनाए जाने वाले वीडियो से  अंधी कमाई कितनी हे,,,?????