बुधवार, 29 जुलाई 2020

चेतन तारवानी सिंधु सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने


*रायपुर के सीए चेतन तारवानी युवा विंग के पुनः राष्ट्रीय अध्यक्ष*

भारतीय सिन्धु सभा की राष्ट्रीय क़ोर कमिटी द्वारा रायपुर के सीए चेतन तारवानी को भारतीय सिंधु सभा युवा विंग का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया है उल्लेखनीय है तारवानी जीं के लिए पूर्व में पूज्य शदाणी दरबार में तत्कालीन कार्यकारी अध्यक्ष ने नाम का उल्लेख किया था अब राष्ट्रीय क़ोर कमिटी ने अधिकारिक रूप से घोषणा कर दी है ।राष्ट्रीय क़ोर कमिटी की विडीओ मीटिंग में घोषणा की गई इस राष्ट्रीय क़ोर कमिटी में मुंबई से श्री लधाराम नागवानी राष्ट्रीय अध्यक्ष कोल्हापुर से श्री भगत राम छाबड़ा कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष भोपाल से श्री भगवान दास सबनानी राष्ट्रीय महासचिव अहमदाबाद से सीए तुलसी टेकवानी राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अहमदाबाद से श्री मति माया बेन कोडनानी  राष्ट्रीय महिला विंग अध्यक्ष अजमेर से श्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी राष्ट्रीय मंत्री कानपुर से  श्री वासुदेव वासवानी राष्ट्रीय संगठन महामंत्री शामिल हुए थे ।
रायपुर से पहली बार युवा विंग का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर छतीसगढ़ सिंधी समाज बेहद खुश है एवं लगातार बधाइयाँ एवं शुभकामनाए प्रेषित कर रहे है तथा राष्ट्रीय क़ोर कमिटी का भी आभार व्यक्त किए मुख्य रूप से श्रीचंद सुंदरानी विकास रूपरेला दिनेश अठवानी डॉ एन॰डी॰ गजवानी दर्शन निहाल मुरलीधर शदिजा बबन भोजवानी राहुल खूबचंदानी मुखी नथुलाल धनवानी लख़्मीचंद गुलवानी पंकज जादवानी मुखी श्यामरूपरेला मुखी रमेशलाल माधवानी इंडर डोडवानी अशोक मलानी रोशन आहूजा मुखी अचुमल गावरी श्यामलाल नारंग बँटी गावड़ा बँटी ज़ूमनानी चापा से होला राम चंदानी दुर्ग से विनोद मेघवानी,मनोज आहुज,अशोक लालवानी चकरभाटा से गोविंद लाल तिल्दा से दिनेश पंजवानी इत्यादि अनेक शहरों से बधाइयों का शिलशिला जारी है ।
उलेखनिय है क़ि सीए चेतन तारवानी  पेशे से चार्टर्ड एकाउंट है जो एक छत के नीचे सभी सेवाएँ देने पर विश्वास करते है एवं व्यापारियों को एक ही मंत्रणा देते है ज्ञान बढ़ायें एवं निर्भय हो कर व्यापार करे इसलिए जब जब नए प्रावधान आये इन्होंने बहुत ही सरल भाषा में विडीओ बनाकर लोगों को ज्ञान दे कर भय से मुक्त किया चाहे वो नोटबंदी हो जीएसटी हों या इंकम टैक्स तथा लॉकडाइन में सरकार द्वारा दी गई राहत को भी विडीओ बनाकर लोगों तक पहुँचा रहे है इन्होंने अपने यूटूब चैनल एवं फ़ेसबुक में अब तक 15 विडीओ पोस्ट कर चुके है 

ये प्राइम नैशनल ट्रेनर है इन्होंने बहुत सारे ट्रेनिंग प्रोग्राम डिज़ाइन किए है जिसमें मुख्य रूप से भविष्य मेरी मुठ्ठी में सात फेरे रब ने बना दी जोड़ी आइ एम द बेस्ट बॉस ऑफ़िस मेरे बिना भी (ऑफ़िस मेनेजमेंट) स्पीच आर्ट ब्लैंक चेक़ होम स्वीट होम इसके अलावा इंकम टैक्स जीएसटी से सम्बन्धी सामान्य प्रावधान से लेकर सर्वे सर्च की कार्यवाही तक इत्यादि इत्यादि  जिसका लाभ स्टूडेंट्स व्यापारी महिला शक्ति पोलिस विभाग इक्साइज़ डूटी विभाग इंकम टैक्स विभाग सेल टैक्स विभाग मीडिया पर्सन करपोरेट सेक्टर के अलावा अनेक  संस्थाएँ  अलग अलग समाज में एवं सामान्य जन ने भी लिया है 

जेसीआई में ज़ोन प्रेसिडेंट चैलेंज सम्पादक टीम इंटरनैशनल अवार्ड्स जज़ पैनल से लेकर नैशनल ट्रेज़रर तक पदों में रहे 
इसके अलावा सी॰ए॰स्टूडेंट्स चेयरमेंन, इन्स्टिटूट्स ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटंट्स रायपुर के चेयरमेन, रायपुर इंकम टैक्स बार के प्रेसिडेंट, छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ़ कामर्स युवा विंग के इंकम टैक्स सलाहकार रह चुके है तथा वर्तमान में भारतीय सिंधु सभा युवा विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ़ कामर्स के व्यापारी विकास समिति के चेयरमेन है

सोमवार, 27 जुलाई 2020

ऑनलाइन बैंकिंग ट्रांजेक्शन आज के समय की मांग है --दिनेश तारवानी

*ऑनलाइन बैंकिंग ट्रैंज़ैक्शन आज के समय की माँग भी है ज़रूरत भी* - दिनेश तारवानी 

*सुहिणी सोच का ज़ूम वेबिनार ऑनलाइन ट्रैंज़ैक्शन - मेरी एक पहचान महिलाओं के लियें रहा अत्यंत लाभदायक*

सुहिणी सोच क़ि फ़ाउंडर मनीषा तारवानी अध्यक्ष काजल लालवानी सचिव पल्लवी चिमनानी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया की सुहिणी सोच का ज़ूम वेबिनार ऑनलाइन ट्रैंज़ैक्शन - मेरी एक पहचान लोगों के लियें अत्यंत लाभदायक रहा लोगों के सवालो का जवाब भी आज के स्पीकर सीए दिनेश तारवानी ने बहुत ही आसन शब्दों में दिए दिये।दो सौ से ज़्यादा लोगों ने सहभागिता दर्ज कीं ।
सीए दिनेश तारवानी ने अपने वक्तव्य में कहाँ क़ि हम सभी जानते है क़ि ऑनलाइन ट्रैंज़ैक्शन करना बहुत आसान है और आज के समय की माँग भी है और ज़रूरत भी लेकिन फिर भी लोग ऑनलाइन ट्रैंज़ैक्शन नहीं  करते क्योंकि या तो वो जानते नहीं या फिर डरते हैं आज मैं आप सभी को ऑनलाइन ट्रैंज़ैक्शन की महत्वपूर्ण बातों को बताऊँगा जिसमें सबसे ज़रूरी बात यह है क़ि आप को झाँसा देने के लिए फ़ोन पर सूचनाएँ माँगी जाएगी जिसके लिए आप ध्यान रखें क़ि कभी भी फ़ोन पर अपना नाम एवं सूचनाएँ जैसे ओटीपी या एकाउंटंट्स नम्बर कभी भी ना बताये बस थोड़ी सी सावधानी रखे फिर देखे ऑनलाइन बैकिंग ट्रैंज़ैक्ट आपकी ज़िंदगी में अदभूत परिवर्तन लाएगा और आपका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा   ऑनलाइन ट्रैंज़ैक्शन वो है जो कही से कभी भी आप अपनी मोबाइल की एक क्लिक से कर सकते है उससे आपका समय बचेगा आने जाने के खर्चो से बचत होगी एवं सबसे बड़ी बात इससे आपकी एनर्जी बचेगी जिसे आप दूसरे क्षेत्रों में लगा सकते है एक सवाल के जवाब में दिनेश तारवानी ने कहाँ कीं हमें आसपास के छोटे दुकानदारों से सरोबार है लेकिन समय की माँग एवं आज की तकनीकी को नदरअन्दाज़ नहीं किया जा सकता है वरण इस तकनीकी का प्रयोग कर कब छोटे व्यापारी बड़े व्यापारी बन जाएँगे पता भी नहीं चलेगा ।
ऑनलाइन बैंकिंग ट्रैंज़ैक्शन के लिए सबसे पहले आपका बैंक एकाउंटट्स होना चाहिए जो आप घर बैठे भी खोल सकते है उसके बाद डेबिट कार्ड क्रेडिट कार्ड एवं ऑनलाइन बैंकिंग के लिए अप्लाई करना है फिर आप नगद का लेनदेन भी एटीएम से कर सकते है आज कल पेटीएम के माध्यम से भी सामने वाले का मोबाइल नंबर या क्यूआर कोड ले कर रक़म ऑनलाइन दीं जा सकती है जिसका अपना वॉलेट होता है या डाईरेक्ट अपने बैंक से भी राशि दे सकते है इसके बाद    आयें और भी विकल्प जैसे गूगल पे भीम इत्यादि । आगे स्पीकर दिनेश ने महिलाओं को समझाते हुए बताया की किसी को भी पैसा देना है तो छः तरीक़े है जिसके माध्यम से आप किसी को पैसा दे सकते है पहला नगद जिसके लिए खुद जाना पड़ेगा या किसी के माध्यम से भेजना होगा जिसमें जोखिम भी है दूसरा तरीक़ा चेक़ के माध्यम से तीसरा आरटीजीएस के माध्यम से जिसके लिए आपको बैंक जाना पड़ेगा चौथा तरीक़ा एनईएफ़टी जो की आपकी मोबाइल से ऑनलाइन हो जाएगा लेकिन जिसके लिए सामने वाले का एकाउंट्स डीटेल लेना होगा और अपनी ऑनलाइन बैंकिंग में जोड़ना होगा जिसके लिए लगभग चार से पाँच घंटे लग जाते है पाँचवाँ तरीक़ा है आईएमपीएस जिसमें सामने वाले का एकाउंट्स डीटेल तो लेना होगा मगर तुरंत ट्रांसफ़र हो सकता है लेकिन अधिकतम दो लाख तक ही ट्रांसफ़र कर सकते है और छटवा तरीक़ा यूपीआई ज़ो सबसे फ़ास्ट एवं लेटेस्ट है जिसमें एकाउंट्स डिटेल लेने की ज़रूरत नहीं सिर्फ़ सामने वाले का मोबाइल नंबर या यूपीआई आईडी या क्यूआर कोड या बार कोड ले कर बहुत ही आसानी से एवं तुरंत ट्रान्स्फ़र कर सकते है यूपीआई आईडी आपकी बैंक से जनरेट कर सकते है फिर आपके ऐप से ट्रांसफ़र हो जाएगा । बहुत ही आसान है एक बार आप सीख गए फिर घर बैठे आप बिजली बिल मूवी टिकट टेलीफोन बिल मोबाइल रिचार्ज टैक्सी एवं किराना समान या अन्य ख़रीदारी इत्यादि का भुगतान कर सकते है । कार्यक्रम का प्रारम्भ अध्यक्ष काजल लालवानी के स्वागत भाषण से हुआ फिर संस्था की फ़ाउंडर मनीषा तारवानी ने अपने उदबोधन में कहा हम जानते है और मानते भी है महिलाओं में अपार शक्तियाँ है लेकिन उन्हें प्लैट्फ़ॉर्म नहीं मिलता इसलिए सुहिणी सोच द्वारा महिलाओं की प्रतिभा निखारने के लिए ही कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रायपुर उत्तर के विधायक एवं छत्तीसगढ़ हाउज़िंग बोर्ड के चेयरमेन श्री कुलदीप जुनेजा थे जिन्होंने सुहिणी सोच क़ी तारीफ़ करते हुए कहा की समय के अनुसार वेबिनार का विषय चुनना सुहिणी सोच की पहचान है विशेष अतिथि सुहिणी सोच के  पेट्रोन सीए चेतन तारवानी ने कहा ऑनलाइन बैंकिंग ट्रैंज़ैक्शन से महिलाओं का निश्चित ही आत्मविश्वास बढ़ेगा कार्यक्रम में राजू भाई तारवानी भी विशेष रूप से सम्मिलित थे कार्यक्रम का संचालन इस कार्यक्रम की निर्देशिका मंजू मखीजा एवं नेहा पंजवानी ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन सचिव पल्लवी चिमनानी ने दिया ।

शुक्रवार, 24 जुलाई 2020

भारत और चीन में युद्ध होगा ?

भारत और चीन में युद्ध होगा ,,,,,,,,       (एक खबर )भारत सरकार ने पहले चीन को सोशल मीडिया पर झटका दिया 59 चीनी एप्प को बेन कर दिया और अब भारत ने चीन की निर्माण कंपनियों को भारत मे  ठेका देना बंद किया अगर नये ठेके लेने है तो ग्रह मंत्रलाय ओर विदेश मंत्रालय से एनओसी लेनी पड़ेगी इस कारण चीन फड फड़ा गया है  इसलिये                                                                                                      भारत और चीन युद्ध के करीब आते जा रहे है ,,,बॉडर पर चीन युद्ध की तैयारी में जुटा है । भारत ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली इस बार परमाणु युद्ध होगा दोनों ओर से ओर हो सकता यही तीसरे विश्व युद्ध का कारण बने क्यो की जो देश चीन के कर्ज तले तबे है वो चीन का साथ देंगे ।अमेरिका भारत का साथ देगा ये तय है ।
[देश में अभी भारत-चीन के बीच  जून को हुए टकराव की गूंज थम नहीं रही है। ऐसे में शायद यह बड़ा सवाल पूछने का समय है कि इस घटना का एशिया के दो बड़े देशों के बीच संबंधों पर क्या असर होगा? सवाल यह भी है कि यह त्रासदी क्यों हुई? चीन ने एक शांत सीमा को इस तरह अस्थिर करने का जोखिम क्यों लिया?

भारत में इस बात पर सर्वसम्मति है कि यह चीनी सैन्य दस्ते का एलएसी पर अपनी स्थिति को मजबूत बनाने का सुनियोजित कदम है। केवल पैट्रोलिंग की बजाय, उन्होंने उस जगह से भी आगे अपनी स्थायी मौजूदगी बना ली है, जिस पर चीन दावा करता है।

उसका उद्देश्य गलवान और श्योक नदी के संगम तक चीनी सेना की मौजूदगी बढ़ाना लगता है, जिससे गलवान घाटी भारतीय सीमा से बाहर हो जाए। चीन ने ऐसे बयान जारी किए हैं कि गलवान घाटी हमेशा से ही चीन की थी। इसकी आशंका कम है कि बीजिंग युद्ध जैसी कोई नाटकीय योजना बना रहा है।

बल्कि, उसके कदमों का उद्देश्य छोटे सैन्य अतिक्रमण कर, स्थानीय सामरिक उद्देश्यों के लिए कुछ वर्ग किमी क्षेत्र हथिया लेना और फिर शांति की घोषणा कर देना लगता है। आपसी सहमति से डिसएंगेजमेंट की घोषणा हो जाएगी, दोनों पक्ष दावा करेंगे कि संकट खत्म हो गया है, लेकिन दरअसल यह चीन की पहले से बेहतर स्थिति के साथ खत्म होगा।

एक साल में ऐसे कई घटनाक्रमों के साथ चीन एलएसी को वहां मजबूत कर लेगा, जहां वह चाहता है, ताकि जब कभी सीमा समझौते की बात हो तो इन नई वास्तविकताओं को देखा जाएगा और समझौता उसके पक्ष में रहेगा। यही उसकी लंबे समय की योजना है।

बीजिंग कहता रहा है कि सीमा समझौते को भावी पीढ़ी के लिए छोड़ देना चाहिए क्योंकि वह जानता है कि हर गुजरते साल के साथ भारत की तुलना में चीन की आर्थिक, सैन्य और भूराजनैतिक स्थिति मजबूत होती जा रही है। इसीलिए भारत को फिर से यथास्थिति बनाने और उसी स्थिति में लौटने पर जोर देना चाहिए जो अप्रैल 2020 से पहले थी।

यह बहुत अस्पष्ट है कि क्या चीन यह बात मानेगा। दोनों देशों ने सीमा पर और सेना भेजी है और लंबे टकराव की आशंका लगती है। गलवान घाटी की त्रासदी और चीनी सेना की कार्रवाई ने भारतीय जनता के बीच चीन के खिलाफ विद्वेष भड़का दिया है। इससे नई दिल्ली में बैठे उन लोगों को बल मिला है, जो सोचते हैं कि भारत को अमेरिका और क्षेत्र के अन्य लोकतंत्रों के साथ चीन के खिलाफ खड़े होना चाहिए।

बीजिंग पर भरोसा न करने के कई कारण हैं। जैसे, भारत के कट्‌टर-दुश्मन पाकिस्तान के साथ चीन का ‘ऑल-वेदर’ गठजोड़, जिसमें उसने अरबों डॉलर निवेश किए हैं। साथ ही चीन अक्सर पाक का पक्ष लेेता रहता है। फिर भारत के पड़ोसियों नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और बांग्लादेश तक में उसकी अच्छी वित्तीय मौजूदगी है, ताकि वह नई दिल्ली के पारंपरिक प्रभाव को कम कर सके।

साथ ही यूएन सिक्योरिटी काउंसिल या न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप में भारत की स्थायी जगह का चीन द्वारा विरोध भी कारण हैं। 

शीत युद्ध खत्म होने के साथ, बीजिंग के पास भारत से संबंध के दो विकल्प थे: पहला अमेरिका के प्रभुत्व का वैकल्पिक ध्रुव बनाने के लिए भारत को रूस के साथ स्वाभाविक सहयोगी के रूप में देखना या अपनी खुद की महत्वाकांक्षाओं के चलते उसे संभावित विरोधी के रूप में देखना। ऐसा लगता है कि भारत-अमेरिका के बीच उभरे मजबूत रिश्तों को देख चीन मान चुका है कि भारत उसका विरोधी है, जबकि भारत ने बीजिंग के विरुद्ध अमेरिका का सहायक बनने से इनकार कर दिया है और चीन भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापार सहयोगी है। 

चीन की इस नकारात्मक धारणा के मजबूत होने के शायद ये कारण हो सकते हैं: भारत का अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ क्वाड (चतुष्कोणीय) व्यवस्था में शामिल होना, सोवियत के साथ अपने पुराने ‘लगाव’ को बढ़ाना (जिसमें ताजिकिस्तान में भारतीय सेना का बेस बनाना भी शामिल है), चीन की ‘बेल्ट एंड रोड’ पहल की आलोचना करना, चीन के प्रभुत्व की आशंका के चलते एशिया में क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी से भारत का बाहर आना और भारत का ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र में और दक्षिण चीन सागर में अमेरिका की स्थिति का समर्थन करना। लेकिन नई दिल्ली खुद को चीन का विरोधी नहीं मानती।

भारत ऐतिहासिक रूप से गठजोड़ न करने वाला देश रहा है और उसकी कभी किसी एक के लिए ही रणनीति बनाने की इच्छा नहीं रही है। नई दिल्ली को डोनाल्ड ट्रम्प का अमेरिका कभी खास विश्वसनीय सहयोगी नहीं लगा। बतौर प्रधानमंत्री पांच बार चीन जा चुके मोदी ने आठ महीने पहले ही ‘दो देशों के बीच सहयोग के नए युग’ की शुरुआत बताई थी और कोरोनो के आने के बाद दोनों देशों के बीच जंग की स्थिति बन गई है

ऐसा लगता है कि वह युग आठ महीने में ही खत्म हो गया। मौजूदा घटनाक्रम में असंतुष्ट भारत, अमेरिका की तरफ जा सकता है। चीन को शायद इससे फर्क नहीं पड़ता। बीजिंग ने सोच है कि वो  भारत को उसकी जगह याद दिलाने का जोखिम उठा सकता है, उसके लिए वो कुछ भी कर सकता चाहे अमेरिका से युद्ध करना पड़े ओर भारत ने भी चीन को ये बता दिया की वो युद्ध के लिये तैयार है विनोद मेघवानी की कलम से एक खबर

There WILL be between ,,,INDIA and CHAINA

There will be war between India and China,,,,,,, (a news) Government of India first gave a shock to China on social media, 59 Chinese app was canceled and now India stopped contracting Chinese construction companies in India. If new contracts are to be done, then NOC will have to be taken from the planetary ministry and the Ministry of External Affairs, because of this China is torn apart, so India and China are getting closer to war, China is preparing for war on the border. India has also completed its preparations, this time there will be nuclear war, it can be on both sides, this should be the reason for the third world war, because the countries which are under the debt of China will support China. America is sure to support India. .
[The echo of the June-India clash in the country has not stopped. In such a situation, perhaps it is time to ask the big question, how will this incident affect the relationship between the two big countries of Asia? The question is also why this tragedy happened? Why did China risk destabilizing a peaceful border like this?

There is consensus in India that this is a planned move by the Chinese military squad to strengthen its position on the LAC. Instead of just patrolling, they have made a permanent presence beyond the place that China claims.

Its purpose seems to be to increase the presence of the Chinese army to the confluence of the Galvan and Shyok River, which would lead to the Galvan Valley being out of the Indian border. China has issued statements that the Galvan Valley was always from China. It is less likely that Beijing is making any dramatic plans like the war.

Rather, the aim of his move seems to be to make small military encroachments, seize a few square kilometers of territory for local strategic purposes, and then declare peace. Disengagement will be announced by mutual consent, with both sides claiming that the crisis is over, but in fact it will end with a better Chinese situation than before.

With many such developments in a year, China will consolidate the LAC where it wants, so that whenever it comes to the border agreement these new realities will be seen and the agreement will be in its favor. This is his long-term plan.

Beijing has been saying that the border agreement should be left to future generations because it knows that China's economic, military and geopolitical position is becoming stronger than India with each passing year. That is why India should insist on re-positioning and returning to the same position it was before April 2020.

It is very unclear whether China would agree to this. Both countries have sent more troops to the border and there seems to be a possibility of a long confrontation. The tragedy of the Galvan Valley and the action of the Chinese Army have provoked a resentment against China among the Indian public. This has given a boost to those sitting in New Delhi who think that India should stand against China along with America and other democracies in the region.

There are many reasons not to trust Beijing. For example, China's 'all-weather' alliance with India's bitter-enemy Pakistan, in which it has invested billions of dollars. At the same time, China often favors Pak. Then it has a good financial presence in India's neighbors Nepal, Sri Lanka, Myanmar and Bangladesh, so that it can reduce the traditional influence of New Delhi.

At the same time, there are also reasons for China's opposition to India's permanent place in the UN Security Council or Nuclear Suppliers Group.

With the Cold War coming to an end, Beijing had two options for relations with India: first to see India as a natural ally with Russia to create an alternative pole of US dominance, or to see it as a potential opponent of its own ambitions. See as China seems to have agreed that India is opposed to the strong relations that emerged between India and America, while India has refused to become a US ally against Beijing and China is India's second largest trade partner.

This may be due to the strengthening of this negative perception of China: India's involvement in the quad (quadrilateral) system with the US, Japan and Australia, increasing its old 'attachment' with the Soviet (including the Indian Army in Tajikistan ), Criticizing China's 'Belt and Road' initiative, India's exit from regional macroeconomic partnerships in Asia in the face of fears of China's dominance and India's 'Indo-Pacific' region and the South Supporting America's position in the China Sea. But New Delhi does not consider itself hostile to China.

India has historically been a non-aligned country and has never had a desire to strategize for any one. New Delhi did not find Donald Trump's America a particularly reliable ally. Modi, who has been to China five times as Prime Minister, had already started the 'new era of cooperation between two countries' eight months ago and after the arrival of Corono, there has been a situation of war between the two countries.

The era seems to have ended in eight months. Dissatisfied in the current development, India can move towards America. China probably does not matter. Beijing is thinking that it can afford to remind India of its place, it can do anything for it even if it has to fight with America and India also told China that it is ready for war Vinod Meghwani A news from pen

सोमवार, 20 जुलाई 2020

श्री श्री रविशंकर की शिष्या ,,डॉ सरिता बाजपेई की zoom मिटिंग छत्तीसगढ़ सिन्धी पँचायत ने आयोजित की


पूज्य छत्तीसगढ़ सिन्धी पंचायत कोरोना काल मे पूरे छत्तीसगढ़ और अन्य प्रदेशों के सिन्धी समाज को एकजुट रखने और समाज को कुछ सीखने मिले इसलिए zoom मिटिंग का आयोजन करती है इस कड़ी में 19 /7/2020 रविवार को zoom मिटिंग आयोजित की  लीविंग ऑफ आर्ट  रविशंकर जी की शिष्या  डॉ सरिता बाजपेयी ने  छत्तीसगढ़ सिन्धी पँचायत की zoom मिटिंग प्रमुख वक्ता थी । पूज्य छत्तीसगढ़ सिन्धी पँचायत की  zoom मीटिंग में दो वक्ता थे श्री दिनेश सुंदरानी जी जो माननिय पूर्व विधायक के  सुपुत्र है
 मेनिजिंग डायरेक्टर कम्यूनिशन वर्ल्ड इंफोरोमेटिक प्राइवेट लिमिटेड  इनका विशेष था व्यापर का संचालन  या निर्माण दूसरी वक्ता थी रायपुर शहर की जानी मानी हस्ती थी डॉ सरिता संजय बाजपेई जी इनका विषय था ,,,हेल्थ एंड हैपिनेस । दिनेश सुंदरानी जी एक हसमुख और बेहद सरल स्वभाव ओर सुलझे हुए व्यक्तित्व के बेहतरीन सज्जन है इनकी वाणी में मिठास है इन्होंने व्यापर करने और उसका विस्तार करने के बेहतरीन उपाय बताए ओर दूसरी वक्ता ,,,श्री श्री रवि शंकर गुरदेव के व्यक्तित्व की झलक डॉ सरिता के चेहरे पे वही सौम्य मुस्कुराहट जो गुरुदेव के चहरे पर रहती है डॉ सरिता बाजपेई ने एक घन्टे तक जिंदगी कैसे जिये विस्तार से अपनी मनमोहक आवाज में मिठास भरी वाणी से समझाया zoom मिटिंग के सभी स्रोताओं ने सरिता दीदी के अनमोल ज्ञान को अपने ह्रदय की गहराइयों में उतारा और अपने को धन्य महसुस किया  इस zoom मिटिंग के होस्ट थे सी. ऐ. चेतन तारवानी ओर प्रवक्ता श्री दिनेश अठवानी जी और मुख्य अतिथि थे पूज्य छत्तीसगढ़ सिन्धी पँचायत के अध्यक्ष श्री चंद सुंदरानी जी और अंत मे सभी स्रोताओं ओर वक्ताओ का आभार व्यक्त किया चेयरमैन श्री बबन भोजवानी जी ने ।

रायपुर की सामाजिक संस्था बढ़ते कदम ने वूक्षारोपड़ किया

बुजुर्गों की याद में लगाओ पेड़,
ताकि हरियाली बने खुशहाली

संस्था बढ़ते कदम बहुत सारे समाज सेवा के कार्यो के अलावा पर्यावरण का ध्यान रखते हुए सावन के महीने वृक्षारोपण का कार्य भी करती है संस्था के अध्यक्ष सुनील अमरानी उपाध्यक्ष प्रेम प्रकाश मध्यानी एवम सचिव बंटी जुमनानी ने बताया कि  इसी कड़ी में मुरेठी स्थित गौशाला में संस्था के कर्मठ सेवादारीयो ने अपने बुजुर्गों और बड़ो के याद में विभिन्न प्रकार के 41 पेड़ जैसे नीम पीपल आम इत्यादि लगाए 

संस्था के नंदलाल मुलवानी एवम गौशाला प्रभारी सुनील नारवानी, अशोक गुरबक्षणि, रमेश मनकानी ने जनसमान्य से भी अपील कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने घर के आंगन में या बाहर में अपने पूर्वजों की याद में कम से कम एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए एवम उसका रख रखाव करना चाहिए इस कार्य को अपना  दायित्व समझ कर करे ताकि भविष्य की पीढ़ी को संतुलित पर्यावरण मिल सके संस्था बढ़ते कदम के निम्न सदस्यो ने गौशाला जाकर इस पुनीत कार्य को अंजाम दिया मनोहर देवानी,तरुण लखवानी, गौरव नागदेव

शनिवार, 18 जुलाई 2020

अल्पसंख्यक सिंधी समाज के अधिकारों की कांग्रेस सरकार ने कटौती क्यो की -सुंदरानी

छत्तीसगढ़ में अल्पसंख्यक सिन्धी समाज के साहित्य और संस्कृति एकाडमी के स्वतंत्र विभाग विलोपित कर नये विभाग छत्तीसगढ़ विकास परिषद का गठन किया गया है  जिससे छत्तीसगढ़ और देश मे अल्पसंख्यक सिन्धी समाज आकोर्षित हो उठा हैं । कोरोना काल के इस दौर पूरे देश अल्पसंख्यक सिन्धी समाज की पंचायतों ओर समितियों  ने अनेको ,,,zoom ,,, मिटिंग की इस  छत्तीसगढ़ सरकार के इस कदम का देश साधु सन्तो ने भी विरोध जताया और काहा सिंधु नदी से हिन्दू शब्द का आरंभ हुआ है देश की प्रचीन सभ्यता है सिन्धी ओर पूरे देश के राज्यो में सिन्धी संस्कृति साहित्य के विकास के लीये गठित है और स्वतंत्र विभाग है फिर छत्तीसगढ़ में अल्पसंख्यक सिन्धी समाज के साथ अन्याय क्यो । छत्तीसगढ़ सिन्धी पँचायत की युवा विंग अध्यक्ष श्री अमित चिमनानी ने तत्काल ,,,इस विषय पर zoom मिटिंग बुलाई जिसमे पूरे छत्तीसगढ़ के अलग अलग जिलों से पँचायतो के अध्यक्षओं ने मिटिंग  भाग लिया zoom मिटिंग की अध्यक्षता की छतीसगढ़ सिन्धी पँचायत के अध्यक्ष पूर्व विधायक श्री चंद सुंदरानी जी ने सुंदरानी जी कांग्रेस सरकार को आड़े हाथ लेते काहा छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार ने अल्पसंख्यक सिन्धी समाज के अधिकारों की कटौती की है जो सिन्धी समाज के साथ अन्याय है  और सुंदरानी जी ने काहा की भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल में विस्थापितों के लीये पट्टा योजना लाई थी जिसमे 30 साल से काबिज लोगो को जमीन मालिक बनाया गया उसमे 1% भु टाक लगाया गया था जिसे प्रशाषन ने2% कर दिया उसे भी कम किया जाये ।मिटिंग में सभी पंचायतों के अध्यक्षओ ने अपने अपने विचार रखे छत्तीसगढ़ युवा विंग के अध्यक्ष श्री अमित चिमनानी ने एक खबर को बताया की छतीसगढ़ सिन्धी पँचायत का zoom मिटिंग में सामुहिक निर्णय ये राहा की छत्तीसगढ़ सिन्धी पँचायत का प्रतिनिधि मंडल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से मुलाकात करेगा और ज्ञापन देगा की छतीसगढ़ सिन्धी साहित्य अकादमी को पहले वाली स्थिति में बहाल किया जाये उसकी अलग स्वतंत्रता बनी रहे और उसके अध्यक्ष की घोषणा मुख्यमंत्री जी खुद करे जिससे अल्पसंख्यक सिन्धी समाज को छत्तीसगढ़ सरकार का सहयोग मिलता रहे ।

गुरुवार, 9 जुलाई 2020

कानपुर का गब्बर उज्जैन में पकड़ा गया

8 पुलिस वालों का हत्यारा गैंगस्टर उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर में गिरफ्तार हुआ । जब उसको गिरफ्तार किया गया तो जोर जोर से चिलाने लगा में ,,,विकास दुबे हुँ कानपुर वाला बार यही दोहरा राहा था। ऐसा लग राहा जैसे वो जान बूझ कर लोंगो को बता राहा था क्यो की उसे मरने से डर लग राहा था । इस मास्टर माइंड गैंगस्टर की कहानी इस प्रकार है । विकास दुबे ने पूरी प्लानिग के साथ ,,,चक्रव्यूह ,,,रच कर प्लानिंग की कैसे पुलिस वालों को मारना है  । 30 सालो से वो गुंडागर्दी कर राहा था । कानपुर के आसपास उसकी धाक थी एकछत्र राज था ,,,,,जैसे शोले मूवी में  ,डाकू,,गब्बर सिंह ,,का आतंक रामगढ़ के पूरे जिले में था वैसे कानपुर जिले में ,,,विकास दुबे की गुंडागर्दी चलती थी । डी एस पी देवेंद्र मिश्रा से विकास दुबे की नही जमती थी देवेंद्र मिश्रा  अपने दलबल के साथ विकास दुबे को गिरफ्तार करने निकले तो इसकी खबर गेंगस्टर विकास दुबे को मिल गई उसने पुलिस वालों को मारने के लीये पूरे गांव में अलग अलग जगह अपने गुंडे हथियारों के साथ खड़े कर दिये और बीच रोड़ में कई अवरोधको से रोड़ ब्लाक कर गांव की लाइट बन्द करवा दी जैसे पुलिस दल ने गांव में प्रवेश किया उन पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया गया । जिसमें 8 पुलिस वाले शहीद हो गये । इसके बाद गांव के पीछे के रास्ते से सब हमलावर गुंडे अलग शहर की ओर भाग निकले। विकास दुबे दिल्ली पुहुचा वांहा से फरीदाबाद फिर उज्जैन के मंदिर पुहुचा उज्जैन ही उसकी मंजिल थी ।क्यो की विकास दुबे जानता था की इस हत्याकांड के बाद यूपी पुलिस उसे जिंदा नही पकड़ेगी वो एनकाउंटर में मार देगी । इस लीये उसने पूरी प्लानिंग की ओर मध्यप्रदेश के उज्जैन में अपने को गिरफ्तार करवाया पहले वो पूरा मंदिर घुमा जब उसे लगा कोई नही पहचान राहा है तो जानबूझकर  दुकानदार से मंदिर जाने का रास्ता पुक्षा जिसेस वो पहचाना जा सके उसने उज्जैन में सरेंडर नही किया क्योंकि की सरेंडर करता तो मारा जाता उसकी माँ का बयान है की विकास दुबे महाकाल के मंदिर जाता रहता है  । अब देखना ये की कितनी जल्दी विकास दुबे को फांसी की सजा मिलेगी ।

यूरोपीय देशों की परंपरा का उदाहरण

यूरोपीय देशों की परंपरा का उदाहरण

सोमवार, 6 जुलाई 2020

में मुत्यु को सीखता हुँ : ओशो


*""में आचार्य रजनीश भक्त नही,,,,,पर वो एक महान विचारक थे ,,,,,,,,विनोद मेघवानी"*      जिंदगी क्या है क्यों इस सवाल के चक्कर पड़ने पर कई दार्शनिक हुऐ । गौतम से बुद्ध बन गए ओर संसार को बतलाया कि जीवन का रहस्य क्या है पर उनके  उपदेशो को संसार नजरअंदाज कर राहा हैओर उनके बताये रास्ते पर संसार नही चल राहा । गुरुनानक जी और सिख पंथ के सभी गुरुओं के उपदेशों से गुरुग्रंथ साहेब बना और गीता में तो पूरा संसार समाया हुआ है । कबीर ने अपने दोहों से एक एक शब्द को मोती की माला बनाकर संसार को पहनाई  फिर भी हर मनुष्य के भीतर के सवाल कभी न कभी आ जाता है संसार क्या है जिंदगी क्या है । आचार्य रजनीश ,भगवान रजनीश, बुद्ध रजनीश, ओशो रजनीश , अपने समय के दार्शनिक रहे आचार्य रजनीश ने भी जिंदगी जीने कई उपदेश दिये अनेको जगह प्रवचन दीये । हम आपको आचार्य रजनीश से जुड़ी घटनाओं को शेयर करते है। रजनीश नाम ही अपने आप मे अनूठा है । और रजनीश के विचारों ने तो संसार को आश्चर्यचकित कर दिया था एक समय ऐसा था लोग जैसे आज सुपर स्टार के पीछे भागते है वैसे दुनिया के अमीर लोग रोल्स रॉयल कारों में बैठने वाले लोग आचार्य रजनीश के पीछे भागते थे इंडिया ही नही अमेरिका के लोग इंडिया में आकर रजनीश का स्मिप्त चाहते थे वे चाहते थे रजनीश अपने विचारों के शब्दों से उन्हें तृप्त कर दे। रजनीश की अनेक पुस्तकें पड़ने योग्य है ,एक तो बहुत ही चर्चित हुई थी,,,, *" संभोग से समाधि तक,,,,,, एके ओर पुस्तक जिसको मेने भी पड़ी थी ,,,तंतसूत्र,,,, इस पुस्तक में शिव भगवान क्या कहते वो बताया गया ,,आप कल्पना नही कर सकते ऐसे आश्चर्यजनक विवरण है इस पुस्तक में ,,अपने समय के महान ज्ञानी ओर विचारक थे  आचार्य रजनीश  । पुणे में पहला ,,,रजनीशपुरम आश्रम बना था भारत मे "उस समय के सुपर स्टार विनोद खन्ना ने संसार से सन्यास ले लिया और रजनीश भक्त बन गये उनके साथ फ़िल्म निर्देशक महेश भट्ट ने भी सन्यास लिया था ओर फिर अमेरिका में भी रजनीश ने रजनीशपुरम आश्रम बनाया रजनीश  ऐसे पहले उपदेशक थे जिनके पास अपना चार्टर प्लेन था उनके प्रवचनों में ऐसा सम्मोहन था व्यक्ति समोहित हो जाता था अमेरिका जब उनकी पॉपुलेरिटी बढ़ने लगी तो अमेरिका सरकार रजनीश के खिलाफ हो गई उनका वीजा रदद् कर दिया गया तब आचार्य रजनीश को रातो रात अमेरिका छोड़ना पड़ा अपने चार्टर प्लेन से वो इंडिया वापस आ गये उसके बाद इंडिया में उनका निधन हो गया उनके निधन के बारे में भी की विसंगतियां है एक खबर ,,,,,विनोद मेघवानी की कलम से"*

बुधवार, 1 जुलाई 2020

अमिताभ बच्चन को पोस्ट करे एक खबर की पोस्ट जीते ,,501 रुपये ,,फ़्री में

( एक खबर) आपके लीये लाये है एक चांस जिसमे आप जीत सकते है (501रुपये) पांच सौ एक रुपये)  ये प्रतियोगिता बहुत ही सरल है जिसमे 15 साल से लेकर किसी भी उम्र मेल ,फीमेल ,सब भाग ले सकते  ।आप को प्रतियोगिता भाग लेने के लिये ये करना है ।हमने जो अमिताभ बच्चन और विनोद मेघवानी की फोटो बनाई है इसको आप को अमिताभ बच्चन के टिवटर amitabh bachchan अकाउंट पे पोस्ट करनी है और अमिताभ जी रिक्वेस्ट करनी है कि वो आपकी पोस्ट को शेयर करे अमिताभ जी जिसकी पोस्ट शेयर करेंगे वो विजेता होंगे उन्हें 501 /रुपये दीये जाएंगे एक से ज्यादा प्रविष्टियों के आने पर ड्रा द्वारा लाटरी निकाली जायेगी सिर्फ एक ही विजेता बनेगा एक ही ईनाम है 501/रुपये का वो विजेता को दिया जाएगा।आपको ऊपर डेमो दिया गया है । अमिताभ जिसकी पोस्ट शेयर करते वो लोग स्क्रीन शाट लेकर हमे 8871232802 पर भेजे एक खबर विनोद मेघवानी

बंद कमरे में बनाए जाने वाले वीडियो से अंधी कमाई

Vinod raja meghwani (sampadak),,,, बन्द कमरे में बनाए जाने वाले वीडियो से  अंधी कमाई कितनी हे,,,?????