मंगलवार, 19 नवंबर 2024

मोदी जी का भाषण आप ने सुना हे पर एक बार कुमार विश्वाश को सुने ---- vinod raja

Vinod raja meghwani (sampadak
) अगर आप ने कुमार विश्वाश का भाषण कभी नहीं सुना तो आप कुमार विश्वाश को पसंद करने लगेंगे क्योंकि सच सुनना और देखना सबको पसंद ओर एक खबर का मतलब ही सच्ची खबर हे

शुक्रवार, 8 नवंबर 2024

संत अमर शहीद कंवर राम साहिब जी का 85 वां शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित


Vinod raja meghwani (sampadak
*अमर शहीद संत कंवरराम साहेब जी का (85वां) शहादत दिवस*  *1 नवम्बर को 85 दीप प्रज्वलित कर महाआरती एवं पुष्पांजली अर्पित कर श्रद्धांजली दी गई*
रायपुर संत कंवरराम नगर (कटोरातालाब) युवा परिषद के अध्यक्ष एवं संत कंवरराम सेवा समिती के उपाध्यक्ष प्रेम प्रकाश मध्यानी महासचिव अजय वलेचा  ने बताया  कि संत कंवरराम नगर युवा परिषद एवं संत कंवरराम सेवा समिती के संयुक्त तत्वाधान में 1 नवम्बर शुक्रवार   को *अमर शहीद संत कंवरराम साहेब जी* के शहादत दिवस पर संत कंवरराम नगर (कटोरातालाब) स्थित संत कंवरराम चौक पर रात्रि 9ः30 बजे महाआरती की गई व 85 दीप प्रज्वलित कर पुष्पांजली अर्पित कर श्रद्धांजली दी गई एवं ठीक 10ः00 बजे 2 मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजली दी गई। श्री मध्यानी व श्री वलेचा ने बताया कि उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने संतो का सिमरन कर संतो से आशीर्वाद लिया एवं इस दौरान किशनचंद निहलानी ने शांती पाठ कराया। एवं पवन प्रीतवानी व डा. गजवानी,  ने संतो के भजन गाए व समापन में भाई अमरलाल जी सभी के साथ मिलकर प्रार्थना की।
इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से साई जल कुमार मसंद ,भाई अमरलाल जी , पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी, पूर्व पाषर्द जगदीश कलश , छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत के अध्यक्ष महेश दरयानी,कविता शिव ग्वालानी ,किशनचंद निहलानी, प्रेम प्रकाश मध्यानी, अजय वलेचा,कमल लखानी,जय बजाज, पीताम्बर कोडवानी,पवन प्रीतवानी, प्रहलाद शादीजा , डॉ. गजवानी , बबला होतवानी, किशोर आहूजा,अमरदास खट्टर,अनेश बजाज,सर्वानंद मंधान,राजकुमार वासवानी , रूपचन्द पंजवानी , मनोहर चंदनानी , अमर चंदनानी, इंदु गोधवानी, धनेश मटलानी ,  चंद्रकुमार डोड़वानी , किशन मनुजा ,सुरेश कुमार छत्री, ओम प्रकाश पंजवानी,राजकुमार सोनी,रितेश वधवा,संजय  मोटवानी,विजय लहरवानी,पृथ्वीराज दयानी,वासु जीवन,नीलेश पंजवानी,अछूमल गावरी ,गिरीश लहेजा,राजकुमार पंजवानी ,हीरालाल रहेजा , रिंकु प्रेमचंदनानी, राजु  मनवानी,प्रकाश तीर्थानी, सन्नी मनुजा,बिरजू दयानी,विनोद संतवानी, सागर खटवानी सहित बड़ी संख्या मे सदस्य उपस्थित थे
*सधन्यवाद*
कृपया संतो के फोटो के साथ देने की कृपा करें।                              
*भवदीय*
प्रेम प्रकाश मध्यानी 
93294-07988
अजय वलेचा
98261-319098261-31909

गुरुवार, 31 अक्टूबर 2024

एक खबर ये इंटरव्यू ,,,नहीं न्यूटल बम हे ,,,,,जो बिश्नोई ने दिवाली में फोड़ा हे,,,,😀

Vinod raja meghwani (sampadak)
एक खबर लारेंस बिश्नोई ने abp न्यूज को इंटरव्यू दिया एडिट एक खबर ये इंटरव्यू ,,,नहीं न्यूटल बम हे ,,,,,जो बिश्नोई ने दिवाली में फोड़ा हे,,,,😀

मंगलवार, 22 अक्टूबर 2024

जम्मू कश्मीर विभाजन के बाद से ही विवादग्रस्त हे अब फिर आतंकी हमला =Vinod raja

Vinod raja meghwani (sampadak

जम्मू कश्मीर विभाजन के बाद से ही विवादग्रस्त हो गया था (एक खबर Vinod raja meghwani) पाकिस्तान के हुक्मरानों ने कश्मीर के कारण लाखों हिन्दुस्तानियों की जान ले ली और हिन्दुस्तान की अरबों की संपति को स्वाह कर दिया अब तक जब कश्मीर जल राहा था तब राज्य में नेशनल कांफ्रेंस के अब्दुल्ला परिवार की सरकार थी आतंकवाद ने पूरे राज्य को 75 सालो से बर्बाद कर दिया । जब कश्मीर से हिंदुओं को पलायन करने पर मजबूर किया गया तब भी अब्दुल्ला और मुफ्ती मोहमद का राज था कश्मीर में ।370 हटाने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवाद पे काबू किया गया और अब फिर नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री बने हे ओर फिर आतंकवाद की घटना होने लगी।
अब्दुल्ला सरकार के शासन में ही कश्मीर घाटी में आतंकवाद बढ़ा अब फिर शासन की कमान इसी खानदान के पास है।
आतंकी हमले में एक डॉक्टर सहित सात मजदूरों की मौत। इनमें से चार मुसलमान।
आतंकियों का कोई मजहब नहीं होता।
20 अक्टूबर की शाम को कश्मीर घाटी के गांदखल इलाके के एक प्रवासी मजदूर कैंप पर आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की। इस फायरिंग में एक डॉक्टर सहित सात मजदूरों की मौत हो गई तथा अनेक मजदूर घायल हो गए। इन सात मृतकों में से चार मुसलमान है। इसकी आतंकी हमले की जिम्मेदारी लश्कर ए तैयबा ने ली है। 15 अक्टूबर को ही नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री की शपथ ली थी। उमर  अब्दुल्ला   उसी अब्दुल्ला खानदान के चिराग है, जिनके शासन में कश्मीर घाटी में आतंकवाद बढ़ा। अनुच्छेद 370 के लागू रहते जम्मू कश्मीर खासकर कश्मीर घाटी पूरी तरह आतंकियों के गिरफ्त में थी। वर्ष 2019 में 370 के समाप्त होने के बाद हालातों में सुधार हुआ। लेकिन इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि कश्मीरियों ने उसी अब्दुल्ला खानदान को सत्ता सौंप दी जिन के शासन में आतंकवाद पनपा। गंभीर बात तो यह है कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला 370 की बहाली के पक्ष में है। शपथ लेने के बाद चार दिन बाद ही जब इतना बड़ा हमला हो गया, तब 370 की बहाली के बाद के हालातों का अंदाजा लगाया जा सकता है। यह सही है कि मौजूदा समय में जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश है, लेकिन शासन में निर्वाचित सरकार का भी महत्व होता है। 2019 के बाद जो आतंकवाद दम तोड़ने की स्थिति में पहुंच गया था उसे उमर अब्दुल्ला के मुख्यमंत्री बनने से संजीवनी मिल गई है। कोई माने या नहीं, लेकिन अब्दुल्ला खानदान के पास फिर से शासन आने के कारण आतंकियों के हौसले बुलंद हुए हैं। कुछ लोग हा ही के विधानसभा चुनाव को भले ही लोकतंत्र को मजबूत होना बताए, लेकिन कश्मीर के हालात दोबारा से बिगड़ने की शुरुआत हो गई है। इतिहास गवाह है कि अब्दुल्ला खानदान की सरकारों में ही कश्मीर घाटी से चार लाख हिंदुओं को भागना पड़ा। लाख कोशिश के बाद भी हिंदुओं को फिर से घाटी में बसाने में सफलता नहीं मिली है। केंद्र सरकार की ओर से विकास के जो दावे किए जा रहे है, वे भी विधानसभा चुनाव में कश्मीर घाटी में कोई असर नहीं दिखा पाए हैं। कश्मीरी मुसलमानों ने उसी नेशनल कॉन्फ्रेंस को वोट दिया जिसने अनुच्छेद 370 की बहाली का वादा किया है। 20 अक्टूबर को हुए हमले में मृतकों में चार मुसलमान भी है। इससे जाहिर है कि आतंकियों का कोई मजहब नहीं होता। मृतक मजदूर बिहार के हैं, जो कश्मीर में विकास के निर्माण कार्य कर रहे थे। यानी आतंकियों को विकास भी पसंद नहीं है। देखना होगा कि उमर अब्दुल्ला के मुख्यमंत्री बनने के बाद जम्मू कश्मीर में जो हालात उत्पन्न हुए हैं। उनसे केंद्र सरकार किस प्रकार मुकाबला करती है।

रविवार, 20 अक्टूबर 2024

अमेरिका भारत के साथ खेल राहा हे =विनोद राजा

Vinod raja meghwani (sampadak)
अमेरिका का दोहरा चरित्र एक तरफ दोस्त बनता हे ।दूसरी तरफ खलिस्तान के आतंकवादी पन्नू को अपना नागरिक कहता हे उसके साथ खड़ा होता हे ,,,

गुरुवार, 19 सितंबर 2024

कश्मीर 370 हटाने के बाद पहला विधानसभा चुनाव = vinodraja


Vinod raja meghwani (sampadak)एक खबर 

Vinodraja (अंडा) दुर्ग पुराने दिनों में कश्मीर में लाल चौक की दुकानें अलगाववादी हुर्रियत के आह्वान पर बंद हो जाया करती थीं। वांहा अब केंद्र बीजेपी सरकार 370 हटाने के बाद पहली बार विधान सभा चुनाव करा रही है। अब कश्मीर में डर नही है।

 पिछले पांच सालों में, दुकानें सूर्यास्त के बाद तक खुली रहती हैं। श्रीनगर में हमारे होटल के मालिक ने हमें बताया कि 23-24 उनके लिए अब तक का सबसे अच्छा कारोबारी साल रहा है। कोविड के दौरान, उन्होंने अपनी प्रॉपर्टी बेचने का मन बना लिया था, लेकिन अब वे पर्यटकों की भारी आमद से खुश हैं। बेहतर हाईवे कनेक्टिविटी से लेकर अनवरत बिजली आपूर्ति तक, कश्मीर सही रास्ते पर चलता मालूम होता है। लेकिन खुशी के इस अहसास को खत्म होने में ज्यादा समय नहीं लगता। श्रीनगर स्थित जामा मस्जिद में जुमे की नमाज खत्म हुई है। पहले यहां पत्थरबाजी आम बात थी, पर अब पुलिस की कड़ी निगरानी के बीच लोग मस्जिद से चुपचाप बाहर निकल रहे हैं। जब तक में कैमरा ऑन करके भीड़ से बातें करना शुरू नहीं करता, तब तक सब कुछ ठीक लगता है। लेकिन कुछ ही मिनटों में गुस्साई आवाजें मुझे परेशान करना शुरू कर देती है। कुछ सनकी जो दिनों के पुराने समर्थक होंगे ।
एक बुजुर्ग व्यक्ति कहते हैं, अगर कश्मीर में सब ठीक है तो मीरवाइज फारूक को क्यों नजरबंद किया गया है? एक और गुस्साई आवाज कहती है, हम चुप हैं, इसका मतलब ये नहीं कि जो हो रहा है उसे कबूल लें। एक व्यक्ति ने कहा, हम डर में जी रहे हैं। इससे पहले कि हालात बेकाबू हो जाएं, एक पुलिस अधिकारी हमें बाहर ले जाते हैं। वे हमें याद दिलाते हैं कि अलगाववादी समूह हाशिए पर चले गए हैं, पर अलगाववादी मानसिकता कश्मीर में अभी जीवित है।

मोदी जी हमेशा चकित करता है और कश्मीर विधानसभा चुनाव
भी इसका अपवाद नहीं हैं। अनंतनाग जिले के बिजबेहरा
में पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती के चुनाव अभियान का
लेकिन इस बार असली सुर्खियां बटोरने वाले छोटे दल और निर्दलीय हैं। मई में हुए लोकसभा चुनावों में इंजीनियर राशिद ने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में बारामूला सीट पर दो लाख से अधिक वोटों से उमर अब्दुल्ला और सज्जाद लोन को हराकर सबको चौंका दिया था।
कश्मीर अब एक केंद्र-शासित प्रदेश बन गया है, जिसकी विधानसभा की शक्तियां
नगरपालिका से भी कम हैं। परिसीमन ने घाटी की कीमत पर जम्मू का प्रतिनिधित्व बढ़ाया है। और प्रशासन की बागडोर एक अनिर्वाचित एलजी के हाथों में है। राशिद 2019 से तिहाड़ जेल में हैं, उस पर आतंकी फंडिंग मामले में यूएपीए के  आरोप तहत । राशिद को तीन सप्ताह की जमानत दी गई है और उनकी अवामी इत्तेहाद पार्टी 34 सीटों पर मैदान में है। उन्होंने प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के साथ एक रणनीतिक' गठबंधन भी किया है। क्या यह नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन को चुनौती देने का प्रयास है?
जम्मू कश्मीर में
1990 के दशक में जब पंडितों को अपने घरों से भागने पर मजबूर होना पड़ा, तब कश्मीरियत दफन हो गई थी इंसानियत मर  गई। हैवानों ने तब जब निर्दोष लोग आतंकियों की बंदूकों और राज्यसत्ता की ज्यादतियों के बीच फंस गए। 'जम्हरियत' सालों से आईसीयू में है। चुनावी उत्साह हकीकतों को नहीं बदल सकता। हम ने
बिजबेहरा में  लोगों से पूछा उनका प्रिय क्रिकेटर कौन है। कुछ ने कोली का नाम लिया. कुछ ने बुमराह व रोहित का, पर ज्यादातर ने कहा- बाबर आजम । कश्मीर में, सीमाएं अक्सर एलओसी को लांघ जाती हैंचुनाव हो रहे हैं। बुधवार को पहले चरण की वोटिंग हुई। तीनों चरणों में रिकॉर्ड मतदान हो सकता है। लगता है जो लोग पत्थर और गोलियों को ही समाधान मानते थे, उन्हें एहसास हो गया है कि वोट की ताकत अधिक प्रभावी है। राजनीतिक दलों को भी समझ आ गया है कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद बदले हुए परिदृश्य में कठोर रुख के लिए कम गुंजाइश रह गई है। शायद यही वजह है कि उमर अब्दुल्ला ने दो क्षेत्रों से चुनाव लड़ने का फैसला किया है, जबकि पहले उन्होंने कहा था वे चुनाव से दूर रहेंगे। हार  के डर से पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती खुद चुनाव नहीं लड़ रही हो, लेकिन उन्होंने अपनी बेटी इल्तिजा को मैदान में उतारा है। घाटी में भाजपा की मौजूदगी हे पार्टी को पूरी  उम्मीद है सरकार बीजेपी की बनेगी, लेकिन कांग्रेस को उम्मीद है कि राहुल गांधी का 'मोहब्बत की दुकान' का संदेश मजबूती से गूंजेगा।मुआयना करने जैसे ही हम पहुंचे, ट्रैफिक जाम में फंस गए। हमें तेज आवाजें सुनाई देने लगीं। हमें लगा कि शायद कोई विस्फोट या आतंकी हमला हुआ है, लेकिन हमारे ड्राइवर ने मुस्कराते हुए बताया 'चिंता मत कीजिए, ये लोग घरेलू टीम और श्रीनगर के बीच बिजबेहरा प्रीमियर लीग का फाइनल देखने दौड़े जा रहे हैं।' क्रिकेट के दीवाने प्रशंसकों से भरा एक स्थानीय मैदान शायद 'नए' कश्मीर का सबसे शानदार दृश्य है। श्रीनगर के बीचों-बीच स्थित ऐतिहासिक लाल चौक पर उत्साहित दुकानदारों ने हमें बताया कि इलाके में बर्गर किंग और डोमिनोज की फ्रेंचाइजी खुलने वाली है। आने वाला समय बताएगा की घाटी में किसकी सरकार बनेगी जय हिंद लेखक के अपने विचार हैं 

शुक्रवार, 13 सितंबर 2024

कुम्हारी टोल नाका पर मुकेश तिवारी का 48 घंटे का सत्याग्रह =एक खबर


Vinod raja meghwani (sampadak) सूत्रों से मिली खबर कुम्हारी 
 सत्याग्रह की सूचना बाबत 

 आज दिनांक 11 सितंबर 2024 को 11:00 बजे से कुम्हारी टोल प्लाजा के सामने मुकेश तिवारी द्वारा कुम्हारी टोल प्लाजा बंद करने की मांग को लेकर 48 घंटे की सत्याग्रह पश्चात टोल प्लाजा नहीं बंद करने पर अमन अनशन किया जाने को लेकर सत्याग्रह में बैठ गए हैं

M M I haspitl मे मरीज की जान से खिलवाड़ और 15 से 20 लाख रुपए वसूले


Vinod raja meghwani (sampadak)एक खबर सूत्रों से मिली अनुसार रायपुर में एक बार फिर MMI haspitl प्रबंधन की लापरवाही की वजह रायपुर सिंधी समाज के परिवार के सदस्या की आस्मिक मत्यु हो गई और 15 से बीस लाख रुपए  परिवार से वसूले गए है । इस मामले को स्वास्थ मंत्री की जानकारी में लाया गया और थाने में करवाई के लिए छत्तीसगढ़ सिंधी के पदाधिकारी श्री महेश drayani अमित चिमनानी,राजेश वासवानी और सुभाष बजाज और अन्य समाजसेवक शोककुल परिवार के साथ है 


गुरुवार, 29 अगस्त 2024

कर्म और भाग्य क्या है - विनोद राजा meghwani


Vinod raja meghwani (sampadak)
कर्म का नियम, यह कैसे काम करता है? ||
कर्म का नियम, यह कैसे काम करता है
हिंदू धर्म में विभिन्न दार्शनिक और आध्यात्मिक अवधारणाओं के साथ एक जटिल और विविध अवधारणा है, और इसकी तीसरी मौलिक अवधारणाओं में से एक कर्म का नियम है।
सभी स्तरों पर क्रिया और प्रतिक्रिया की प्रक्रिया - शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक - कर्म है। कर्म हिंदू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण और बुनियादी सिद्धांत है, फिर भी इसे समझना बहुत जटिल बात है।
कर्म, संस्कृत शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ है "कार्रवाई" या "काम", यह विश्वास है कि एक व्यक्ति द्वारा किए गए प्रत्येक कार्य के परिणाम होते हैं जो उसके वर्तमान जीवन और भविष्य के जीवन को प्रभावित करते हैं।
इसका महत्व क्या है?
a) हर कोई कर्म करने के लिए बाध्य है, कोई भी इससे बच नहीं सकता। न कर्मणामनारामभन्नैष्कर्म्यं पुरुषोऽश्नुते |
न च संन्यासनादेव सिद्धिं समाधिगच्छति।।
अर्थ- केवल कर्म से विरत रहने से कर्मफलों से मुक्ति नहीं मिलती, न ही केवल शारीरिक त्याग से ज्ञान की पूर्णता प्राप्त होती है।
ख) बहुत से लोग सोचते हैं कि कर्म उनके कर्म हैं, लेकिन यह केवल आधा सच है। कर्म केवल आपके द्वारा किए गए कार्य नहीं हैं, बल्कि यह वह भी है जो आप हर समय सोचते हैं। ऐसा माना जाता है कि किसी के विचारों की गुणवत्ता और उसके कार्यों के पीछे की प्रेरणाएँ उसके द्वारा अनुभव किए जाने वाले परिणामों पर गहरा प्रभाव डालती हैं। प्रेम, करुणा और निस्वार्थता जैसे सकारात्मक विचार सकारात्मक कर्म उत्पन्न करने वाले माने जाते हैं, जबकि घृणा, लालच और स्वार्थ जैसे नकारात्मक विचार नकारात्मक कर्म उत्पन्न करने वाले माने जाते हैं।
न हि कश्चित्क्षणमपि जातु तिष्ठत्यकर्मकृत् |
कार्यते ह्यवश: कर्म सर्व: प्रकृतिजैर्गुणै: ||
अर्थ- ऐसा कोई नहीं है जो एक क्षण के लिए भी बिना कर्म के रह सके। वास्तव में, सभी प्राणी अपने भौतिक स्वभाव से उत्पन्न गुणों के कारण कर्म करने के लिए बाध्य हैं।अतः हम जो भी सोचते या करते हैं, हर एक चीज पंजीकृत हो जाती है और हम उसी के अनुसार पुनर्जन्म लेते हैं।c) प्रत्येक कर्म का एक समान परिणाम होता है। सभी सकारात्मक क्रियाएँ और विचार अच्छे कर्म उत्पन्न करते हैं और इसके विपरीत। d) कर्म केवल मानव जीवन में ही अर्जित किया जा सकता है। पौधों और जानवरों जैसे निचले जीवन में, पौधों और जानवरों को आम तौर पर सीमित चेतना वाला माना जाता है और वे सहज व्यवहार से प्रेरित होते हैं। जबकि वे अपने पिछले कर्मों के परिणामों का अनुभव कर सकते हैं, उनके सचेत रूप से नए कर्म उत्पन्न करने की क्षमता सीमित मानी जाती है। केवल उनके बुरे कर्म ही निचले जीवन में जलते हैं। कर्म के प्रकार- कर्म को चार भागों में विभाजित किया जा सकता है- a. संचित कर्म- इस जीवन और पिछले जन्मों के सभी कर्मों का योग। b. प्रारब्ध कर्म- संचित कर्म का वह भाग जो फल दे रहा है और वर्तमान जीवन की घटनाओं और स्थितियों को आकार दे रहा है। c. क्रियमाण कर्म- वह कर्म जो इस जीवन में किसी के विचारों द्वारा बनाया और संचित में जोड़ा जा रहा है। d. आगम कर्म- वे कार्य जो हम भविष्य के लिए योजना बना रहे हैं।  श्री राम ने जन्म क्यों लिया? इसके तीन कारण है ?
ये सभी सत्य हैं, लेकिन आइए श्री राम के जन्म के पीछे के मुख्य उद्देश्य पर पुनर्विचार करें, जिसे अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। उनके अवतार का उद्देश्य यह प्रदर्शित करना था कि कर्म का नियम देवताओं पर भी लागू होता है और अटल है। भगवान विष्णु, जो अपने रणनीतिक चरित्र के लिए जाने जाते हैं, उनके प्रत्येक अवतार के पीछे हमेशा अंतर्निहित उद्देश्य होते थे। मानव क्षेत्र के पर्यवेक्षक के रूप में, उन्होंने ज्ञान प्रदान करने और आवश्यक सिद्धांतों को स्थापित करने के लिए विभिन्न अवतार लिए।
इस दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए, निम्नलिखित बिंदुओं पर विचार करें:
 जलधर की पत्नी वृंदा ने भगवान विष्णु को श्राप दिया कि वे अपने जीवनसाथी से अलग हो जाएंगे।
 नारद नामक एक ऋषि ने भगवान विष्णु को श्राप दिया कि उन्हें नारद के अपने अधूरे प्रेम जैसी स्थिति का सामना करना पड़ेगा, जिससे उन्हें अपने प्रियतम के साथ रहने की तलाश में कष्ट उठाना पड़ेगा।
 राम द्वारा अपनाए गए मार्ग को आध्यात्मिक मुक्ति (मोक्ष) प्राप्त करने के लिए सबसे कठिन मार्ग के रूप में व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है। रामायण को संपूर्ण रूप से पढ़ने से पता चलता है कि इसमें बुराई पर अच्छाई की जीत की एक साधारण कहानी से कहीं अधिक शामिल है; यह पीड़ा, त्याग और चुनौतियों का वर्णन करता है, जिन्हें एक आदर्श जीवन जीने के लिए सहना पड़ता है।
भगवान होने के नाते, विष्णु आसानी से कर्म के सिद्धांतों से बच सकते थे, लेकिन नहीं, उन्होंने ऐसा नहीं किया और यही कारण है कि कर्म का नियम अपरिहार्य है।
इतना दुख क्यों है?
सुख या दुख केवल व्यक्ति के पिछले जन्म के कर्मों का परिणाम है। यदि आपके जीवन में दुख और पीड़ा है जबकि आपका मित्र खुशहाल जीवन जी रहा है, तो आपको समझना चाहिए कि आपने अपने पिछले जन्म में कुछ बहुत बुरा किया था जबकि आपके मित्र ने अपने पिछले जन्म में कुछ अच्छा किया होगा।
कर्म और भाग्य-
कर्म का भाग्य शब्द के साथ पुराना संबंध है। भाग्य एक पश्चिमी विचार है, जो मुख्य रूप से  अन्य धर्मों से आया है इसका अर्थ है कि व्यक्ति का जीवन उसके बाहर की एजेंसियों द्वारा निर्धारित किया गया है। हालाँकि, कर्म इसके बिल्कुल विपरीत है। कर्म कहता है कि आपका जीवन पूरी तरह से इस बात पर आधारित है कि आप क्या सोचते हैं और क्या करते हैं। कर्म सिखाता है कि व्यक्तियों के पास अपने विचारों, इरादों और कार्यों के माध्यम से अपने जीवन को आकार देने की शक्ति है, जो व्यक्तिगत जिम्मेदारी और एजेंसी पर जोर देता है। यह कार्यों और उनके परिणामों के परस्पर संबंध पर प्रकाश डालता है, यह सुझाव देता है कि व्यक्तियों के पास अपने भाग्य को प्रभावित करने की क्षमता है।

बुधवार, 7 अगस्त 2024

शेख हसीना की एक गलती ने बंग्ला देश मे सवा करोड़ हिन्दुओं की जान ओर माल खाक कर दिया

Vinod raja meghwani (sampadak)एक खबर VM /राजा साहेब  दुर्ग ,,,विशेष ,,संपादिकीय् लेख ,,बंग्ला देश,,,,



 शेख हसीना के एक गलत फैसले ने सवा करोड़ हिन्दुओं की जान ओर उनकी संपति को खाक मे मिला दिया अगर शेख हसीना भागती नही देश के प्रति सच्ची देशभक्ति दिखाती तो आज बंग्ला देश मे आरजकता नही होती ।बांग्लादेश में कल जो हुआ है, उसका सपना हमारा विपक्ष, Western Deep State, वामपंथी Ecosystem पिछले 10 साल से देख रहे हैं.

1971 के समय जो लोग मारे गए थे... उनके परिवारों को सरकार ने आरक्षण दिया हुआ था. बांग्लादेश में पिछले 5-6 सालों से स्थिति विस्फोटक थी... वहाँ एक पार्टी है BNP.. जो आतंकवादी समर्थक भी है.. और इस पार्टी को अमेरिकी राष्ट्रपति के बेटे हंटर Biden का भी समर्थन प्राप्त है.

यह लोग कई सालों से सत्ता पलटने में लगे हुए थे.. लेकिन लोकतान्त्रिक तरीके से जीत नहीं पाते थे.. पिछले चुनावों में इसी कारण BNP ने चुनाव का बहिष्कार किया और चुनाव नहीं लड़ा.. जिस वजह से शेख हसीना की पुनः सरकार बन गई.

इस बार इन्होंने आरक्षण हटाने का मुद्दा हटाया.. और देश भर में हिंसा हुई.... सरकार ने सभी तरह के आरक्षण ख़त्म कर दिए.



उसके बाद कुछ दिन शांति रही.. फिर BNP और कुछ आतंकवादी संगठनों और Western Deep State के players ने फिर से बवाल करना शुरू कर दिया... कल कल में ही 100 से ज्यादा लोग मारे गए... और आज अराजक तत्व PM house में घुस गए.. और सड़को पर कब्ज़ा कर लिया... PM Hasina ने इस्तीफ़ा दे दिया और देश छोड़ दिया... दिल्ली पहुंचने वाली हैं. सेना ने आतंरिम सरकार बनाने की बात की है.

बांग्लादेश की सेना इतनी मजबूत नहीं की martial law लगा दे.. ऐसे में Western Deep State का कोई प्यादा नई सरकार बनाएगा.

पोस्ट में दिए गए वीडियो आप देखो.. कैसे जनता सड़को पर उतर गई है... PM House पर अराजक तत्वों का कब्ज़ा है.



Screenshot में दी हुई ख़बर में आप Awami League की जगह बीजेपी add कर दीजिए और PM Hasina की जगह PM Modi कर दीजिये... बाकि सब same to same होने के सारे तिकडम लगाए गए..... लेकिन सौभाग्य से ऐसा हुआ नहीं.

याद कीजिये कुछ महीने पहले का राहुल गाँधी का बयान.. जिसमें उसने कहा था कि 'मोदी अब सड़क पर जायेगा तो जनता इसको मारेगी'.....जी बिलकुल यही शब्द बोले गए थे.

किसानों के फर्जी आंदोलन में 'मर जा मोदी' के नारे लगाए जाते रहे हैं.... इंदिरा गाँधी की तरह मोदी की हत्या करने की बता कई बार की गई है.

विपक्ष के बड़े नेता पाकिस्तान जा कर उनसे सहायता मांगते हैं.. ताकि सरकार बदली जा सके.

राहुल गाँधी यूरोप जाते हैं, और सभी यूरोपीय देशों से सहायता मांगते हैं...भारत में सरकार बदलने के लिए.

बांग्लादेश में आरक्षण के मुद्दे पर बवाल हुआ... और सरकार ने सब मांगे मान ली, उसके बाद भी हिंसा नहीं रुकी.

भारत में ऐसे कई बवाल हुए हैं पिछले 10 सालों में.... असहिष्णुता से शुरू हुई यह नौटंकी आज SC/ST के आरक्षण को व्यापक बनाने तक हर दिन चलती आ रही है.

सौभाग्य मानिये... केंद्र में मजबूत सरकार है.... जो पिछले 10 सालों से ऐसे लोगों से लड़ रही है... हाँ ऐसा करते हुए कुछ लोगों को कमजोर भी दिखती है.. लेकिन ऐसा नहीं है... कई बार युद्ध जीतने के लिए कुछ लड़ाई हारनी भी पड़ती हैं.

जब अराजकता फैलती है ना... तो सबसे पहले आम जन जीवन प्रभावित होता है.... बांग्लादेश में अब सरकार नहीं है... लोग हतप्रभ हैं... क्या करें.. कहाँ जाएं... जो सत्ता के पक्ष वाले हैं वह डरे हुए होंगे.. क्यूंकि उन्हें चिन्हित किया जा चुका होगा..... आगे क्या होगा उनके साथ.. यह भगवान ही जाने.

देश में कोई व्यवस्था नहीं होगी... काम धंधे प्रभावित होंगे.. देश में हिंसा होगी तो व्यापार नहीं हो पायेगा.. रोजमर्रा की चीजों के दाम आसमान पर होंगे.... देश में investment नहीं आएगा... लोगों का जीवन स्तर बिगड़ जाएगा.. नौकरियां खत्म हो जाएंगी.

जो आज बांग्लादेश में हो रहा है... यह भारत में भी हो सकता है.

आज हमारा विपक्ष और Deep State यही तो करना चाहता है..... असहिष्णुता, Anti CAA, Farmers Bill, Lynching, रोहित वेमुला case, SCST law, जातिवाद, आरक्षण जैसे कई Fault Lines हैं हमारे देश में.... हर मुद्दे पर हमने बवाल देखे हैं पिछले दस सालों में.

यह सरकार की सफलता है कि कोई भी बवाल बड़ा नहीं हुआ.. वरना विपक्ष तो हर बार ऐसे काण्ड करके मोदी का इस्तीफ़ा ही मांगता है.

एक बात याद रखिये..... लोकतंत्र में सवाल पूछने की आजादी तब तक ही है जब तक केंद्र में लोकतान्त्रिक सरकार है.... जिस दिन अराजक तत्व सत्ता में आएंगे.. या लोकतान्त्रिक सरकार गिरेगी... देश भरभरा कर गिर जाएगा.

ये जो लाखों करोड़ों बैंक में जमा कर रखें हैं... ये जो Market का Portfolio बना रखा है... ये तो कोठी flat ले रखें हैं... ये तो SUV Sedan ले कर आप घूमते हैं ना... जिस दी  अराजक भीड़ सड़क पर आएगी.. यह सब एक झटके में गायब हो जायेगा.

जब जान ही बचाने के लाले पड़ जाएंगे.. तब पैसा, बंगला, गाड़ी, बैंक बैलेंस के बारे में कौन सोचेगा??

4 जून को आप इसी अराजकता से बचे हैं.... कितने समय तक बचे रहेंगे.. यह केंद्र में स्थिर और मजबूत सरकार पर निर्भर करता है

बुधवार, 31 जुलाई 2024

काशी आयोध्या धार्मिक यात्रा पुरा विवरण -एक खबर विनोदराजा


Vinod raja meghwani (sampadak)एक खबर लाईव हे काशी आयोध्या यात्रा मे,,,,,,,,,,एक खबर VM /राजा साहेब दुर्ग  काशी आयोध्या  धार्मिक  यात्रा सिंधु अमरधाम आश्रम  संत साई श्री लालदास जी के सानिध्य मे झूलेलाल एक्सप्रेस मे दुर्ग स्टेशन  से 27/7/2024 शनिवार को सुबह  10 बजे शादानी तीर्थ धाम रायपुर के  पीठाधीश्वर dr  साई संत श्री युधिष्ठर लाल जी ने दुर्ग स्टेशन में सिंधी समाज के इष्टदेव वरुण अवतार श्री झूलेलाल साई की पूजा अर्चना की  उसके संत जी ने हरी झंडी दिखाकर    ट्रेन को रवानगी दी इस् अवसर पर दुर्ग ओर भिलाई राजंदगांव के हजारों श्रद्धालु स्टेशन पर उपस्तिथ थे ओर तीर्थ यात्रियों को यात्रा की शुभकामनाये दी।  ट्रेन चलते चलते रायपुर पहुंची ,,,,,वंहा बेंड बाजे के साथ श्रद्धालुयों  का स्वागत किया छतीसगढ़ सिंधी पंचायत की पुरी टीम ओर सिंधी समाज के साथ महेश द्रयानी जी ने । दस मिनट के बाद  ट्रेन अपनी गति से चलने लगी ओर अपने अपने कोच,,मे सब अपने परिवार यार दोस्तों के साथ हंसी मजाक के माहोल मे सफर शुरु हुआ ।,,,,यु हि चलते चलते,,,,,ट्रेन,,,,भाटापारा पहुंची,,,,वंहा भी ट्रेन का स्वागत,,,बेंड बाजे के साथ हुआ,,,,,,ओर भाटापार से भी श्रद्धालुओं का जतथा ,,,ट्रेन मे चड़ा, ,,,ट्रेन अपनी गति से बढ़ने लगी अपने अगले स्टॉप के लिए ।

चलते चलते ट्रेन,,,,,,2.15 को उसल्लापुर स्टेशन पहुंची वंहा  से   श्रद्धालुयों का वेलकम बेंड बाजे के साथ किया उसलापुर से ,,,,,,,भी ट्रेन मे चढ़े उसलापुर मे यात्रियों की सुविधा के लिए समान ट्रेन मे चढ़ाया जिसके कारण ट्रेन पंद्रह मिनट रुकी रही ,, फिर वंहा अचानक काली काली घटाएं आ गई ओर फिर तेज बारिश पड़ने लगी जिसकी बुंदे खिड़कियों से ट्रेन मे आने लगी,,,,,फिर तन के साथ मन भी झूमने लगा,,,,,सावन का महीना ,,,उस पे ,,,,रिमझिम बारिश,,,,,ट्रेन के डब्बों, ,,झूले लाल के जयकारे होने लगे ओर् पुरी ट्रेन संत साई ने भ्रमण किया ओर सभी यात्रियों से हर डिब्बे स्नेहपूर्वक श्रद्यालुओं से मिलने लगे । ओर ट्रेन अपने टेड़े मेडे रास्तों,,,,से अपनी गति से दौड़ाने लगी,,,,ओर् समय सिंधु अमरधाम आश्रम  के सेवधारियों ने नाश्ते के डब्बे हर श्रद्धालु को प्रेम पूर्वक भेट दी।   उससे पहले जल वितरण किया गया ,,,,,,,उसके बाद भोजन का वितरण किया गया ,,,,शाम को,,,फ़्रूट सलाद वितरत किया गय श्रद्धालुयो को,,,,,इस तरह चलते चलते ट्रेन 6.25 को ,,,शहडोल स्टेशन पहुंची ,,,,वाहाँ भी ट्रेन का स्वागत बेंड बाजे के साथ शहडोल के सिंधी समाज ने किया ।एक खबर लाईव हे ,,,काशी अयोध्या यात्रा ,,,,विनोदराजा ,,,,अब तक आपने पड़ा,, शहडोल स्टेशन पर वेलकम ,,हुआ,,,,अब ,,,आगे बढ़ते हे,,,अब गरमा गर्म स्पेशल चाय आ गई चाय की महक ओर नाम सुनते ही अपनी सीट पर अलसाए हुए श्रद्धालु भी उठ बैठे,,,एक की जगह दो कप चाय पी के, ,,आनंदित हो रहे थे।,,,,,चलते चलते,,,ट्रेन भी थक रही थी,,,इसलिए धीमी रप्तार से चल रही थी,,,,,,कुछ मिनट उपरांत,,,ट्रेन हवा से बाते करने लगी,,,,,ओर 9-45 बजे ,,कटनी स्टेशन पर पहुंची। कटनी स्टेशन पर सिंधी समाज के प्रमुखो ने बेंड बाजे के साथ ट्रेन मे बैठे श्रद्धालुयों का ओर संत साई लालदास जी  का स्वागत किया कटनी से भी श्रद्धालुयों  का जथा अपने अपने कोच मे चढ़ा ।उसके बाद प्रसाद बालुशाह  , बिस्कुट का वितरण हुआ  उसके बाद ट्रेन के एक एक यात्री को सिंधु अमरधाम आश्रम  का प्रिंट हुआ ब्लेक छाता ओर बेग गिप्ट दी गई । उसके बाद फिर संत साई लालदास जी  ने ट्रेन मे भ्रमण किया ओर ट्रेन के हर श्रद्धालु  के गले मे झूलेलाल साई जी का दुपटा पहनाया ओर काशी मे पहचान के लिए  वाटरपूर्फ़ पेपर वाचबेल्ट पहनने को मिला साथ मे शेक की बोतल प्रसाद वितरित हुआ । अब इतना कुछ,,,,,खाने के बाद भी,,,पेट,,,मे चूहें दौड़ ही रहे थे,,,,,फिर सबको जिसकी प्रतीक्षा थी वो क्षण भी आ गया ,,भोजन ,, भी आ गया,,उसके बाद, ,,,,अमूल का मीठा भी ,,,आ गया ,,,अब   ,,बस नींद ,,,,की जरूरत थी,,,,जो ट्रेन मे आती नही,,,फिर भी सोना था,,,इतने ,कानो मे डोल की आवाज , ओर जय झूलेलाल के जयकारे लगने लगे ओर ट्रेन रुक गई ,,,,,सतना,,,स्टेशन पर 11-50 बजे  सतना सिंधी समाज की तरफ से जोरदार स्वागत किया गया श्रद्धलुयों का संत साई लालदास जी का,,,,सतना से भी श्रद्धालुयों  का जथा साथ चला ।,,,,,अब भाई हमे तो नींद आ रही हे,,,,सुबह जब जांगे तो,,,सवेरा  सुबह, 5-30  खुली तो,,,कोई स्टेशन क्रास हो राहा था ट्रेन की स्पीड तेज थी,,,7 बजे लगभग वारासाणी ट्रेन पहुंची  तो वंहा  ,काफी देर खड़ी रही ,,,एक खबर लाईव हे, ,काशी आयोध्या धार्मिक यात्रा  29/7/2024 संपादक विनोद राजा साहेब मेघवानी  दुर्ग / अब तक से आगे वाराणसी मे बहुत घाट यंहा भी श्रद्धालुयों ने सेर सपाटा किया ओर महामृत्युंजय मंदिर के ,,कुएं का जल ग्रहण किया इस कुएं, , का जिक्र प्राचीन ग्रंधो मे उलेख् हे की कहते  हे की ,,धन्तवरी  भगवान ने,,सभी जड़ी ब्यूटियां विसर्जित की थी हमने भी इस जल को ग्रहण किया (बहुत ही  स्वादिष्ट जल था ये हम कह  सकते हे,,, बाकी इस जल की प्रचलित कथाएं  सुनी पड़ी हे । हाँ जानकारी के आभाव मे ऑटो वाले आप से ज्यादा पैसा ले लेते हे ,,,जिसका गुस्सा आता हे पर फिर ,महादेव,का स्मरण आते हे श्रद्धायालु भूल जाते हे ।शाम को 4 बजे ,,,बहराणा साहेब की ,,,शोभायत्रा निकली जिसमे श्रद्धालुयों  ड्रेसकोड पीला कुरता सफ़ेद पेजामा पहन के शामिल हुए ,,,साई लालदास जी रथ पर सवार थे ओर श्रद्धालु नाचते गाते  मौज मनाते चल रहे रात्रि मे संगीत मय पार्टी के साथ स्वादिष्ट व्यंजन थे  जिसका लुत्फ़ श्रद्धालुयों ने लिया यहाँ  साई संत लालदास जी ने उन सेवादारियों की तारीफ की ओर यात्रा का श्रेय श्री अमित चिमनानी को दिया। कुछ   ने अपनी अपनी शिकायत  सेवादारियों से जिसका निराकारण भी किया गया फिर शिकवे शिकायतों को दूर करते ट्रेन आयोध्या नगरी पहुंची,,,यंहा भी  के लिए रहने की व्यवस्था होटलों मे थी,,,सब श्रद्धालु होटल मे रुकने के बाद, ,,,,,राम लला के दर्शन के लिए राम मंदिर को निकले ।काशी आयोध्या धार्मिक यात्रा   लाईव हे । एक खबर संपादक विनोद राजा साहेब  मेघवानी दुर्ग /  1400/श्रद्धालु खुशनसीब थे जिनको राम लला के दर्शन हुए ये सब साई संत ,,लालदास जी, का आशीर्वाद ओर प्रयास था जो सफल हुआ । हमने पांच  सात धर्मिक यात्रायें। की हे तीर्थ स्थलों की हमने ये देखा की एक सेकंड आप को दर्शन करने नही देते ओर सेवधारी आगे धकेल देते हे।लेकिन अयोध्या  मे  भगवान राम जी के दर्शन सुलभता ओर आराम  से करने देते हे ओर बहुत आनंद आया भगवान राम जी के दर्शन करके श्रद्धालुओं को। राम जी के दर्शन करने के बाद  सभी श्रद्धालु वेदिह भवन मे समल्लित हुए वंहा संतो के दर्शन के लाभ लिए ओर ,,ओम साई ,, के जन्मदिन को मनाया बहुत ही सुंदर प्रोग्राम था उसके साथ भोजन का लुत्फ़ लिया। 31/7/2024 को सुबह अनेक श्रद्धालु सरयू नदी के दर्शन कर स्न्नान किया ओर फिर वेदिह भवन नाश्ता कर के ट्रेन वापसी के लिए अयोध्या से सवार हुए,,,,,उसके बाद फिर ट्रेन चाय बिस्कुट का लुत्फ़ लिया ओर भोजन ग्रहण किया,,,,,,शाम  को 6-30 बजे साई संत लालदास जी ने  सभी कोच का भ्रमण किया ओर  हमारे कोच as 1 मे भी आये ओर हमारी सीट मे विराजमन हुए ओर हमे आशीर्वाद दिया ओर हमारे साथ चर्चा की ओर अन्य श्रद्धालुयो के साथ मिलकर भजन गया ओर बहुत हो ह्रदयस्पर्शी माहौल बन गया । संतो की निगाहो मे जो आ जाते हे वो,,,निहाल,,हो जाते हे हमे खुशी हे हमे संतो ने अपनी निगाहो मे लिया एक खबर संपादक  विनोद राजा मेघवानी ,,,अभी सभी श्रद्धालू  ट्रेन मे हे ओर क्रमवार अपनी स्टेशन पे उतरते जाएंगे ।धन्यवाद एक खबर

बुधवार, 24 जुलाई 2024

सतगुरु संत साई लाल दास चकरभाटा वारा साई


Vinod raja meghwani (sampadak)एक खबर विनोदराजा सूत्रों से मिली खबर
गुरुपूर्णिमा जे पावन अवसर ते डॉक्यूमेंट्री स्टोरी शार्ट फ़िल्म जो पहहरो पार्ट मे सतगुरु संत श्री लालदास साईं जी जे आशीर्वाद अव सानिध्य मे साईं लालदास चकरभाठा जे यूट्यूब चैनल ते लॉन्च थियो*
*पहरो पार्ट मे सतगुरु संत श्री लालदास साईं जी जे पिता साहेब बाबा साईं गुरमुखदास साहेब जन जी पूरी जानकारी आहे*
*तवा सभीन खे नीमाणी वेंनती  आहे त चैनल के लाइक, कमैंट्स,  शेयर अब सब्सक्राइब कंदा

सोमवार, 15 जुलाई 2024

मंत्री जी इन कंपनियों को फटकार लगाएं


Vinod raja meghwani (sampadak)दूरसंचार  एवंम संचार मंत्रालय विभाग
महोदय जी नमस्कार
एक खबर akhbar.blogspot.com
न्यूज़ पोर्टल संपादक 
विनोद ( राजा साहेब )      मेघवानी
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सर जी नमस्कार हमारी ये पोस्ट मोबाईल मे रिचार्ज को लेकर हे । हम नही जानते ये पोस्ट मंत्री जी तक पहुंचेगी की नही पर हम प्रयास कर रहे हे पहुंच जाये क्योंकि समस्या हमारी नही पूरे देश की हे । मंत्री जी सर्व प्रथम समस्या ये की पहले रिचार्ज सस्ते थे अब 25% रेट महंगे हो गये क्यों । समस्या न.2 आप  मोबाईल लेकर बैठा कोई जरूरी काम  करने तो आप के मोबाईल मे गेम्स की ऐड आना शुरु  हो जाती मंत्री जी 2 जी बी मिलती हे नेट आधी तो आपके विज्ञापन खा जाते हे मंत्री जी इस पे रोक लगाएं  मंत्री तीसरी समस्या हे कोई भी कंपनी हो jio हो एयरटेल हो vi हो कोई भी हो इनका कस्टमर केयर सिस्टम सही नहीं हे आप कोई भी शिकायत करो कस्टमर केयर आप का एक घंटा तो ऐसे खराब हो जायेगा आप अपने सर के बाल नोच लेंगे आपकी समस्या हल नही कम्प्यूटर बोलता इस समस्या का ये नम्बर दबाये पर नंबर दबाने पर कुछ नही इससे अच्छा सिस्टम तो छतीसगढ़ सरकार हे,,, सबो नंबर एक पे कहने का मतलब ये सभी समस्यो का हल एक नंबर पर होना चाहिए ,,,मंत्री प्लीज कुछ दिनों के लिए आम आदमी बन इन समस्याओ को समझे छोटी छोटी समस्याओ से आम आदमी परेशान हे उनकी समस्या हल करे ओर एक अहम समस्या ये की की सभी कंपनियों  अपने अपने एप्स डाऊनलोड करवाती हे ओर उसमे अपने रिचार्ज की लिस्ट शो करती हे ओर कोई कस्टमर रिचार्ज करता हे ओर वो रिचार्ज करता बाद मे मालूम पड़ता उस स्कीम को कंपनी बंद कर चुकी ऐसे मे कस्टमर के पैसे लटक जाते हे जो कंपनी वापस नही करती नही कोई सुनवाई होती हे।

मंगलवार, 2 जुलाई 2024

यूपी हाथरस में सत्संग कार्यकर्म मे लाखों की भीड़ मे ,भगदड़,,मची


Vinod raja meghwani (aditar )एक खबर vm /राजा साहेब  सूत्रों से मिली जानकारी मुताबिक हाथ यूपी  हाथरस मे तथाकथित बाबा के आयोजन मे लाँखों की भीड़ मे सतसंग का आयोजन था कार्यक्रम के समापन मे ,,भगादड़ ,,मच गई जिसमे ,,,100 से अधिक जाने चली गई भगादड़ क्यों ओर कैसे मची ये जाँच का विषय यूपी मुख्यमंत्री ने मरने वालों के परिवार को दो लाख रुपये साहयता के रूप मे दी जाएगी

राहुल गांधी संसद मे बोले ,,तो भुकंप ,,आ गया

Vinod raja meghwani (sampadak)कल संसद मे विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री जी नरेन्द्र मोदी जी के ऊपर महंगाई ,नोट बंदी ,gst, ओर अग्निवीर योजना को लेकर गंभीर आरोप लगाये । उन आरोपों को संसद मे हीं  अमित शाह , राजनाथ सिंह , शिवराज चौहान ने उन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया ओर राहुल गांधी पर आरोप लगाए की वो संसद को गुमराहा कर रहे हे। इन सब के बीच राहुल गांधी हिन्दु हिंसा शब्दों का इस्तेमाल किया जिसे प्रधानमंत्री ने तुरंत संसद मे उठ कर स्पीकर को आगाह किया राहुल गाँधी संसद की मर्यादा भंग कर रहे हे । उसके बाद तो पूरे देश मे राहुल गांधी के पुतले जलाये पूरे देश मे राहुल गांधी संसद माफी मांगे हिदु्यों  से अमित शाह जी ने स्पीकर महोदय से काहा ।पर एक बात हे जो एक खबर आप को बता रहे हे।की राहुल गांधी आज की राजनीति सिख गये की की किन शब्दों का इस्तेमाल करने से बीजेपी के नेता भड़क उठेंगे

मंगलवार, 26 मार्च 2024

केजरीवाल की गिरप्तारी के विरोध मे विपक्ष की रैली - vinod raja meghwani


Vinod raja meghwani (sampadak) केजरी वाला की गिरप्तारी के विरोध रैली 

सांसद विजय बघेल ओर राजेंद साहू के बिच कड़ा मुकाबला होगा - vinod raja meghwani


Vinod raja meghwani (sampadak)दुर्ग जिले मे इस बार वर्तमान सांसद विजय बघेल जी ओर राजेंद्र साहू जी मे होगा दुर्ग जिला साहू मत अधिक हे ।इस लिए ये चुनाव मुकाबले वाला हे अब देखना ये हे जीत किसकी होती हे

शनिवार, 23 मार्च 2024

जेल सरकार चलाएंगे केजरीवाल

Vinod raja meghwani (sampadak) आज तक कोई भी एक खबर नही की ,,जेल से सरकार चली हो पर अब केजरीवाल ,जेल ,से सरकार चलाएंगे

गुरुवार, 1 फ़रवरी 2024

कोई ,,ऐसे ही नरेंद्र मोदी नही बन जाता उसके लिए संघर्ष करना पड़ता हैं ,


Vinod meghwaniएक खबर (विनोद मेघवानी) 
हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के प्रशंसक हे नरेन्द्र मोदी जी देश के ओर हमारे मार्गदर्शक हे हम आप को बताते हे कोई ऐसे ही, ,,,नरेंद्र मोदी ,, नही बन जाता उसके लिए संघर्ष करना पड़ता हे ।कोई व्यक्ति कहीं से आ गया और प्रधानमंत्री बन गया...

नहीं, ऐसा नहीं होता है।

आप नरेंद्र दामोदर दास मोदी के आलोचक हैं 
या प्रशंसक हैं..

ये बात जान लेनी चाहिए कि,
इस व्यक्ति ने संघर्ष किया है,
कड़ा संघर्ष,
भीषण संघर्ष।

इतना Effortlessly किया है..
कि उन्हें खुद कभी इसका भान ही नहीं हुआ।

बात तब की है,
जब वो 21 वर्ष के थे।
2 वर्ष हिमालय में बिता कर आ चुके थे,
1-2 दिन घर में रहे और फिर घर छोड़ दिया।

अहमदाबाद आकर चाचा के पास रहने लगे।
गीता मंदिर स्टेट ट्रांसपोर्ट्स बस अड्डे पर,उनके चाचा कैंटीन चलाते थे।

नरेंद्र मोदी किशोरावस्था में RSS में सक्रिय रहे थे,
ऐसे में अहमदाबाद में भी उन्होंने संघ से संपर्क पुनः जोड़ा।

इसी दौरान प्रान्त प्रचाकर लक्ष्मणराव ईमानदार (वकील साहब) से उनकी मुलाकात हुई।उसी दौरान एक सत्याग्रह में गिरफ्तार होकर जेल भी गए।

नरेंद्र मोदी ने चाचा के घर रहना छोड़ दिया
और वकील साहब के घर रहने लगे।

सोचिए,
एक 22 साल का लड़का वकील साहब के घर पर रहने गया, जहाँ एक दर्जन से अधिक लोग पहले से ही रह रहे थे।
वो लड़का सुबह उठ कर सबको जगाता था।
सबके लिए चाय बनाता था।
चाय पिलाता था। 
सारे बर्तन धोता था।
फिर शाखा जाता था।
शाखा से वापस आकर सबके लिए नाश्ता तैयार करता था।

सुबह के 9 बजे तक सबको नाश्ता करा देता था।
इतना ही नहीं, फिर वो 8-9 कमरों वाली इमारत की सफाई करता था, झाड़ू-पोछा सब।
दोपहर का भोजन किसी स्वयंसेवक के घर जाकर खाता था।फिर वापस आकर सबको चाय पिलाता था। और तो और, वकील साहब के कपड़े भी धोता था,उनके मना करने के बावजूद।

ये वकील साहब हैदराबाद में निज़ाम के खिलाफ सत्याग्रह में 7 वर्ष जेल की सज़ा काट चुके थे।
उनकी कहानी भी ऐसे ही संघर्षों से भरी है।

कहने का मतलब ये है,कि लोग आज कह देते हैं कि अरे नरेंद्र मोदी क्या है,एक नेता है।
नरेंद्र मोदी असल में एक पूरा का पूरा मिशन है।
अपने-आप में एक संस्था है।

आप सोचिए,आज आपको कहीं पूरी इमारत में झाड़ू-पोछा लगाने कहा जाए और रोज 12 लोगों को खाना-चाय वगैरह बना कर देने और बर्तन धोने को कहा जाए, वो भी बिना कोई पैसे के, आप करेंगे?सही बात है, कोई क्यों करेगा?

यही फ़र्क है हम-आप और नरेंद्र मोदी में।

नरेंद्र मोदी ने किया।
बिना किसी के कहे किया।
बिना किसी शर्म के किया,
पूरे एक वर्ष तक इस दिनचर्या का कड़ाई से अनुसरण किया। बदले में कुछ नहीं लिया, लेकिन किया।

आज वो Narendra Modi हैं, लेकिन ये सफर कोई अस्सी-नब्बे के दशक में शुरू नहीं हुआ था।

बचपन से ही उन्होंने रास्ते तलाशने शुरू कर दिए थे।

तभी 1950 से आज तक करोड़ों लोगों ने जन्म लिया और करोड़ों स्वर्ग सिधार गए, लेकिन ये व्यक्ति लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहा है।

नरेंद्र मोदी के जीवन से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए।

आज जब 21-22 वर्ष के युवकों में कोई पढ़ाई-लिखाई को लेकर तनाव में होता है,कोई अवसाद में चला जाता है, कोई सोशल मीडिया पर दिन-रात लगा रहता है,कोई अय्याशी में लगा रहता है,कोई नेता बनने के लिए विधायक-मंत्रियों के साथ तस्वीरें क्लिक करवाने की फिराक में रहता है,कोई इस उम्र में भी लाखों कमाने लगता है - सबका जीवन है,
सबके किस्से हैं..

लेकिन जो @narendramodi_in ने उस उम्र में किया वो बहुत कम लोग करते हैं।

इसके लिए हार्वर्ड-कैम्ब्रिज-ऑक्सफ़ोर्ड की डिग्री नहीं, अंग्रेजी का ज्ञान नहीं, बल्कि अनुभव और अध्ययन चाहिए।

मैं कभी-कभी सोचता हूँ कि नरेंद्र मोदी कोई कलाकार, खिलाड़ी,लेखक या संन्यासी होते तो क्या होता?

निश्चित ही देश का बहुत बड़ा नुकसान हो जाता,क्योंकि हमेशा कुछ नया सोचने वाला और बाकियों से 4 कदम आगे रहने वाले व्यक्ति देश का नेतृत्व मिलना ही चाहिए था।

बचपन में भी उनकी माँ ने घूमते-फिरते आ पहुँचे एक साधु को अपने बेटों में से 2 की कुंडली दिखाई थी तो साधु ने नरेंद्र की कुंडली देखते ही अवाक् होकर पूछा कि ये किसकी पत्री है? फिर स्पष्ट कहा कि या तो ये कोई महान संन्यासी होगा या फिर एक चक्रवर्ती सम्राट।

महान संन्यासी या सम्राट तो नहीं,
लेकिन परिवार वालों को ये पक्का लग रहा था कि ये साधु बन जाएगा। एक दिन वो लड़का झोला उठा कर निकल भी गया।
पास में एक पैसा नहीं।
राजकोट के रामकृष्ण मिशन से लेकर हिमालय तक की यात्रा की,2 साल ऐसे ही घूमते-फिरते रहा और फिर घर लौट आया।फिर घर से निकला तो आज तक घर नहीं गया।

संघ में और फिर भाजपा में संगठन का काम करते-करते साधु पीछे छूटता चला गया और राजा के गुण अधिक उभर कर सामने आने लगे। 

अगर वो खिलाड़ी होता तो?वडनगर में एक बार कबड्डी की प्रतियोगिता हुई। टीमें थी 'कुमार शाला नंबर 1' और 'कुमार शाला नंबर 2'। पहली टीम में नरेंद्र मोदी और अन्य छोटे खिलाड़ी थे। दूसरी टीम में बड़े खिलाड़ी। इसके कैप्टेन थे उमेद जी, जो कबड्डी के माहिर खिलाड़ी थे।

वो दाईं ओर से एंट्री लेते थे और फिर उन्हें कोई रोक नहीं पाता था। नरेंद्र मोदी ने एकाध बार उनको खेलते देखा, बहुत बारीकी से देखा। फिर ऐसी व्यूह-रचना की कि उनकी टीम को 3 बार हराया। सब चौंक गए। शिक्षक कनुभाई भावसार भी बोल पड़े कि बल के आगे बुद्धि, संगठन क्षमता और चपलता ने अपना काम कर दिखाया।

एक लेखक के रूप में उन्होंने अपने मार्गदर्शन 'वकील साहब' की जीवनी लिखी।
इतना ही नहीं, उन्होंने 'ज्योतिपुंज' नामक पुस्तक के जरिए RSS के उन नेताओं से जनता का परिचय कराया, जो निःस्वार्थ भाव से देशसेवा में लगे थे और जिनके बारे में बहुत कम लोगों को पता था।

आपातकाल के दौर को लेकर जो सबसे अच्छी पुस्तकें हैं, उनमें उनकी 'आपातकाल में गुजरात' भी है जिसे उन्होंने अपने अनुभवों से लिखा है।गुजरात के विकास पर उन्होंने पुस्तकें लिखीं।

प्रधानमंत्री बनने के बाद बच्चों के लिए 'Exam Warriors' लिखी। उनकी कविताएँ भी प्रकाशित हुई हैं। अगर व फुल टाइम लेखक होते तो ज़रूर लोकप्रिय होते ही होते।

वो अगर फ़िल्मी दुनिया में होते तो वहाँ भी सफल होते क्योंकि बचपन में वो खुद नाटक लिखा करते थे,उसका मंचन भी करते थे और निर्देशन भी। उन्होंने भेदभाव की समस्या को दिखाने के लिए 'पीला फूल' नामक एक नाटक का मंचन किया था,जिसने सबको भावुक कर दिया।

हाईस्कूल में जब दीवार बनवाने की ज़रूरत थी,
तब नरेंद्र 'जोगी दास खुमाण' नामक नाटक का मंचन किया और इसमें भावनगर के महाराजा की भूमिका निभाई।
इससे जो पैसे आए उससे दीवार बनी।

नरेंद्र मोदी अगर आज @PMOIndia बने हैं तो इसके पीछे का यही राज़ है - किसी भी क्षेत्र में कोई भी काम करो, एकदम बारीकी से चीजों को समझ कर करो,
निःस्वार्थ भाव से करो।

उन्होंने कभी पैसे की चाहत नहीं की,धन के पीछे नहीं भागे।

उन्होंने आदमी को पढ़ा है,अपने संघर्षों के दौरान हजारों लोगों को पढ़ा है, इस अनुभव से सीख ली है।

आज अमेरिका से लेकर UN तक इस व्यक्ति का लोहा मानता है, जिसके पीछे एक कलाकार, एक खिलाड़ी और एक साधु आज तक छिपा हुआ है।

आप नरेंद्र दामोदर दास मोदी के प्रशंसक हैं या आलोचक,
उससे फर्क नहीं पड़ता,वो व्यक्ति आज आपके हमारे भारत का सफलतम प्रधानसेक है,
ये बात उनके शत्रु भी नहीं नकार सकते।

आप आलोचक भी हैं,तो भी उनसे बहुत कुछ सीख सकते हैं,मैं स्वयं को एक विद्यार्थी मानता हूं और मैं उनसे और उनके जैसे हर संघर्षशील व्यक्ति से बहुत कुछ सीखता हूं,उनमें से कोई कुछ बन चुका है,कोई बनने की क्रिया में है..

आज इस संघर्षशील व्यक्ति को मेरे जैसे असंख्य लोगो की ओर से असंख्य अनंत मंगलकामनाएं🙏🏻

*महादेव और योगेश्वर आपका यूं ही मार्गदर्शन करते रहें और आपके द्वारा भारत का उत्थान यूं ही होता रहे🙏🏻*

बंद कमरे में बनाए जाने वाले वीडियो से अंधी कमाई

Vinod raja meghwani (sampadak),,,, बन्द कमरे में बनाए जाने वाले वीडियो से  अंधी कमाई कितनी हे,,,?????