शुक्रवार, 30 अप्रैल 2021

रोहित सरदाना मेरा प्यारा ,,अनजान ,दोस्त था - विनोद मेघवानी

 एक खबर ( vinod meghwani) यू तो राह चलते हर किसी से ,,,हाथ मिला लेता हूं ,,,पर हर हाथ मिलाने वाला शख्स ,,दोस्त नही होता,,,। पर रोहित सरदाना के व्यक्तित्व में एक गजब का आकर्षण था में T V पर इनके प्रोग्राम देखता ,,ओर उनकी कार्यशैली की बारीकियों को आंकलन करता था,,,आज बेरहम ,कोरोना ने ,,,मुझसे ,,,एक अनजान प्यारा दोस्त,,,छीन लिया,,,पर उनकी मुस्कुराती छवि हमेशा दिल मे रहेगीं,,,मेरा ये लेख उनको , श्रधांजलि ,,है ,,,विनोद मेघवानी ,,,दुर्ग ,,,,,  रोहित सरदाना उनका अभिनय के प्रति काफी लगाव था, जिसके चलते वर्ष 1997 में उन्होंने कई थिएटर किए।

अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद, रोहित ने नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा में जाने का मन बनाया। जब वह नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा में गए, तो उन्हें वहां की संस्कृति (रहन – सहन) पसंद नहीं आया और सात दिन की कार्यशाला को तीन दिन में ही छोड़कर घर आ गए।

इसके बाद उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में जाने का मन बनाया, क्योंकि बहुत कम लोग इस करियर को चुनते हैं और जिसके चलते मेरा टीवी स्क्रीन पर आने का सपना भी साकार हो जाएगा।

शुरुआत में उनको अपने उच्चारण का काफी अभ्यास करना पड़ा, क्योंकि मूलतः उनकी बोलचाल की भाषा हरियाणवी रही है।

रोहित ने पत्रकारिता के क्षेत्र में पहले कई समाचार पत्रों में पत्र लेखन और लेख को लिखना शुरू किया। जिसके चलते उन्हें कई प्रकाशित लेख प्राप्त हुए, जिन्होंने उनके पोर्टफोलियो बनाने में काफी सहायता की। इसके साथ – साथ वह परास्नातक की पढ़ाई भी कर रहे थे।

आख़िरकार, जब रोहित स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद हिसार में परास्नातक के लिए गए, तो वहां कक्षा में सभी से यह पूछा गया कि पत्रकारिता करने पर क्या करोगे ? तब कक्षा में सभी छात्रों ने कहा कि ” वे समाज में परिवर्तन लाना चाहते हैं।” जबकि रोहित ही एकमात्र छात्र थे जिन्होंने कहा “में सिर्फ टीवी स्क्रीन पर ही रहना चाहता हूँ।”

उनके पोर्टफोलियो को देखकर उनके एक शिक्षक ने कहा “तुम्हे पत्रकारिता के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहिए।” उनके इस सुझाव को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने रेडिओ में कार्य करना शुरू कर दिया और साथ ही साथ पढ़ाई भी करने लगे। वह दोपहर के समय कक्षा में जाते थे और शाम से रात तक काम करते थे।

इसके बाद वह ईटीवी नेटवर्क में प्रशिक्षण के लिए दिल्ली गए। जहां बाद में, उन्हें कार्य करने की पेशकश की गई, जब वह अंतिम सेमेस्टर में थे। तब उन्होंने अपने शिक्षक से पूछा कि वह ईटीवी नेटवर्क में कार्य करे या नहीं।

जब वह ऑडिशन के लिए हैदराबाद गए, तो उन्हें लगा ऑडिशन हिंदी भाषा में होगा। परन्तु इन सब के विपरीत जिस पैनल ने ऑडिशन लेना था, उसमे सिर्फ एक सद्स्य था और वह भी दक्षिण भारत से था। जिसे हिंदी के बारे में बहुत कम समझ थी। उनका एक अतिरिक्त लाभ यह हुआ कि उन्हें आकाशवाणी से काफी अनुभव प्राप्त हुआ।

सबसे पहले उन्हें एक वीडियो टोस्टर संपादक के रूप में कार्यरत किया गया, जहां एक जापानी टीम ने उन्हें अगले पांच महीनों तक प्रशिक्षित किया था।

गुजरात विधानसभा के दौरान उन्होंने गुजराती भाषा सीखी और बहुत ही कम समय में काम को पूरा किया।

सरदाना के कार्य को देखते हुए, उनके वरिष्ठों ने उन्हें चाय पर बुलाया और कहा,”वह आगे कार्य नहीं कर सकते हैं क्योंकि उनके अंतिम समेस्टर का इम्तिहान होना बाकी था जिसके लिए उन्हें हिसार वापस जाना था।”

जब उन्हें 10 बजे के बुलेटिन के परीक्षण के लिए स्टूडियो बुलाया गया। तो वह कोट और टाई में स्टूडियो पहुंचे और 5 मिनट की बुलेटिन स्लॉट को आसानी से कवर कर दिया। जब वह स्टूडियो से बाहर आए तो उनके एक वरिष्ठ अधिकारी ने उनसे कहा “अब आपको रोजाना बुलेटिन के लिए आना होगा और आपको इसके लिए 400 रुपए प्रति बुलेटिन के रूप में दिया जाएगा।”

न्यूज एंकर होने के साथ-साथ वे एक स्तंभकार भी हैं। देश के बहुचर्चित मुद्दों पर डिबेट शो के साथ-साथ उन पर कई टिप्पणियां करते रहते हैं। वह कई ऐसे विवादित मुद्दों को फेसबुक के जरिए उठाते रहते हैं, जिस पर लोग मौन रहना पसंद करते हैं। बड़ी बात ये है कि रोहित मीडिया ओर टीवी एंकर्स की कार्यशैली पर भी सवाल उठाने से परहेज नहीं करते हैं।

चैनल छोड़ने के बाद रोहित का अंतिम पारितोषिक 72,000 / माह था।

वर्ष 2003 और 2004 के बीच, रोहित ने सहारा समय में सहायक निर्माता के रूप में कार्य किया।

वर्ष 2004 में, वह ज़ी न्यूज़ में चले गए, जहां उन्हें क्रिकेट आधारित समाचार और कपिल देव के साक्षात्कार का कार्य किया। जिसके चलते कपिल ने रोहित के वरिष्ठ अधिकारीयों से उनके काम की काफी सराहना करते हुए उन्हें क्रिकेट से संबंधित और शो करने की पेशकश की। रोहित को बचपन से क्रिकेट का कोई ज्ञान नहीं था। उन्होंने कपिल देव से क्रिकेट की बारीकियों की जानकारी हासिल की जैसे :- क्षेत्र रक्षण क्या होता है, शॉट्स के नाम, गेंदबाजी की शैली इत्यादि। जिसके चलते रोहित ने क्रिकेट आधारित कई शो किए, जिनमें आईसीसी विश्व कप प्रमुख है।

पत्रकारिता में बेहतरीन योगदान के लिए उन्हें  बेस्ट न्यूज एंकर अवॉर्ड, माधव ज्योति सम्मान, सैनसुई बेस्ट न्यूज प्रोग्राम अवॉर्ड समेत कई पुरुस्कारों से सम्मानित किया गया है।

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