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सागर होटल के मालिक विजय अग्रवाल के घर ED,रेड,



Vinod raja meghwani (sampadak)
📰 एक खबर इंडिया | प्रमुख राष्ट्रीय समाचार
संपादक: विनोद राजा मेघवानी
प्रायोजक: 🧱 JK लक्ष्मी सीमेंट – मजबूती की पहचान


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दुर्ग में होटल कारोबारी विजय अग्रवाल के ठिकानों पर ED का छापा: मनी लॉन्ड्रिंग के संदेह में जांच तेज, दस्तावेज जब्त

दुर्ग (छत्तीसगढ़), विशेष रिपोर्ट  विनोद राजा मेघवानी दुर्ग|
राज्य के शांत माने जाने वाले औद्योगिक शहर दुर्ग में मंगलवार सुबह अचानक हलचल मच गई, जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने एक नामचीन होटल कारोबारी विजय अग्रवाल के घर और कारोबारी ठिकानों पर एक साथ छापा मारा। कार्रवाई को लेकर पूरे शहर में चर्चा का माहौल है, वहीं स्थानीय कारोबारी जगत में भी हलचल बढ़ गई है।


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सुबह-सुबह दस्तक, पहचान पत्र दिखाकर प्रवेश

सुबह 6 बजे के लगभग दीपक नगर स्थित विजय अग्रवाल के बंगले पर 6 सदस्यीय ED की टीम पहुंची। टीम ने परिसर में घुसने से पहले अपने पहचान पत्र दिखाए और सुरक्षा कर्मियों को किनारे कर प्रवेश किया। कार्रवाई के दौरान किसी मीडिया या बाहरी व्यक्ति को परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई।

स्थानीय लोगों के अनुसार, टीम के सदस्य सीधे उस कमरे की ओर बढ़े जहां विजय अग्रवाल मौजूद थे। इसके बाद उनके साथियों और कर्मचारियों से पूछताछ की गई और कंप्यूटर, दस्तावेज़ व इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस को खंगाला गया।


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ED को शक – बहीखातों और संपत्तियों में गड़बड़ी

प्रारंभिक सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसी को संदेह है कि विजय अग्रवाल द्वारा संचालित कुछ व्यवसायों में काले धन के निवेश के संकेत मिले हैं। साथ ही कुछ अघोषित संपत्तियों की जानकारी भी मिली थी। ED को ऐसा प्रतीत होता है कि होटल व्यवसाय के नाम पर फर्जी कंपनियों या माध्यमों से धन शोधन (money laundering) किया गया है।

सूत्र बताते हैं कि इस कार्रवाई से पूर्व आयकर विभाग, बैंकिंग निगरानी एजेंसियां, और राज्य की वित्तीय खुफिया इकाई द्वारा साझा की गई जानकारी के आधार पर यह छापा मारा गया।


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कौन हैं विजय अग्रवाल?

विजय अग्रवाल दुर्ग शहर के प्रतिष्ठित होटल कारोबारी माने जाते हैं। उनके नाम से शहर में दो प्रमुख होटल और एक गेस्ट हाउस संचालित हैं। शहर में उनके सामाजिक और राजनीतिक संपर्क भी चर्चित रहे हैं। कई स्थानीय आयोजनों और चैरिटी कार्यक्रमों में उनकी सक्रिय भागीदारी रही है।

लेकिन इसी के साथ पिछले कुछ वर्षों से उन पर वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता की कमी, बड़ी नकद रकम के लेनदेन और कर चोरी जैसे आरोप भी लगते रहे हैं। हालांकि अब तक कोई ठोस कानूनी मामला दर्ज नहीं हुआ था।


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क्या मिला ED को? – कार्रवाई में जब्त दस्तावेज

अभी तक ED की ओर से कोई आधिकारिक प्रेस बयान नहीं जारी किया गया है, लेकिन स्थानीय सूत्रों के मुताबिक छापे के दौरान निम्नलिखित जब्ती की जानकारी सामने आई है:

करीब 10 से अधिक संपत्ति से जुड़े दस्तावेज

बैंक स्टेटमेंट, चेक बुक, बही खाते

मोबाइल व लैपटॉप जिनमें वित्तीय डेटा संग्रहीत था

संदिग्ध लेनदेन से जुड़े दस्तावेज़ जिनमें कुछ नकली GST नंबर भी शामिल बताए जा रहे हैं


इन सबकी गहन फॉरेंसिक जांच की जाएगी और आवश्यकतानुसार विजय अग्रवाल से और पूछताछ की जाएगी।


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जानिए ED कैसे करती है जांच?

ED यानी Enforcement Directorate, भारत सरकार की प्रमुख वित्तीय अपराध जांच एजेंसी है। यह मुख्य रूप से प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत कार्रवाई करती है।

सबसे पहले सूचना एकत्र की जाती है

फिर जांच रिपोर्ट (ECIR) तैयार होती है

उसके आधार पर छापे (raid) और पूछताछ की कार्रवाई होती है

यदि अपराध की पुष्टि हो जाए, तो गिरफ्तारी, संपत्ति जब्ती और अदालत में चार्जशीट दाखिल की जाती है



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कारोबारी समुदाय में हलचल

दुर्ग-बिलासपुर-भिलाई क्षेत्र के कारोबारी इस कार्रवाई से काफी चौंक गए हैं। एक स्थानीय व्यापार संघ के पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया:

> "हम सबके लिए यह एक चेतावनी है कि व्यवसाय में पारदर्शिता और सही टैक्स भरना अब विकल्प नहीं, जिम्मेदारी बन गई है। ED का आना बताता है कि अब छोटे शहर भी एजेंसियों की निगरानी से बाहर नहीं हैं।"




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क्या है विजय अग्रवाल का पक्ष?

अब तक विजय अग्रवाल की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि यह एक "व्यवस्थित कार्रवाई है जिसमें कोई अपराध नहीं है, केवल जांच की जा रही है।"

उनके परिजनों ने मीडिया से दूरी बनाई हुई है। वहीं, कुछ स्थानीय लोग इसे राजनीतिक रूप से प्रेरित कार्रवाई बता रहे हैं।


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आगे क्या होगा?

ED की छापेमारी के बाद अब जांच का अगला चरण शुरू होगा:

1. सभी दस्तावेजों की फॉरेंसिक जांच


2. बैंक खातों का विश्लेषण और ट्रांज़ेक्शन की निगरानी


3. विजय अग्रवाल की दूसरी संपत्तियों और निवेश की जांच


4. गवाहों और कर्मचारियों से पूछताछ


5. अगर पर्याप्त प्रमाण मिले तो गिरफ्तारी और संपत्ति जब्ती




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निष्कर्ष – छत्तीसगढ़ की शांत सतह के नीचे?

यह कार्रवाई ये संकेत देती है कि भले ही छत्तीसगढ़ का कारोबारी माहौल शांत दिखे, पर केंद्र सरकार की जांच एजेंसियां अब प्रत्येक संदिग्ध वित्तीय गतिविधि पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। विजय अग्रवाल का मामला केवल एक उदाहरण हो सकता है – आगे और भी बड़े नामों पर कार्रवाई हो सकती है।


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📌 विशेष नोट:
यह खबर एक खबर इंडिया की स्वतंत्र खोजबीन व विश्वसनीय सूत्रों पर आधारित है। किसी भी व्यक्ति या संस्था की छवि को नुकसान पहुंचाने की मंशा नहीं है। यदि विजय अग्रवाल या उनके प्रतिनिधि की ओर से कोई प्रतिक्रिया आती है तो हम उसे भी प्रकाशित करेंगे।


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🔗 खबर स्रोत: https://wp.me/pg1UHu-2f
📣 संपादक: Vinod Raja Meghwani
🏗️ प्रायोजक: JK Lakshmi Cement – “मजबूती की पहचान”
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