मंगलवार, 25 अगस्त 2020

F. I. R

 पूज्य छत्तीसगढ़ सिन्धी पँचायत ने इतिहास रच दिया कोरोनो काल के इस दौर में सक्रिय हो कर समाज हित के कार्य कर रही है छत्तीसगढ़ में  किसी भी समाज ने लगातार 20  zoom की हो ऐसा रिकार्ड नही है । सिन्धी समाज की पूज्य छत्तीसगढ़ सिन्धी पँचायत  ने 20 वी zoom मिटिंग का आयोजन कर ये रिकार्ड बनाया है । रायपुर के पूर्व विधायक प.छः सी. प. के वर्तमान अध्यक्ष श्री श्रीचंद सुंदरानी जी ने कल की मिटिंग में ये जानकारी दी । आयोजित zoom मिटिंग के होस्ट थे सी.ऐ. चेतन तारवानी जी मीटिंग की शुरुआत भारतीय सिन्धी समाज की गौरव नागपुर की सिन्धी गायक श्रीमति  मंजुश्री आसुदानी ने झूलेलाल साँई के भजन से की । आज की मीटिंग के मुख्यवक्ता थे रायपुर की जानी मानी हस्ती एडवोकेट श्री रूपचंद नागदेव जी जो एक मशहूर वकील है ।आज की मीटिंग का विषय था,,,,,,F.I.R,,,,,,,जी से पे नागदेव जी बारीकी से ओर स्पष्टता से जानकारी दी ।एफ आई आर क्या है?

एफ आई आर का मतलब होता है फर्स्ट इनफार्मेशन रिपोर्ट जिसे हिंदी में ‘प्राथमिकी’ भी कहते हैं। किसी अपराधिक घटना की पहली सूचना जो दर्ज किया गया हो या कानून का अवहेलना करने पर थाना में दर्ज की गई प्रथम सूचना को ‘एफआईआर’ कहा जाता है। किसी अपराध के लिखित या मौखिक सूचना के बाद तैयार किया गया प्रपत्र ‘प्राथमिकी’ कहा जाता है। पुलिस द्वारा अपराध की जांच-पड़ताल का पहला कदम प्राथमिकी दर्ज करना है।

एफ आई आर क्या है और क्या करें जब पुलिस F.I.R. ही न ले?

टेलीफोन के माध्यम से भी एफ आई आर किया जा सकता है

कानून के मुताबिक किसी घटना की सूचना पुलिस को टेलीफोन के माध्यम से भी दिया जाए, तो टेलिफोनिक सूचना को भी पुलिस एफआईआर के रूप में ट्रीट करें। लेकिन प्रायोगिक तौर पर न तो टेलिफोनिक सूचना को यह एफआईआर के रूप में देखा जाता है और न ही अपराध से जुड़ी घटनाओं का रपट दर्ज कर जांच किया जाता है।

सामान्यतः लिखित सूचना दिए जाने के बाद ही रिपोर्ट दर्ज किया जाता है। साथ ही साथ, मौखिक और लिखित सूचना प्राप्त होने के बाद मौके पर अपराध से जुड़ी गतिविधियों का सत्यापन और घटनास्थल किस क्षेत्र में आता है, की पुष्टि के बाद ही आमतौर पर प्राथमिकी दर्ज किया जाता है। अब आप जान चुके है की क्या है एफ आई आर.।

क्या हैं कानूनी दांवपेच

नियमों के मुताबिक किसी भी गैर कानूनी संज्ञेय अपराध (cognizable offence) की रपट किसी भी थाने में दर्ज कराने का प्रावधान है। परंतु ज्यादातर मामले में थाना द्वारा टाल-मटोल की नीति अपनाई जाती है। आवेदक या सूचक को संबंधित थाने में सूचना देने के लिए कहा जाता है। हद तो तब होती है जब सीमा विवाद के मामले में कई बार रिपोर्ट तक दर्ज नहीं किया जाता है। यहां तक कि किसी घटना में घायल को पुलिस सीमा विवाद के कारण हाथ नहीं लगाती। जिसके कारण घायल व्यक्ति की मौत हो जाती है। थाना के ठीक सामने घटना को कारित किए जाने के बावजूद मामला दर्ज नहीं किया जाता है। तर्क के रूप में यह बताया जाता है कि घटनास्थल हमारे क्षेत्राधिकार से बाहर है, संबंधित थाना को सूचित कर कार्रवाई के लिए कहा जाए।

एफ आई आर क्या है और क्या करें जब पुलिस F.I.R. ही न ले?

लेकिन कानून के मुताबिक यह कहा गया है कि आवेदन जमा करने के 24 घंटे के अंदर एफआईआर दर्ज किया जाए। लेकिन इन सभी कानूनों से इतर भी काम किया जाता है। एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद आवेदक को रजिस्टर्ड प्रति भी दिए जाने का प्रावधान है। घटना के 24 घंटे के अंदर एफआइआर दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू किया जाता है। इन्हीं 24 घंटे के अंदर दर्ज की गई प्राथमिकी की कॉपी संबंधित न्यायालय को भी सौंपना होता है।

संज्ञेय अपराध के मामले में एफआईआर के तुरंत बाद अभियुक्तों की गिरफ्तारी का प्रावधान

कानून के अनुसार संज्ञेय अपराध के मामले में एफआईआर दर्ज होने के तुरंत बाद अभियुक्तों की गिरफ्तारी का प्रावधान भी उल्लिखित है। साथ ही, कई अन्य मामलों में भी जांच के बाद गिरफ्तारी का विकल्प की चर्चा नियमों में किया गया है।

अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम, महिलाओं से बलात्कार के लिए प्रयुक्त धारा 376 और 376 (G) और छेड़छाड़ से संबंधित धारा 354 सहित भारतीय दंड विधि की अन्य धाराओं में भी अभियुक्त की तुरंत गिरफ्तारी संभव है। गिरफ्तारी के संबंध में कानून यह बतलाता है कि गिरफ्तार किए जाने के 24 घंटे के अंदर अभियुक्त को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाना चाहिए।

लेकिन पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के समय की इंट्री भी मनमाने तरीके से किया जाता है। इसके पश्चात आरोपियों के न्यायालय से जमानत मांगने पर कोर्ट संबंधित थाना से डायरी की मांग कर सकता है। डायरी के माध्यम से केस से संबंधित पूरी रिपोर्ट कोर्ट को बताया जाता है। फिर कोर्ट आरोपियों की जमानत के मुद्दे पर अपना फैसला सुनाता है।

इन प्रक्रियाओं का एक अहम् हिस्सा सुपरविजन अर्थात थानाध्यक्ष द्वारा लगाए गए धाराएं और उसके मुदालयों (आरोपियों) का सत्यापन किया जाता है। यदि सत्यापन में धारा और आरोपी दोनों का परस्पर संबंध घटना से हो तो केश को सही कर आरोपियों को दोषी बताते हुए न्यायालय को चार्ज शीट के रूप में अंतिम रिपोर्ट पुलिस द्वारा सौंपा जाता है। जिसमें पुलिस द्वारा आरोपियों को दोषी मानते हुए कोर्ट से पीड़ितों के लिए न्याय की मांग भी उल्लिखित होता है। जिसके बाद कोर्ट प्राथमिकी हेतु आवेदन, केश से संबंधित डायरी और सुपर विजन रिपोर्ट पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुनाता है।

क्या करें जब पुलिस F.I.R. ही न ले?

ये आपने जान लिया की एफ आई आर क्या है और अब ये बताते हैं की क्या करें जब पुलिस F.I.R. ही न ले? किसी घटना के प्राथमिकी दर्ज करने से यदि थानाध्यक्ष इनकार करता है, तो ऐसे मामलों में पीड़ितों द्वारा वरीय अधिकारियों और न्यायालयों के शरण लिया जाता है। केस के स्वरूप को देख कर वरीय अधिकारी या कोर्ट थानाध्यक्ष को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देते हैं। जिसके बाद थानाध्यक्ष द्वारा प्राथमिकी दर्ज किया जाता है।

नियमों के मुताबिक किसी भी अपराध का मामला दर्ज करने का अधिकार केवल थानाध्यक्ष को है। यदि थानाध्यक्ष को ऐसा प्रतीत होता है कि मामला संज्ञेय नहीं है तो ऐसी स्थिति में वरीय अधिकारी और न्यायालय को अपना जांच रिपोर्ट भेजकर प्राथमिकी दर्ज नहीं करने के लिए आश्वस्त कर सकता है। जबकि ऐसा कानून में उल्लिखित नहीं है।

यदि अपराध संज्ञेय नहीं प्रतीत होता है, तो ऐसे मामलों में कार्रवाई कोर्ट के निर्देश पर किए जाने का उल्लेख नियमों में किया गया है। पीड़ित द्वारा पुलिस को दी गई सूचना अगर पर्याप्त नहीं है, तो पुलिस कार्रवाई करने के लिए बाध्य नहीं है। इसके लिए पुलिस को अपने स्टेशन डायरी में मामले के साथ कार्रवाई नहीं करने के कारण को स्पष्ट करना  होगा तथा इसकी सूचना आवेदन किया सूचक को भी देना होगा। मींटिंग के सयोजक थे चेयरमैन श्री रूपेश बबन भोजवानी ,कार्यकारी अध्यक्ष ,CA चेतन तारवानी  जी , जीतू बड़वानी जी ,महासचिव इंद्र कुमार डोडवानी प्रवक्ता दिनेश अठवानी जी । एक खबर

शुक्रवार, 21 अगस्त 2020

Rus me bde netaa ka madar

 (هڪ خبر ونود ميگھواني) ذريعن کان مليل toاڻ مطابق ، روس جو اپوزيشن ليڊر (ماسڪو) ايڪسسي نيولني زهر ڏيڻ سبب جهاز جي سفر دوران بيمار ٿي ويو ۽ کيس سائبيريا جي اسپتال جي ICU ۾ وينٽيليٽر تي رکيو ويو آهي. اها معلومات هن جي ترجمان طرفان خميس ڏينهن ڏني هئي. . اپوزيشن ليڊر Alexei Navalny روس ۾ زهر ڏئي ويو هو ، ICU ۾ وينٽيليٽر تي

ترجمان ڪيرا يرمش چيو آهي ته صدر ولاديمير پوتن جو سخت مخالف نيولين بيمار بيمار ٿي ويو آهي جڏهن سائبريا شهر ٽامسڪ مان جهاز سان ماسڪو واپس وڃي رهيو هو. هن ٽوئيٽ ڪيو ، ”جهاز جي هنگامي لينڊ اومسک ۾ ڪئي وئي ، نيوي کي زهر ڏئي ڇڏيو ويو آهي.“ هن ايڪو ماسڪوي ريڊيو اسٽيشن کي ٻڌايو ته نيويلي پسين ڪندي هئي ۽ مون کي ڳالهائڻ لاءِ چيو ته جيئن اهو آواز مرکوز ٿي سگھي ٿو. انهي کان پوء هو ٽوائلٽ ڏانهن ويو جتي هو بيٺو.

يرمش چيو ته نيولني کي صبح جي چانهه سان گڏ ئي ڪو زهر ڏنو ويو هوندو. هن ٽوئيٽ ڪيو ، ”ڊاڪٽرن جو چوڻ آهي ته زهر ڪجهه گرم مادين سان ڪيو ويو.“ ترجمان چيو ته نيولني جي ٽيم پوليس کي اسپتال طلب ڪيو آهي.

روس جي سرڪاري ابلاغي اداري اسپتال جي چيف ڊاڪٽر جي حوالي سان ٻڌايو آهي ته مخالف سياستدان جي حالت نازڪ آهي.

مون کي توهان کي ٻڌايان ٿو ته گذريل سال انتظاميا جي گرفتاري کانپوءِ کيس جيل مان اسپتال آندو ويو ۽ ان جي ٽيم کي زهر ڏيڻ جو شڪ هو. ڊاڪٽرن کيس ٻئي ڏينهن اسپتال مان ڊسچارج ڪيو هو ۽ سخت الرجي جو سبب ٻڌايو ته کيس واپس جيل موڪليو ويو آهي.

शनिवार, 8 अगस्त 2020

डॉक्टर कहता है सायकल चलाओ सेहत बनेगी नेता कहता है कार चलाओ देश की अर्थव्यवस्था सुधरेगी

 दो ऐसे जोक्स जिनको पड़ने के बाद अहसास होगा दूर देखी चीज ओर सामने देखी चीज  में क्या अंतर है 🔆

मॉर्निंग वॉक के बाद *डॉक्टरों* का एक ग्रूप नाके पे चाय पी रहा था।


दूर से एक आदमी लंगडाता हुआ आ रहा था...


एक डॉक्टर ने पुछा - "क्या हुआ होगा उसे.?"


*पहला बोला -* "Left knee arthritis"।


*दूसरा बोला -* "ना ना, मेरे हिसाब से Plantar Facitis'।


*तीसरा बोला -* "कुछ भी क्या ? Ankle sprain लग रहा है"।


*चौथा बोला -* "अबे सालों ज़रा ठीक से देखो, वह आदमी एक पैर ठीक से उठा नहीं पा रहा। Foot drop जैसा है। उसके Lower motor neurons की लग गयी है !"


*पांचवा बोला -* "मुझे तो यह Hemiplegia का scissors gate लग रहा है"।


छटा कुछ बोलता तब तक आदमी पास पहुँच चुका था। उसने सबसे बडी विनम्रता से पूछा - *"यहाँ कहीं आसपास मोची की दुकान है क्या? वो क्या है कि, मेरी चप्पल का अंगुठा टूट गया है.!"*


*देश के हालात कुछ ऐसे ही हैं..!*

किसी को विषय का ज्ञान हो ना हो, मगर ज्ञान बांटना जरूरी है...!!

 *अर्थव्यवस्था का दुश्मन साइकिल चालक* 😆😆😆😆😆😆

*आश्चर्यजनक लेकिन सत्य ।          संजय ठकराल, यूरो एक्जिम बैंक के सीईओ, अर्थ चक्र कैसे चलता है,  इसका विश्लेषण करते हुए अर्थशास्त्रियों के बीच कहते हैं-*

*एक साईकिल चलाने वाला देश की अर्थव्यवस्था के लिये किस प्रकार घातक है ।*

 -न तो वह कार खरीदता है, न ही कार के लिए लोन ही लेता है। 

- न ही वह इनस्योरैन्स लेता है। -न ही वह पैट्रोल खरीदता है। -न ही वह कार की सर्विस कराता है ,न ही मरम्मत। -न ही वह पार्किंग का उपयोग करता है। -

*न ही उसे मोटापा सताता है। -जी हाँ---स्वस्थ् आदमी के कारण अर्थव्यवस्था नहीं चलती*।

न तो वह दवा खरीदेगा ,न ही हास्पिटल और डॉक्टर का मुँह देखेगा । -ऐसे लोग देश की GDP में कोई योगदान नहीं करते।


जबकि एक मैकडोनाल्ड का रैस्त्रराँ कम से कम 30लोगों के लिये रोजगार सृजन करता है। 10 हृदय रोग विशेषज्ञ,10 दाँतों के डॉक्टर,10 वजन घटाने वाले विशेषज्ञ और इसके अलावा उस रैस्त्रराँ में काम करने वाले कर्मचारी। *आप क्या चुनेंगे  एक साईकिल वाला या एक मैकडॉनल्ड्स ।*😂एक खबर

मद्रास हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस बनी विजया के टहलरामाणी

 मद्रास हाईकोर्ट में आजदी के बाद पहली बार सिन्धी महिला चीफ जस्टिस के पद पर नियुक्ति हुई पूरे भारत वासियों के लीये ये गर्व की बात है और भारत विश्व के सिन्धी समाज के लिए गर्व की बात हैं सिन्धी समाज  की बेटी ,,,विजया के टहलरामाणी चीफ जज बनी है सिन्धी समाज की बेटियाँ को आगे बढ़ने के लीये विजया जी प्रेणादायक है इनसे सिख लेते सिन्धी समाज की ओर बेटियां भी समाज का नाम रोशन करेंगी जय झूले लाल

गुरुवार, 6 अगस्त 2020

चांदी का फावड़ा चांदी की करणी भेंट दी शदाणी दरबार के सन्त युधिष्ठिर लाल महाराज ने

एक खबर ( हरिद्वार )भरतीय सिन्धी समाज के लिये ओर हर भारतीय नागरिक के लीये के लिये खुशी की बात है की आयोध्या में राम मंदिर भूमिपूजन हुआ इससे ओर खुशी की बात है कि ,,,भूमिपूजन में जो चांदी का फावड़ा ओर चांदी की करनी से कार्य सेवा हुई वो छत्तीसगढ़ के माना रायपुर शदाणी तीर्थ से राम जन्मभूमि न्यास को भेंट किया गया था ।हरिद्वार। हरिद्वार स्थित शदाणी दरबार मंदिर की की ओर से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन के लिए भेंट किए गए चांदी के फावड़े और करनी से भूमि पूजन किया गया। भूमि पूजन में शदाणी दरबार की ओर से भेंट की गयी वस्तुओं का प्रयोग करने पर आश्रम के सेवादारों ने हर्ष जताया है। शदाणी दरबार के सेवादार अमरलाल ने बताया कि श्रीराम जन्म भूमि पूजन में जिस फावड़े और करनी से प्रधानमंत्री ने पूजन किया। चांदी का वह फावड़ा तथा करनी शदाणी दरबार की ओर भेंट किया गया था। भूमि पूजन में शामिल होने अयोध्या गए शदाणी दरबार के पीठाधीश्वर संत डा.युद्धिष्ठर लाल अपने साथ चांदी का फावड़ा व करनी भी लेकर गए थे। इससे शदाणी दरबार और सप्तऋषि क्षेत्र में रहने वाले लोगों में हर्ष का माहौल है। ऐतिहासिक श्रीराम भूमि पूजन में दरबार की ओर से भेंट की गई वस्तुओं का उपयोग होना हमारे साथ हिंद व सिंध में रहने वाले करोड़ों भक्तो के लिए भी गर्व के बात है। संत डा.युधिष्टरलाल महाराज भूमि पूजन के बाद अयोध्या से हरिद्वार पहुंचें।

मंगलवार, 4 अगस्त 2020

सिन्धु युवा विंग,,,एक दिया कौशल्या के राम के नाम सिंधु भवन दुर्ग के पास

*जय श्री राम*
🚩🚩🚩🚩
*सिंधु युवा विंग*
द्वारा
कल भगवान श्रीराम जी के मंदिर शिलान्यास कार्यक्रम की खुशी में;
सिंधु भवन के सामने दीप प्रज्वलन, 
राम धुन, आतिशबाजी और मिठाई वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया है।

आप सभी सादर आमंत्रित हैं 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

सिंधु सभा की इकाईयां देश भर भूमिपूजन के उत्सव में दीये जलाएंगे

सेवा         संगठन           संस्कार   
      *भारतीय   सिन्धू   सभा*
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अयोध्या में होने वाले भगवान श्रीराम मन्दिर के शिलान्यास समारोह के लिये प्रधानमंत्री का आभार व देशवासियों व समाज को बधाई ।
*देशभर में भारतीय सिंधु सभा ईकाइयों द्वारा किया जायेगा दीपोत्सव*
भारतीय सिंधु सभा युवा विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष रायपुर के सीए चेतन तारवानी ने राष्ट्र की प्रेस विज्ञप्ति को प्रस्तुत कर बताया 

3 अगस्त: भारतीय सिन्धू सभा की राष्ट्रीय कोर कमेटी की वर्चुअल बैठक में आगामी 5 अगस्त को अयोध्या में भगवान श्रीराम मन्दिर भूमि पूजन/शिलान्यास समारोह के लिये प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी, उप्र के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी व पूर्व उप प्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी जी का आभार प्रकट किया गया । इस बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री लधाराम नागवाणी जी (मुम्बई) ने की ।
    सभा के राष्ट्रीय महामंत्री भगवानदास सबनानी (भोपाल) ने कहा कि 500 वर्षाें के संघर्ष तथा लाखों बलिदानों के बाद आये ऐसे शुभ अवसर पर सभी संतो, महात्माओं व वरिष्ठजनों का सम्मिलित होना गर्व के साथ आंनद की अनुभूति देता है। सम्पूर्ण भारत में गठित सिन्धू सभा की समस्त ईकाईयों द्वारा देश के प्रमुख मन्दिरों, दरबारों में दीपोत्सव के साथ प्रसाद वितरण किया जायेगा । साथ ही अपने-अपने घरों व प्रतिष्ठानों पर भी दीपक जलाकर रोशनी की जायेगी ।
भा. सि. सभा की ओर से माननीय प्रधानमंत्री जी, उप्र के मुख्यमंत्रीजी व पूर्व उप-प्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणीजी को बधाई पत्र भी प्रेषित किया गया है।
सभा के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री भगतराम छाबडा  (कोल्हापुर) ने बताया कि समारोह में समाज की ओर से महामण्डलेश्वर हंसराम उदासीन, हरीशेवा सनातन आश्रम भीलवाडा व शादाणी दरबार रायपुर के संत युधिष्ठरलालजी भी सम्मिलित होंगे. कोर कमेटी मीटिंग में  राष्ट्रीय मंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी (अजमेर), राष्ट्रीय  कोषाध्यक्ष तुलसीभाई टेकवानी (अहमदाबाद), महिला विभाग  राष्ट्रीय अध्यक्ष  डॉ. मायाबेन कोडनानी (अहमदाबाद), केंद्रीय  कार्यालय मंत्री रेवाचंद नारवाणी (मुम्बई), ओम जेसवाणी (पुणे) उपस्थित थे।
                                                               (भगवानदास सबनानी)
राष्ट्रीय महामंत्री,
                                                                  मो. 9425014600

राष्ट्र की प्रेस विज्ञप्ति जारी कर्ता
सीए चेतन तारवानी 
9826122115 
राष्ट्रीय अध्यक्ष युवा विंग

जाम गांव M की शराब दुकान हटाई जाय और बन्द हो शराब -- सांसद विजय बघेल

एक खबर जाम गांव (m) शराब दुकान हटाने और बन्द करने के लिए सांसद विजय बघेल जी और उनके समर्थक खेमलाल साहू  ,लोकमनी चंद्राकर,लालेश्वर साहू ,(मोनू साहू जिला पंचायत सदस्य)हर्षा चंद्राकर, राजा पाठक  बसन्त चंद्राकर पुरषोतम तिवारी ,आशीष शर्मा ,कुणाल वर्मा,रवि सेंगर,पोषण वर्मा ,रवि ठाकुर व अन्य सेंकडो  भाजपाई कार्यकत्ता ,के साथ धरने पर बैठे।  पूरे जिले लॉक डाउन चल राहा है जिसके कारण सभी आवश्यक  वस्तुओं की दुकानें बंद है आस पास के इलाकों में शराब दुकाने बन्द होने के कारण जाम गांव m में शराब पीने वाले में भारी संख्या में आ रहे थे जिसके कारण इस छेत्र में कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा हो गया है।
 भाजपाई धरने से पहले सांसद विजय बघेल के नेतृत्व में रैली के साथ शराब दुकान बंद करो का नारा लगाते हुए पहुंचे। पुलिस द्वारा आंदोलनकारियों को शनिदेव मंदिर के पास रोकने का प्रयास किया । लेकिन पुलिस द्वारा लगाए रस्सी को फाँदकर अंग्रेजी शराब दुकान के पास पहुंचे। इस दौरान कई लोगो ने मौके का फायदा उठाकर शराब लूटने का प्रयास भी किया। जिस पर पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ी। कुछ देर बाद दोनों शराब दुकानों को बंद कर दिया गया। उसके बाद भी भाजपाई धरने पर बैठे 
सांसद विजय बघेल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि राज्य सरकार हरियाली के लिये पेड़ लगा रही है लेकिन जामगांव कि इस मैदान में हरियाली की जगह प्लास्टिक की घास उगी है ऐसा लग रहा है। लॉक डाउन में रायपुर, दुर्ग, भिलाई की शराब दुकानें है जिसके कारण यहाँ की भीड़ बढ़ गई है। लॉक डाऊन में सभी आवश्यक सेवा की दुकानों का एक निष्चित समय निर्धारित की गई लेकिन शराब दुकान के लिये सुबह 9 से रात 9 बजे तक का समय ये राज्य सरकार की कैसी लॉक डाउन है। मुख्यमंत्री के क्षेत्र होने के बाद भी जिला के कोई जिम्मेदार अधिकारी 5 घंटे बाद भी नही पहुंचे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सब संचालन हो रहा है। एक खबर

शदाणी तीर्थ से नवम पीठाधीश्वर सन्त श्री युधिष्ठिर लाल महाराज जी भुमि पूजन के लीये आयोध्या रवाना

(एक खबर )रायपुर अयोध्या मे राम मंदिर के भूमिपूजन 5 अगस्त को होने जा रहा है इस अवसर पर छत्तीसगढ़ से विश्व प्रसिद्ध शदाणी दरबार रायपुर के नवम पीठाधीश्वर पूज्य डाँ.संत श्री युधिष्ठिरलाल जी आज सुबह विमान से अयोध्या रवाना हुए उनके साथ उनके शिष्य भी गये। पूज्य छत्तीसगढ़ सिन्धी पँचायत ओर पूरे भारत के सभी भक्तगणों  ने संत जी से आशीर्वाद लेकर संत जी को भूमिपूजन में शामिल होने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी ।

आनंद राठी कोआत्महत्या के लिये प्रेरित करने वालो दोस्तो के खिलाफ करवाई हो --अशोक राठी

आनंद राठी को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वालो के खिलाफ मामला दर्ज हो -अशोक राठी ।दुर्ग ( एक खबर ) आनंद राठी ने आत्महत्या क्यो की क्या किसी के दबाव में  । में या फिर कोई उन्हें ब्लैकमेल कर राहा था । या फिर उनके पर्सनल लेनदेन में आत्महत्या के लिये उकसा राहा था ,,,आत्महत्या के लीये प्रेरित करना भी अपराध है ,,,मान लो आप का किसी की तरफ पैसा है । लीगल मतलब दुकानदारी का अनलीगल मतलब जुआ, सटटा, या मनी लांड्रिंग जो व्यापारी लोग खलते है और करते है ये अनलीगल है इसमें खेलने वाले ओर खिलाने वाले  दोनों दोषी होते है । क्या आनंद राठी किसी ऐसे gurp से जुड़े थे क्यो की लेने देने में अक्सर ऐसा होता है सामने वाला हावी हो जाता है ।आत्महत्या के लिए लोग विवश होते है । आनंद राठी के परिजनों ने आनंद के दोस्तो  व राजनंदगांव में रहने वाली युवती के खिलाफ करवाई की मांग की । दुर्ग भिलाई में लॉक डाउन के चलते लोंगो की आर्थिक स्थिति खराब हो गईं कोई भी किसी को धमका राहा पुलिस को कैसे पता लगे इसलिये लोंगो को पुलिस की सहायता लेनी चाहिये कानून कोई अपने हाथ मे नही ले सकता भले आपका किसी की तरफ पैसा हो आप उसके खिलाफ कंपलेंट करे उससे कानूनी रूप से अपना पैसा वसूले उसे सजा दिलाये पर कानून अपने हाथ मे न ले किसी ने आपके खिलाफ ये रिपोर्ट लिखवादी की में अमुक व्यक्ति का कर्जदार हूँ वो मुझे आत्महत्या के लीये प्रेरित कर राहा है मानिसक रूप से टार्चर कर राहा है तो आपके खिलाफ कानूनी धराये लग सकती है आप अंदर हो सकते है ,,,एक खबर विनोद मेघवानी

राम भगवान कांग्रेस के भी है --- कांग्रेस विधायक विकास उपाध्यक्ष

राम लला की जय जयकार ,,पूरा हुआ राजीव गांधी का सपना साकार  । रायपुर में  कांग्रेस सरकार के विधायक विकास उपाध्यक्ष ने राम मंदिर बनने की खुशी में पोस्टर लगवाये ।जिसे विधायक ब्रजमोहन अग्रवाल ने राजनीति बताया काहा की मन्दिर निर्माण में कांग्रेस पहले कान्हा थी विकास उपाध्यक्ष ने काहा की 1986 से राम मंदिर के लीये कांग्रेस कार्य कर रही है आईये (एक खबर आप को पूरी जानकारी बताता है )जब राजीव ने खुलवाया था राममंदिर का ताला, शुरू कराई थी पूजा
 आज देश की सियासत और धर्म एक दूसरे से गहरे जुड़े हैं। हाल ही के दशकों में देश की सियासी ज़मीन पर जिस मुद्दे ने धर्म की फसल  तेज़ी से उगाई है वो मसला है आयोध्या में राम मंदिर का। यह एक ऐसा मुद्दा है जिसने आधुनिक समय में देश की सियासत की दशा और दिशा दोनों बदल कर रख दीं। बीजेपी पिछले 28 साल से इस मुद्दे के साथ  चल रही है। लेकिन दिलचस्प ढंग से यह राजीव गांधी थे जिन्होंने विवादित स्थल पर न सिर्फ पूजा शुरू करवाई थी बल्कि राममंदिर का शिलान्यास तक करवा दिया था। तो आज चर्चा इसी  विवाद की जिसकी सियासत तो शीर्ष पर है लेकिन हल दूर दूर तक नज़र नहीं आ रहा।
बाबर से शुरू हुआ विवाद
आयोध्या  विवाद की शुरुआत 1528 की उस घटना से जोड़ी जाती है जिसमें बाबर ने रामजन्म स्थल पर मस्जिद का निर्माण कराया था। इसे लेकर हिन्दुओं में  असंतोष पैदा हुआ। यह गुस्सा 1853 में  विस्फोट बनकर पहली बार बाहर आया और आयोध्या में साम्प्रदायिक दंगे हुए। भारत उस समय अंग्रेजों का गुलाम था। विवाद बढ़ा तो ब्रिटिश शासकों ने विवादित स्थल की बाड़बंदी करा दी। बाद में  दोनों समुदायों को अलग-अलग हिस्सों में पूजा-इबादत की इज़ाज़त दे दी गयी। लेकिन मामला शांत  नहीं हुआ बल्कि सुलगता रहा।
पहली बार मंदिर की मांग
आयोध्या में विवादित स्थल पर पहली बार राम मंदिर निर्माण की बात 1885 में उठी थी। महंत रघुवर दास ने विवादित स्थल पर मंदिर निर्माण का प्रयास किया। प्रयास में बाधा आई तो उन्होने अदालत  का सहारा लेने की सोची। महंत रघुवर दस ने फैज़ाबाद की अदालत में मंदिर निर्माण के लिए अपील दायर कर दी। अपील बरसों सुप्तावस्था में रही। इसी बीच वर्ष 1949 में लगभग 50 हिंदुओं ने विवादित स्थल पर भगवान राम की मूर्ति रख दी और पूजा शुरू कर दी, इस घटना के बाद मुसलमानों ने वहां नमाज पढ़ना बंद कर दिया और सरकार ने विवादित स्थल पर ताला लगवा दिया। वर्ष 1950 में गोपाल सिंह विशारद ने फैजाबाद अदालत में भगवान राम की पूजा अर्चना के लिए विशेष इजाजत मांगी थी। उसी साल महंत परमहंस रामचंद्र दास ने हिंदुओं की पूजा जारी रखने के लिए एक अलग मुकदमा दायर किया। बाद में निर्मोही अखाड़े ने भूमि का मालिकाना हक़ उनके  पक्ष में करने को लेकर मुकदद्मा दायर किया। इसकी परिणति यह हुई कि 1961 में सुन्नी वक्फ बोर्ड भी मालिकाना हक़ की इस लड़ाई में कूद गया। 
जब शुरू हुई सियासत
अदालती दावों प्रतिदावों का प्रतिफल आने से पहले ही यह मामला चुनावी सियसत का शिकार हो गया। विश्व हिन्दू परिषद् ने 1984 में इसे लेकर आंदोलन छेड़ दिया। ऐसे में इंदिरा गांधी की हत्या की सुहानुभूति की लहर पर अकूत बहुमत लेकर सत्तासीन हुए राजीव गांधी को लगा कि कहीं यह मामला उनके खिलाफ न हो जाये इसलिए उन्होंने भी इसमें हाथ डाल दिया। वर्ष 1985 में राजीव गांधी ने विवादित स्थल का ताला खुलवा दिया। तब उन्हें सत्ता संभाले एक साल भी नहीं बीता था।   एक फरवरी 1986 को फैजाबाद के जिला न्यायाधीश ने विवादित स्थल पर हिंदओं को पूजा की इजाजत दे दी। इस घटना के बाद नाराज मुसलमानों ने बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी का गठन किया। चुनाव आते-आते राजीव गांधी ने विवादित स्थल के पास राम मंदिर का शिलान्यास भी करवा दिया, लेकिन अचानक यह मुद्दा उनके हाथ से बीजेपी ने लपक लिया। बीजेपी ने विश्व हिन्दू  परिषद् के आंदोलन को समर्थन देते हुए इसे विशुद्ध रूप से सियासी मुद्दा बना दिया। 
बीजेपी का आंदोलन, विध्वंस और शेष 
वर्ष 1989 में हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में हुए बीजेपी के अधिवेशन में  बाकायदा राम मंदिर निर्माण का संकल्प लिया गया। 25 सितंबर 1990 को लाल कृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ मंदिर से आयोध्या तक रथ यात्रा शुरू कर दी। इस रथयात्रा के कारण  कई जगहों पर विवाद/दंगे हुए।  बिहार में लालू प्रसाद ने आडवाणी की रथयात्रा रोक दी और आडवाणी को गिरफ्तार कर लिया गया। इसकी गाज वीपी सिंह की सरकार पर गिरी। बीजेपी ने समर्थन वापस ले लिया और वीपी सिंह पूर्व प्रधानमंत्री हो गए। इसी बीच उत्तर प्रदेश में बीजेपी की कल्याण सिंह सरकार बनी जिसने विवादी भूमि को अपने कब्जे में ले लिया। इस बीच विवाद इतना बढ़ा की 6 दिसंबर 1992 को बाबरी विध्वंस प्रकरण। केंद्र ने लिब्राहन आयोग का गठन किया। वर्ष 2002 में विवाद सुलझाने के लिए तात्कालीन प्रधानमंत्री ने एक अयोध्या विभाग भी शुरू किया। 2002 में ही अयोध्या के विवादित स्थल पर हक को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में तीन जजों की पीठ ने सुनवाई शुरू की। इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर भारतीय पुरातत्व विभाग ने अयोध्या में खुदाई की, जिसमें मस्जिद के नीचे मंदिर होने के प्रमाण मिले, लेकिन मुसलमानों ने इसे स्वीकार नहीं किया। 2009 में  लिब्रहान आयोग ने अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सौंपी। 30 सितंबर 2010 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवादित स्थल को तीन हिस्सों में बांटने का आदेश दिया। एक हिस्सा रामलला विराजमान, दूसरा सुन्नी वक्फ बोर्ड को और तीसरा निर्मोही अखाड़े को देने का आदेश दिया गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर नौ मई 2011 को सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी और तबसे यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है और अदालत के बाहर इस पर सियासत जारी है। छत्तीसगढ़ और देश मे राम मंदिर पर राजनीति शुरू हो गई है क्यो की छतीसगढ़ माता कौशल्या का मंदिर है जिसका पुननिर्माण छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल करा रहे है राम भगवान  सबके है कांग्रेस के नेताओ का कहना है एक खबर ,,,विनोद मेघवानी

सोमवार, 3 अगस्त 2020

6 अगस्त को छत्तीसगढ़ में लॉक डाउन सम्माप्त नही होगा तो व्यापारी अपनी दुकानें खोलेंगे --प्रह्ललाद रूँगटा

दुर्ग जिला CAIT व्यापारी संगठन  के व्यापारियों से  अपील करता है कि 6 तारीख को लॉकडाउन समाप्त नहीं होता है और व्यापार यथावत बंद रहता है तो बाजार के सभी दुकानों को स्वमेव खोला जाए सभी व्यापारी अपने दुकानों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें । 

दुकान सुबह 9:00 बजे खुले और 2:00 बजे बंद हो जाए आवश्यक सेवाएं देने वाले व्यापारी अपनी दुकानों को सुबह 6:00 बजे खोलें और 2:00 बजे बंद करें हम सब व्यापारी अपने स्वयं के व्यापार हित , अपने कर्मचारियों के जीवन की रक्षा और शहर के उभोक्ताओं को सही मूल्य पर सही सामग्री प्रदान कर राष्ट्र हित में अपना योगदान दें । 

शासन के बेतुके निर्णय का खुला विरोध करें ऐसे किसी भी आदेश का पालन न करें कि रात्रि में जारी हो और सुबह पालन करने के निर्देश हो , दुर्ग भिलाई के व्यापारियों से सामूहिक निर्णय लेने में मदद की अपील करता है और किसी एक व्यापारी को शासन और प्रशासन प्रताडि़त करने की कार्रवाई करता है तो पूरा व्यापारी समाज उस व्यापारी के साथ खड़े होने की क्षमता रखें और तानाशाही प्रवृत्ति अपनाकर शासन में बैठे हुए जिम्मेदार लोग यदि शहर के उपभोक्ताओं को तकलीफ देने व्यापार को अपनी मर्जी से चलाने के दिशा निर्देश जारी करते हैं तो उसका भी खुला विरोध हर स्तर पर होना चाहिए । 
संक्रमण राज्य सरकार की गलत नीतियों के कारण फैल रहा है व्यापार जगत का इसमें कहीं कोई रोल नहीं है अचानक बंद करना अचानक खोलना भीड़ को आमंत्रण देने का कार्य राज्य शासन स्वयं कर रहा है जिसका हम सब का विरोध करते हैं और राज्य शासन को पुनः अनुरोध करते हैं कि उन्हें लगता है की दुकानों के कारण ही संक्रमण फैलता है तो एक समय निश्चित कर दें कि लगातार 5 माह से बंद दुकानों को  और कितने दिनों तक बंद रखे जाने की योजना  राज्य सरकार की है कोरोना के संक्रमण से  राज्य की सरकार  कब तक मुक्त कर सकती है हम सभी दुकानदार संक्रमण की मुक्ति के लिए अपनी दुकानों को स्वयमेव बंद कर देंगे अन्यथा सरकार शराब की दुकानों को ठेले खोमचे में चलने वाले छोटे छोटे व्यापार को प्रतिबंधित करें उनके रोजगार की व्यवस्था करें व्यवस्था नहीं कर सकती है तो ठेले खोमचे चलाने वाले परिवार को मुआवजा देकर उनके जीवन की रक्षा के लिए आवश्यक प्रयास करें ।

 राज्य सरकार तुगलकी निर्णय न ले व्यापार को शांति पूर्वक चलाने में मदद करें सकरे मार्गो में वन वे मार्ग घोषित करें ट्रैफिक एवं पुलिस की व्यवस्था व्यस्त मार्गों पर करें व्यस्त बाजार क्षेत्र में करें ताकि आम जनता भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए आवश्यकतानुसार सामग्री बाजार से प्राप्त कर सके शासन के सभी जिम्मेदार जन प्रतिनिधियों से अनुरोध है की व्यापार हित एवं जनहित को ध्यान में रखते हुए हमें अपना संबल प्रदान करें और राज्य शासन को भी अपना सुझाव दें कि व्यापार यथावत चलता रहे संक्रमण से मुक्ति के लिए आम उपभोक्ताओं को हम सब जागृत करें मास्क पहनकर बाजार में आने का निवेदन करें ज्ञानचंद जैन में राज्य शासन से अनुरोध किया है की अनावश्यक अशांति का वातावरण ना बने इस दिशा में 7 अगस्त से बाजार को समय का ध्यान रखते हुए खोलें और आम उपभोक्ताओं को राहत दे क्या केंद्र व राज्य सरकार हमारे घाटे की भरपाई करेगा बैंक ऋण ई एम आई के ऋणों पर लगने वाले ब्याज से हमें राहत दिलाएगा क्या किराए पर दुकान लेकर चलाने वाले दुकानदारों के किराए की राशि राज्य शासन मकान मालिकों को देने में मदद करेगा यह सब ऐसे सवाल हैं जो हम पर भारी हैं यदि इन सब ऋण से मुक्ति हमें नहीं मिलती है या हम बैंक की देय राशि का भुगतान नहीं करते हैं तो न केवल व्यापारी वर्ग अपितु उस पर आश्रित कर्मचारियों के परिवार का भरण पोषण मुश्किल हो जाएगा और दुकाने नहीं खुलने से शहर के उपभोक्ताओं को समय पर जब राशन नहीं मिलेगा उनके आवश्यकता की सामग्री नहीं मिलेगी तो जब बाजार खुलेगा तो लूटपाट की स्थिति और अशांति का वातावरण बनने की संभावना भी बनी रहेगी ऐसी स्थिति में जिले के सम्माननीय कलेक्टर जिले के मंत्री विधायक सांसद और प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री इस पर गंभीरता से प्रयास करें आशा करता हूं के व्यापार जगत को अनावश्यक परेशान करने की कार्य योजना राज्य शासन के प्रशासनिक अधिकारी अब बंद करेंगे व्यापार एकता बनी रहे व्यापारी वर्ग एकजुट हो और शासन की गलत नीतियों का विरोध करने अपने बाजार को 7 अगस्त को अवश्य खोलें
 निवेदन 
प्रह्लाद रूगंटा 
अध्यक्ष कैट 
जिला दुर्ग

सूचना का अधिकार ----एक खबर

सूचना का अधिकार-एक परिचय

सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 अपनी यात्रा में काफी उपलब्धियां हासिल कर चुका है। नागरिकों न केवल महत्वपूर्ण सूचनाएं ही प्राप्त हो रही हैं बल्कि ये सूचनाएं कई बार सिर्फ सूचनाओं तक ही नहीं सीमित होकर अपनी उपयोगिता कई परिप्रेक्ष्य में सिद्ध करती है। केंद्र राज्य स्तर पर सभी विभागों में सूचना का अधिकार लागू कर दिया गया है और इसके लिए अलग विभाग से लेकर कार्यालयों में सूचना की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए कार्यरत कर्मचारियों को मनोनीत लोक सूचना अधिकारी के रुप में नियुक्त किया गया गया है। सूचना की अनुपलब्धता की स्थिति में प्रथम अपीलीय प्राधिकारी, द्वितीय अपील के साथ कुछ विशेष स्थितियों में सीधे तौर आयोग में भी अपील की जा सकती है। कई राज्यों ने सूचना के अधिकार में लोगों की सहायता के लिए सूचना और प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए पूरी तरह से समर्पित आरटीआई की वेबसाईट का निर्माण किया है और आवेदन करने और उसे जमा करने के लिए ऑनलाईन का विकल्प भी उपलब्ध कराया है। कुछ राज्यों ने टोल फ्री नंबर की सेवा भी प्रारंभ की है।

सूचना का अधिकार-सांविधानिक प्रावधान

सूचना के अधिकार का दर्ज़ा उपयोगिता और इस बात से सिद्ध होता है कि संविधान में इसे मूलभूत अधिकार का दर्ज़ा दिया गया है। आरटीआई का अर्थ है सूचना का अधिकार और इसे संविधान की धारा 19 (1) के तहत एक मूलभूत अधिकार का दर्जा दिया गया है। धारा 19 (1), जिसके तहत प्रत्‍येक नागरिक को बोलने और अभिव्‍यक्ति की स्‍वतंत्रता दी गई है और उसे यह जानने का अधिकार है कि सरकार कैसे कार्य करती है, इसकी क्‍या भूमिका है, इसके क्‍या कार्य हैं आदि।सूचना का अधिकार अधिनियम प्रत्‍येक नागरिक को सरकार से प्रश्‍न पूछने का अधिकार देता है और इसमें टिप्‍पणियां, सारांश अथवा दस्‍तावेजों या अभिलेखों की प्रमाणित प्रतियों या सामग्री के प्रमाणित नमूनों की मांग की जा सकती है।

आरटीआई अधिनियम पूरे भारत में लागू है (जम्‍मू और कश्‍मीर राज्‍य के अलावा) जिसमें सरकार की अधिसूचना के तहत आने वाले सभी निकाय शामिल हैं जिसमें ऐसे गैर सरकारी संगठन भी शामिल है जिनका स्‍वामित्‍व, नियंत्रण अथवा आंशिक निधिकरण सरकार द्वारा किया गया है।

शिकायत कब करें

इस अधिनियम के प्रावधान 18 (1) के तहत यह केन्‍द्रीय सूचना आयोग या राज्‍य सूचना आयोग का कर्तव्‍य है, जैसा भी मामला हो, कि वे एक व्‍यक्ति से शिकायत प्राप्‍त करें और पूछताछ करें।

  1. जो केन्‍द्रीय सूचना लोक अधिकारी या राज्‍य सूचना लोक अधिकारी के पास अपना अनुरोध जमा करने में सफल नहीं होते, जैसा भी मामला हो, इसका कारण कुछ भी हो सकता है कि उक्‍त अधिकारी या केन्‍द्रीय सहायक लोक सूचना अधि‍कारी या राज्‍य सहायक लोक सूचना अधिकारी, इस अधिनियम के तहत नियुक्‍त न किया गया हो जैसा भी मामला हो, ने इस अधिनियम के तहत अग्रेषित करने के लिए कोई सूचना या अपील के लिए उसके आवेदन को स्‍वीकार करने से मना कर दिया हो जिसे वह केन्‍द्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्‍य लोक सूचना अधिकारी या धारा 19 की उपधारा (1) में निर्दिष्‍ट राज्‍य लोक सूचना अधिकारी के पास न भेजे या केन्‍द्रीय सूचना आयोग अथवा राज्‍य सूचना आयोग में अग्रेषित न करें,जैसा भी मामला हो।
  2. जिसे इस अधिनियम के तहत कोई जानकारी तक पहुंच देने से मना कर दिया गया हो। ऐसा व्‍यक्ति जिसे इस अधिनियम के तहत निर्दिष्‍ट समय सीमा के अंदर सूचना के लिए अनुरोध या सूचना तक पहुंच के अनुरोध का उत्तर नहीं दिया गया हो।
  3. जिसे शुल्‍क भुगतान करने की आवश्‍यकता हो, जिसे वह अनुपयुक्‍त मानता / मानती है।
  4. जिसे विश्‍वास है कि उसे इस अधिनियम के तहत अपूर्ण, भ्रामक या झूठी जानकारी दी गई है।
  5. इस अधिनियम के तहत अभिलेख तक पहुंच प्राप्‍त करने या अनुरोध करने से संबंधित किसी मामले के विषय में।

सूचना प्राप्ति की प्रक्रिया

  1. आप सूचना के अधिकार अधिनियम- 2005 के अंतर्गत किसी लोक प्राधिकरण (सरकारी संगठन या सरकारी सहायता प्राप्त गैर सरकारी संगठनों) से सूचना प्राप्त कर सकते हैं।
  2. आवेदन हस्तलिखित या टाइप किया होना चाहिए। आवेदन प्रपत्र भारत विकास प्रवेशद्वार पोर्टल से भी डाउनलोड किया जा सकता है। आवेदन प्रपत्र डाउनलोड संदर्भित राज्य की वेबसाईट से प्राप्त करें
  3. आवेदन अँग्रेजी, हिन्दी या अन्य प्रादेशिक भाषाओं में तैयार होना चाहिए।
  4. अपने आवेदन में निम्न सूचनाएँ दें:
    • सहायक लोक सूचना अधिकारी/लोक सूचना अधिकारी का नाम व उसका कार्यालय पता,
    • विषय: सूचना का अधिकार अधिनियम- 2005 की धारा 6(1) के अंतर्गत आवेदन
    • सूचना का ब्यौरा, जिसे आप लोक प्राधिकरण से प्राप्त करना चाहते हैं,
    • आवेदनकर्त्ता का नाम,
    • पिता/पति का नाम,
    • वर्ग- अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ी जाति
    • आवेदन शुल्क
    • क्या आप गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवार से आते हैं- हाँ/नहीं,
    • मोबाइल नंबर व ई-मेल पता (मोबाइल तथा ई-मेल पता देना अनिवार्य नहीं)
    • पत्राचार हेतु डाक पता
    • स्थान तथा तिथि
    • आवेदनकर्त्ता के हस्ताक्षर
    • संलग्नकों की सूची
  5. आवेदन जमा करने से पहले लोक सूचना अधिकारी का नाम, शुल्क, उसके भुगतान की प्रक्रिया आदि के बारे में जानकारी प्राप्त कर लें।
  6. सूचना के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत सूचना प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र के साथ शुल्क भुगतान का भी प्रावधान है। परन्तु अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति या गरीबी रेखा से नीचे के परिवार के सदस्यों को शुल्क नहीं जमा करने की छूट प्राप्त है।
  7. जो व्यक्ति शुल्क में छूट पाना चाहते हों उन्हें अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/बीपीएल प्रमाणपत्र की छायाप्रति जमा करनी होगी।
  8. आवेदन हाथो-हाथ, डाक द्वारा या ई-मेल के माध्यम से भेजा जा सकता है।
  9. यदि आप आवेदन डाक द्वारा भेज रहे हैं तो उसके लिए केवल पंजीकृत (रजिस्टर्ड) डाक सेवा का ही इस्तेमाल करें। कूरियर सेवा का प्रयोग कभी न करें।
  10. आवेदन ई-मेल से भेजने की स्थिति में जरूरी दस्तावेज का स्कैन कॉपी अटैच कर भेज सकते हैं। लेकिन शुल्क जमा करने के लिए आपको संबंधित लोक प्राधिकारी के कार्यालय जाना पड़ेगा। ऐसी स्थिति में शुल्क भुगतान करने की तिथि से ही सूचना आपूर्ति के समय की गणना की जाती है।
  11. आगे उपयोग के लिए आवेदन पत्र (अर्थात् मुख्य आवेदन प्रपत्र, आवेदन शुल्क का प्रमाण, स्वयं या डाक द्वारा जमा किये गये आवेदन की पावती) की 2 फोटोप्रति बनाएं और उसे सुरक्षित रखें।
  12. यदि अपना आवेदन स्वयं लोक प्राधिकारी के कार्यालय जाकर जमा कर रहे हों, तो कार्यालय से पावती पत्र अवश्य प्राप्त करें जिसपर प्राप्ति की तिथि तथा मुहर स्पष्ट रूप से अंकित हों। यदि आवेदन रजिस्टर्ड डाक द्वारा भेज रहे हों तो पोस्ट ऑफिस से प्राप्त रसीद अवश्य प्राप्त करें और उसे संभाल कर रखें।
  13. सूचना आपूर्ति के समय की गणना लोक सूचना अधिकारी द्वारा प्राप्त आवेदन की तिथि से आरंभ होता है।

याद रखने योग्य बातें


क्रम संख्या

स्थिति

सूचना आपूर्ति की समय-सीमा

1

सामान्य स्थिति में सूचना की आपूर्ति

30 दिन

2

जब सूचना व्यक्ति के जीवन या स्वतंत्रता से संबंधित हों, तब सूचना की आपूर्ति

48 घंटे

3

जब आवेदन सहायक लोक सूचना अधिकारी के जरिये प्राप्त होता है, वैसी स्थिति में सूचना की आपूर्त्ति

उपर्युक्त दोनों स्थितियों में 05 दिन का समय और जोड़ दिये जाएंगे।

    स्रोत: rti.gov.in



    एक प्रार्थना पत्र 16/06/2020को माननीय मुख्यमंत्री मंत्री महोदय व पुलिस अधीक्षक व पुलिस महानिदेशक व जिलाधिकारी को भेजा है जिसमे अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। आगे क्या कर सकते हैं?



    बैंक सर्विस संबंधी जानकारी ली जा सकती है आरटीआई के माध्यम से।



    आरटीआई से ग्राम पंचायत से गांव की सड़क की लंबाई एवं चाैड़ाई की जानकारी ले सकते हैं।



    आर टी ई के तहत किसी भी विभाग कि जानकारी लेने के लिये जेसे ग्राम पंचायत के निर्माण की जानकारी लेने के लिए किस प्रकार आवेदन देना है



    Rti के आवेदन के बाद प्रतिलिपि के लिये भुगतान की मांग कितने दिनों मे की जाती है भुगतान जमा करने के कितने दिन बाद सुचना उपलब्ध कराई जाती है



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    बंद कमरे में बनाए जाने वाले वीडियो से अंधी कमाई

    Vinod raja meghwani (sampadak),,,, बन्द कमरे में बनाए जाने वाले वीडियो से  अंधी कमाई कितनी हे,,,?????