गुरुवार, 28 मई 2020

दुर्घटना से देर भली ,,,स्कूल कालेज अभी न खोले सरकार

पड़ोगे लिखोगे तो,,,,, *"बनोगे नवाब,,,,,खेलोगे कूदोगे,,तो होंगे खराब,,,,ये हमारी बुजुर्ग पीढ़ी की एक प्यार भरी झिड़की ,,,,जो हर बच्चे को सुननी पड़ती है । पर आज इस कोरोना काल मे कुछ और ही सुनने को मिल राहा है ,,पड़ोगे लिखोगे स्कूल कालेज में तो मरोगे जनाब,,,,घर मे रहकर ऑनलाइन पड़ोगे तो बचोगे जनाब,,,,। एक जुलाई से संभावना व्यक्त की जा रही है कि स्कूल कालेज खोल दी जाएंगे ।""पर स्कूल कालेज खुलने से पहले सरकारे इन पहलुओं पर ध्यान दे कि छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के सभी स्कूलों कालेजो को ,क्वारेटाइन सेंटर बनाया गया है ओर अभी प्रवासी मजदूरों की वापसी जारी है ।और कोरोना संक्रमित मरीजो की सँख्या छत्तीसगढ़ में बढ़ती जा रही है ऐसे में जून जुलाई में अगर कोरोना संक्रमित की सँख्या बड़ गई तो इनका ईलाज सरकार कान्हा करेगी। इसलिये स्कूल कालेज खोलने में सरकार जल्दबाजी न करे अगर छात्र छात्रएं पढ़ाई में एक साल पीछे हो जाएंगे तो कोई फर्क नही पड़ेगा। बड़े सयाने कह के गये की दुर्घटना से देर भली ।इसलिए छत्तीसगढ़ सरकार स्कूल कालेज खोलने की जल्दबाजी न करे इससे सरकार को कोई घाटा नही फायदा है स्कूल कालेज खुलने पलकों उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता बन रहेगी। एक खबर विनोद मेघवानी*

रविवार, 24 मई 2020

बैंको से लोन सहजता से कैसे मिले कोरोना के इस दौर में


*स्टेट बैंक के AGM प्रदीप मंशानी: व्यापारियों को मिलेगी राहत/लघु उद्योगों हेतु राहत की खबर* 24/05/2020

रायपुर।छग सिंधी पंचायत की  आनलाइन बैठक के बारे में समिति के प्रदेश प्रवक्ता दिनेश अठवानी ने बताया कार्यक्रम की शुरूआत हेतु मुख्य अतिथि एजीएम मेन ब्रांच स्टेट बैंक के सहायक महाप्रबंधक प्रदीप मंशानी को समिति अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी जी ने आमंत्रित किया।। *प्रदीप मंशानी जी ने बताया कि स्टेट बैंक रायपुर छग की ओर से सशर्त व्यापार हित में बिना गारंटी लोन,छोटे व मंझोले उद्योगों को आपके बैंक ट्राजेशन, बैंक की कुछ प्रक्रियाओं का पालन करने एवं सिविल स्कोर मैंटेन करने पर कम से कम शर्तों पर लोन उपलब्ध करने हेतु बैंक अधिकारियों ने उपयुक्त व्याख्या की*।। *सह अधिकारी अभिशेक राव ने बताया स्टालमेंट सही समय पर पटाने से लोन अमाउंट को बढ़ाने व नवीन योजनाओं के तहत लाभान्वित करने हेतु भी सुविधाओं के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी साझा की।।तीन किश्तें ठीक समय पर न पटाने पर अंत में लोन राशि पर नियमतहत नियत दंड लगता है,जो अंतिम किश्त में जोड़ना जाता है*।।सह अधिकारी पंकज जी ने भी बैंक संबंधित संक्षिप्त में  मिलती- जुलती राय दी।। *कार्यक्रम संयोजक चेयरमैन बब्बन भोजवानी एवं सीए चेतन तारवानी ने MSME विशेषज्ञ दिनेश तारवानी को आमंत्रित किया।।जिन्होंने कई रोचक जानकारियाँ साझा की।मसलन MSME में रजिस्ट्रेशन करवाने पर बिना गारंटी लोन,ओडी में सहूलियत, बिजली बिल में छूट का एवं अन्य कई सुविधाओं का प्रावधान है।।बैंक में उचित टर्नओव्हर करने पर मिलने वाली सुविधाओं, विशेषतः फर्म की पेटेंट फीस, सर्टिफिकेट लेने पर 50% तक की छूट के लाभ पर प्रकाश डाला*।स्वयं उत्पादक को अधिक लाभ का प्रावधान है, ट्रेडर्स को यह लाभ नहीं मिलेगा।। *टिल्डा के दिनेश पंजवानी के एक सवाल के जवाब पर पंकज जी ने बताया कि प्रत्येक लोन पर एफ डी करना जरूरी नहीं*।।ग्राहक से पैमेंट वसूलने हेतु सरकारी सहयोग, सेंक्शन खाते रेगुलर होने पर ही सुविधाओं का लाभ मिलने की बात की।। *अंत में समिति के महासचिव इंदर डोडवानी जी ने आगंतुकों व सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया*।।
आज की आनलाइन बैठक का
लाभ उठाने प्रमुखतः छग चेम्बर के महामंत्री लालचंद गुलवानी,पूर्व मनोनीत कैबिनेट मंत्री अमित जीवन,पूर्व पार्षद लख़मीचंद गुलवानी,राधा राजपाल,सुदेश मध्याह्न, सुनिल बजाज,महेश पृथवानी,हेमराज कृपलानी,अजय धर्मानी,सुनिल छाबड़िया,अमर वाधवा,दौलत परयानी,राधाकृष्ण
रामचंदानी आदि 100से अधिक 
जिज्ञासु आनलाइन उपलब्ध रहकर कार्यक्रम में शिरकत की।।

प्रदेश प्रवक्ता छग सिंधी पंचायत 
दिनेश अठवानी   7879311110, 9340282830

शनिवार, 23 मई 2020

मेक इन इंडिया । मुद्रा लोन

लॉक डाउन में राम की हालत खराब कर दी थी । जो जमा पूंजी थी खत्म ओर किसी प्रकार की आवक भी नही हो रही थी । अब क्या किया,,,जाये राम भागा मेरे पास आया ,,,,,,पर मेरा हाल भी राम जैसा था में भी उसकी मदद नही कर सकता था । राम के बाद  श्याम निखिल,,ऐसे कर के हम 12 दोस्त इकठे हो गये ओर सब की समस्या एक ही थी आगे क्या होगा । हम सब लोग मेरे घर पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुऐ टीवी देख रहे थे । तभी एक विज्ञापन आया  R B I का (भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया )  एक फर्नीचर का विज्ञान था ,,,जिसमे ये बाताया गया था कि आप को मेक इन इंडिया के तहत 10 लाख का लोन मिल सकता है । R B I कहता है जानकर बनो,,,,

*"" महोदय ""*

*" RBI  गर्वनर जी  निवेदन आप या आप कोई भी सज्जन एक आम आदमी बनकर देश के किसी भी बैंक में जाये पूरी तैयारी के साथ अपनी प्रोजेक्ट फाइल लेकर बैंक जो कागजात मांगता है वो भी साथ लेकर जाएं। महोदय जी एक ओर निवेदन ,,,,भारत सरकार की एक ओर बहुत ही सहज और सरल लोन योजना है ,,,मुद्रा लोन,,,,जिसमे,,,5 से 10 लाख का लोन बिना गारंटी के मिलता है ।इसके लीये भी किसी दूसरे सज्जन को साथ लेकर जाय ओर दोनों योजना में बैंक में लोन के लिये अप्लाई करे और फिर देखे ,,,,बैंक आप को क्या जवाब देती है ।सर जी जब बैंक मैनेजर का जवाब सुननेगे तो आप को झटका लगेगा । सर जी इस पोस्ट को लिखने का एक ही मकसद है कि आप की योजनाओं पे सही तरिके से पालन नही हो राहा है।इसके लिये ठोस ओर सही उपाय किये जायें जिससे आम जनता को मेक इन इंडिया और मुद्रा लोन का लाभ मिल सके ।एक खबर, विनोद मेघवानी"*

गुरुवार, 21 मई 2020

तीसरा विश्वयुद्ध,,, कोरोनो के कारण होगा ,,,,???

कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा नुकसान सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका का हुआ है लगभग 15 लाख लोग संक्रमित है कोरोना से  ओर लगभग 1 लाख लोग इस अघोषित युद्ध मे शहीद हो चुके है । कोरोना से शहीद आप सोच में क्यो पड़ गये । आपको जानकारी दे दे । वाइट् हाउस अमेरिका राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप इस वायरस को जैविक ,,,हथियार मानते है । ट्रंप का कहना है वुहान की चीनी लेब में इस,, वायरस को बनाया गया है जिसका सबूत उनके पास है और समय आने पर इसे दुनिया के सामने रखेंगे । पर एक बात तो तय है कि अमेरिका चीन से बदला लेगा । अगर अमेरिका चीन से बदला लेगा तो स्वाभिक उसे सबसे पहले भारत को अपना सच्चा मित्र बनाना होगा । और अमेरिका इस दिशा में आगे बढ़ राहा इस बात को चीन समझ राहा है । इसलिए चीन लदाख ओर अन्य विवादित सीमाओं पर भारत के सैनिकों को भड़काने का प्रयास कर राहा है और साथ ही अपने पास के देशों को अपने कर्ज जाल में कैसे फंसा राहा है और भारत के खिलाफ भड़का राहा है

 चीन की रणनीति
हिन्द महासागर क्षेत्र तथा एशिया के तटीय देशों का समूह लगातार चीन की ताकत को बढ़ने से रोकने की कोशिश कर रहा है. इनमें जो कमज़ोर देश हैं, उनके लिए चीन की मदद और उससे आसान शर्तों पर मिलने वाले क़र्ज के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण की लुभावनी पेशकश से बच पाना मुश्किल है.।
ये उच्च स्तरीय "कर्ज़ आधारित कूटनीति" है और इस मामले में हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में कोई भी देश चीन की बराबरी नहीं कर सकता. यहां तक कि जापान और भारत भी नहीं.।
एक रास्ता तो श्रीलंका ने श्रीलंका ने हम्बनटोटा बंदरगाह को लेकर तलाश किया है. उच्च लागत वाली परियोजना के कारण पैदा होने वाली परेशानियां दूर करने के लिए उसने कर्ज़ चुकाया और चीन की कम्पनी के साथ 99 वर्षों का पट्टा समाप्त कर दिया.।
मालदीव को लेकर भारत और चीन में होड़ क्यों है?
मोदी राज में कितनी मजबूत हुई भारतीय सेना?।
ये सबक महत्त्वपूर्ण है और इसे जल्द अपनाया भी गया. इसका अनुसरण करते हुए म्यांमार, मलेशिया और थाईलैंड ने चीन के कर्ज़ से चलनेवाली परियोजनाएं या तो समाप्त कर दी हैं या फिर कम कर दी हैं. यहां तक कि पाकिस्तान में, जो संभावित चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर को अपने लिए महत्वपूर्ण मान रहा था, ज़्यादा से ज़्यादा लोग उस कर्ज़ को सशंकित रूप से देख रहे हैं, जिसमें उनका देश फंस सकता है.।
अपना प्रभुत्व जमाने के लिए चीन आर्थिक के अलावा सामरिक उद्देश्यों की पूर्ति पर भी ध्यान देता है जिसे चीन के मास्टरमाइंड "मलक्का डिलेमा" कहते हैं.।

हिन्द महासागर के रास्ते होने वाले उसके 80% व्यापार की सुरक्षा आवश्यक है. यह रास्ता मलक्का, लम्बोक और सुन्डा जलडमरूमध्यों के "चेकप्वाइंट्स" से होकर जाता है. इसे देश के पूर्वी तटों पर और अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में स्थित भारतीय नौसेना का एकीकृत कमांड प्रभावशाली तरीके से नियंत्रित करता है।
ऐसे में चीन का बंदरगाहों और समुद्री ठिकानों की तलाश में लगे रहना जगज़ाहिर है. यह समस्या का वास्तविक समाधान तो नहीं है मगर उसकी समस्या को कुछ तो कम ज़रूर कर सकता है.।
इसीलिए चीन ने उत्तर-दक्षिणी रोड और रेल परियोजनाओं में निवेश किया है ताकि म्यांमार में बंगाल की खाड़ी स्थित चॉकप्यू और पाकिस्तान के अरब सागर में ग्वादर में सालों भर उसे बंदरगाह उपलब्ध हों.।
आख़िर भारत से सारे पड़ोसी बारी-बारी दूर क्यों हो रहे हैं
चीन का नया विस्तार, रूस भी आया उसके साथ ।
कैसे रोका जा सकता है चीन को? ।
तो चीन के विशाल बवंडर को अगर रोका नहीं जा सकता तो उसका प्रभाव कम करने के लिए क्या किया जा सकता है?।
दरअसल सैन्य रोकथाम ही इसका समाधान है. भारत समेत अन्य तटीय तथा दूरस्थ देशों को एक साथ सुरक्षा गुट बनाकर मज़बूत रणनीति विकसित करनी होगी.।
भारत की सैन्य पहुंच ओमान के दुक़म, अफ्रीका स्थित जिबूती में फ्रांसिसी बेस 'हेरॉन', सेशेल्स, मालदीव और श्रीलंका के त्रिंकोमाली तक है. अब भारतीय नौसेना को सुमात्रा के बंदरगाह सबांग और मध्य वियतनाम स्थित ना थरांग में मज़बूत होने की आवश्यकता है.।
वियतनाम ने इस बंदरगाह के भारतीय नौसेना द्वारा इस्तेमाल के लिए मदद देने की पेशकश की है. इसके साथ संयुक्त रूप से इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस एकत्र करने का स्टेशन विकसित करने का प्रस्ताव भी रखा है ताकि हैनान द्वीप पर चीनी नौसेना के मुख्य ठिकाने सान्या पर नज़र रखी जा सके.।
सैनिक ठिकानों की इस श्रृंखला को मेज़बान, स्थानीय और क्षेत्रीय नौसेना के साथ मिलकर नियमित तथा कठिन अभ्यास के ज़रिये सशक्त करने की आवश्यकता है ताकि बीजिंग को स्पष्ट संदेश जाए कि वो तीनों जलडमरूमध्यों के दोनों ओर कितनी भी ताकत इकट्ठा क्यों ना कर ले, उसे परेशानियों का सामना करना ही पड़ेगा.।
भारत को ब्रह्मोस क्रूज़ मिसाइल वियतनाम और इसकी चाहत रखनेवाले अन्य देशों को भी भारी संख्या में प्रदान करने को प्राथमिकता देनी होगी. निश्चित रूप से इससे चीन के दक्षिणी सागर बेड़े और हिन्द महासागर में गोपनीय "चौथे" बेड़े पर लगाम कस सकेगा.।
इससे उन देशों के आत्मविश्वास में भी बढ़ोतरी होगी जो दक्षिणी चीन सागर में चीन के एकाधिकार का विरोध कर रहे हैं और अभी तक ऐसे सामरिक गठबंधन का अभाव महसूस कर रहे थे.।
ये आपसी सहयोग पर आधारित नौसैनिक रणनीति है, जो भारत सरकार की "थियेटर स्विचिंग" रणनीति की तुलना में बेहतर है. भारत की थियेटर स्विचिंग रणनीति स्पष्ट रूप से अस्थिर है. मगर नई रणनीति अपनाने से 4,700 किलोमीटर लंबी ज़मीनी सीमा और तथाकथित वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन का वर्चस्व कम हो जाएगा.।
चीन अपनी ज़मीन का एक इंच भी नहीं छोड़ेगा'।
भारत- 'चीन का मुकाबला नहीं, असर कम करने पर ज़ोर'
भारत को बदलनी होगी रणनीति
दरअसल बीजिंग मानता है कि वह भारत की नौसेना और थल सेना पर एक साथ हावी हो सकता है. उसे लगता है कि वह ज़रूरत पड़ने पर ज़रूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करके सुदूर हवाई पट्टियों को स्थायी अड्डों में तब्दील कर सकता है और तिब्बत में अपनी वायुसेना और मिसाइलों की तैनाती बढ़ा सकता है ।
इसके जवाब में भारत के पास कुछ भी सही नहीं है. ये पहाड़ों पर आक्रमण करने वाली इकलौती टुकड़ी विकसित कर रहा है जिसे हल्के टैंकों के बजाय मैदानी इलाकों के आधार पर आक्रमण करने में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियां दी जा रही हैं. एक खबर,,,,,विनोद मेघवानी,,,, सँभार,,,,,गूगल,,,,,

शुक्रवार, 15 मई 2020

बीस लाख करोड़

खोदा पहाड़,,,,निकला,,,,चूहा,,,,

संपादकीय,,, ,,लेख,,,,बीस लाख करोड़ की ,,,,घोषणा,,

खोदा पहाड़ ,,,,निकला चूहा,,,,वो भी,,,,,मरा हुआ,,,,,हमने एक कहावत,,,,सुनी थी,,,,भगवान,,, तो,,,,महान है,,,पर चमचो से परेशान ,,,है,,,,,इसका उदाहरण,,, हम आज के ताजे हालातो,,,पर ले सकते है।,,,माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी ,,,दो महीनों से सोये नही है,,,वो इस कोरोनो संकटकाल में ,,लोगो की जान बचाने का बेहतर प्रयास कर रहे,,है । और जाहांन,,,( अर्थव्यवस्था) को बचाने के लिए भी कोशशि कर रहे है। 20 लाख करोड़ की घोषणा की,,,देश के,,,सबसे,,,बड़े मध्यम वर्ग की,,,निकलती जान रुक गई ,,,मानो ,,,प्रधानमंत्री जी,,,ने लोंगो के शरीर से भागती ,,,आत्मा को शरीर मे रहने को मजबूर कर दिया। मध्यम वर्ग व्यापारी लोंगो को लगा,,,की कम से कम बैंक लोन तो देगी व्यापर के लिये 5 लाख तक का ,,,। पर अफसोस,,,, प्रधानमंत्री जी की घोषणा,,,मध्यम वर्ग,,,आयकर देने वालो के लीये,,,, कोई भी,,,ऐसी ,,,,रियायत देते,,,वित्तमंत्री जी नही दिख रही,,,,,,,,,,बीस लाख करोड़,,,में सिर्फ,,,,3.96 करोड़ की घोषणा बाकी,,,है,,,,वित्तमंत्री जी जमीनी धरातल में आकर मध्यम वर्ग के व्यापार का आंकलन करे तो शायद उनको ,,,मध्यम वर्ग के व्यापारियों,,, की चीखती,,,कर्कश,,आवाजे सुनाई देंगी,,। वित्तमंत्री जी अगर AC रूम में बैठकर व्यापारियों की,,तकलीफों को समझने की कोशशी करेंगी तो कभी उनकी समस्या नही सुलझा पायेंगी,,,।,,,,अगर देश को आत्मनिर्भर बनाना है ,,,,तो,,,,रुपयों की बरसात करनी पड़ेगी,,,बातों की नही,,,,,। एक खबर ,,,विनोद मेघवानी,,,

मंगलवार, 5 मई 2020

देश मे शराबबन्दी 3 महीने चलनी चाहिये


  • *" मोदी जी और देश की 40 दिनों की तपस्या को किसने भंग किया ।जो लॉक डाउन में कोरोना से बचने के जी जान से की जा रही थी। क्या मोदी जी ने इसका निर्णय खुद लिया अगर मोदी जी ने सिर्फ राजस्व प्राप्ति के लिऐ शराब बेचने का निर्णय लिया है तो इसके लिए उन्हें बहुत भारी प्रायश्चित करना पड़ेगा । क्यो की उन्होंने कोरोना से बचने के लीये ,,,वुहान मॉडल अपनाया है । चीन के वुहान से कोरोना निकला था और वुहान में ही सबसे पहले खत्म हुआ है । भारत कोरोना से बचाव के लिये वुहान मॉडल अपनाया है जो तीन माह की लॉक डाउन का है । अगर शराब की बिक्री चालू रखी गई तो  कोरोनो संक्रमितों की संख्या में तेजी से बढ़ेगी । माना कि देश की अर्थव्यवस्था डांवाडोल हो चुकी है । पर मोदी जी उसके लिये ये रास्ता सही नही है । केंद्र सरकार और सभी राज सरकारों को अभी तीन महीने ,,शराबबंदी रखनी चाहिये यही देश हित मे सही निर्णय होगा।"*

बंद कमरे में बनाए जाने वाले वीडियो से अंधी कमाई

Vinod raja meghwani (sampadak),,,, बन्द कमरे में बनाए जाने वाले वीडियो से  अंधी कमाई कितनी हे,,,?????