गुरुवार, 19 सितंबर 2024

कश्मीर 370 हटाने के बाद पहला विधानसभा चुनाव = vinodraja


Vinod raja meghwani (sampadak)एक खबर 

Vinodraja (अंडा) दुर्ग पुराने दिनों में कश्मीर में लाल चौक की दुकानें अलगाववादी हुर्रियत के आह्वान पर बंद हो जाया करती थीं। वांहा अब केंद्र बीजेपी सरकार 370 हटाने के बाद पहली बार विधान सभा चुनाव करा रही है। अब कश्मीर में डर नही है।

 पिछले पांच सालों में, दुकानें सूर्यास्त के बाद तक खुली रहती हैं। श्रीनगर में हमारे होटल के मालिक ने हमें बताया कि 23-24 उनके लिए अब तक का सबसे अच्छा कारोबारी साल रहा है। कोविड के दौरान, उन्होंने अपनी प्रॉपर्टी बेचने का मन बना लिया था, लेकिन अब वे पर्यटकों की भारी आमद से खुश हैं। बेहतर हाईवे कनेक्टिविटी से लेकर अनवरत बिजली आपूर्ति तक, कश्मीर सही रास्ते पर चलता मालूम होता है। लेकिन खुशी के इस अहसास को खत्म होने में ज्यादा समय नहीं लगता। श्रीनगर स्थित जामा मस्जिद में जुमे की नमाज खत्म हुई है। पहले यहां पत्थरबाजी आम बात थी, पर अब पुलिस की कड़ी निगरानी के बीच लोग मस्जिद से चुपचाप बाहर निकल रहे हैं। जब तक में कैमरा ऑन करके भीड़ से बातें करना शुरू नहीं करता, तब तक सब कुछ ठीक लगता है। लेकिन कुछ ही मिनटों में गुस्साई आवाजें मुझे परेशान करना शुरू कर देती है। कुछ सनकी जो दिनों के पुराने समर्थक होंगे ।
एक बुजुर्ग व्यक्ति कहते हैं, अगर कश्मीर में सब ठीक है तो मीरवाइज फारूक को क्यों नजरबंद किया गया है? एक और गुस्साई आवाज कहती है, हम चुप हैं, इसका मतलब ये नहीं कि जो हो रहा है उसे कबूल लें। एक व्यक्ति ने कहा, हम डर में जी रहे हैं। इससे पहले कि हालात बेकाबू हो जाएं, एक पुलिस अधिकारी हमें बाहर ले जाते हैं। वे हमें याद दिलाते हैं कि अलगाववादी समूह हाशिए पर चले गए हैं, पर अलगाववादी मानसिकता कश्मीर में अभी जीवित है।

मोदी जी हमेशा चकित करता है और कश्मीर विधानसभा चुनाव
भी इसका अपवाद नहीं हैं। अनंतनाग जिले के बिजबेहरा
में पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती के चुनाव अभियान का
लेकिन इस बार असली सुर्खियां बटोरने वाले छोटे दल और निर्दलीय हैं। मई में हुए लोकसभा चुनावों में इंजीनियर राशिद ने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में बारामूला सीट पर दो लाख से अधिक वोटों से उमर अब्दुल्ला और सज्जाद लोन को हराकर सबको चौंका दिया था।
कश्मीर अब एक केंद्र-शासित प्रदेश बन गया है, जिसकी विधानसभा की शक्तियां
नगरपालिका से भी कम हैं। परिसीमन ने घाटी की कीमत पर जम्मू का प्रतिनिधित्व बढ़ाया है। और प्रशासन की बागडोर एक अनिर्वाचित एलजी के हाथों में है। राशिद 2019 से तिहाड़ जेल में हैं, उस पर आतंकी फंडिंग मामले में यूएपीए के  आरोप तहत । राशिद को तीन सप्ताह की जमानत दी गई है और उनकी अवामी इत्तेहाद पार्टी 34 सीटों पर मैदान में है। उन्होंने प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के साथ एक रणनीतिक' गठबंधन भी किया है। क्या यह नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन को चुनौती देने का प्रयास है?
जम्मू कश्मीर में
1990 के दशक में जब पंडितों को अपने घरों से भागने पर मजबूर होना पड़ा, तब कश्मीरियत दफन हो गई थी इंसानियत मर  गई। हैवानों ने तब जब निर्दोष लोग आतंकियों की बंदूकों और राज्यसत्ता की ज्यादतियों के बीच फंस गए। 'जम्हरियत' सालों से आईसीयू में है। चुनावी उत्साह हकीकतों को नहीं बदल सकता। हम ने
बिजबेहरा में  लोगों से पूछा उनका प्रिय क्रिकेटर कौन है। कुछ ने कोली का नाम लिया. कुछ ने बुमराह व रोहित का, पर ज्यादातर ने कहा- बाबर आजम । कश्मीर में, सीमाएं अक्सर एलओसी को लांघ जाती हैंचुनाव हो रहे हैं। बुधवार को पहले चरण की वोटिंग हुई। तीनों चरणों में रिकॉर्ड मतदान हो सकता है। लगता है जो लोग पत्थर और गोलियों को ही समाधान मानते थे, उन्हें एहसास हो गया है कि वोट की ताकत अधिक प्रभावी है। राजनीतिक दलों को भी समझ आ गया है कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद बदले हुए परिदृश्य में कठोर रुख के लिए कम गुंजाइश रह गई है। शायद यही वजह है कि उमर अब्दुल्ला ने दो क्षेत्रों से चुनाव लड़ने का फैसला किया है, जबकि पहले उन्होंने कहा था वे चुनाव से दूर रहेंगे। हार  के डर से पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती खुद चुनाव नहीं लड़ रही हो, लेकिन उन्होंने अपनी बेटी इल्तिजा को मैदान में उतारा है। घाटी में भाजपा की मौजूदगी हे पार्टी को पूरी  उम्मीद है सरकार बीजेपी की बनेगी, लेकिन कांग्रेस को उम्मीद है कि राहुल गांधी का 'मोहब्बत की दुकान' का संदेश मजबूती से गूंजेगा।मुआयना करने जैसे ही हम पहुंचे, ट्रैफिक जाम में फंस गए। हमें तेज आवाजें सुनाई देने लगीं। हमें लगा कि शायद कोई विस्फोट या आतंकी हमला हुआ है, लेकिन हमारे ड्राइवर ने मुस्कराते हुए बताया 'चिंता मत कीजिए, ये लोग घरेलू टीम और श्रीनगर के बीच बिजबेहरा प्रीमियर लीग का फाइनल देखने दौड़े जा रहे हैं।' क्रिकेट के दीवाने प्रशंसकों से भरा एक स्थानीय मैदान शायद 'नए' कश्मीर का सबसे शानदार दृश्य है। श्रीनगर के बीचों-बीच स्थित ऐतिहासिक लाल चौक पर उत्साहित दुकानदारों ने हमें बताया कि इलाके में बर्गर किंग और डोमिनोज की फ्रेंचाइजी खुलने वाली है। आने वाला समय बताएगा की घाटी में किसकी सरकार बनेगी जय हिंद लेखक के अपने विचार हैं 

शुक्रवार, 13 सितंबर 2024

कुम्हारी टोल नाका पर मुकेश तिवारी का 48 घंटे का सत्याग्रह =एक खबर


Vinod raja meghwani (sampadak) सूत्रों से मिली खबर कुम्हारी 
 सत्याग्रह की सूचना बाबत 

 आज दिनांक 11 सितंबर 2024 को 11:00 बजे से कुम्हारी टोल प्लाजा के सामने मुकेश तिवारी द्वारा कुम्हारी टोल प्लाजा बंद करने की मांग को लेकर 48 घंटे की सत्याग्रह पश्चात टोल प्लाजा नहीं बंद करने पर अमन अनशन किया जाने को लेकर सत्याग्रह में बैठ गए हैं

M M I haspitl मे मरीज की जान से खिलवाड़ और 15 से 20 लाख रुपए वसूले


Vinod raja meghwani (sampadak)एक खबर सूत्रों से मिली अनुसार रायपुर में एक बार फिर MMI haspitl प्रबंधन की लापरवाही की वजह रायपुर सिंधी समाज के परिवार के सदस्या की आस्मिक मत्यु हो गई और 15 से बीस लाख रुपए  परिवार से वसूले गए है । इस मामले को स्वास्थ मंत्री की जानकारी में लाया गया और थाने में करवाई के लिए छत्तीसगढ़ सिंधी के पदाधिकारी श्री महेश drayani अमित चिमनानी,राजेश वासवानी और सुभाष बजाज और अन्य समाजसेवक शोककुल परिवार के साथ है 


गुरुवार, 29 अगस्त 2024

कर्म और भाग्य क्या है - विनोद राजा meghwani


Vinod raja meghwani (sampadak)
कर्म का नियम, यह कैसे काम करता है? ||
कर्म का नियम, यह कैसे काम करता है
हिंदू धर्म में विभिन्न दार्शनिक और आध्यात्मिक अवधारणाओं के साथ एक जटिल और विविध अवधारणा है, और इसकी तीसरी मौलिक अवधारणाओं में से एक कर्म का नियम है।
सभी स्तरों पर क्रिया और प्रतिक्रिया की प्रक्रिया - शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक - कर्म है। कर्म हिंदू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण और बुनियादी सिद्धांत है, फिर भी इसे समझना बहुत जटिल बात है।
कर्म, संस्कृत शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ है "कार्रवाई" या "काम", यह विश्वास है कि एक व्यक्ति द्वारा किए गए प्रत्येक कार्य के परिणाम होते हैं जो उसके वर्तमान जीवन और भविष्य के जीवन को प्रभावित करते हैं।
इसका महत्व क्या है?
a) हर कोई कर्म करने के लिए बाध्य है, कोई भी इससे बच नहीं सकता। न कर्मणामनारामभन्नैष्कर्म्यं पुरुषोऽश्नुते |
न च संन्यासनादेव सिद्धिं समाधिगच्छति।।
अर्थ- केवल कर्म से विरत रहने से कर्मफलों से मुक्ति नहीं मिलती, न ही केवल शारीरिक त्याग से ज्ञान की पूर्णता प्राप्त होती है।
ख) बहुत से लोग सोचते हैं कि कर्म उनके कर्म हैं, लेकिन यह केवल आधा सच है। कर्म केवल आपके द्वारा किए गए कार्य नहीं हैं, बल्कि यह वह भी है जो आप हर समय सोचते हैं। ऐसा माना जाता है कि किसी के विचारों की गुणवत्ता और उसके कार्यों के पीछे की प्रेरणाएँ उसके द्वारा अनुभव किए जाने वाले परिणामों पर गहरा प्रभाव डालती हैं। प्रेम, करुणा और निस्वार्थता जैसे सकारात्मक विचार सकारात्मक कर्म उत्पन्न करने वाले माने जाते हैं, जबकि घृणा, लालच और स्वार्थ जैसे नकारात्मक विचार नकारात्मक कर्म उत्पन्न करने वाले माने जाते हैं।
न हि कश्चित्क्षणमपि जातु तिष्ठत्यकर्मकृत् |
कार्यते ह्यवश: कर्म सर्व: प्रकृतिजैर्गुणै: ||
अर्थ- ऐसा कोई नहीं है जो एक क्षण के लिए भी बिना कर्म के रह सके। वास्तव में, सभी प्राणी अपने भौतिक स्वभाव से उत्पन्न गुणों के कारण कर्म करने के लिए बाध्य हैं।अतः हम जो भी सोचते या करते हैं, हर एक चीज पंजीकृत हो जाती है और हम उसी के अनुसार पुनर्जन्म लेते हैं।c) प्रत्येक कर्म का एक समान परिणाम होता है। सभी सकारात्मक क्रियाएँ और विचार अच्छे कर्म उत्पन्न करते हैं और इसके विपरीत। d) कर्म केवल मानव जीवन में ही अर्जित किया जा सकता है। पौधों और जानवरों जैसे निचले जीवन में, पौधों और जानवरों को आम तौर पर सीमित चेतना वाला माना जाता है और वे सहज व्यवहार से प्रेरित होते हैं। जबकि वे अपने पिछले कर्मों के परिणामों का अनुभव कर सकते हैं, उनके सचेत रूप से नए कर्म उत्पन्न करने की क्षमता सीमित मानी जाती है। केवल उनके बुरे कर्म ही निचले जीवन में जलते हैं। कर्म के प्रकार- कर्म को चार भागों में विभाजित किया जा सकता है- a. संचित कर्म- इस जीवन और पिछले जन्मों के सभी कर्मों का योग। b. प्रारब्ध कर्म- संचित कर्म का वह भाग जो फल दे रहा है और वर्तमान जीवन की घटनाओं और स्थितियों को आकार दे रहा है। c. क्रियमाण कर्म- वह कर्म जो इस जीवन में किसी के विचारों द्वारा बनाया और संचित में जोड़ा जा रहा है। d. आगम कर्म- वे कार्य जो हम भविष्य के लिए योजना बना रहे हैं।  श्री राम ने जन्म क्यों लिया? इसके तीन कारण है ?
ये सभी सत्य हैं, लेकिन आइए श्री राम के जन्म के पीछे के मुख्य उद्देश्य पर पुनर्विचार करें, जिसे अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। उनके अवतार का उद्देश्य यह प्रदर्शित करना था कि कर्म का नियम देवताओं पर भी लागू होता है और अटल है। भगवान विष्णु, जो अपने रणनीतिक चरित्र के लिए जाने जाते हैं, उनके प्रत्येक अवतार के पीछे हमेशा अंतर्निहित उद्देश्य होते थे। मानव क्षेत्र के पर्यवेक्षक के रूप में, उन्होंने ज्ञान प्रदान करने और आवश्यक सिद्धांतों को स्थापित करने के लिए विभिन्न अवतार लिए।
इस दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए, निम्नलिखित बिंदुओं पर विचार करें:
 जलधर की पत्नी वृंदा ने भगवान विष्णु को श्राप दिया कि वे अपने जीवनसाथी से अलग हो जाएंगे।
 नारद नामक एक ऋषि ने भगवान विष्णु को श्राप दिया कि उन्हें नारद के अपने अधूरे प्रेम जैसी स्थिति का सामना करना पड़ेगा, जिससे उन्हें अपने प्रियतम के साथ रहने की तलाश में कष्ट उठाना पड़ेगा।
 राम द्वारा अपनाए गए मार्ग को आध्यात्मिक मुक्ति (मोक्ष) प्राप्त करने के लिए सबसे कठिन मार्ग के रूप में व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है। रामायण को संपूर्ण रूप से पढ़ने से पता चलता है कि इसमें बुराई पर अच्छाई की जीत की एक साधारण कहानी से कहीं अधिक शामिल है; यह पीड़ा, त्याग और चुनौतियों का वर्णन करता है, जिन्हें एक आदर्श जीवन जीने के लिए सहना पड़ता है।
भगवान होने के नाते, विष्णु आसानी से कर्म के सिद्धांतों से बच सकते थे, लेकिन नहीं, उन्होंने ऐसा नहीं किया और यही कारण है कि कर्म का नियम अपरिहार्य है।
इतना दुख क्यों है?
सुख या दुख केवल व्यक्ति के पिछले जन्म के कर्मों का परिणाम है। यदि आपके जीवन में दुख और पीड़ा है जबकि आपका मित्र खुशहाल जीवन जी रहा है, तो आपको समझना चाहिए कि आपने अपने पिछले जन्म में कुछ बहुत बुरा किया था जबकि आपके मित्र ने अपने पिछले जन्म में कुछ अच्छा किया होगा।
कर्म और भाग्य-
कर्म का भाग्य शब्द के साथ पुराना संबंध है। भाग्य एक पश्चिमी विचार है, जो मुख्य रूप से  अन्य धर्मों से आया है इसका अर्थ है कि व्यक्ति का जीवन उसके बाहर की एजेंसियों द्वारा निर्धारित किया गया है। हालाँकि, कर्म इसके बिल्कुल विपरीत है। कर्म कहता है कि आपका जीवन पूरी तरह से इस बात पर आधारित है कि आप क्या सोचते हैं और क्या करते हैं। कर्म सिखाता है कि व्यक्तियों के पास अपने विचारों, इरादों और कार्यों के माध्यम से अपने जीवन को आकार देने की शक्ति है, जो व्यक्तिगत जिम्मेदारी और एजेंसी पर जोर देता है। यह कार्यों और उनके परिणामों के परस्पर संबंध पर प्रकाश डालता है, यह सुझाव देता है कि व्यक्तियों के पास अपने भाग्य को प्रभावित करने की क्षमता है।

बुधवार, 7 अगस्त 2024

शेख हसीना की एक गलती ने बंग्ला देश मे सवा करोड़ हिन्दुओं की जान ओर माल खाक कर दिया

Vinod raja meghwani (sampadak)एक खबर VM /राजा साहेब  दुर्ग ,,,विशेष ,,संपादिकीय् लेख ,,बंग्ला देश,,,,



 शेख हसीना के एक गलत फैसले ने सवा करोड़ हिन्दुओं की जान ओर उनकी संपति को खाक मे मिला दिया अगर शेख हसीना भागती नही देश के प्रति सच्ची देशभक्ति दिखाती तो आज बंग्ला देश मे आरजकता नही होती ।बांग्लादेश में कल जो हुआ है, उसका सपना हमारा विपक्ष, Western Deep State, वामपंथी Ecosystem पिछले 10 साल से देख रहे हैं.

1971 के समय जो लोग मारे गए थे... उनके परिवारों को सरकार ने आरक्षण दिया हुआ था. बांग्लादेश में पिछले 5-6 सालों से स्थिति विस्फोटक थी... वहाँ एक पार्टी है BNP.. जो आतंकवादी समर्थक भी है.. और इस पार्टी को अमेरिकी राष्ट्रपति के बेटे हंटर Biden का भी समर्थन प्राप्त है.

यह लोग कई सालों से सत्ता पलटने में लगे हुए थे.. लेकिन लोकतान्त्रिक तरीके से जीत नहीं पाते थे.. पिछले चुनावों में इसी कारण BNP ने चुनाव का बहिष्कार किया और चुनाव नहीं लड़ा.. जिस वजह से शेख हसीना की पुनः सरकार बन गई.

इस बार इन्होंने आरक्षण हटाने का मुद्दा हटाया.. और देश भर में हिंसा हुई.... सरकार ने सभी तरह के आरक्षण ख़त्म कर दिए.



उसके बाद कुछ दिन शांति रही.. फिर BNP और कुछ आतंकवादी संगठनों और Western Deep State के players ने फिर से बवाल करना शुरू कर दिया... कल कल में ही 100 से ज्यादा लोग मारे गए... और आज अराजक तत्व PM house में घुस गए.. और सड़को पर कब्ज़ा कर लिया... PM Hasina ने इस्तीफ़ा दे दिया और देश छोड़ दिया... दिल्ली पहुंचने वाली हैं. सेना ने आतंरिम सरकार बनाने की बात की है.

बांग्लादेश की सेना इतनी मजबूत नहीं की martial law लगा दे.. ऐसे में Western Deep State का कोई प्यादा नई सरकार बनाएगा.

पोस्ट में दिए गए वीडियो आप देखो.. कैसे जनता सड़को पर उतर गई है... PM House पर अराजक तत्वों का कब्ज़ा है.



Screenshot में दी हुई ख़बर में आप Awami League की जगह बीजेपी add कर दीजिए और PM Hasina की जगह PM Modi कर दीजिये... बाकि सब same to same होने के सारे तिकडम लगाए गए..... लेकिन सौभाग्य से ऐसा हुआ नहीं.

याद कीजिये कुछ महीने पहले का राहुल गाँधी का बयान.. जिसमें उसने कहा था कि 'मोदी अब सड़क पर जायेगा तो जनता इसको मारेगी'.....जी बिलकुल यही शब्द बोले गए थे.

किसानों के फर्जी आंदोलन में 'मर जा मोदी' के नारे लगाए जाते रहे हैं.... इंदिरा गाँधी की तरह मोदी की हत्या करने की बता कई बार की गई है.

विपक्ष के बड़े नेता पाकिस्तान जा कर उनसे सहायता मांगते हैं.. ताकि सरकार बदली जा सके.

राहुल गाँधी यूरोप जाते हैं, और सभी यूरोपीय देशों से सहायता मांगते हैं...भारत में सरकार बदलने के लिए.

बांग्लादेश में आरक्षण के मुद्दे पर बवाल हुआ... और सरकार ने सब मांगे मान ली, उसके बाद भी हिंसा नहीं रुकी.

भारत में ऐसे कई बवाल हुए हैं पिछले 10 सालों में.... असहिष्णुता से शुरू हुई यह नौटंकी आज SC/ST के आरक्षण को व्यापक बनाने तक हर दिन चलती आ रही है.

सौभाग्य मानिये... केंद्र में मजबूत सरकार है.... जो पिछले 10 सालों से ऐसे लोगों से लड़ रही है... हाँ ऐसा करते हुए कुछ लोगों को कमजोर भी दिखती है.. लेकिन ऐसा नहीं है... कई बार युद्ध जीतने के लिए कुछ लड़ाई हारनी भी पड़ती हैं.

जब अराजकता फैलती है ना... तो सबसे पहले आम जन जीवन प्रभावित होता है.... बांग्लादेश में अब सरकार नहीं है... लोग हतप्रभ हैं... क्या करें.. कहाँ जाएं... जो सत्ता के पक्ष वाले हैं वह डरे हुए होंगे.. क्यूंकि उन्हें चिन्हित किया जा चुका होगा..... आगे क्या होगा उनके साथ.. यह भगवान ही जाने.

देश में कोई व्यवस्था नहीं होगी... काम धंधे प्रभावित होंगे.. देश में हिंसा होगी तो व्यापार नहीं हो पायेगा.. रोजमर्रा की चीजों के दाम आसमान पर होंगे.... देश में investment नहीं आएगा... लोगों का जीवन स्तर बिगड़ जाएगा.. नौकरियां खत्म हो जाएंगी.

जो आज बांग्लादेश में हो रहा है... यह भारत में भी हो सकता है.

आज हमारा विपक्ष और Deep State यही तो करना चाहता है..... असहिष्णुता, Anti CAA, Farmers Bill, Lynching, रोहित वेमुला case, SCST law, जातिवाद, आरक्षण जैसे कई Fault Lines हैं हमारे देश में.... हर मुद्दे पर हमने बवाल देखे हैं पिछले दस सालों में.

यह सरकार की सफलता है कि कोई भी बवाल बड़ा नहीं हुआ.. वरना विपक्ष तो हर बार ऐसे काण्ड करके मोदी का इस्तीफ़ा ही मांगता है.

एक बात याद रखिये..... लोकतंत्र में सवाल पूछने की आजादी तब तक ही है जब तक केंद्र में लोकतान्त्रिक सरकार है.... जिस दिन अराजक तत्व सत्ता में आएंगे.. या लोकतान्त्रिक सरकार गिरेगी... देश भरभरा कर गिर जाएगा.

ये जो लाखों करोड़ों बैंक में जमा कर रखें हैं... ये जो Market का Portfolio बना रखा है... ये तो कोठी flat ले रखें हैं... ये तो SUV Sedan ले कर आप घूमते हैं ना... जिस दी  अराजक भीड़ सड़क पर आएगी.. यह सब एक झटके में गायब हो जायेगा.

जब जान ही बचाने के लाले पड़ जाएंगे.. तब पैसा, बंगला, गाड़ी, बैंक बैलेंस के बारे में कौन सोचेगा??

4 जून को आप इसी अराजकता से बचे हैं.... कितने समय तक बचे रहेंगे.. यह केंद्र में स्थिर और मजबूत सरकार पर निर्भर करता है

बुधवार, 31 जुलाई 2024

काशी आयोध्या धार्मिक यात्रा पुरा विवरण -एक खबर विनोदराजा


Vinod raja meghwani (sampadak)एक खबर लाईव हे काशी आयोध्या यात्रा मे,,,,,,,,,,एक खबर VM /राजा साहेब दुर्ग  काशी आयोध्या  धार्मिक  यात्रा सिंधु अमरधाम आश्रम  संत साई श्री लालदास जी के सानिध्य मे झूलेलाल एक्सप्रेस मे दुर्ग स्टेशन  से 27/7/2024 शनिवार को सुबह  10 बजे शादानी तीर्थ धाम रायपुर के  पीठाधीश्वर dr  साई संत श्री युधिष्ठर लाल जी ने दुर्ग स्टेशन में सिंधी समाज के इष्टदेव वरुण अवतार श्री झूलेलाल साई की पूजा अर्चना की  उसके संत जी ने हरी झंडी दिखाकर    ट्रेन को रवानगी दी इस् अवसर पर दुर्ग ओर भिलाई राजंदगांव के हजारों श्रद्धालु स्टेशन पर उपस्तिथ थे ओर तीर्थ यात्रियों को यात्रा की शुभकामनाये दी।  ट्रेन चलते चलते रायपुर पहुंची ,,,,,वंहा बेंड बाजे के साथ श्रद्धालुयों  का स्वागत किया छतीसगढ़ सिंधी पंचायत की पुरी टीम ओर सिंधी समाज के साथ महेश द्रयानी जी ने । दस मिनट के बाद  ट्रेन अपनी गति से चलने लगी ओर अपने अपने कोच,,मे सब अपने परिवार यार दोस्तों के साथ हंसी मजाक के माहोल मे सफर शुरु हुआ ।,,,,यु हि चलते चलते,,,,,ट्रेन,,,,भाटापारा पहुंची,,,,वंहा भी ट्रेन का स्वागत,,,बेंड बाजे के साथ हुआ,,,,,,ओर भाटापार से भी श्रद्धालुओं का जतथा ,,,ट्रेन मे चड़ा, ,,,ट्रेन अपनी गति से बढ़ने लगी अपने अगले स्टॉप के लिए ।

चलते चलते ट्रेन,,,,,,2.15 को उसल्लापुर स्टेशन पहुंची वंहा  से   श्रद्धालुयों का वेलकम बेंड बाजे के साथ किया उसलापुर से ,,,,,,,भी ट्रेन मे चढ़े उसलापुर मे यात्रियों की सुविधा के लिए समान ट्रेन मे चढ़ाया जिसके कारण ट्रेन पंद्रह मिनट रुकी रही ,, फिर वंहा अचानक काली काली घटाएं आ गई ओर फिर तेज बारिश पड़ने लगी जिसकी बुंदे खिड़कियों से ट्रेन मे आने लगी,,,,,फिर तन के साथ मन भी झूमने लगा,,,,,सावन का महीना ,,,उस पे ,,,,रिमझिम बारिश,,,,,ट्रेन के डब्बों, ,,झूले लाल के जयकारे होने लगे ओर् पुरी ट्रेन संत साई ने भ्रमण किया ओर सभी यात्रियों से हर डिब्बे स्नेहपूर्वक श्रद्यालुओं से मिलने लगे । ओर ट्रेन अपने टेड़े मेडे रास्तों,,,,से अपनी गति से दौड़ाने लगी,,,,ओर् समय सिंधु अमरधाम आश्रम  के सेवधारियों ने नाश्ते के डब्बे हर श्रद्धालु को प्रेम पूर्वक भेट दी।   उससे पहले जल वितरण किया गया ,,,,,,,उसके बाद भोजन का वितरण किया गया ,,,,शाम को,,,फ़्रूट सलाद वितरत किया गय श्रद्धालुयो को,,,,,इस तरह चलते चलते ट्रेन 6.25 को ,,,शहडोल स्टेशन पहुंची ,,,,वाहाँ भी ट्रेन का स्वागत बेंड बाजे के साथ शहडोल के सिंधी समाज ने किया ।एक खबर लाईव हे ,,,काशी अयोध्या यात्रा ,,,,विनोदराजा ,,,,अब तक आपने पड़ा,, शहडोल स्टेशन पर वेलकम ,,हुआ,,,,अब ,,,आगे बढ़ते हे,,,अब गरमा गर्म स्पेशल चाय आ गई चाय की महक ओर नाम सुनते ही अपनी सीट पर अलसाए हुए श्रद्धालु भी उठ बैठे,,,एक की जगह दो कप चाय पी के, ,,आनंदित हो रहे थे।,,,,,चलते चलते,,,ट्रेन भी थक रही थी,,,इसलिए धीमी रप्तार से चल रही थी,,,,,,कुछ मिनट उपरांत,,,ट्रेन हवा से बाते करने लगी,,,,,ओर 9-45 बजे ,,कटनी स्टेशन पर पहुंची। कटनी स्टेशन पर सिंधी समाज के प्रमुखो ने बेंड बाजे के साथ ट्रेन मे बैठे श्रद्धालुयों का ओर संत साई लालदास जी  का स्वागत किया कटनी से भी श्रद्धालुयों  का जथा अपने अपने कोच मे चढ़ा ।उसके बाद प्रसाद बालुशाह  , बिस्कुट का वितरण हुआ  उसके बाद ट्रेन के एक एक यात्री को सिंधु अमरधाम आश्रम  का प्रिंट हुआ ब्लेक छाता ओर बेग गिप्ट दी गई । उसके बाद फिर संत साई लालदास जी  ने ट्रेन मे भ्रमण किया ओर ट्रेन के हर श्रद्धालु  के गले मे झूलेलाल साई जी का दुपटा पहनाया ओर काशी मे पहचान के लिए  वाटरपूर्फ़ पेपर वाचबेल्ट पहनने को मिला साथ मे शेक की बोतल प्रसाद वितरित हुआ । अब इतना कुछ,,,,,खाने के बाद भी,,,पेट,,,मे चूहें दौड़ ही रहे थे,,,,,फिर सबको जिसकी प्रतीक्षा थी वो क्षण भी आ गया ,,भोजन ,, भी आ गया,,उसके बाद, ,,,,अमूल का मीठा भी ,,,आ गया ,,,अब   ,,बस नींद ,,,,की जरूरत थी,,,,जो ट्रेन मे आती नही,,,फिर भी सोना था,,,इतने ,कानो मे डोल की आवाज , ओर जय झूलेलाल के जयकारे लगने लगे ओर ट्रेन रुक गई ,,,,,सतना,,,स्टेशन पर 11-50 बजे  सतना सिंधी समाज की तरफ से जोरदार स्वागत किया गया श्रद्धलुयों का संत साई लालदास जी का,,,,सतना से भी श्रद्धालुयों  का जथा साथ चला ।,,,,,अब भाई हमे तो नींद आ रही हे,,,,सुबह जब जांगे तो,,,सवेरा  सुबह, 5-30  खुली तो,,,कोई स्टेशन क्रास हो राहा था ट्रेन की स्पीड तेज थी,,,7 बजे लगभग वारासाणी ट्रेन पहुंची  तो वंहा  ,काफी देर खड़ी रही ,,,एक खबर लाईव हे, ,काशी आयोध्या धार्मिक यात्रा  29/7/2024 संपादक विनोद राजा साहेब मेघवानी  दुर्ग / अब तक से आगे वाराणसी मे बहुत घाट यंहा भी श्रद्धालुयों ने सेर सपाटा किया ओर महामृत्युंजय मंदिर के ,,कुएं का जल ग्रहण किया इस कुएं, , का जिक्र प्राचीन ग्रंधो मे उलेख् हे की कहते  हे की ,,धन्तवरी  भगवान ने,,सभी जड़ी ब्यूटियां विसर्जित की थी हमने भी इस जल को ग्रहण किया (बहुत ही  स्वादिष्ट जल था ये हम कह  सकते हे,,, बाकी इस जल की प्रचलित कथाएं  सुनी पड़ी हे । हाँ जानकारी के आभाव मे ऑटो वाले आप से ज्यादा पैसा ले लेते हे ,,,जिसका गुस्सा आता हे पर फिर ,महादेव,का स्मरण आते हे श्रद्धायालु भूल जाते हे ।शाम को 4 बजे ,,,बहराणा साहेब की ,,,शोभायत्रा निकली जिसमे श्रद्धालुयों  ड्रेसकोड पीला कुरता सफ़ेद पेजामा पहन के शामिल हुए ,,,साई लालदास जी रथ पर सवार थे ओर श्रद्धालु नाचते गाते  मौज मनाते चल रहे रात्रि मे संगीत मय पार्टी के साथ स्वादिष्ट व्यंजन थे  जिसका लुत्फ़ श्रद्धालुयों ने लिया यहाँ  साई संत लालदास जी ने उन सेवादारियों की तारीफ की ओर यात्रा का श्रेय श्री अमित चिमनानी को दिया। कुछ   ने अपनी अपनी शिकायत  सेवादारियों से जिसका निराकारण भी किया गया फिर शिकवे शिकायतों को दूर करते ट्रेन आयोध्या नगरी पहुंची,,,यंहा भी  के लिए रहने की व्यवस्था होटलों मे थी,,,सब श्रद्धालु होटल मे रुकने के बाद, ,,,,,राम लला के दर्शन के लिए राम मंदिर को निकले ।काशी आयोध्या धार्मिक यात्रा   लाईव हे । एक खबर संपादक विनोद राजा साहेब  मेघवानी दुर्ग /  1400/श्रद्धालु खुशनसीब थे जिनको राम लला के दर्शन हुए ये सब साई संत ,,लालदास जी, का आशीर्वाद ओर प्रयास था जो सफल हुआ । हमने पांच  सात धर्मिक यात्रायें। की हे तीर्थ स्थलों की हमने ये देखा की एक सेकंड आप को दर्शन करने नही देते ओर सेवधारी आगे धकेल देते हे।लेकिन अयोध्या  मे  भगवान राम जी के दर्शन सुलभता ओर आराम  से करने देते हे ओर बहुत आनंद आया भगवान राम जी के दर्शन करके श्रद्धालुओं को। राम जी के दर्शन करने के बाद  सभी श्रद्धालु वेदिह भवन मे समल्लित हुए वंहा संतो के दर्शन के लाभ लिए ओर ,,ओम साई ,, के जन्मदिन को मनाया बहुत ही सुंदर प्रोग्राम था उसके साथ भोजन का लुत्फ़ लिया। 31/7/2024 को सुबह अनेक श्रद्धालु सरयू नदी के दर्शन कर स्न्नान किया ओर फिर वेदिह भवन नाश्ता कर के ट्रेन वापसी के लिए अयोध्या से सवार हुए,,,,,उसके बाद फिर ट्रेन चाय बिस्कुट का लुत्फ़ लिया ओर भोजन ग्रहण किया,,,,,,शाम  को 6-30 बजे साई संत लालदास जी ने  सभी कोच का भ्रमण किया ओर  हमारे कोच as 1 मे भी आये ओर हमारी सीट मे विराजमन हुए ओर हमे आशीर्वाद दिया ओर हमारे साथ चर्चा की ओर अन्य श्रद्धालुयो के साथ मिलकर भजन गया ओर बहुत हो ह्रदयस्पर्शी माहौल बन गया । संतो की निगाहो मे जो आ जाते हे वो,,,निहाल,,हो जाते हे हमे खुशी हे हमे संतो ने अपनी निगाहो मे लिया एक खबर संपादक  विनोद राजा मेघवानी ,,,अभी सभी श्रद्धालू  ट्रेन मे हे ओर क्रमवार अपनी स्टेशन पे उतरते जाएंगे ।धन्यवाद एक खबर

बुधवार, 24 जुलाई 2024

सतगुरु संत साई लाल दास चकरभाटा वारा साई


Vinod raja meghwani (sampadak)एक खबर विनोदराजा सूत्रों से मिली खबर
गुरुपूर्णिमा जे पावन अवसर ते डॉक्यूमेंट्री स्टोरी शार्ट फ़िल्म जो पहहरो पार्ट मे सतगुरु संत श्री लालदास साईं जी जे आशीर्वाद अव सानिध्य मे साईं लालदास चकरभाठा जे यूट्यूब चैनल ते लॉन्च थियो*
*पहरो पार्ट मे सतगुरु संत श्री लालदास साईं जी जे पिता साहेब बाबा साईं गुरमुखदास साहेब जन जी पूरी जानकारी आहे*
*तवा सभीन खे नीमाणी वेंनती  आहे त चैनल के लाइक, कमैंट्स,  शेयर अब सब्सक्राइब कंदा

सोमवार, 15 जुलाई 2024

मंत्री जी इन कंपनियों को फटकार लगाएं


Vinod raja meghwani (sampadak)दूरसंचार  एवंम संचार मंत्रालय विभाग
महोदय जी नमस्कार
एक खबर akhbar.blogspot.com
न्यूज़ पोर्टल संपादक 
विनोद ( राजा साहेब )      मेघवानी
________________
सर जी नमस्कार हमारी ये पोस्ट मोबाईल मे रिचार्ज को लेकर हे । हम नही जानते ये पोस्ट मंत्री जी तक पहुंचेगी की नही पर हम प्रयास कर रहे हे पहुंच जाये क्योंकि समस्या हमारी नही पूरे देश की हे । मंत्री जी सर्व प्रथम समस्या ये की पहले रिचार्ज सस्ते थे अब 25% रेट महंगे हो गये क्यों । समस्या न.2 आप  मोबाईल लेकर बैठा कोई जरूरी काम  करने तो आप के मोबाईल मे गेम्स की ऐड आना शुरु  हो जाती मंत्री जी 2 जी बी मिलती हे नेट आधी तो आपके विज्ञापन खा जाते हे मंत्री जी इस पे रोक लगाएं  मंत्री तीसरी समस्या हे कोई भी कंपनी हो jio हो एयरटेल हो vi हो कोई भी हो इनका कस्टमर केयर सिस्टम सही नहीं हे आप कोई भी शिकायत करो कस्टमर केयर आप का एक घंटा तो ऐसे खराब हो जायेगा आप अपने सर के बाल नोच लेंगे आपकी समस्या हल नही कम्प्यूटर बोलता इस समस्या का ये नम्बर दबाये पर नंबर दबाने पर कुछ नही इससे अच्छा सिस्टम तो छतीसगढ़ सरकार हे,,, सबो नंबर एक पे कहने का मतलब ये सभी समस्यो का हल एक नंबर पर होना चाहिए ,,,मंत्री प्लीज कुछ दिनों के लिए आम आदमी बन इन समस्याओ को समझे छोटी छोटी समस्याओ से आम आदमी परेशान हे उनकी समस्या हल करे ओर एक अहम समस्या ये की की सभी कंपनियों  अपने अपने एप्स डाऊनलोड करवाती हे ओर उसमे अपने रिचार्ज की लिस्ट शो करती हे ओर कोई कस्टमर रिचार्ज करता हे ओर वो रिचार्ज करता बाद मे मालूम पड़ता उस स्कीम को कंपनी बंद कर चुकी ऐसे मे कस्टमर के पैसे लटक जाते हे जो कंपनी वापस नही करती नही कोई सुनवाई होती हे।

मंगलवार, 2 जुलाई 2024

यूपी हाथरस में सत्संग कार्यकर्म मे लाखों की भीड़ मे ,भगदड़,,मची


Vinod raja meghwani (aditar )एक खबर vm /राजा साहेब  सूत्रों से मिली जानकारी मुताबिक हाथ यूपी  हाथरस मे तथाकथित बाबा के आयोजन मे लाँखों की भीड़ मे सतसंग का आयोजन था कार्यक्रम के समापन मे ,,भगादड़ ,,मच गई जिसमे ,,,100 से अधिक जाने चली गई भगादड़ क्यों ओर कैसे मची ये जाँच का विषय यूपी मुख्यमंत्री ने मरने वालों के परिवार को दो लाख रुपये साहयता के रूप मे दी जाएगी

राहुल गांधी संसद मे बोले ,,तो भुकंप ,,आ गया

Vinod raja meghwani (sampadak)कल संसद मे विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री जी नरेन्द्र मोदी जी के ऊपर महंगाई ,नोट बंदी ,gst, ओर अग्निवीर योजना को लेकर गंभीर आरोप लगाये । उन आरोपों को संसद मे हीं  अमित शाह , राजनाथ सिंह , शिवराज चौहान ने उन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया ओर राहुल गांधी पर आरोप लगाए की वो संसद को गुमराहा कर रहे हे। इन सब के बीच राहुल गांधी हिन्दु हिंसा शब्दों का इस्तेमाल किया जिसे प्रधानमंत्री ने तुरंत संसद मे उठ कर स्पीकर को आगाह किया राहुल गाँधी संसद की मर्यादा भंग कर रहे हे । उसके बाद तो पूरे देश मे राहुल गांधी के पुतले जलाये पूरे देश मे राहुल गांधी संसद माफी मांगे हिदु्यों  से अमित शाह जी ने स्पीकर महोदय से काहा ।पर एक बात हे जो एक खबर आप को बता रहे हे।की राहुल गांधी आज की राजनीति सिख गये की की किन शब्दों का इस्तेमाल करने से बीजेपी के नेता भड़क उठेंगे

मंगलवार, 26 मार्च 2024

केजरीवाल की गिरप्तारी के विरोध मे विपक्ष की रैली - vinod raja meghwani


Vinod raja meghwani (sampadak) केजरी वाला की गिरप्तारी के विरोध रैली 

सांसद विजय बघेल ओर राजेंद साहू के बिच कड़ा मुकाबला होगा - vinod raja meghwani


Vinod raja meghwani (sampadak)दुर्ग जिले मे इस बार वर्तमान सांसद विजय बघेल जी ओर राजेंद्र साहू जी मे होगा दुर्ग जिला साहू मत अधिक हे ।इस लिए ये चुनाव मुकाबले वाला हे अब देखना ये हे जीत किसकी होती हे

शनिवार, 23 मार्च 2024

जेल सरकार चलाएंगे केजरीवाल

Vinod raja meghwani (sampadak) आज तक कोई भी एक खबर नही की ,,जेल से सरकार चली हो पर अब केजरीवाल ,जेल ,से सरकार चलाएंगे

गुरुवार, 1 फ़रवरी 2024

कोई ,,ऐसे ही नरेंद्र मोदी नही बन जाता उसके लिए संघर्ष करना पड़ता हैं ,


Vinod meghwaniएक खबर (विनोद मेघवानी) 
हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के प्रशंसक हे नरेन्द्र मोदी जी देश के ओर हमारे मार्गदर्शक हे हम आप को बताते हे कोई ऐसे ही, ,,,नरेंद्र मोदी ,, नही बन जाता उसके लिए संघर्ष करना पड़ता हे ।कोई व्यक्ति कहीं से आ गया और प्रधानमंत्री बन गया...

नहीं, ऐसा नहीं होता है।

आप नरेंद्र दामोदर दास मोदी के आलोचक हैं 
या प्रशंसक हैं..

ये बात जान लेनी चाहिए कि,
इस व्यक्ति ने संघर्ष किया है,
कड़ा संघर्ष,
भीषण संघर्ष।

इतना Effortlessly किया है..
कि उन्हें खुद कभी इसका भान ही नहीं हुआ।

बात तब की है,
जब वो 21 वर्ष के थे।
2 वर्ष हिमालय में बिता कर आ चुके थे,
1-2 दिन घर में रहे और फिर घर छोड़ दिया।

अहमदाबाद आकर चाचा के पास रहने लगे।
गीता मंदिर स्टेट ट्रांसपोर्ट्स बस अड्डे पर,उनके चाचा कैंटीन चलाते थे।

नरेंद्र मोदी किशोरावस्था में RSS में सक्रिय रहे थे,
ऐसे में अहमदाबाद में भी उन्होंने संघ से संपर्क पुनः जोड़ा।

इसी दौरान प्रान्त प्रचाकर लक्ष्मणराव ईमानदार (वकील साहब) से उनकी मुलाकात हुई।उसी दौरान एक सत्याग्रह में गिरफ्तार होकर जेल भी गए।

नरेंद्र मोदी ने चाचा के घर रहना छोड़ दिया
और वकील साहब के घर रहने लगे।

सोचिए,
एक 22 साल का लड़का वकील साहब के घर पर रहने गया, जहाँ एक दर्जन से अधिक लोग पहले से ही रह रहे थे।
वो लड़का सुबह उठ कर सबको जगाता था।
सबके लिए चाय बनाता था।
चाय पिलाता था। 
सारे बर्तन धोता था।
फिर शाखा जाता था।
शाखा से वापस आकर सबके लिए नाश्ता तैयार करता था।

सुबह के 9 बजे तक सबको नाश्ता करा देता था।
इतना ही नहीं, फिर वो 8-9 कमरों वाली इमारत की सफाई करता था, झाड़ू-पोछा सब।
दोपहर का भोजन किसी स्वयंसेवक के घर जाकर खाता था।फिर वापस आकर सबको चाय पिलाता था। और तो और, वकील साहब के कपड़े भी धोता था,उनके मना करने के बावजूद।

ये वकील साहब हैदराबाद में निज़ाम के खिलाफ सत्याग्रह में 7 वर्ष जेल की सज़ा काट चुके थे।
उनकी कहानी भी ऐसे ही संघर्षों से भरी है।

कहने का मतलब ये है,कि लोग आज कह देते हैं कि अरे नरेंद्र मोदी क्या है,एक नेता है।
नरेंद्र मोदी असल में एक पूरा का पूरा मिशन है।
अपने-आप में एक संस्था है।

आप सोचिए,आज आपको कहीं पूरी इमारत में झाड़ू-पोछा लगाने कहा जाए और रोज 12 लोगों को खाना-चाय वगैरह बना कर देने और बर्तन धोने को कहा जाए, वो भी बिना कोई पैसे के, आप करेंगे?सही बात है, कोई क्यों करेगा?

यही फ़र्क है हम-आप और नरेंद्र मोदी में।

नरेंद्र मोदी ने किया।
बिना किसी के कहे किया।
बिना किसी शर्म के किया,
पूरे एक वर्ष तक इस दिनचर्या का कड़ाई से अनुसरण किया। बदले में कुछ नहीं लिया, लेकिन किया।

आज वो Narendra Modi हैं, लेकिन ये सफर कोई अस्सी-नब्बे के दशक में शुरू नहीं हुआ था।

बचपन से ही उन्होंने रास्ते तलाशने शुरू कर दिए थे।

तभी 1950 से आज तक करोड़ों लोगों ने जन्म लिया और करोड़ों स्वर्ग सिधार गए, लेकिन ये व्यक्ति लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहा है।

नरेंद्र मोदी के जीवन से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए।

आज जब 21-22 वर्ष के युवकों में कोई पढ़ाई-लिखाई को लेकर तनाव में होता है,कोई अवसाद में चला जाता है, कोई सोशल मीडिया पर दिन-रात लगा रहता है,कोई अय्याशी में लगा रहता है,कोई नेता बनने के लिए विधायक-मंत्रियों के साथ तस्वीरें क्लिक करवाने की फिराक में रहता है,कोई इस उम्र में भी लाखों कमाने लगता है - सबका जीवन है,
सबके किस्से हैं..

लेकिन जो @narendramodi_in ने उस उम्र में किया वो बहुत कम लोग करते हैं।

इसके लिए हार्वर्ड-कैम्ब्रिज-ऑक्सफ़ोर्ड की डिग्री नहीं, अंग्रेजी का ज्ञान नहीं, बल्कि अनुभव और अध्ययन चाहिए।

मैं कभी-कभी सोचता हूँ कि नरेंद्र मोदी कोई कलाकार, खिलाड़ी,लेखक या संन्यासी होते तो क्या होता?

निश्चित ही देश का बहुत बड़ा नुकसान हो जाता,क्योंकि हमेशा कुछ नया सोचने वाला और बाकियों से 4 कदम आगे रहने वाले व्यक्ति देश का नेतृत्व मिलना ही चाहिए था।

बचपन में भी उनकी माँ ने घूमते-फिरते आ पहुँचे एक साधु को अपने बेटों में से 2 की कुंडली दिखाई थी तो साधु ने नरेंद्र की कुंडली देखते ही अवाक् होकर पूछा कि ये किसकी पत्री है? फिर स्पष्ट कहा कि या तो ये कोई महान संन्यासी होगा या फिर एक चक्रवर्ती सम्राट।

महान संन्यासी या सम्राट तो नहीं,
लेकिन परिवार वालों को ये पक्का लग रहा था कि ये साधु बन जाएगा। एक दिन वो लड़का झोला उठा कर निकल भी गया।
पास में एक पैसा नहीं।
राजकोट के रामकृष्ण मिशन से लेकर हिमालय तक की यात्रा की,2 साल ऐसे ही घूमते-फिरते रहा और फिर घर लौट आया।फिर घर से निकला तो आज तक घर नहीं गया।

संघ में और फिर भाजपा में संगठन का काम करते-करते साधु पीछे छूटता चला गया और राजा के गुण अधिक उभर कर सामने आने लगे। 

अगर वो खिलाड़ी होता तो?वडनगर में एक बार कबड्डी की प्रतियोगिता हुई। टीमें थी 'कुमार शाला नंबर 1' और 'कुमार शाला नंबर 2'। पहली टीम में नरेंद्र मोदी और अन्य छोटे खिलाड़ी थे। दूसरी टीम में बड़े खिलाड़ी। इसके कैप्टेन थे उमेद जी, जो कबड्डी के माहिर खिलाड़ी थे।

वो दाईं ओर से एंट्री लेते थे और फिर उन्हें कोई रोक नहीं पाता था। नरेंद्र मोदी ने एकाध बार उनको खेलते देखा, बहुत बारीकी से देखा। फिर ऐसी व्यूह-रचना की कि उनकी टीम को 3 बार हराया। सब चौंक गए। शिक्षक कनुभाई भावसार भी बोल पड़े कि बल के आगे बुद्धि, संगठन क्षमता और चपलता ने अपना काम कर दिखाया।

एक लेखक के रूप में उन्होंने अपने मार्गदर्शन 'वकील साहब' की जीवनी लिखी।
इतना ही नहीं, उन्होंने 'ज्योतिपुंज' नामक पुस्तक के जरिए RSS के उन नेताओं से जनता का परिचय कराया, जो निःस्वार्थ भाव से देशसेवा में लगे थे और जिनके बारे में बहुत कम लोगों को पता था।

आपातकाल के दौर को लेकर जो सबसे अच्छी पुस्तकें हैं, उनमें उनकी 'आपातकाल में गुजरात' भी है जिसे उन्होंने अपने अनुभवों से लिखा है।गुजरात के विकास पर उन्होंने पुस्तकें लिखीं।

प्रधानमंत्री बनने के बाद बच्चों के लिए 'Exam Warriors' लिखी। उनकी कविताएँ भी प्रकाशित हुई हैं। अगर व फुल टाइम लेखक होते तो ज़रूर लोकप्रिय होते ही होते।

वो अगर फ़िल्मी दुनिया में होते तो वहाँ भी सफल होते क्योंकि बचपन में वो खुद नाटक लिखा करते थे,उसका मंचन भी करते थे और निर्देशन भी। उन्होंने भेदभाव की समस्या को दिखाने के लिए 'पीला फूल' नामक एक नाटक का मंचन किया था,जिसने सबको भावुक कर दिया।

हाईस्कूल में जब दीवार बनवाने की ज़रूरत थी,
तब नरेंद्र 'जोगी दास खुमाण' नामक नाटक का मंचन किया और इसमें भावनगर के महाराजा की भूमिका निभाई।
इससे जो पैसे आए उससे दीवार बनी।

नरेंद्र मोदी अगर आज @PMOIndia बने हैं तो इसके पीछे का यही राज़ है - किसी भी क्षेत्र में कोई भी काम करो, एकदम बारीकी से चीजों को समझ कर करो,
निःस्वार्थ भाव से करो।

उन्होंने कभी पैसे की चाहत नहीं की,धन के पीछे नहीं भागे।

उन्होंने आदमी को पढ़ा है,अपने संघर्षों के दौरान हजारों लोगों को पढ़ा है, इस अनुभव से सीख ली है।

आज अमेरिका से लेकर UN तक इस व्यक्ति का लोहा मानता है, जिसके पीछे एक कलाकार, एक खिलाड़ी और एक साधु आज तक छिपा हुआ है।

आप नरेंद्र दामोदर दास मोदी के प्रशंसक हैं या आलोचक,
उससे फर्क नहीं पड़ता,वो व्यक्ति आज आपके हमारे भारत का सफलतम प्रधानसेक है,
ये बात उनके शत्रु भी नहीं नकार सकते।

आप आलोचक भी हैं,तो भी उनसे बहुत कुछ सीख सकते हैं,मैं स्वयं को एक विद्यार्थी मानता हूं और मैं उनसे और उनके जैसे हर संघर्षशील व्यक्ति से बहुत कुछ सीखता हूं,उनमें से कोई कुछ बन चुका है,कोई बनने की क्रिया में है..

आज इस संघर्षशील व्यक्ति को मेरे जैसे असंख्य लोगो की ओर से असंख्य अनंत मंगलकामनाएं🙏🏻

*महादेव और योगेश्वर आपका यूं ही मार्गदर्शन करते रहें और आपके द्वारा भारत का उत्थान यूं ही होता रहे🙏🏻*

गुरुवार, 14 दिसंबर 2023

तीन राज्यों मे जीत से बीजेपी मे असंतोष ओर बगावत की चिंगारी भड़की क्या ???? -विनोद मेघवानी

Vinod meghwaniबीजेपी की 3 राज्यों मे जीत के बाद  क्या पार्टी  मे असंतोष बढ़ेगा क्या पार्टी  मे भविष्य मे बगावत होगी - विनोद मेघवानी




 ,,,,एक खबर  विशेष रिपोर्ट  मोदी जी अपने आप मे एक किताब है जिसके पन्ने पलटते जाओ ओर नए किस्से पड़ते जाओ आप  मोदी जी के अतीत  मे झाँकेंगे तो आपको पचीस तीस साल  का अतीत स्पष्ट दिखेगा की मोदी जी दस साल  से प्रधानमंत्री हे ओर उससे पहले पंद्रह साल तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे । ओर उससे पहले मोदी जी के अतीत मे झंकाने पर गहन अंधकार मिलेगा या उजाला  ये हमारा विषय नही हे हम वर्तमान मे चले रहे परिदुष्य पर चर्चा करते हे की तीन  राज्यों मे बीजेपी को जीत मिली उसके भविष्य कैसे परिणाम आएंगे । मोदी जी 24 अपनी  ताजपोशी को लेकर शतरंज की बिसात पर चाल  चल रहे हे। तीन राज्यों मे मुख्यमंत्रियों के चेहरों के बजाय ,,मोदी की गारंटी पर चुनाव लड़ा ओर उसमे विजय रहे। इसलिए अब उन राज्यों मे। नये  चेहरों को मुख्यमंत्री ओर मंत्री मंडल मे शामिल कर रहे हे । तीन  राज्यों सरकारे विलंब  से बनने  का एक ही कारण  था । पार्टी मे असंतोष ओर बगावत को रोकना क्योकि ये बहुत हि बड़ा निर्णय था की पुराने नेताओं को दरकिनार करके नये  चेहरों को शपथ दिलाना ।मोदी हे तो मुमकिन हे ये जुमला कहकर मोदी जी ने ये कर लिया ओर अपनी पीठ भी थपथाप  ली पर हम मोदी जी के इस निर्णय से उठती बगावत की चिंगारी  को देख रहे हे की तीनो राज्यों मे पुराने नेताओं का संयम टूटेगा  आज नही तो कल उनको उनका जमीर झंकझोरे गा की   तुम तो पंद्रह साल तक राजा रहे ओर आज संतरी  हो गये ओर इसका फायदा विपक्ष ओर अन्य दलों को । अब मोदी जी की क्या रणनीति हे ये मोदी जी जाने अब की बार 400 के पार  का नारा लाये हे । हो सकता हे ये मोदी हे तो मुमकिन है  के जमुले  पर खरा न उतरे क्योकि अब की बार  एक वर्ग केंद्र सत्ता से नाराज हे ओर वो हे ,,मध्यमवर्ग ,,, क्योंकि कोई भी चुनाव होता हे उसमे सिर्फ  गरीबों ओर किसानों  के कर्ज माफ होते हे ओर उनके लिए सरकारी योजनोओ का पिटारा खोल दिया जाता । गरीब कब अमीर बन गय हे सरकार को मालूम ही नही ओर मध्यम वर्ग पिस्ता ही  जा राहा  हे । अगर मोदी जी को 24 का चुनाव जितना हे तो मध्यम वर्ग के लिए योजनाओं की बरसात करनी होगी । जय भारत मोदी हे तो  मुमकिन हे

शुक्रवार, 8 दिसंबर 2023

2000 करोड़ केश बरामद धीरज साहू के यांहा - Vinod meghwani


Vinod meghwani  एक खबर सूत्रों से मिली खबर अनुसार 
राज्यसभा के सदस्य धीरज साहू के परिवार और करीबियों से जुड़े 10 ठिकानों पर आयकर विभाग ने एक दबिश साथ दी । गुरुवार देर धीरज साहू शाम तक की कार्रवाई में 200 करोड़ रु . कैश बरामद कर लिया गया था । गिनती अभी जारी है । धीरज साहू के परिवार के सदस्य शराब बनाने वाली कंपनी बलदेव साहू एंड ग्रुप ऑफ कंपनीज से जुड़े हैं । यह ग्रुप पश्चिमी ओडिशा में सबसे बड़े देसी शराब निर्माता - विक्रेता में से एक है । आयकर टीम को कंपनी के ऑफिस में 9 अलमारियों में नोट भरे मिले । झारखंड - ओडिशा - बंगाल में यह अब तक की सबसे बड़ी छापेमारी बताई जा रही है । यह कंपनी बौध डिस्टलरी की साझेदार है । तीन राज्यों में इसका कारोबार फैला है साहू के रिश्तेदारों के नाम पर ओडिशा में शराब का बड़ा काराबार है । बलदेव साहू एंड ग्रुप ऑफ कंपनीज मूल रूप से लोहरदगा की है । इस कंपनी ने 40 साल पहले ओडिशा में देसी शराब बनानी शुरू की थी 


। कंपनी की बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड से साझेदारी है । इसी कंपनी की बलदेव साहू इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड ( फ्लाई ऐश ब्रिक्स ) , क्वालिटी बॉटलर्स प्राइवेट लिमिटेड और किशोर प्रसाद विजय प्रसाद बेवरेजेज प्राइवेट लिमिटेड ( आईएमएफएल ब्रांड की बिक्री और मार्केटिंग ) भी है ।
साहू  एंड ग्रुप ऑफ कंपनीज में साध तार पर राज्यसभा सदस्य धीरज साहू के अलावा उनके परिवार के राजकिशोर साहू , स्वराज साहू और अन्य सदस्य शामिल हैं । ओडिशा का कारोबार दीपक साहू और संजय साहू संभालते हैं । रांची और लोहरदगा आवास पर छापे के दौरान सभी गायब मिले ।
धीरज साहू के ठिकानों से 200 करोड़ से अधिक कैश बरामद, भाजपा ने कांग्रेस पर साधा निशाना ।
रांची कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू के ठिकानों से इनकम टैक्स की छापेमारी में भारी मात्रा में कैश बरामद किया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अनुमानित करीब 200 करोड़ से अधिक की नकदी जब्त होने की सूचना मिली है. इतने अधिक मात्रा में नकद राशि जब्त होने पर झारखंड की मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस को भ्रष्टाचार का पर्याय बताते हुए हमला बोला है.

झारखंड भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सह पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने कांग्रेस को भ्रष्टाचार का पोषक बताते हुए कहा कि कांग्रेस नेता के घर पर नोटों से भरी एक अलमारी को देखकर ऐसा लग रहा है कि यह किसी बैंक की तिजोरी है. इस स्थिति से यह आसानी से अनुमान लगाया जा सकता है कि कांग्रेस केवल लूट और भ्रष्टाचार की गारंटी दे सकती है.

कुणाल ने कहा कि कांग्रेस और भ्रष्टाचार एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. भ्रष्टाचार कांग्रेस के डीएनए में हैं जहाँ कांग्रेस सरकारों ने छत्तीसगढ़ और राजस्थान को भ्रष्टाचार का एटीएम बनाया अब झारखंड राज्य भी कांग्रेस पार्टी और उनके नेताओं के लिए एटीएम मशीन बन गयी है.


उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक और दुःखद है कि जनता के मुद्दों पर मौन धारण कर कांग्रेसी नेतागण जनता की गाढ़ी कमाई को लूटकर अपनी तिजोरी भरने में लगे हुए है.

प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने झारखंड सहित पड़ोसी राज्यों में पिछले चार वर्षों में गरीब जनता का जमकर आर्थिक शोषण किया है. इनकम टैक्स की छापेमारी में कांग्रेस का चाल, चरित्र और चेहरा पूरी तरह से बेनकाब हो गया 
कुणाल षाड़ंगी ने सवाल उठाते हुए कहा कि इतने अधिक मात्रा में जब्त किए गए नकद राशि कहाँ से आया इसका जवाब कांग्रेस पार्टी को देना होगा. क्या ये पैसे चुनावों में उपयोग करने के लिए रखे गए थे? कांग्रेस ने हाल के चुनावों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और इनकम टैक्स की कार्रवाई का राजनीतिकरण करने की कोशिश की, उनके नेताओं ने चुनावी मंचों पर बड़े आत्मविश्वास के साथ जनता को दिगभ्रमित करने का हरसंभव प्रयास किया परंतु प्रबुद्ध जनता ने कांग्रेस को करारा जवाब दिया.

कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि झारखंड में भी भ्रष्टाचार के तमाम रिकॉर्ड टूट गए हैं, आने वाले दिनों में झारखंड में भी कांग्रेस व इनके सहयोगी दलों को जनता माकूल जवाब देगी.


कहा कि इतने बडे पैमाने पर अवैध अकूत धन जमा करने की जाँच कर सांसद की गिरफ्तारी होनी चाहिए. उन्होंने ईडी से जाँच का जिम्मा लेने का आग्रह किया.

कहा कि जिस प्रकार कांग्रेस और उसके द्वारा समर्थित राज्य सरकारों ने जनता की गाढ़ी कमाई एवम खनिज संपदा को लूटा है,ट्रांसफर पोस्टिंग उद्योग लगाए है स्पष्ट है कि ये काला धन भी अवैध खनन, शराब, जमीन घोटाले से जुडा होगा.


रविवार, 3 दिसंबर 2023

रमन मुख्यमंत्री ओर ओ पी चौधरी छतीसगढ़ के उप-मुख्यमंत्री बन सकते हे ??


Vinod meghwaniएक खबर( विनोद मेघवानी )
विधान सभा चुनाव के अप्रत्याशित परिणामों ने पूरे देश की जनता को,,,,,, आश्चर्यचिकित कर दिया हे ।विपक्ष ,,आवक,,हो गया हे सन्नटा छा गया हे हर कोई कह  राहा  की ऐसे परिणामों की आशा नही थी पर ये सब ,,मोदी,,जी का करिश्मा हे


 ,,मोदी हे तो मुमकिन हे । ओर मोदी जी कहते हे ,,हम सपने नही हकीकत बुनते  हे इसलिए तो ,,जनता बीजेपी को चुनती हे । इस चुनाव से स्पष्ट हो गया की 2024 के लोकसभा चुनाव बीजेपी जीतेगी ओर मोदी जी फिर से  2024 ,,प्रधानमंत्री बननेंगे । अब सवाल ये की  तीन  राज्यों मे मुख्यमंत्री कोन  बनेगा तो एक खबर का आँकालन हे की छतीसगढ़ मे रमन सिंह फिर से मुख्यमंत्री बन सकते हे ओर ओ पी चौधरी जी उपमुख्यमंत्री या गृहमंत्री  बन सकते हे ।मध्य प्रदेश मे शिवराज मामा जी फिर मुख्यमंत्री बननेंगे ओर राजस्थान मे ,,,वसुंधरा जी मुख्यमंत्री बन सकती हे

बुधवार, 22 नवंबर 2023

दिमाग का उपयोग करो समय का नही


दिमाग़ का उपयोग करो समय का नहीदिमाग़ का उपयोग करो समय का नहीदिमाग़ का उपयोग करो समय का नहीदिमाग़ का उपयोग करो समय का नहीदिमाग़ का उपयोग करो समय का नहीदिमाग़ का उपयोग करो समय का नहीदिमाग़ का उपयोग करो समय का नहीदिमाग़ का उपयोग करो समय का नहीदिमाग़ का उपयोग करो समय का नहीदिमाग़ का उपयोग करो समय का नहीदिमाग़ का उपयोग करो समय का नहीदिमाग़ का उपयोग करो समय का नहीदिमाग़ का उपयोग करो समय का नहीदिमाग़ का उपयोग करो समय का नहीदिमाग़ का उपयोग करो समय का नहीदिमाग़ का उपयोग करो समय का नहीदिमाग़ का उपयोग करो समय का नहीदिमाग़ का उपयोग करो समय का नहीदिमाग़ का उपयोग करो समय का नहीदिमाग़ का उपयोग करो समय का नही

रविवार, 15 अक्तूबर 2023

आत्महत्या के लिये , प्रेरित , करने के लिए 5 व्यापारियों को 10,10 साल की सजा

Vinod meghwaniएक खबर 
( विनोद भाई )

5 व्यापारियों को  जो रायपुर पंडरी मार्केट के है उन्हे 10-10 साल की सजा, हुई है ।बेमेतरा न्यायालय के जज ने फैसला सुनाते हुए काहा ,,आत्महत्या,,के लिए उकसाने  के केस में कोर्ट ने सुनाया फैसला

बेमेतरा।  बेमेतरा जिला अतिरिक्त सत्र न्यायालय के न्यायाधीश पंकज कुमार सिन्हा ने आज एक बड़ा फैसला सुनाते हुए आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के मामले में रायपुर के पांच व्यापारियों को 10-10 साल की सजा सुनाई है साथ ही सभी व्यापारियों को एक-एक हजार के अर्थदंड से दंडित किया है। पूरा मामला 27 सितंबर 2021 क़ा है बेमेतरा शहर के युवा व्यापारी कीर्ति किशोर वर्मा शिवनाथ नदी किनारे बेहोशी के हालात में मिला था परिजनों को जब सूचना मिली तो मौके पर पहुंचे तो जहर सेवन की जानकारी हुई तत्काल जिला अस्पताल भेजा गया जहां इलाज के दौरान मौत हो गई।

पुलिस ने मामले में छानबीन की तो मामला लेनदेन क़ा निकला दरअसल रायपुर पंडरी कपड़ा बाजार के पांच बड़े व्यापारियों के साथ उसका लेनदेन था। युवक के द्वारा लगातार पैसे भी दिए जा रहे थे मगर आरोपियों के द्वारा कच्चे कागज पर लिखकर राशि जमा होने की जानकारी दे देते थे। वहीं लंबे समय तक राशि जमा करने के बाद भी युवक की राशि कंप्लीट नहीं होने की जानकारी देकर उन्हें और पैसे देने के लिए दबाव बनाया गया। जिसके बाद लगातार पैसे देने के प्रताड़ना से युवक ने परेशान होकर जहर खाकर आत्महत्या करली था।

न्यायालय ने आज सभी व्यापारियों को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के मामले में धारा 306 के तहत दोषी पाया है और सभी को 10-10 साल की सजा के साथ एक-एक हजार रुपये का अर्थ दंड से भी दंडित किया गया है। सजा पाने वाले पांच आरोपी विशाल मोटवानी , सुरेश मोटवानी , दिनेश मुलानी , श्रेयांस नाहटा और विक्की गेडवानी सभी व्यापारी रायपुर के पंडरी स्थित बड़े कपड़े के व्यापारी हैं जो कि प्रकाश होजयरी ,दिनेश कलेक्शन , पुष्पा कलेक्शन , सुरभि कलेक्शन आर एस शर्ट जोन के प्रोपराइटर हैं

शनिवार, 26 अगस्त 2023

मंगलवार, 15 अगस्त 2023

स्व: मोती लाल वोरा जी ,,अमर,,, हो गए जब तक दुर्ग शहर रहेगा उनको याद किया जाएगा __ विनोद meghwani

Vinod meghwaniएक खबर ( vinod meghwani )
दुर्ग के लोकप्रिय  नेता स्व: मोती लाल वोरा जी  की प्रतिमा का राजेंद्र चौंक मे मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल ने अनावरण किया
 मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज के दिन को अविस्मरणीय बताते हुए कहा कि वोरा जी ऐसे शख्स थे, जिनकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती। वे अपने कर्त्तव्य के प्रति सदैव समर्पित और तत्पर रहते थे। वे आजीवन सक्रिय रहे। नगरीय निकाय की राजनीति से शुरुआत कर उन्होनें मंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल पदों को सुशोभित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। वोरा जी के अनेक यादगार संस्मरण हैं। विभिन्न पदों को सुशोभित करने वाले उनके जैसे व्यक्ति बिरले ही होंगे। मुख्यमंत्री ने वोरा जी के व्यक्तित्व को विस्तार पूर्वक रेखांकित किया। वोरा जी के साथ हम सबके संस्मरण रहे है। वोरा जी की यादें बहुत है उन यादों को लेकर आगे बढ़े तो सफल रहेंगे। उन्होंने कहा कि वोरा जी के विचार को सार्वजनिक जीवन में आत्मसात करने की आवश्यकता है।
स्व: मोती लाल बोरा जी अमर हो गए जब तक दुर्ग शहर रहेगा उनको याद किया जाएगा।
मोतीलाल वोरा का जन्म 20 दिसंबर 1928 को नागौर, जिला राजस्थान में हुआ था। उनके पिता का नाम मोहनलाल वोरा और मां का नाम अंबा बाई था। उनका विवाह शांति देवी वोरा से हुआ था। उनके चार बेटियां और दो बेटे हैं। उनके बेटे अरुण वोरा दुर्ग से विधायक हैं और वे तीन बार विधायक के रूप में चुनाव जीत चुके हैं,


शिक्षा
मोतीलाल वोरा ने अपनी शिक्षा रायपुर और कोलकाता से ग्रहण की थी।

करियर
मोतीलाल वोरा ने कई वर्षों तक पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य करते हुए कई समाचार पत्रों का प्रतिनिधित्व किया। मोतीलाल वोरा 1968 में राजनीति के क्षेत्र में उभरकर सामने आए। इसके बाद उन्होंने 1970 में मध्यप्रदेश विधानसभा से चुनाव जीता और मध्य प्रदेश ‘राज्य सड़क परिवहन निगम’ के उपाध्यक्ष नियुक्त किए गए। वे 1977 और 1980 में दोबारा विधानसभा में चुने गए और उन्हे 1980 में अर्जुन सिंह मंत्रिमंडल में उन्हें उच्च शिक्षा विभाग का दायित्व सौंपा गया। मोतीलाल वोरा 1983 में कैबिनेट मंत्री बने। इसके बाद में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में भी नियुक्त हुए। 13 फरवरी 1985 में श्री मोतीलाल वोरा को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया और 13 फरवरी 1988 को उन्होंने मुख्यमंत्री के पद से त्यागपत्र देकर 14 फरवरी 1988 में केंद्र के स्वास्थ्य परिवार कल्याण और नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कार्यभार संभाला। अप्रैल 1988 में मोतीलाल वोरा मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुने गए और श्री मोतीलाल वोरा ने 26 मई 1993 से 3 मई 1996 तक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के पद पर आसीन रहे।
विनोद meghwani

AICC कोषाध्यक्ष के रूप में कार्य किया है

गुरुवार, 10 अगस्त 2023

स्वर्ग ओर नरक की जिंदगी यहीं है आप कैसी चाहते है _Vinod meghwani

Vinod meghwani,,,,

,,,एक खबर Vinod meghwani ) आप कैसी जिंदगी जीना चाहते है ,🖊️सादगी ओर सरलता की जिंदगी आपके जीवन को स्वर्ग बना देती है।ओर महत्वाकांक्षा की जिंदगी आप के जीवन को नरक बना देती आप लोभ ओर विलास्ता का जीवन जीते है तो आप , लोन लेकर ओर कर्ज लेकर जब जीते है तो ये आप के जीवन को नरक बना देता है। कोरोना के बाद मेरे एक पहचान वाले ( मित्र नहीं ) ने ये कहते हुए अचानक लग्जरी जिंदगी जीना शुरू कर दी कि ' जिंदगी की क्या गांरटी है । ' उनकी जीवनशैली एकदम बदल गई । किसी भी खरीदारी में चाहे टीवी , कार , स्मार्टफोन या होटल स्टे में भी वह शुरुआती स्तर की चीजों की बात नहीं करते थे । क्लोज सर्किल में हम जब ऐसे किसी की चर्चा करते जो कभी पैसों को लेकर सजग उपभोक्ता थे और अचानक लग्जरी चीजें पसंद करने लगे , तो उनका उदाहरण दिया जाने लगा । अचानक एक दिन वह परिदृश्य से गायब हो गए । उनके बारे में कहानियां चलने लगी कि लग्जरी लाइफ जीने के लिए उन्होंने ढेर सारे लोन लिए थे , अंततः उनकी और उनके परिवार की जिंदगी तहस - नहस हो गई । धीरे - धीरे वह भुला दिए गए । इस सोमवार को वह मुझे याद आ गए , जब पता चला कि कई सारी नामचीन कंपनियां , जो रईसों के लिए उत्पाद बनाती हैं , अब भारत से लगातार आती लग्जरी की मांग के बाद यहां भी आउटलेट खोल रही हैं । भारत में भी कार निर्माताओं ने अपने बेस मॉडल बनाना कम कर दिए हैं । जैसे दस लाख से कम की कार की 2019 में जहां 57 वैरायटी थीं , जो आज 27 हैं और दस लाख से ज्यादा वालों की दोगुनी हुई हैं । छोटी टीवी स्क्रीन शायद कार की सीट पर चली गई हैं । नहीं तो इसे कैसे बताएंगे कि जनवरी से अभी तक बाजार में पेश टीवी की 170 कैटेगरी में 100 प्रीमियम कैटेगरी की 50 इंच से ज्यादा वाली हैं । क्या हम घर के मुख्य हॉल में जा रहे हैं या सिनेमा हॉल में ? कार , टीवी , मोबाइल के साथ दूसरे उत्पादों में महंगी चीजें पसंद बन रही हैं , ऐसे में ताज्जुब नहीं कि उत्पादकों के अनुमान से इस साल ये बाजार 12 हजार करोड़ रु . पार कर जाएगा । इसमें 8 हजार करोड़ के तो सिर्फ शादियों के परिधान हैं । ढेर सारी वैश्विक कंपनियों द्वारा भारत में जारी लेटेस्ट लग्जरी उत्पादों को अगर संकेत मानें तो कोई भी आसानी से कह सकता है कि लग्जरी चीजों के उपभोग में आ रही इस तेजी के लिए भारत तैयार है । पर किस कीमत पर ? आपको लगता है सबके पास ऐसी लग्जीरियस चीजों के लिए पैसा है ? या फिर सालों पहले उद्योगपतियों को कर्ज देकर पछता रहे बैंक का ध्यान अब लग्जरी की चाह रखने वाले भारतीयों पर है ? दूसरा जवाब सही है । यही कारण है कि राजेश्वरी सेनगुप्ता , हर्ष वर्धन जैसे अर्थशास्त्रियों ने इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंटल रिसर्च के लिए तैयार अपने पेपर में बताया कि यह ' उधार का उपभोगीकरण ' है । नहीं तो इसे कैसे सही ठहराएंगे कि फुटकर कर्ज मार्च 2023 की स्थिति में 40.85 लाख करोड़ रु . था । भले ही इसमें गृह ऋण भी शामिल है , लेकिन इकोनॉमिस्ट का मानना है कि ये जीडीपी का 10 % है और उनके द्वारा अध्ययन कई देशों की तुलना में कम है । अब सवाल है क्या हमें ऊंची ब्याज दरों पर कर्ज लेकर अभी की जिंदगी का लुत्फ उठाने के लिए लग्जरी खरीदनी चाहिए या फिर इंतजार करना चाहिए कि उतनी जरूरत का पैसा जमा हो जाए , फिर जिंदगी का मजा लेने के लिए लग्जरी चीजें बाद में खरीदेंगे ? मेरे लिए ' लग्जरी और लोन ' वैसा ही है जैसे ' रम के साथ रसम ! ' कुछ लोगों को अभी भी ये बेमेल स्वाद पसंद आएगा , जिसका मतलब है । कि वे अभी भी कर्ज चुका सकते हैं और खुशहाल जिंदगी बिता सकते हैं , लेकिन ऊपर जिक्र किए मेरे परिचित जैसे लोगों के लिए थोड़े धैर्य की जरूरत है । फंडा यह है कि जब ईश्वर समय और दबाव का उपयोग करते हुए इल्ली को तितली बना सकता है , रेत को मोती में बदल सकता है , कोयले को हीरा बना सकता है , तो आपको नहीं लगता कि वह आप पर भी काम कर रहा है ? वह कर रहा है , पर आपसे भी धैर्य की उम्मीद है । एक खबर के इस लेख पर आप अपने विचार रखे

सोमवार, 31 जुलाई 2023

रद्राभिशेक हुआ सिंधुभवन मे सिंधी समाज के सानिध्य में

Vinod meghwaniजय झूलेलाल
,,,,आज सिंधु भवन दुर्ग मे सावन के महा मे,,,,रूद्राभिषेक का कार्यक्रम हुआ ,,,जो स्वागत योग्य है,,,सिंधी समाज के लिए,,,,दुर्ग के नए,,उभरते ,,,समाज सेवक ,,,मुकेश लालवानी ने ,,ने इस कार्यक्रम का,,आयोजन किया । ,,,ये  कड़वा सत्य है ये,,,कार्यक्रम ,,नाम कमाने के उद्देश्य से किया गया पर ये ,,,तारीफ काबिल समाज सेवा है,,। एक ओर दुखद समाचार ये है क्योंकि हाल मे सट्टे के कारण  एक युवा ने,,, छत्तीसगढ़ में आत्महत्या कर ली ,,ओर एक ये सुखद,,,समाचार ये युवा जो समाज सनातन धर्म की जय जय कार कर रहे,,,ये आयोजन पूरे,,,, छतीसगड के सिंधी समाज के युवाओं को करना चाहिए,,,क्योंकि भक्ति की राह मे ही,,, सर्वसुख है,,



vinod meghwani ,,, एक खबर,,,

बुधवार, 19 जुलाई 2023

शनिवार, 15 जुलाई 2023

आडवाणी जी को ,,,भारत रत्न ,,से सम्मानित करे __विनोद मेघ वानी

Vinod meghwani,,*,, लाल कुष्न आडवाणी जी को ,,,भारत रत्न से सम्मानित करे भारत सरकार ---विनोद मेघ वानी,,,,* 

पांच सौ साल से राम मंदिर अयोध्या मे बाबरी मस्जिद का अवैध कब्जा था उस ,,अवैध कब्जे को ,,ध्वस्त,, करने की पहल आडवाणी जी ने ,,रथ यात्रा,,से शुरू की,   ओर सनातन धर्म की रक्षा के लिए जेल गए । बीजेपी को फर्श से अर्श पर  स्व: अटल बाजपेई ओर आडवाणी जी थे ,,, स्व:अटल जी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया अब आडवाणी जी को,,भारत रत्न से सम्मानित करे ।
✅अटल बिहारी वाजपेयी जी को भारत रत्न 27 मार्च 2015 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के द्वारा उनके आवास पर दिया गया, यह पुरुस्कार उनको ऐसे समय दिया गया, जब वह किसी भी  प्रकार के सम्मान को नहीं पहचान सकते थे, उस समय उनके कक्ष को किसी भी संभावित विषाणुओं से मुक्त रखने के लिए सख्त नियम लागू थे, उनके पास केवल नर्सिंग स्टाफ को जाने की अनुमति प्रदान की गयी थी |

✅उस समय उनका स्वास्थ्य बहुत ही ख़राब था, जिस कारण किसी भी वीवीआईपी तक को वहां आने की इजाजत नहीं दी गयी थी, जिस कारण उस समय उनके किसी भी फोटो को सार्वजनिक नहीं किया जा सका था |


✅अटल बिहारी वाजपेयी के मीडिया सलाहकार रहे वरिष्ठ पत्रकार अशोक टंडन के अनुसार वाजपेयी जी को प्रधान मंत्री पद पर रहते हुए भारत रत्न से सम्मानित करने को कहा गया, जिसे वाजपेयी जी ने मना कर दिया, उन्होंने कहा कि “यह उचित नहीं लगता कि अपनी सरकार में खुद को ही सम्मानित किया जाए” | इससे पहले जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी नें प्रधानमंत्री रहते हुए स्वयं को भारत रत्न दिलवाया था |

✅उनके वरिष्ठ मंत्रियों ने योजना बनाई कि जब अटल बिहारी वाजपेयी जी किसी विदेश यात्रा पर जाएं तब उनकी अनुपस्थिति में भारत सरकार उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा करे, परन्तु वाजपेयी जी को इसकी जानकारी हो गयी | उन्होंने इसके लिए सख्त निर्देश देकर इसे मना कर दिया |

प्लीज़ शेयर ,,,,,,pmo,,,,,, एक खबर,,,

सोमवार, 10 जुलाई 2023

आडवाणी भारत में सबसे विन्रम सरल सहज राजनीतक नेता है ,,,

Vinod meghwani,,,आडवाणी जी सभी को हाथ जोड़कर नमस्ते करते
आडवाणी जी को सभी राजनीतिक दल के लोग पसन्द करते है ।ओर देश के सभी राज्यों की जनता भी उन्हें पसंद करती क्योंकि वो एक सहज ओर सरल राजनीतक है । हर किसी पे भोरोसा करना उनकी खासियत है अपनी सरलता ओर सहजता के कारण ही वो बीजेपी को फर्श से अर्श तक ले आए । पर उनकी सरलता के कारण मोदी जी ने श्रीफल देकर ओर शाल का सम्मान देकर ,,, राजनीती ,,,,विदा कर दिया,,,,,इस पर भी ,,उन्होंने ,,उफ़ तक नहीं की ओर बड़ी ही सहजता से राजनीति,,,,को अलविदा कह दिया,,,,, पर उनकी इस सरलता के कारण ही सिंधी समाज,,,,के पांव तले ,राजनीति की जमीन खिसक गई । ओर सिंधी समाज राजनीति में एक सदी पीछे हो गया। सिंधी प्रदेश ,, बन्नाने के लिए न मोदी जी आगे आये न राहुल जी ,,,सिंधी समाज कांग्रेस ,,,से मांग करता की गांधी जी ने सिंध दिया पाकिस्तान को ,,,अब राहुल जी,,,सिंधी प्रदेश बनाने की पहल करे । ओर मोदी जी ,,को आडवाणी जी ने राजनीति में अवसर दिया इसलिए ओर देश का प्रधानमंत्री होने के कारण ,,सिंध प्रदेश बनाने की पहल करे।वो ,,,भूली दास्नता फिर याद  आ गई ।  सिंध 1947 से पहले हिंदुस्तान का अभिन्न अंग था एक बेहद खुशहाल राज्य  जंहा मेरे पुवर्जो मेघा मल ,भगवान दास , राजा मल ,सचुमल ,बसरू मल ,टोक्यो मल ,, एईस अनगिनत नाम,,,जो मालगुजार थे । सेठ थे किसी कस्बे के चोधरी थे किसी हवेली के मालिक थे,,,,100/200/300 एकड़ जमीन के मालिक थे  । सिंध मे लाखों की संख्या मे सिंधी कोम थी । सिन्धी समुदाय कुछ नेताओं की ,,,आंखों की ,,किरकिरी,, बन चुके थे इसलिए उन नेताओ ने साजिश के तहत सिंध को पाकिस्तान बनाने की चाल चली । सिंध मे 1947 में 70से 80% जनसंख्या हिन्दू ओर सिखों की थी । हमारे बुजुर्गो से जमीन छीन ली गई उनके व्यापार छीन ली गई उनकी संपत्ति छीन ली गई सबसे दुखदाई ,,,बात तो ये ,,,लांखो की संख्या में सिंधी समुदाय के लोगों को ,, कत्ल ,, किया गया । उनके परिजनों के साथ कोई न्याय नहीं हुआ । हमारे कुछ सवाल है इन नेताओ से अगर इनके पास कोई जवाब हो तो दे।

1-- नेहरू ओर गांधी ने देश का बटवारा किसके कहने  पर किया ।

2-- गांधी ने विभाजन के बाद 1947 मे170लाख रूपए अनशन करके पाकिस्तान को दिलाए ।तो फिर विभाजन के बाद,,, विस्ताथपित हुए सिंधी समुदाय के लिए ,,,प्रदेश,,क्यो नही बनाया । अन्य विस्थापित हुए समुदाय को ,,नया प्रदेश मिल गया । सिन्धी समुदाय को राजनीति से दूर रखने के लिए उनका राज्य नहीं बनाया गया । क्योंकि नेहरू ओर गांधी जानते थे कि सिंधी समुदाय को जन्मजात से वितिय अर्थ्यवस्थाओं को सभालाने मे सक्षम है। ओर सिंधी समुदाय अनुवाशिंक रूप से तेज बुद्धिमान होते है । इसलिए उनको राजनीति से दूर रखा गया ओर आज भी कोई भी पार्टी,,,, न  ,,,सिंधी प्रदेश,,,बनाने के लिए आगे आती है ओर नहीं ही सिंधी समुदाय को राजनीति मे आगे बड़ने देती है

बुधवार, 5 जुलाई 2023

चुनाव के नजदीक आते ही राइस मिलो मे छापे पड़ना शुरू,,,,,

Vinod meghwani

,,,छतिस गड मे  राइस मिलो मे छापे ,,,,लगना शुरू ,,,सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार,,,,सभी जिलों मे,,,रायपुर ,दुर्ग ,राज नंदगांव ,तिल्दा, मे राइस मिल ओर उनके घरों में ,,,छापे ,,,पड़ने की संभावना है,,, हिट लिस्ट बनाई गई है सूत्रों के अनुसार,,,,

चुनाव के नजदीक आते है व्यापारियों की नींद उड़ जाती है । क्योंकि हर राइस मिलर को चुनाव मे अघोषित चंदा देना ही पड़ता है सभी राष्टीय पार्टियों को।वैसे भी राइस मिलर ओर अधिकारियों की सांठ गांठ रहती । , 90लाख का धान जब्त मां राईस इण्डस्ट्रीज , मदनपुर में पहुंची खाद्य विभाग की • टीम , जांच में मिली गड़बड़ी   जिले के राइस मिलर समय पर कस्टम मिलिंग का चावल जमा नहीं कर रहे है । ऐसे राइस मिल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है । इसी क्रम में खाद्य विभाग की टीम ने मॉ राईस इण्डस्ट्रीज , मदनपुर में छापामार कार्रवाई की । वहां के रिकार्ड में मिलान करने पर अनियमितता पाई गई । साथ ही मिल में 620 क्विंटल धान कम पाया गया । वहां रखा 90लाख रूपए कीमत का चौतीस सौ क्विंटल धान जब्त भी किया गया ।



 कलेक्टर के निर्देशानुसार जिले में कस्टम मिलिंग चावल समयावधि में जमा नहीं किए जाने के कारण खांद्य निरीक्षक बिल्हा उत्तर द्वारा राइस मिलर्स पर कार्यवाही की गई खाद्य निरीक्षक द्वारा मां राइस इण्डस्ट्रीज मदनपुर विकासखण्ड बिल्हा की जांच की गई । जांच में मिलर द्वारा आवश्यक पंजियों का संधारण नहीं किया जाना पाया गया । राईस मिल के भौतिक सत्यापन में उसके द्वारा उठाव किए गए धान भारतीय खाद्य निगम एवं नागरिक आपूर्ति निगम में जमा किए गए चावल एवं राइस मिल में उपलब्ध धान का मिलान किए जाने पर राइस मिल में 620 क्विंटल धान कम पाया गया । उपरोक्त अनियमितता पाए जाने के कारण राइस मिल में प्राप्त 4400 क्विंटल धान , जिसका समर्थन मूल्य अनुसार कीमत 90 लाख रुपए है , जब्त किया गया । छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश 2016 के तहत प्रकरण निर्मित किया गया है । शासन द्वारा निर्धारित समय सीमा में कस्टम मिलिंग का चावल जमा नहीं करने वाले राइस मिलरों पर उक्त कार्यवाही जारी रहेगी

रविवार, 2 जुलाई 2023

अगर U C C कानून देश में लागू हो गया गया तो ,, विपक्ष की भेस गई पानी में

Vinod meghwani एक खबर (Vinod meghwani )

आप समान नागरिक संहिता पर 22 वे विधि आयोग को इस पर सुझाव भेज सकते है,,,,,http://legalaffairs.gov.in/law_commission/ucc/22वें विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता पर आम जनता और धार्मिक संगठनों से राय मांगी है. ऐसे में जानते हैं कि समान

नागरिक संहिता लागू करने में क्या-क्या चुनौतियां हो सकती है 
समान नागरिक संहिता पर विधि आयोग ने सुझाव मांगे हैं. (समान नागरिक संहिता पर विधि आयोग ने सुझाव मांगे हैं. 


अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है. कश्मीर से धारा 370 भी हट चुकी है. तो क्या अब बीजेपी समान नागरिक संहिता लागू करने का अपना तीसरा वादा पूरा करने की तैयारी में जुट गई है. 

दरअसल, 22वें विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता पर आम जनता से विचार-विमर्श की प्रक्रिया शुरू कर दी है. आयोग ने जनता, सार्वजनिक संस्थान और धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों से एक महीने में इस मुद्दे पर राय मांगी है.

इससे पहले मार्च 2018 में 21वें विधि आयोग ने विचार-विमर्श के बाद दी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि फिलहाल देश को समान नागरिक संहिता की जरूरत नहीं है. लेकिन पारिवारिक कानून यानी फैमिली लॉ में सुधार की सिफारिश जरूर की थी.

तलाक-ए-हसन की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. 
तलाक-ए-हसन सही या गलत? सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई... जानें तीन तलाक से कितना अलग है ये  
मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2022 में फैसला सुरक्षित रख लिया था.।
चट मंगनी, पट ब्याह की तरह अब 'झट तलाक' भी मुमकिन, SC के फैसले के क्या मायने? 
सरकारी सर्वे के मुताबिक, 10 फीसदी महिलाएं पति के साथ मारपीट कर चुकी हैं. 
घरेलू हिंसा कानून में सिर्फ महिलाओं को प्रोटेक्शन... पुरुष कहां जाएं? जानें कानूनी उपाय 
भारत में सहमति से सेक्स की उम्र 18 साल है. 
18 या 16 साल... सहमति से सेक्स भी कब बन जाता है अपराध? उम्र घटाने पर क्यों है बहस 
21वें विधि आयोग की रिपोर्ट के पांच साल बाद 22वें विधि आयोग ने विचार-विमर्श की प्रक्रिया शुरू की है. आयोग ने नोटिफिकेशन जारी समान नागरिक संहिता पर बड़े पैमाने पर जनता और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों से राय मांगी है.

कैसे दे सकते हैं अपनी राय?

- विधि आयोग ने अपनी राय देने के लिए 30 दिन का समय दिया है. अपने सुझाव या राय देने की आखिरी तारीख 14 जुलाई है. 


- अपनी राय तीन तरह से दे सकते हैं. पहला- विधि आयोग की वेबसाइट के जरिए. दूसरा- ईमेल के जरिए. और तीसरा- पोस्ट के जरिए.

- ऑनलाइन सुझाव legalaffairs.gov.in/law_commission/ucc/ पर जाकर दे सकते हैं. यहां एक पेज खुलेगा. इसमें अपनी सारी डिटेल भरकर तीन हजार शब्दों में अपने सुझाव या राय दे सकते हैं.

- इसके अलावा आप चाहें तो अपनी राय या सुझाव को membersecretary-lci@gov.in पर ईमेल भी कर सकते हैं.

- तीसरा तरीका ये है कि आप अपने सुझाव या राय लिखें और पोस्ट के जरिए विधि आयोग तक भेज दें. इसका पता है- मेंबर सेक्रेटरी, लॉ कमिशन ऑफ इंडिया, चौथा फ्लोर, लोकनायक भवन, खान मार्केट, नई दिल्ली- 110003.

- 14 जुलाई तक राय और सुझाव आने के बाद विधि आयोग कुछ लोगों या फिर संगठनों के प्रतिनिधियों को भी चर्चा के लिए बुला सकता है.

समान नागरिक संहिता क्यों अहम है?

- समान नागरिक संहिता भारत में हमेशा से एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा रहा है. संविधान में इसे नीति निदेशक तत्व में शामिल किया गया है.

- संविधान के अनुच्छेद 44 में कहा गया है कि सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता लागू करना सरकार का दायित्व है. अनुच्छेद 44 उत्तराधिकार, संपत्ति अधिकार, शादी, तलाक और बच्चे की कस्टडी के बारे में समान कानून की अवधारणा पर आधारित है. 


- समान नागरिक संहिता को सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में 1998 और 2019 में भी शामिल किया था. नवंबर 2019 में बीजेपी सांसद नारायण लाल पंछारिया ने संसद में इस पर प्रस्ताव दिया था. हालांकि, विपक्षी सांसदों के विरोध के बाद प्रस्ताव को वापस ले लिया गया था.

- दूसरी बार मार्च 2020 में बीजेपी से राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीना इस पर बिल लेकर आए थे. हालांकि, इस बिल को संसद में पेश नहीं किया गया. इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट में भी इसे लेकर कई याचिकाएं दायर हैं.

- 2018 में विधि आयोग ने अपने कंसल्टेशन पेपर में लिखा था, 'भारत में अलग-अलग पारिवारिक कानूनों में कुछ ऐसी प्रथाएं हैं, जो महिलाओं के खिलाफ भेदभाव करती हैं, जिनमें सुधार करने की जरूरत है.'

जब अदालतों ने की टिप्पणी

- 1985 में शाहबानो के मामले में फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, 'संसद को एक समान नागरिक संहिता की रूपरेखा बनानी चाहिए, क्योंकि ये एक ऐसा साधन है जिससे कानून के समक्ष समान सद्भाव और समानता की सुविधा देता है.'


- 2015 में एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, ईसाई कानून के तहत ईसाई महिलाओं को अपने बच्चे का 'नैचुरल गार्जियन' नहीं माना जा सकता, जबकि अविवाहित हिंदू महिला को बच्चे का 'नैचुरल गार्जियन' माना जाता है. उस समय सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि समान नागरिक संहिता एक संवैधानिक जरूरत है.

- 2020 में लैंगिक समानता सुनिश्चित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू उत्तराधिकार कानून में 2005 में किए गए संशोधन की व्याख्या की थी. अदालत ने ऐतिहासिक फैसले में बेटियों को भी बेटों की तरह पैतृक संपत्ति में समान हिस्सेदार माना था. दरअसल 2005 में हिंदू उत्तराधिकार कानून,1956 में संशोधन किया गया था. इसके तहत पैतृक संपत्ति में बेटियों को बराबरी का हिस्सा देने की बात कही गई थी.

- 2021 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी कहा था कि संसद को समान पारिवारिक कानून लाने पर विचार करना चाहिए, ताकि लोग अलग-अलग कानूनी बाधाओं का सामना किए बगैर स्वतंत्र रूप से मिल-जुलकर रह सकें. 


समान नागरिक संहिता मतलब क्या?

- समान नागरिक संहिता यानी सभी धर्मों के लिए एक ही कानून. अभी शादी, तलाक और संपत्तियों से जुड़े सभी धर्मों के अलग-अलग कानून हैं. जैसे- हिंदुओं के लिए हिंदू पर्सनल लॉ. मुस्लिमों के लिए मुस्लिम पर्सनल लॉ.


- अगस्त 2018 में 21वें विधि आयोग ने अपने कंसल्टेशन पेपर में लिखा था, 'इस बात को ध्यान में रखना होगा कि इससे हमारी विविधता के साथ कोई समझौता न हो और कहीं ये हमारे देश की क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरे का कारण न बन जाए.'

- समान नागरिक संहिता का प्रभावी अर्थ शादी, तलाक, गोद लेने, उत्तराधिकार और संपत्ति का अधिकार से जुड़े कानूनों को सुव्यवस्थित करना होगा. 21वें विधि आयोग ने कहा था कि इसके लिए देशभर में संस्कृति और धर्म के अलग-अलग पहलुओं पर गौर करने की जरूरत होगी. 

ऐसा करने में क्या-क्या चुनौतियां हैं?

- आजादी के 75 साल में एक समान नागरिक संहिता और पर्सनल लॉ में सुधारों की मांग होती रही है, लेकिन धार्मिक संगठनों और राजनीतिक नेतृत्व में एकराय नहीं बन पाने के कारण ऐसा अब तक नहीं हो सका है. यहां तक कि अभी भी सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर हैं.

- मुस्लिम महिलाओं की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर हैं. इनमें इस्लामिक कानून की प्रथाएं- तलाक-ए-बैन (तुरंत तलाक), मुता (कॉन्ट्रैक्ट मैरिज), निकाह हलाला की वैधता को चुनौती दी गई हैं.


- सिखों की शादियां आनंद मैरिज एक्ट 1909 के दायरे में आती हैं. लेकिन इस कानून में तलाक का कोई प्रावधान नहीं है. लिहाजा सिखों में तलाक हिंदू मैरिज एक्ट के तहत होता है.

- अलग-अलग धर्मों में गोद लेने के कानून भी अलग-अलग हैं. उदाहरण के लिए, पारसियों में गोद ली गई बेटी को कोई अधिकार नहीं है, जबकि गोद लिए बेटे को अपने पिता के अंतिम संस्कार का अधिकार है. हालांकि, संपत्ति में दत्तक बेटे का भी अधिकार नहीं होता. 

- यहां तक की नाबालिग बच्चे की गार्जियनशिप और उत्तराधिकार को लेकर भी अलग-अलग धर्मों के अपने कानून हैं. सुप्रीम कोर्ट में मृत पुरुषों और मृत महिलाओं के उत्तराधिकारियों के बीच भेदभाव को दूर करने के लिए हिंदू उत्तराधिकार कानून में बदलाव की मांग को लेकर याचिका दायर है.

- 1985 में विधि आयोग ने 110वीं रिपोर्ट में उत्तराधिकारियों की परिभाषा में बदलाव की सिफारिश की थी. रिपोर्ट में नाजायज बच्चों को भी उत्तराधिकारी बनाने की सिफारिश की गई थी. लेकिन इसका जमकर विरोध हुआ था.


- इसी तरह 174वीं रिपोर्ट में विधि आयोग ने पैतृक संपत्ति में महिलाओं को भी बराबर अधिकार की सिफारिश की थी. इसे लेकर 2005 में हिंदू उत्तराधिकारी कानून में संशोधन भी किया गया था. लेकिन 2020 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ही ये साफ हो पाया था कि जिन महिलाओं के पिता की मौत 2005 से पहले हो चुकी है, वो भी पैतृक संपत्ति में बराबर की भागीदार हैं.

- 2018 में विधि आयोग ने एक ही धर्म के भीतर मौजूद अलग-अलग प्रथाओं का भी जिक्र किया था. उदाहरण के लिए, मेघालय में कुछ जनजातियां 'मातृसत्तात्मक' हैं और वहां पैतृक संपत्ति पर सबसे छोटी बेटी का अधिकार है. वहीं, गैरो जनजाति में दामाद अपनी पत्नी के माता-पिता के साथ रहता है. इसी तरह नागा जनजातियों में महिलाओं को अपने समुदाय से बाहर शादी करने और पैतृक संपत्ति में अधिकार नहीं है. 

- इससे पहले 1984 में विधि आयोग ने तलाक के बाद हिंदू महिलाओं के रखरखाव से जुड़े कानून में बदलाव की सिफारिश की थी. 1983 में ईसाई महिलाओं में तलाक के आधारों में बदलाव की सिफारिश भी की थी. इससे भी पहले 1960 में विधि आयोग ने ईसाइयों में शादी और तलाक से जुड़े कानूनों में सुधार की सिफारिश की थी. 

- 1961 में विधि आयोग ने अपनी 18वीं रिपोर्ट में पति या पत्नी में से किसी एक के धर्मांतरण करने पर तलाक का आधार मानने का सुझाव दिया था. इसी तरह 2009 में ये सिफारिश की थी कि अगर कोई व्यक्ति एक से ज्यादा शादी करने के लिए धर्मांतरण करने को अपराध के दायरे में लाया जाए. हालांकि, रिपोर्ट में ये भी कहा था कि कुछ जनजातियों में बहुविवाह या बहुपति की भी अनुमति है जो संविधान के तहत संरक्षित है.

- 2017 में विधि आयोग ने 270वीं रिपोर्ट में शादियों के रजिस्ट्रेशन और शादी की कानूनी उम्र का मुद्दा उठाया था. इसमें कहा था कि बाल विवाह और सहमति से नाबालिग से संबंध बनाना रेप के दायरे में आता है, उसके बावजूद हिंदू कानून में 16 साल की लड़की और 18 साल के लड़के में शादी की इजाजत है, भले ही कानूनी रूप से ये 'शून्य' हो. इसी तरह मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत नाबालिगों की शादी की इजाजत है.

- इसके अलावा, बैंकिंग और टैक्स से जुड़े कानूनों में अविभाजित हिंदू परिवार को एक यूनिट माना गया है, जबकि बाकी धर्मों में ऐसा नहीं है.

क्या समाधान है इसका?

- 2018 में विधि आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि समान नागरिक संहिता पर कोई आम सहमति नहीं होने के कारण पर्सनल लॉ में ही थोड़े सुधार करने की जरूरत है. 

- आयोग ने कहा था कि इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि पर्सनल लॉ की आड़ में मौलिक अधिकारों का हनन तो नहीं हो रहा है और इसे दूर करने के लिए कानूनों में बदलाव करना चाहिए.

शुक्रवार, 23 जून 2023

लोकतंत्र भारत ओर अमेरिका के DNA मे है अमेरिका प्रेसिडेंट ने काहा


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जम्मू कश्मीर का मुख्यमंत्री तो उमर अब्दुल्ला होगा ,,पर ,,उसका रिमोट उप राजपाल मनोज सिन्हा के पास होगा

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