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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दी पत्रकारों को सुरक्षा -vinod meghwani

Vinod meghwaniएक खबर संपादक रायपुर विनोद meghwawani अब प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून को भूपेश कैबिनेट से अनुमति मिलने के बाद इसे पत्रकारों के लिए काफी अहम माना जा रहा है. पत्रकार सुरक्षा कानून के अंतर्गत इन पत्रकारों को मिलेगा लाभ: // // जिनका पिछले 3 माह में कम से कम 6 आर्टिकल जनसंचार माध्यम में पब्लिश हुए होऐसा व्यक्ति जिसे पिछले 6 माह में किसी मीडिया संस्थान से समाचार संकलन के लिए कम से कम 3 बार भुगतान किया गया हो.ऐसा व्यक्ति जिसके फोटोग्राफ पिछले 3 माह की अवधि में कम से कम 3 बार प्रकाशित हुए हों.स्तंभकार अथवा स्वतंत्र पत्रकार, जिसके कार्य पिछले 6 माह के दौरान 6 बार प्रकाशित/प्रसारित हुए हों.ऐसा व्यक्ति जिसके विचार/मत पिछले तीन माह के दौरान कम से कम 6 बार जनसंचार में प्रतिवेदित हुए हों.ऐसा व्यक्ति, जिसके पास मीडिया संस्थान के सदस्य होने का आईडी कार्ड या पत्र हो. पत्रकारों के पंजीयन के लिए होगा अथॉरिटी का गठन:पत्रकारों के पंजीकरण के लिए भी सरकार अथॉरिटी का निर्माण करेगी. कानून प्रभावी होने के 30 दिन के भीतर सरकार पत्रकारों के पंजीकरण हेतु अथॉरिटी नियुक्त करेगी. अथॉरिटी का सचिव जनसम्पर्क विभाग के अतिरिक्त संचालक और उसके उपर के पद वाले व्यक्ति को बनाया जाएगा. इसमें दो मीडियाकर्मी भी होंगे, जिनकी वरिष्ठता कम से कम 10 वर्ष होगी. इनमें से एक महिला मीडियाकर्मी भी होंगी, जो छत्तीसगढ़ में कार्य कर रही हों. अथॉरिटी में शामिल मीडिया कर्मी का कार्यकाल दो साल का ही होगा. कोई भी पत्रकार 2 साल के कार्यकाल से अधिक समय अथॉरिटी का मेंबर नहीं रह सकता. पत्रकारों की सुरक्षा के लिए समिति का भी होगा गठन:पत्रकार सुरक्षा कानून लागू होने के 30 दिन के भीतर पत्रकारों की सुरक्षा के लिए एक समिति का गठन करेगी. यह समिति पत्रकारों की प्रताड़ना, धमकी या हिंसा, गलत तरीके से अभियोग लगाने और पत्रकारों को गिरफ्तार करने संबंधी शिकायत दर्ज होगी। छत्तीसगढ़ में पत्रकारों को मिला सुरक्षा कानून कौन होगा समिति का सदस्य: इस समिति का सदस्य कोई पुलिस अधिकारी, जो अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक से निम्न पद का न हो. जनसम्पर्क विभाग के विभाग प्रमुख, तीन पत्रकार, जिन्हें कम से कम 12 वर्षों का अनुभव हो. जिनमें एक महिला पत्रकार सदस्य होगी. इस समिति में नियुक्त पत्रकारों का कार्यकाल भी दो साल का होगा. कोई भी पत्रकार दो साल से ज्यादा इस समिति का हिस्सा नहीं बना रह सकता है. पत्रकारों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए उठाए जाएंगे कदम: इतना ही नहीं पत्रकारों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के लिए सरकार एक वेबसाइट का निर्माण भी कराएगी. जिसमें जर्नलिस्ट से संबंधित सभी सूचना और शिकायत या उसके संबंध में कार्रवाई रिकॉर्ड की जाएगी. जो इस अधिनियम के निर्देश के अंतर्गत होगा. लेकिन जानकारी अपलोड करते समय यदि व्यक्ति की सुरक्षा प्रभावित हो, तो शासन ऐसे सभी जरूरी उपाय करेगी, जिसमें संबंधित व्यक्ति की गोपनीयता बरकरार रहे. जिलों में होगी जोखिम प्रबंधन की इकाईयां: पत्रकार सुरक्षा कानून लागू हो जाने के बाद पत्रकारों की सुरक्षा के लिए समिति का गठन होगा. जिसके 30 दिन के बाद सरकार प्रदेश के सभी जिलों मे जोखिम प्रबंधन इकाई गठित करेगी. इस इकाई के मेंबर जिला कलेक्टर, जिले के जनसम्पर्क अधिकारी, एसपी और दो पत्रकार भी शामिल होंगे. जिनके काम का अनुभव कम से कम 07 साल हो. इन 02 पत्रकारों में 01 महिला पत्रकार भी होगी. ये संबंधित जिले के ही निवासी होंगे. इकाई के पत्रकारों का कार्यकाल 02 साल का होगा. ये मेंबर भी दो कार्यकाल तक ही इकाई के सदस्य रह सकेंगे. जोखिम प्रबंधन इकाई करेगी पत्रकारों की मदद: पत्रकार सुरक्षा कानून लागू होने के बाद पात्र जिस पत्रकार को सुरक्षा की आवश्यकता होगी. उसके सबसे नजदीक स्थित जोखिम प्रबंधन इकाई प्रताड़ना, धमकी, हिंसा की सूचना और शिकायत मिलने पर उसे देखेगी. प्रताड़ना, धमकी, हिंसा से संबंधित सभी शिकायतें या सूचना प्राप्त होने पर उसे तत्काल सुरक्षा दिया जायेगा. जिसके बाद तुरंत संबंधित जोखिम प्रबंधन इकाई करेगा।

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