सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

एकनाथ शिंदे नई पार्टी नहीं बना सकते कानून ये कहता है _विनोद meghwani


Vinod meghwaniएकनाथ शिंदे नई ,पार्टी नहीं बना सकते इसलिए,,,,अपने आप ओर मौजूदा विधायक को असली शिव सेना बता रहे( एक खबर ) विनोद meghwani 
अगर एकनाथ ओर सारे विधायक बीजेपी या अन्य पार्टी मे शामिल होते है तो दल बदल कानून लागू नहीं होगा ,,,कानून ये कहता है
दल-बदल का साधारण अर्थ एक-दल से दूसरे दल में सम्मिलित होना हैं। संविधान के अनुसार भारत में निम्नलिखित स्थितियाँ सम्मिलित हैं -

किसी विधायक का किसी दल के टिकट पर निर्वाचित होकर उसे छोड़ देना और अन्य किसी दल में शामिल हो जाना।
मौलिक सिध्दान्तों पर विधायक का अपनी पार्टी की नीति के विरुध्द योगदान करना।
किसी दल को छोड़ने के बाद विधायक का निर्दलीय रहना।
परन्तु पार्टी से निष्कासित किए जाने पर यह नियम लागू नहीं होगा।
सारी स्थितियों पर यदि विचार करें तो दल बदल की स्थिति तब होती है जब किसी भी दल के सांसद या विधायक अपनी मर्जी से पार्टी छोड़ते हैं या पार्टी व्हिप की अवहेलना करते हैं। इस स्थिति में उनकी सदस्यता को समाप्त किया जा सकता है और उनपर दल बदल निरोधक कानून लागू होगा।

पर यदि किसी पार्टी के एक साथ दो तिहाई सांसद या विधायक (पहले ये संख्या एक तिहाई थी) पार्टी छोड़ते हैं तो उन पर ये कानून लागू नहीं होगा पर उन्हें अपना स्वतन्त्र दल बनाने की अनुमति नहीं है वो किसी दूसरे दल में शामिल हो सकते हैं।

दल बदल के लिए एक प्रसिद्ध जुमला प्रयोग किया जाता है जो इस प्रकार है आया राम गया राम

भारतीय इतिहास में यह जुमला हे दृष्टि से देखा जाता है इस स्लोगन का प्रतिपादन चौथे आम चुनावों के बाद हुआ था वर्तमान में भारतीय राजनीति में बहुत से दलों का निर्माण हो चुका है जो एक चिंता का विषय है अगर सभी लोग राजनीति में अपनी भागीदारी दिखाने लगेंगे तो जनता का विकास संभव नहीं हो पाएगा क्योंकि राजनीति में शिक्षित लोगों का होना आवश्यक है अथवा अनिवार्य तत्व है दल छोड़कर गये सदस्य के खिलाफ कार्रवाई करने अधिकार सदन के अद्यक्ष को होता हे। दल बदल करने के लिए 2/3 सदस्य कि आवश्यकता होती हैं I

अपवाद


1) दल बदल कानून लोकसभा या विधान सभा अध्यक्ष पर लागू नहीं होता है, मतलब यदि लोकसभा या विधान सभा का कोई सदस्य अध्यक्ष नियुक्त होने के बाद अपने दल की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दे या फिर दल के व्हिप के विरुद्ध जाकर मतदान कर दे तो उस पर ये कानून लागू नहीं होता है | 2) राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान के दौरान दल के व्हिप का उलंघन करने पर भी सदस्यों पर दल बदल कानून लागू नहीं होता है |

दल बदल कानून के तहत सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित व्यक्ति तब तक मंत्री बनने के लिए अयोग्य रहता है जब तब वह दुबारा चुन कर सदन का सदस्य न बन जाए|

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जम्मू कश्मीर का मुख्यमंत्री तो उमर अब्दुल्ला होगा ,,पर ,,उसका रिमोट उप राजपाल मनोज सिन्हा के पास होगा

Vinod raja meghwani (sampadak ) जम्मू कश्मीर में बीजेपी चुनाव हराने के बाद भी ,,सरकार ,,मोदी की होगी

बंद कमरे में बनाए जाने वाले वीडियो से अंधी कमाई

Vinod raja meghwani (sampadak),,,, बन्द कमरे में बनाए जाने वाले वीडियो से  अंधी कमाई कितनी हे,,,?????

20 करोड़ की ठगी छत्तीसगढ़ में शातिर ठग ने अंजाम दिया

Vinod raja meghwani (sampadak) एक खबर (VINOD raja meghwani  ) सूत्रों से मिली खबर अनुसार उत्तरप्रदेश के ,,,रावत एसोसिएट प्रबंधक मैनेजर अजय ने शिकायत लिखवाई । K k   shirwartav ne  उनके बॉस अर्जुन रावत 1000 करोड़ का ठेका दिलाने का आश्वाशन दिया ओर फर्जी दस्तावेजों के जरिए  लगभग 20 करोड़ रुपए एडवांस में ठग लिए । छत्तीसगढ़ के  नेताओं का खुद को करीबी बताने वाले बिलासपुर के kk shriwastav   पर लगभग 20 करोड़ की ठगी का आरोप लगा है। यूपी के रावत एसोसिएट के एडमिन मैनेजर अजय कुमार ने शिकायत दर्ज कराई है। अजय के मुताबिक केके श्रीवास्तव ने उनके मालिक अर्जुन रावत को 1000 करोड़ का काम दिलाने का आश्वासन दिया और फिर फर्जी दस्तावेज भेजकर ठगी की। Kk  shriwastav के साथ उसके बेटे कंचन ओर kk shriwastav खिलाफ भी शिकायत दर्ज की गई है। एफआईआर में यह दर्ज किया गया है कि प्रदेश के सबसे बड़े नेता भगोड़े ठग kk  shriwastav से तांत्रिक पूजा करवाते थे। ये सुबह श्रीवास्तव से तांत्रिक पूजा करवाते थे। ये नेता कौन सी पार्टी के, ये नहीं लिखा गया है। लेकिन ठग पर आरोप है कि वो ...