गुरुवार, 22 अगस्त 2019

जय जय शदा राम

कथा सागर,,,,,,,,,,,,, *गुरु*  *,,ही    देते है,,,,,,ज्ञान,,,,,,,,,,,* *जय* *-जय  शदा राम-*

एक सिंधी ससुर जी ने अपने दामाद को तीन लाख रूपये व्यापार के लिये दिये। उसका व्यापार बहुत अच्छा जम गया लेकिन उसने रूपये ससुर जी को नहीं लौटाये।

आखिर दोनों में झगड़ा हो गया। झगड़ा इस सीमा तक बढ़ गया कि दोनों का एक दूसरे के यहाँ आना जाना बिल्कुल बंद हो गया। घृणा व द्वेष का आंतरिक संबंध अत्यंत गहरा हो गया। ससुर जी हर समय हर संबंधी के सामने अपने दामाद की निंदा, निरादर व आलोचना करने लगे। उनकी साधना लड़खड़ाने लगी। भजन पूजन के समय भी उन्हें दामाद का चिंतन होने लगा। मानसिक व्यथा का प्रभाव तन पर भी पड़ने लगा। बेचैनी बढ़ गयी। समाधान नहीं मिल रहा था। आखिर वे गुरु  संत साई शदा राम जी के पास गये और अपनी व्यथा कह सुनायी।

संत सांई ने कहाः- 'बेटा ! तू चिंता मत कर। ईश्वरकृपा से सब ठीक हो जायेगा। तुम कुछ फल व मिठाइयाँ लेकर दामाद के यहाँ जाना और मिलते ही उससे केवल इतना कहना, बेटा ! सारी भूल मुझसे हुई है, मुझे क्षमा कर दो।'
ससुर जी ने कहाः "महाराज ! मैंने ही उनकी मदद की है और क्षमा भी मैं ही माँगू !"

संत सांई  ने उत्तर दियाः- "परिवार में ऐसा कोई भी संघर्ष नहीं हो सकता, जिसमें दोनों पक्षों की गलती न हो। चाहे एक पक्ष की भूल एक प्रतिशत हो दूसरे पक्ष की निन्यानवे प्रतिशत, पर भूल दोनों तरफ से होगी।"

ससुर जी की समझ में कुछ नहीं आ रहा था। उसने कहाः- " साँई ! मुझसे क्या भूल हुई ?"

"बेटा ! तुमने मन ही मन अपने दामाद को बुरा समझा – यह है तुम्हारी भूल। तुमने उसकी निंदा, आलोचना व तिरस्कार किया – यह है तुम्हारी दूसरी भूल। क्रोध पूर्ण आँखों से उसके दोषों को देखा – यह है तुम्हारी तीसरी भूल। अपने कानों से उसकी निंदा सुनी – यह है तुम्हारी चौथी भूल। तुम्हारे हृदय में दामाद के प्रति क्रोध व घृणा है – यह है तुम्हारी आखिरी भूल। अपनी इन भूलों से तुमने अपने दामाद को दुःख दिया है। तुम्हारा दिया दुःख ही कई गुना हो तुम्हारे पास लौटा है। जाओ, अपनी भूलों के लिए क्षमा माँगों। नहीं तो तुम न चैन से जी सकोगे, न चैन से मर सकोगे। क्षमा माँगना बहुत बड़ी साधना है।"

ससुर जी की आँखें खुल गयीं। संत साँई को प्रणाम करके वे दामाद के घर पहुँचे। सब लोग भोजन की तैयारी में थे। उन्होंने दरवाजा खटखटाया। दरवाजा उनके दोहते ने खोला। सामने नानाजी को देखकर वह अवाक् सा रह गया और खुशी से झूमकर जोर-जोर से चिल्लाने लगाः "मम्मी ! पापा !! देखो कौन आये ! नानाजी आये हैं, नानाजी आये हैं....।"

माता-पिता ने दरवाजे की तरफ देखा। सोचा, 'कहीं हम सपना तो नहीं देख रहे !' बेटी हर्ष से पुलकित हो उठी, 'अहा ! पन्द्रह वर्ष के बाद आज पिताजी घर पर आये हैं ।' प्रेम से गला रूँध गया, कुछ बोल न सकी। ससुर जी  ने फल व मिठाइयाँ टेबल पर रखीं और दोनों हाथ जोड़कर दामाद को कहाः- "बेटा ! सारी भूल मुझसे हुई है, मुझे क्षमा करो ।"

"क्षमा" शब्द निकलते ही उनके हृदय का प्रेम अश्रु बनकर बहने लगा । दामाद उनके चरणों में गिर गये और अपनी भूल के लिए रो-रोकर क्षमा याचना करने लगे। ससुर जी के प्रेमाश्रु दामाद की पीठ पर और दामाद के पश्चाताप व प्रेममिश्रित अश्रु ससुर जी के चरणों में गिरने लगे। पिता-पुत्री से और पुत्री अपने वृद्ध पिता से क्षमा माँगने लगी। क्षमा व प्रेम का अथाह सागर फूट पड़ा। सब शांत, चुप ! सबकी आँखों से अविरल अश्रुधारा बहने लगी। दामाद उठे और रूपये लाकर ससुर जी के सामने रख दिये। ससुरजी कहने लगेः "बेटा ! आज मैं इन कौड़ियों को लेने के लिए नहीं आया हूँ। मैं अपनी भूल मिटाने, अपनी साधना को सजीव बनाने और द्वेष का नाश करके प्रेम की गंगा बहाने आया हूँ ।
मेरा आना सफल हो गया, मेरा दुःख मिट गया। अब मुझे आनंद का एहसास हो रहा है ।"

दामाद ने कहाः- "पिताजी ! जब तक आप ये रूपये नहीं लेंगे तब तक मेरे हृदय की तपन नहीं मिटेगी। कृपा करके आप ये रूपये ले लें।"

ससुर जी ने दामाद से रूपये लिये और अपनी इच्छानुसार बेटी व नातियों में बाँट दिये । सब कार में बैठे, घर पहुँचे। पन्द्रह वर्ष बाद उस अर्धरात्रि में जब माँ-बेटी, भाई-बहन, ननद-भाभी व बालकों का मिलन हुआ तो ऐसा लग रहा था कि मानो साक्षात् प्रेम ही शरीर धारण किये वहाँ पहुँच गया हो।

सारा परिवार प्रेम के अथाह सागर में मस्त हो रहा था। क्षमा माँगने के बाद उस साधक के दुःख, चिंता, तनाव, भय, निराशारूपी मानसिक रोग जड़ से ही मिट गये और साधना सजीव हो उठी।

जय जय शदा राम

एक खबर

संपादक

विनोद मेघवानी

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बुधवार, 21 अगस्त 2019

मोदी जी और पाकिस्तान pok कश्मीर


अमिताभ,,,,, का सिलसिला,,,, *,   मूवी का डायलॉग याद है न दोस्तों ,,,हाँ हमे तुमसे मोहब्बत है तुमसे मोहब्ब्त हो गई है,,,,आज पूरा देश भी ये कह राहा है ,,,मोदी जी हमे तुमसे मोहब्ब्त है आप से मोहब्बत हो गई है मजेदार बात ये  है कि देश का हर नागरिक उनमें से सिंधिया जैसे राजनीतिक दुश्मन भी मोदी जी से मोहब्बत करते है और पूरे देश के सामने इस मोहब्बत का इकरार करते हुऐ कहते है मोदी जी ने जम्मू कश्मीर से धारा370 अनुच्छेद 35a हटाकर  हमारा ओर देश का दिल लूट लिया है । अब पूरे देश की जनता मोदी जी के लिऐ दिल लिये बैठी है ।। ओर उधर पाकिस्तान ओर pok कश्मीर की जनता इमरान खान से परेशान है पाकिस्तान की जनता तो पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को महंगाई के लीये गाली दे रही है  और इमरान खान से इस्तीफा मांग रही है और pok कश्मीर की जनता अपने हक के लिए आवाज उठा रही है और कह रही की ,,,,,हमारे pok कश्मीर को पाकिस्तान से आजाद करो और,,,,हमारे pok कश्मीर का विलय ,,,भारत मे करो,,,,ओर पाकिस्तान की फ़ौज इन सब घटनाओं पे कड़ी नजर रखे हुऐ ओर हमारे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ,पाकिस्तान फ़ौज जल्द ही पूरे पाकिस्तान को अपने कब्जे में लेके ईमरान खान सत्ता से हटा देगी,,,,एक खबर,,,,,,,,,,संपादक,,,,,,,,,,,,,,विनोद मेघवानी ,,*

रविवार, 18 अगस्त 2019

साई लाल दास ने अपनी अमूर्त वाणी से बरसाई सत्संग में अमूर्त वर्षा

सन्त साई लाल दास जी ने


 अपनी अमूर्त वाणी से


 सत्संग संध्या,, में बरसाई


 अमूर्त वर्षा,,, इस सत्संग


 की अमूर्त  वर्षा में 


 भीगकर,,स्रोताओं की


 आत्मा तृप्त हो गई,,,,,ओर


 सन्त लालदास भी


 स्रोताओं की भक्ति देखकर


 भाव विभोर हो उठे,,


,उन्होने ने कहा कि जो 


आपके पास है उसी में


 संतोष करो तो सुखी रहोगे


 ।इस पे एक कथा सुनाई,,,


,,,की एक व्रद्ध दम्पति थे


 जो लगभग 75 वर्ष के


 स्टेशन पे चाय बेच के


 गुजारा करते थे ।एक दिन


 रामनाथ अपनी पत्नी से


 कहता है कि हमने क्या


 बिगाड़ा था उस भगवान


 जो हमे इस उम्र में भी


 मेहनत कर के जीवन का


 गुजारा करना पड़ राहा है


 । अगर हमें औलाद दी


 होती तो आज हम आराम


 से घर मे होते और हमारा


 बेटा हमे कमा के खिलाता


 उसकी पत्नी उसे


 समझाती कहती कि जो है


 उसमें सन्तोष करो और


 राम नाथ उसकी बात से


 सहमत नही होता था ।


 एक रोज अपनी चाय


 दुकान से वो एक ट्रेन से


 अपनी हम उम्र जोड़े को


 उतरते देखते है । सुबह से


 शाम हो जाती है वो जोड़ा


 बेंच पर ही बैठा था ।


 रामनाथ से राहा नही


 जाता वो उनसे पूछता है


 भाई साहब आपको कान्हा


 जाना है किस ट्रेन में जाना


 है में आपको चढ़ा दूंगा ।


 वो सज्जन कहते नही हमे


 कही नही जाना है हमे


 इसी स्टेशन पर हमारे छोटे


 बेटे ने उतरने के लीये


 काहा है ।हमे लेने के लिए


 हमारा बड़ा बेटा आएगा


 ।रामनाथ कहता है आप


 अपना एड्रेस पता बताओ


 में ऑटो कर देता हूँ ।


 सज्जन कहता हमारे बेटे


 ने एड्रेस दिया है पर हमें


 पड़ना नही आता आप


 खुद पड़ लो कहते हुऐ


 उनको कागज देते है


 ।कागज पड़ कर राम नाथ


 किंकर्तव्यविमूढ़ हो जाता


 क्यो की उस कागज में


 लिखा होता है *! की ये मेरे माँ बाप है इनको आप व्रद्ध आश्रम पुहुचा देना  तब वो राम नाथ कहता है भगवान शुक्र है तूने हमे.....औलाद नही दी  ,,, !*

गुरुवार, 15 अगस्त 2019

सिन्धुसभा 1 सितम्बर को रायपुर

*एक*  *खबर* *जय झूलेलाल ,,,,,,,हमने कई सज्जनों के मुख से ये सुना है कि फलां फलां समाज मे एकता है  पर हमारे सिंधी समाज मे एकता नही है बात  सत्य तो नही पर सही है की सिंधी समाज संगठित नही है । पर उसको संगठित किया जा सकता है और किया जा राहा है भारतीय सिंधु सभा (युवा विंग) के अध्यक्ष चेतन तारवानी ओर साई उदयलाल शदाणी ने छत्तीसगढ़ सिंधी समाज को एक माला में पिरोने की शुरुवात की है इसी कड़ी में 1 सितम्बर 2019 रविवार को रायपुर में सिन्धुसभा का आयोजन किया जा राहा है । हम छत्तीसगढ़ सिंधी समाज की सभी पंचायतों ओर संस्थाओं ओर सिंधी समाज के उन सज्जनों से निवेदन करते जो किसी पद पर नही है ।पर उनके दिल मे सिंधी समाज के लिए कुछ कर गुजरने की ख्वाहिश है वो जरूर आये । आप से ही समाज संगठित होगा आप अपने सब कार्य एक दिन के लिए भूल जाये और समाज को संगठित करने में सहयोग करे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,धन्यवाद 🙏🏻,,,,,,,,,,,,,विनोद मेघवानी पंजीयन प्रभारी ,,,,,भारतीय सिंधु सभा (युवा विंग ) -*,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, *सिंधु सभा को सफल बनाने के लिए शेयर करे 🙏🏻*

बंद कमरे में बनाए जाने वाले वीडियो से अंधी कमाई

Vinod raja meghwani (sampadak),,,, बन्द कमरे में बनाए जाने वाले वीडियो से  अंधी कमाई कितनी हे,,,?????