एक खबर( विनोद मेघवानी)
रायपुर: छत्तीसगढ़ योग शिक्षक महासंघ और अखिल भारतीय योग शिक्षक महासंघ के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे इस 32 वें दिवस के कार्यक्रम में यामिनी शर्मा व उनके सहयोगी लोकेश वर्मा ने सैकड़ों की संख्या में जुड़े आम-जनमानस, योग डिग्री-डिप्लोमाधरियों, योग साधकों को ऑनलाइन योगाभ्यास करवाया! उन्होंने चकों के जागरण में किन किन योगिक क्रियाओं और आसनों को करना चाहिए, चक्रों का मानव जीवन में क्या प्रभाव है, चक्रों का जागरण कैसे मानव को आध्यात्मिक दिशा में बढ़ने के लिए प्रेरत करते है साथ ही किस तरह चक्रों के जागरण से मनुष्य शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक आदि पक्षों में लाभ प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर होता हैं इनका उन्होंने विस्तृत, सरल सहज शब्दों में वर्णन किया! चक्रों का जागरण मूलाधार चक्र से आरम्भ होकर स्वाधिष्ठान चक्र, मणिपुर चक्र, अनाहत चक्र, विशुद्धि चक्र, आज्ञा चक्र और सहस्त्रार चक्र तक पहुंचता है, जिसमे मूलाधार चक्र के जागरण से भय दूर होता है । आप अपनी बातों को दूसरों के सामने निर्भयता से रख पाते हैं । शरीर के निचले हिस्से को स्वस्थ रखने में यह चक्र जिम्मेदार है! स्वाधिष्ठान चक्र काम वासनाओं को नियंत्रित में सहायक है, संतानोत्पत्ति में बाधा उत्पन्न हो रही है तो इस चक्र पर विशेष ध्यान दे कर इसे संयमित कर समस्या का निराकरण किया जा सकता है, मणिपुर चक्र का जागरण आर्थिक क्षेत्र में उन्नति प्रदान कराता है, अनाहत चक्र हृदय सम्बधी विकारों को दूर करता है, दया-करुणा का प्रबल भाव जागृत करता है, विशुद्धि चक्र स्वर को सरस् व मधुर बनाता है, आज्ञा चक्र के जागरण से स्मरण शक्ति बढ़ती है व एकाग्रता आती है और सहस्त्रार चक्र से मनुष्य जीवन को संयमित कर आध्यात्मिक के परम लक्ष्य की प्राप्ति की ओर अग्रसर हो जाता है!
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री अनिल चंद्राकर ने किया, श्री खोमेश साहू- महासचिव ने स्वागत कर, यामिनी शर्मा का संक्षिप्त परिचय दिया, श्री योगेश्वर साहू ने संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन किया!
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